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00:00तो जिन्होंने आपसे कहा कि सेक्स घटिया चीज है उन्होंने आपको सेक्स क्या चीज है ये तो कभी बताया नहीं
00:06एक के बाद एक ये बाबाओं की पीडियां आती गई है जिन्होंने आपको बोलाए कि वीरे रक्षा ही तो सब कुछ है
00:14वीरे बचाओ, वीरे बढ़ाओ
00:16अधर्म और सेक्स का छतीस काकड़ा चलता रहा है
00:21कोई समझाने वाला नहीं
00:22बस सीधे बोल दिया
00:23देखो ये गंदी गंदी बात है चिची
00:25उदर नीचे मत देखो
00:26मैं नहीं कह रहा कि सब नंगे हो के घूमे
00:28क्योंकि कोई न कोई हुनरमंद ये क्लिप निकालेगा
00:32जहाँ उससे बात करने जा रहे हो
00:34कि हाँ भई शाम को कॉफी पिए
00:36वहाँ उसको बोल रहे हो यदा यदा ही धर्मस से
00:38गलाने भाहती भारत है
00:42तुम जो कपड़ों के पीछे देखने के लिए
00:46पगलाए रहते हो वो तो रोज देखती है
00:48उसी कांग प्रत्यंग है वो तो रोज देख रही है
00:50अगर उसमें सच मुझ कुछ विशेश होता
00:52तो अपनी दीवानी हो गई होती
00:54वो लड़की बाद में है
00:58इनसान पहले है इनसान को
01:00इनसान की तरह देखना सिखो
01:02नमस्का सर
01:08सर वैसे इस प्रस्ण पर पहले कईवा डिस्कसन हो चुका है
01:12पर फिर भी सायद आपसे निम लेटू लेना है
01:14तो इसलिए पूछ रहा हूँ
01:16ये प्रकृति या
01:20स्पेसिफिकली बोलू तो अपोजी सक्से
01:22जब अट्रेक्शन करने का पॉइंट आता है
01:24तो हम सेमफूल क्यों फिल करते हैं
01:26इतना कि जब
01:28रियल में मैंने किसी से बात की
01:29तो मैंने आपका वीडियो या वो इतना
01:32मतलब गीता की बाते या सब
01:33कनफेस करने की कोशिस की बचाए
01:35हो एक्शोल फिलिंग बताने की
01:37अच्चोन फिलिंग क्या था हूँ बता के
01:48कचड़ी डाल देते दूसरे के उपर
01:51एक्शोल फिलिंग क्या होती है
01:53उस में खेर जह वी
01:55शेमफुल क्यों फिल करते हैं
02:00उसमें जयादा
02:02बड़ा हात यह जो रिलिजियस मॉरैलिटी है, सोशल मॉरैलिटी, उसका है, धर्म का नहीं, धर्म के ठेकेदारों का है,
02:21दिखो, किसी मजबूत इनसान को अगर काबू में लाना हो न, उसे ये एहसास करा दो गुनहगार है,
02:42उसके भीतर की सारी ताकत मर जाती है, वो खुद बखुद आपके सामने जुग जाता है,
02:51सेक्स को लेकर के गिल्ट इनसान के भीतर डालनी बहुत ज़रूरी है,
02:56अगर बहुत बड़ी जन संख्या को अपने अंगूठे के नीचे रखना है,
03:02क्योंकि वो ऐसी चीज है, जो आपके काबू में आ सकती नहीं,
03:07इस पर अभी आगे चर्चा करेंगे कि आनी चाहिए कि नहीं,
03:10वो संख्यने की कोशिश करेंगे,
03:13पर वो ऐसी चीज है जिसको, वो ऐसी सी बात है कि सांस,
03:19और अगर वो काबू में आ भी सकती है,
03:21तो उसका रास्ता बोध से होके गुजरता है,
03:23उसकी तो हम बात करते ही न,
03:25हम बोध की नहीं बात करते हैं,
03:27हम दमन की बात करते हैं,
03:28हम रिप्रेशन की बात करते हैं,
03:33तो जिन्होंने आप से कहा कि सेक्स घटिया चीज है,
03:35उन्होंने आपको सेक्स क्या चीज है,
03:38ये तो कभी बताया नहीं,
03:39उन्होंने आपको यही नहीं बताया आप कौन हो
03:43मैं कौन हूँ
03:45इस प्रशन कोई उन्होंने कभी लिया नहीं
03:48तो यह सेक्स क्या है जो
03:51इतना मुझे
03:52उतेजित और बाधित करता है
03:56इस पर तो कोई चर्चा कभी हुई नहीं
03:59विशेशकर हमारे देश में इस मुद्दे पर चर्चा तो कभी होती नहीं
04:02चर्चा तो कभी हुई नहीं
04:04बिना चर्चा के बिना किसी समझ के
04:07आपको क्या बोल दिया गया गंडा
04:10चीज गंदी है और इसको दबा दो
04:13और जो यह करेगा वो गिल्टी है
04:16और जब आपको बताया नहीं गया कि वो चीज क्या है तो वो दबने वाली तो है नहीं
04:24किसी से नहीं दबने वाली
04:26जो दिन में बहुत दबाते हैं उनको रात में सुपन दोश हो जाता है
04:31यह दबने वाली चीज नहीं है
04:33और जब नहीं दबेगी तो आपको बोल दिया गया कि जो ये सब करता है वो पापी है जा करके रौरव नरक में सड़ेगा
04:45एक के बाद एक ये बाबाओं की पीड़ियां आती गई है जिन्होंने आपको बोलाए कि वीरे रक्षा ही तो सब कुछ है वीरे बचाओ वीरे बढ़ाओ
04:58और वीरे की एक बूंद ज्यान के अथा समुंदर पे भारी पड़ती है
05:06और इतना खाओगे और ये करोगे तब जाके वीरे की एक बूंद बनती है और पता यही सब
05:16और आपके मन में ब्रह्मचर्य और ब्रह्मचर्य भी सचमुच क्या होता है ये कोई बताने अला नहीं क्योंकि बोध का तो हमसे कोई लेने ही देना नहीं ना
05:25अंडरस्टेंडिंग कि समझाओ इसका तो हमारी धर्मिक्ता में कोई उस्थान ही नहीं है हमारी धर्मिक्ता तो यह है कि बोल दिया चुपचाप मान लो और जैसा कहा जाए करो
05:35समझो, समझाओ, जानो, तब मानो
05:42ये तो धर्म में चलता ही नहीं है
05:45तो धर्म ने बिना समझाए
05:47आपको बोल दिया है कि ये छिच्छी चीज है छिच्छी
05:51और ये होने मत देना
05:53धर्म ने तो बोल दिया होने मत देना पर वो होके रहेगी
05:56और जब होके रहेगी तो आप क्या हो जाओगे शर्मसार आप अपराध भाव से भर जाते हो और जैसे अपराध भाव से भरते हो आपको लग जाता है आप गुनेगार हो आप लज्जित हो जाते हो आप धर्म के ठेकेदार के सामने जाके जुग जाते हो आप बोलते हो कि गल
06:26वो आप से ऐसा काम करवाना चाहरा है जो आप कर नहीं सकते और जब आप वो काम कर नहीं सकते तो कह देता है तुम कुनहगार हो तुम गलत आदमी हो आओ प्राश्चित करो प्राश्चित करो और प्राश्चित का मतलब होता है कि तुम कुछ दोगे अब वो कुछ ले लेगा
06:56और कुछ न करो, कुछ और हमें नहीं दे सकते हैं, तो कम सकम हमें इज़त दो, क्योंकि तुम गुनागार हो, हमें इज़त दो, तो इसलिए धर्म ने सेक्स का शताब्दियों से बड़ा जबरदस्त इस्तेमाल करा है, और धर्म और सेक्स का 36 काकड़ा चलता रहा है, धर्म ब
07:26यह सब नहीं बताया, कोई समझाने वाला नहीं, बस सीधे बोल दिया, देखो यह गंदी गंदी बात हैं, चिची, उदर नीचे मत देखें, चिची, ऐसी नहीं, और चिची, तुम कुछ बोल दो चिची, उससे कुछ होगा नहीं,
07:45पागलपन इस हद तक गया है
07:49कि सचमुच लोगों ने अपने लिंक अटवाए
07:51बोले यही तो सारे उत्पात की जड़
07:53इसी से वीरे नाश होता है
07:55हमारा ब्रहमचर इसी से खराब हुआ जा रहा है चलो
07:58हमें पढ़ने को मिलता है कि
08:04सुंदर महिलाओं ने जा करके गरम लोहे की सलाखे
08:08अपने चेहरे पर गुदवा दी बोली कि अगर हम सुंदर रहेंगे
08:11तो फिर हमें मुक्ति नहीं मिलेगी
08:13महिलाओं जा करके अपने स्तन कटवा आई बोली यही तो है
08:18में मुक्ति में नहीं रोक रहा हमको
08:20यह सब हुआ है
08:21सेक्सी सबसे गंदी चीज है
08:24अरे गंदी हो सकती है
08:27पर समझातो दो क्या चीज है
08:28जिस चीज
08:32को ठीक करना हो
08:35पहले उसे जानना पड़ता है
08:37यह खराब हो जाए
08:39अब इसमें से आवाज नहीं आ रही
08:41किसी भी तरह कि इसमें खराब ही आ गई
08:50जिस चीज को
08:51मैं जानता नहीं क्या मैं उससे सुधार सकता हूँ
08:54आपका पंखा ख़राब हो गया
08:56आप जानते ही नहीं
08:56इलेक्ट्रोमेग्नेटिसम क्या होता है
08:58आप सुधार लोगे उसको
08:59शिक्स क्या है ये तो समझा नहीं
09:03क्योंकि उस समझने के लिए
09:05अध्यात्मिक होना पड़ेगा और हमारे धर्म का
09:07अध्यात्म से कोई रिष्टा नहीं है
09:09हमारा धर्म बस रीती
09:11रिवाजों का एक सिलसिला भर है
09:13लेकिन सब
09:19जितने होते हैं पंडे,
09:21पुरोहित, मुला, मौलवी, फादर
09:23ये वो सेक्स इनके
09:25बहुत काम आता है
09:26क्योंकि जैसे
09:29कोई सेक्स के मामले में गुनहगार हो जाता है
09:31वो तुरंत इनकी शरण में जाता है
09:32I'm a sinner, I'm a sinner
09:34मैं पापी हूँ, मुझे बचाओ
09:37क्या कर दिया?
09:40वो
09:40अब तो मैं एक sinner हो गए
09:45तो तुमारे सिंध होने की फिर वो
09:46कीमत भी तो लेगा न
09:47मिल गई उसको कीमत जो हो चाहता था
09:50और sinner सबको होना पड़ेगा
09:51क्योंकि जिसको भी
09:54बोध नहीं है
09:55वो तो
09:58सेक्स के मामले में पशु जैसा ही रहेगा
10:02तो sinner तो रहोगे
10:04और फिर वहाँ जाओ और वो तुमको पकड़ लेंगे
10:08और लूटेंगे
10:09और उन्होंने एक बड़ी मनोवज्ञानिक
10:14युक्ति अपनाई
10:16इतना वर्जित कर दिया
10:20सेक्स को कि जो
10:22आदमी सेक्स ना भी सोच रहा हो वो भी दिनराथ
10:24सेक्सी सेक्स सोचे
10:25नहीं तो एक बाद बताओ
10:30दुनिया में कौन सा आपको
10:33जानवर दिखता है
10:34जो हर समय सिर्फ सेक्स करता हो
10:36या सोचता हो
10:37एक प्रजाति ये बस ऐसी
10:39जो उपर से लेके नीचे तक सेक्शूल है
10:42क्या नाम है उस प्रजाति का?
10:46होमो सेपियन्स
10:47कामी
10:49नरकुत्ता सदा
10:53छे रितु बारा मास
10:55कुत्ते को लेकर के
11:02कहते हैं कि कुत्ते का जब
11:04मौसम आता है
11:06हीट का
11:07सिर्फ तब वो सेक्शूली एक्टिव होता है
11:10कामी कुत्ता
11:15चार दिन अनतर रहे
11:16उदास
11:17उदास माने इंडिफरेंट
11:18उदासीन
11:20चार दिन बस वो सेक्शूली एक्टिव होता है
11:23साल में बाकि
11:24लेकिन
11:32यह काम प्रक्रत इतना नहीं करा होगा
11:35क्योंकि हमें
11:36किसी भी जीव में यह देखने को नहीं मिलता
11:39कि वो
11:3924 घंटे, हफ़ते के साथो, दिन, महीने के
11:4330 दिन, साल के 365 दिन
11:44सिर्फ सेक्स में लगा हुआ है
11:46यह हमें नहीं देखने को मिलता है, इनसान लेकिन ऐसा ही है
11:48यह किस ने करा?
11:52यह repression ने करा, जिस चीज को वरजित कर दोगे, वो तुम्हारे उपर बुरी तरह चा जाएगी
11:58जिस चीज को वरजित कर दोगे, वो ऐसी चाएगी, ऐसी चाएगी कि पगला जाओगे
12:04मैं कुछ अपने observations बता रहा हूँ, उससे और इधर उधर के आपने शकर्ष मत निकालिएगा
12:13बस जिस संदर्भ में उधारन दे रहा हूँ, उससे समझिएगा
12:15मैं जब पहली बार डिस्को ठीक गया
12:21college की बात है, DTC की बसों पे हम चला करते थे
12:28और वहाँ आप दो-तीन बार बस पे चलिए तो आपको देखने को मिल जाएगा
12:35अगर आखें आपकी खुली है कि कोई किसी लड़की को धक्का दे रहा है
12:39कोई थोड़ा ज़्यादा दुसासी है तो वो उसकी कमर में चूटी काट रहा है
12:45कोई उसके नितम पे हाथ फेर रहा है यह सब देखने को मिल जाएगा आपको
12:48अब पता नहीं होता है कि नहीं होता है मैं 25 साल पहले की बात कर रहा हूँ
12:5428 साल पहले की
12:56तो यह सब देखने को मिल जाता था
12:59लड़किया बहुत भरी बस देखती थी तो चड़ती यह नहीं थी
13:03इंतजार कर लेती थी कि थोड़ा खाली मिलेगा तो चड़ेंगे नहीं तो चड़ेंगे नहीं
13:08वो पता है कि कोई न कोई
13:09बैठ गई है वो उपर से जहां करा है
13:12ये सब लगातार होता रहता था
13:14मैं भी बस पे पहले कभी चला नहीं था
13:18IT आया तो पहली बार ये नौबत आई
13:20कि बस पे चलो 620 चलती थी
13:22हाज खास से IT तक आती थी
13:24अब पता नहीं क्या है उसब तो
13:26ये सब देखा कि ये चल रहा है
13:29तो फिर उन्ही दिनों में
13:34बात आगे बढ़ी
13:35इसको ठीक गया मेरे साथ भी लड़की थी
13:40पहली बार गया था
13:43और वो जिस वेशबुसा में मुझसे आमतोर पे मिलती थी
13:47जिस दिन हमें जाना था रात में
13:49उस दिन वो सचबज के आई थी
13:51अच्छी बात
13:51अब मैंने बस में ये देखा था कि वो
13:54पूरा उपर से लेके नीचे तक
13:57सलवार में भी रहती है
13:59तो भी उसको छेड़ते रहते हैं
14:01चिकोटी काटेंगे कुछ करेंगे
14:03वो आ गई थी
14:04शॉर्ट स्कर्ट में और उपर से भी
14:06खुला था
14:07मैंने का ये
14:09खेर
14:11परिशान करेंगे तुमको
14:13डिसको ठीक गए वहां देख रहे हैं
14:16वहां ये जैसे ही आई थी
14:17वहां सारी रड़कियां ऐसी थी
14:19और कोई किसी को
14:21न ताका जाकी कर रहा है न कुछ कर रहा है
14:24सब मगन है
14:26किसी को फर्क नहीं पड़ रहा है
14:30तो मेरे दिमाग में कौन था
14:33मैंने का अंतर ये है कि
14:35बस में वो करना वर्जित है
14:37इसलिए कर रहे हैं
14:39और वो लोग समाज के जिस तबके से आते हैं
14:42उस तबके में यह सब वर्जित है
14:44कि लड़कियों से बात करना
14:46लड़कियों से सीधे, साधे
14:48स्वस्त, सहज, संबन्ध रखना
14:50यह सब वर्जित है
14:51तो इसलिए इनको जहां भी लड़की मिलती है
14:53यह उसको चिकोटी काटना शुरू कर देते हैं
14:55हाथ फिरना शुरू कर देते है
14:56अब यहां डिस्को थीक में
14:59यह है यह इन्होंने
15:01कपड़े भी कम पहन रखें तब भी इन्हें कोई
15:03नहीं छेड़ रहा
15:03क्योंकि यहां वरजना नहीं है
15:06यह भी हो सकता है
15:09कोई आया और उसकोई बोल सकता है कि
15:11आजाओ फ्लोर पे ठीक है
15:12दस मिनट नाचेगा और यह भी था
15:15वहां डिस्को थीक में कि वहां पर
15:16बहुत लोगों ने
15:18वहां विस्की है जिन है वोड़का है
15:21ले भी रखी थी उसके बाद भी कोई छेड़ा-छाड़ी
15:23नहीं कर रहा था
15:24आप जितना
15:29किसी बच्चे के जवान आदमी के
15:31दिमाग में यह डाल दोगे न
15:32वीर रे वीर रे वीर रे
15:35ब्रहमचर रे
15:36वो उतना ज्यादा हिंसक पशु बन जाएगा
15:40समझ में आरही बात यह
15:45आप
15:51आप चले जाए
15:55विदेशों में वहां बीचेस पर
15:57चले जाएए वहां आपको किसी हो
15:59कोई छेड़ता दिखाई दे रहा है
16:00और वहां तो नारी सब
16:03एकदम कम कपड़ों में हैं कोई किसी को
16:05छेड़ रहा है क्या
16:07छेड़ रहा है
16:09निवड बीचेस भी होते हैं वहां लोग
16:15पड़े हुए बिना कपड़ों के ये नहीं कि उनको कोई
16:17फेटेश है भाई वहां धूप कमाती है
16:20तो जब आती है तो वह धूप सोखना चाहते हैं इसलिए
16:25वहां पड़े हुए हैं उनको कोई ये नहीं है कि
16:27किसी बीमारी का शिकार है इसलिए नंगे हैं
16:32और वहर समय कपड़े डाले रहते हैं तो उनको जब मौका मिलता है तो कपड़े उतारना चाहते हैं
16:37उसमें एक सहज आनंद है हर समय कपड़े थोड़ी डाटे रहोगे
16:41तो वहाँ पड़े कौन किसी को छेड़ने आ रहा है
16:46विदेशों की छोड़ दीजिए
16:51आप गोवा भी चले जाईए
16:52तो वहाँ अगर आपको
16:55घूरा घूरी करते दिख जाएंगे
16:57तो वही लोग दिखेंगे
17:00जो बीच पर भी
17:01फॉर्मल स्पैन के घूम रहे हैं
17:11मैं जो समझाना चा रहा हूँ वो समझिए
17:13ये होते हैं जो बिक्नी वाली लड़कियों को खूब घूर रहे होते हैं
17:19क्योंकि ये जिस समाज से आएं हैं
17:21वहाँ वर्जनाएं बहुत हैं
17:24तो ये घूरा घूरी करेंगे
17:25कोई बड़ी बात नहीं कि आगे छेड़ा छाड़ी भी करें
17:28वही छेड़ा छाड़ी बलातकार बन जाए
17:30क्या पता
17:31हम विचार कर रहे हैं कि ऐसा क्यों है कि
17:38मनुष्य ही इतना कामी है
17:40प्रकृत में कोई जीव इतना कामी नहीं है
17:43जितना मनुष्य है, इसलिए क्योंकि कोई
17:46जीव उतनी वरजनाओं में
17:48नहीं जीता, जितना मनुष्य जीता है
17:49हमने देह को
17:58आदमी की देह को कुछ ऐसा
18:00रहस्यमई जादू बना दिया है
18:02कि जैसे उसमें पता नहीं क्या हो
18:04तभी तो सब कुवारे मरे रहते हैं कि शादी करा दो शादी करा दो
18:10विशेशकर वो जिनको शादी से पहले कोई लड़की कभी दिखी नहीं होती है
18:14वो सबसे आधा आतुर रहते हैं शादी करा दो
18:16उनको लगता है, न ज़ाने उसके कपड़ों के नीचे कौन सा जादू का पिटारा है
18:21और फिजब कपड़े उतरते हैं तो पता जल जाता है, कुछ नहीं है
18:27हाडे है मास है हड़ी है, चार दिन में आकरशन उतर जाता है
18:30पिर सर्धुनते हैं कहते हैं इसके लिए पगला रहे थे हम
18:32यहां तो कुछ था ही नहीं
18:34जिस चीज को इतना धाका धाकी में कर दोगे
18:43वो चीज आकरशक तो बनी जाएगी न
18:46कि नहीं बनेगी
18:51आप एक प्रथा चला दो
18:54कि कान धक्के रखने होते हैं
18:59और फिर देखो कि ear porn चलने लगती है कि नहीं
19:03उसमें सिर्फ लडकियों के कान दिखाय जा रहे होंगे
19:06और लडके बिल्गुल पागल हो रहे होंगे
19:08क्या कान है क्या ear drum है
19:10कौकलिया कौकलिया
19:12नहीं तो सही बात तो यह है कि
19:22मास तो मास है
19:23उसमें क्या विशेश है, मास है भाई, मास है, चरबी है, खाल है, कोई क्यों पगलाएगा, पर इतना ढाका-ढाकी करोगे तो पगलाएगा, मैं नहीं कह रहा कि सब नंगे हो के घूमें, क्योंकि कोई न कोई हुनर्मन्द ये क्लिप निकालेगा,
19:40और जा करके कहेगा कि ये देखो, ये आचारे बन करके हमारा पूरा धर्म, सभिता, देश, राष्ट, सभिता, संस्कृति, सब दूशित कर रहा है, ऐसी तो निकालते, कुछ उसमें एडिट करेगा, कुछ और डालेगा, कुछ करेगा, कहेगा ये देखो, ये तो खुद ही ज
20:10तो मैं जितना बोल रहा हूँ, मैं उतना ही बोल रहा हूँ, उसके आगे अनुमान और निशकर्श मत करो, और जो कहना चाह रहा हूँ, वो समझने का प्रयास करो, कलपना के घोड़े मत दोड़ाओ,
20:23क्या रखा है, वो सामने खड़ी है, क्या रखा है, क्यो परिशान हो रहा है वतना, क्या बोलने गए थे ऐसा, जब बोला नहीं गया, तो गीता बोल के आ गए,
20:40क्या विशेश है, सिक्स इसी भावना के आधार पर पलता है, कि उधर कुछ विशेश है, कुछ विशेश नहीं है, मेरी जान, कुछ नहीं है,
21:01पर वही है न, सईयम धारण करे करे, 12 साल के हुए नहीं कि लड़के को, लड़की को अलग कर दिया,
21:14तो ये भाव आई जाता है, कि उधर ज़रूर कुछ विशेश होगा, लड़के ढूंडने हो, छोटे शहरों में, कस्बों में, तो All Girls School के सामने चले जाना,
21:24वहाँ जैसे, बर्रहिया मडर आ रही हो, वैसे धूंड रहे हो, वो अपनी क्लास में नहीं मिलेंगे,
21:37वो अपने स्कूल में नहीं मिलेंगे, वो अटेंडन्स कहां जाके लगाता है, वो Girls School में अटेंडन्स लगा के आता है,
21:44तुमने क्यों बनाया ये All Boys, All Girls School, तुक क्या है, तर्क क्या है, क्या तर्क है,
21:54डिस्ट्रेक्शन पैदा करने के लिए,
21:58दो जीव हैं, आपस में उनको हसने खेलने दो, बात करने दो,
22:12और सही शिक्षा दो जिसमें उन्हें समझ में आए, कि चितना का कितना महत्तो है, देह का कितना महत्तो है,
22:18उनको आज़ादी दो कि वो एक दूसरे से उचे मुद्धो पर बात कर सकें, और वो उचे मुद्धो पर बात कर सकें, इसके लोगोने शिक्षा दो,
22:32दमन मत करो, शिक्षित करो,
22:33लड़का लड़की अगर साथ बैठकर गड़ित का सवाल हल कर रहे हो कोई समस्या है
22:41जीवन के प्रश्णों पर विचार कर रहे हो कोई समस्या है
22:45सेक्स पर भी अगर वो विचार कर रहे है कोई समस्या है
22:49कोई विचार नहीं कर रहे है
22:51सीधे सहज हस बोल रहे है
22:53तो भी कोई समस्या है
22:54तो क्यों पगलाए जा रहे हो
22:57कि हाई हाई लड़की
22:58और ढ़के दे रहे हो
23:01उसको खुद भी ढ़के जा रहे हो
23:02मैं फिर मैं नगनता का समर्थक नहीं भाई
23:05मुझे कुछ नहीं मिलना क्या
23:06पता नहीं क्या निकालने वाले
23:12यह स्थिति अच्छी है क्या आप इतने बड़े हो गए हो इतने साल के हो गए हो
23:26और अभी भी आप जाते हो एक मनुष्य ही है आपकी प्रजात्य आपकी स्पीशीज का एक मनुष्य है
23:32उसका जेंडर फीमेल है और आप उसके सामने खड़े हो जाते हो आपकी जबान काप रही है
23:40क्योंकि आपको लग रहा है आप जो बोलने जा रहे हो वो पाप है वो अवैद है वो अधर्म है
23:46तो आपने धर्म कर दिया गीता बोला है
23:52ऐसे में गीता बोलना गीता का भी अपमान है
24:00जहाँ उससे बात करने जा रहे हो कि हाँ भई
24:04शाम को कॉफी पिए वहाँ उसको बोल रहे हो यदा यदा ही धर्मस्य
24:10गलाने भाहोती भारत है
24:16यह अपमान है गीता का
24:22और यह भी खूब हुआ है
24:24हुआ मत बनाओ
24:38समझाओ
24:40प्रक्रती चाहती है देह आगे बढ़ती रहे
24:45और इसलिए वह आप में एक इच्छा पैदा करती है
24:54एक विपरीत देह की और जाने से जहां समागम करके आप संतान पैदा करोगे
24:59यह प्रक्रती इच्छा है डिने आगे भागता रहे भागता रहे भागता रहे बस यह बात है
25:04और वो हो इसके लिए आपके ब्रेन को कंडिशन किया गया है कि आप दूसरे की और आकरशित हो जाओ इतनी सी बात है
25:12और कुछ नहीं है यह है
25:14आप लड़की की और आकरशित हो रहे हो इसलिए नहीं कि उसमें आपका कुछ हित है
25:24इसलिए क्योंकि प्रक्रती चाहती है कि आपका डिने आगे भग जाए बस यह है और कुछ नहीं
25:30और यह बात अगर तरह-तरह के उदाहरणों से और बार-बार बच्चों को जवानों को समझा दी जाएगी
25:39तो फिर वो सेक्स को लेके क्यों पागलपन करेंगे
25:43और पूरी मानवता ने इस पागलपन का बड़ा दुश्परणाम जहिला है
25:50सेक्स जब बहुत बड़ी बात हो जाती है न तो तुम चाहते हो कि वो लगातार मिलता रहे
26:00वो लगातार मिलता रहे तो इसके लिए तुम दूसरे को बंधक बनाते हो
26:04ज्यादा तर जो लोग जोड़े बाजी करते हैं उसमें उद्देश बस यह होता है कि एक अनिंटरॉप्टेड अश्योर्ड सप्लाई आफ सेक्स मिलती रहे
26:14अब मुक्ति मिलेगी अब प्रगति होगी अब चेतना उपर बढ़ेगी
26:25वो एक इंसान है वो एक इंसान है और आप जो हो ना आप उसकी देह में होते
26:42तो आप भी वही सब कुछ कर रहे होते हैं जो वो कर रहा है यह बस ऐसी सी बात है कि
26:48आपको कपड़े दूसरे दे दिये गए उसको कपड़े दूसरे दे दिये गए हैं दोनों इंसान हो
26:52और उसके कपड़े आप पहन लो
26:54तो आपका मैं कह रहा हूँ विवहार बिल्कुल वैसे होगा जैसा उसका होता है
26:58उसमें आप से मुलभूत रूप से कुछ भी अलग नहीं है
27:01खुद के प्रति बहुत आकरशित हो जाते हो क्या
27:07खुद को डेट पे ले जाओ
27:10आइने के सामने बैठ करके ऐसे चीर्स करो कॉफी पीओ जो भी कर रहे हो
27:16जब खुद के प्रति नहीं तुम दीवाने हो जाते है
27:20तो सामने वाली लड़की में क्या रखा है कि पगलाई जा रहे हो
27:24वो तुम ही हो दूसरे कपड़ों में देह लिबास है
27:29उसकी चेतना बिलकुल तुम्हारे ही चेतना जैसी है
27:34और कपड़ों के भीतर भी जो है न वो बहुत आकरशक नहीं होता
27:41कपड़ों के भीतर जो है बहुत आकरशक होता तो सारी लड़कियां अपनी आकरशन में पागलों गई होती न
27:48तुम जो कपड़ों के पीछे देखने के लिए पगलाई रहते हो वो तो रोज देखती है
27:54उसी का अंग प्रत्यांग है वो तो रोज देख रही है अगर उसमें सच मुझ कुछ विशेश होता तो अपनी दिवानी हो गई होती
28:02वैसे तुम जो चीजें लेकर घूम रहे हो तुमको पता है न वो किस गत्की है जब किसी को गाली देनी होती है तो उनका नाम लेते हो
28:17ठीक लेकिन महिलाएं पागल रहती है उनको लगता है पता नहीं क्या है वो एक गाली है
28:26किसी पुरुष्ट जाके पूछो कहेगा ये तुम इसके पीछे दिवानी हो रही है ये दो कोड़ी की घटिया चीज छू भी दो तो हाथ साफ करना पड़ता है यही है न करते हो ना हाथ साफ
28:56और सोचो जिस चीज को छू के तुम हाथ साफ करते हो कोई उसके पीछे एकदम ऐसा हो रहा है एक बार मिल जाए बस
29:09आदमी को पागल बनाए रखने का बहुत बढ़िया तरीका है ये सेक्स उसे इसी के नशे में डाले रहो वो जिंदगी में कोई उचा काम करे गई नहीं
29:22आदमी को सेक्स के नशे में डाले रहो
29:26क्यों वो कोई उंचा काम करेगा
29:28उसको तो मिल गया ना मकसद
29:30यह रहा मेरा ताज महल
29:32तुम उसकी कुतुब भी ना रहो
29:35वो तुम्हारा ताज महल है
29:38अब कहाई के लिए जिन्दिगे में कुछ और करना है
29:42और जो बेहोश हो गया
29:47उसको असानी से लूटा जा सकता है
29:49बाजार तुमको लूटेगी
29:50सत्ता तुमको लूटेगी
29:52यह नकली धर्म वाले तुमको लूटेंगे
29:55नेता लोग तुमको लूटेंगे
29:57पूरी दुनिया तुमको लूटेगी
29:59कि सेक्स का नशाद तुम को खिला कर रहा है देखते हैं नहीं तुम्हें लूटने के लिए कुछ भी करना पड़ता है तुम्हें सेक्स दिखा दिया जाता है
30:07कोई घटिया सा नया टीन का डबबा आ गया होगा कि दाया मॉडल है हमारी कार का जाना आटो एक्सपो में उसके बगल में अर्धनगन सुंदरी खड़ी कर दी जाती है काहे की सुंदरी पर जो भी है
30:22उसका क्या मतलब है वहाँ पे लॉंजरी भी कर रही है ये जो पहन के खड़ी है क्या ये उसकी भीक्री की जगह है ये क्या है आटो एक्सपो तो यहाँ ये देवी जी क्या कर रही है
30:43सेक्स दिखा दिखा के तुम्हें कुछ भी बेच दिया जाता है
30:46नशा, वियर्थ का नशा
30:50जिसमें कुछ मिलना भी नहीं है
30:52आप तो कलप रहे हो, मिला नहीं
30:59जिने मिला ऐसे भी होंगे यहां पर
31:01सूर्मा, उनसे पूछना उन्हें क्या मिला है
31:04उन्हें कुछ मिल गया होता तो यहां बैठे होते
31:07लेकिन सिंदकी बरबाद हो जाती है
31:14सिंदकी की बरबादी का एक बड़ा
31:17आकरशक, जादूई, तिलिस्मी, चार्मिंग तरीका मिल जाता है
31:23जस्ट चार्म्ड, क्या हुआ, पूरा जियों ने एक चार्म में, एक स्पेल में बिता दिया
31:28एक खुबसूरत धोखा
31:34कर लो शायरी, खुबसूरत धोखा, जिन्दगी एक ही है, कर लो बरबाद
31:38सेक्स ना अच्छा है ना बुरा है, सेक्स सिर्फ सेक्स है बाबा
31:46इतनी बड़ी वो चीज नहीं है, जितना बड़ा हम उसको बना देते हैं
31:55पर जो सेक्स ना करें, हम कितना सम्मान दे देते हैं उसको ये ब्यार है ये, उन्होंने अठारासो साल से सेक्स नहीं किया
32:03उसकी यही कौलिफिकेशन है कि उसने कभी सेक्स नहीं किया
32:10तो ये तो वहीं बात है कि किसी ने कभी पादा नहीं, यह भी कौलिफिकेशन है
32:15क्यों नहीं है
32:20कि ये वाले बाबाजी ह appreciative
32:25निर्पाद बाबा
32:28इतनी बड़ी बड़ी बना दिया सेक्स को कि जो सेक्स ना करे वो सम्मान निये हो गया
32:41और इतनी बड़ी बना दिया सेक्स को कि जो खूब सेक्स करे उससे इर्शय हो जाती है
32:46कि भाई, he's getting a lot of it
32:55जिसने नहीं करा, उसने भी कोई बड़ी बात नहीं कर दी
33:00और जिसने खूब कर लिया, उसको भी कुछ बड़ी चीज मिल नहीं गई
33:05क्योंकि सेक्स अपने आप में ही एक बहुत छोटी प्राकृतिक चीज है
33:09उसको उसका सम्यक स्थान दो, ना वो बड़ी है, ना महत्वपूर्ण है
33:15ना उसको बहुत करना है, ना उसको वर्जित करना है
33:19वर्जित करके भी कुछ नहीं पाओगे और बहुत करके भी कुछ नहीं पाओगे
33:24अब क्या इरादा है
33:32जो भी करना गीता मतला ना इसमें बीच में
33:54वो लड़की बाद में है, इनसान पहले है, इनसान को इनसान की तरह देखना सीखो, इनसान से इनसान की तरह बात करो, ठीक है?
34:24लो, जो भी करना इसमें भी, जो भी करता में है, ऋब क
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