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00:00कि जैसे मैं पंजाब से हूँ तो ये धर्ती को तो गूरों और पीरों की धर्ती माना गया, यहां गुरानक देव जी हुए है, गुरुर विदास जी, यह सारे संथ कभी रिंकी गूर्बानी हमारे पास है, तो इन्हों ने तो अंदविश्वास को बहुत जादा काटा है, तो
00:30यह फेंटेसी पर, जूट पर, कलपना पर, यह आदमी तक्थियों के प्रति क्या नजरिया रखेगा, जब इसकी पूरी जिंदगी ही जूट की वजए से मौज मार रही है, और जिसके भीतर विमारियों का कुन्बा बैठा होगा, उसे अंधविश्वासी होना पड़ेगा
01:00जितनी मौज मार ली होगी, तो अब सच में कैसे जाएगा, बोलो
01:04नाम चारे जी, मेरा नाम अमृता सेंग है, मैं पंजाब से हूँ, मैंने आपको तीन महीने पहले ही सुनना शुरू किया है, और गीता पढ़ने के लिए
01:19मैं पहले माफिश आती हूँ, मेरी हिंदी बहुत अच्छी नहीं है
01:23नहीं नहीं बोलिये
01:24अचारे जी, मेरा स्वाल यह है, कि जैसे मैं पंजाब से हूँ, तो ये धर्ती को तो गूरों और पीरों की धर्ती माना गया
01:30यहां गुरू नानक देव जी हुए है, गुरू रविदास जी, यह सारे संतकबीर, इनकी गुर्बानी हमारे पास है
01:36तो इन्हों ने तो अंदर विश्वास को बहुत जादा काटा है
01:39किसने जैसे आपने कहा कि लाटी से भी काटने की कोशिश की, गुरू नानक देव जी ने बड़े प्यार से काटने की कोशिश की
01:44तो फिर भी यहां पर हम देखते हैं जो देहाती, देहाता का एरिया है, गाओं का, जो अलाका है
01:50तो यहां पर ऐसी चीज़े होती हैं कि जमें माता अगई, तो वो अपने बालों को खुमाते हैं, कोई कुछ, कोई कुछ
01:56ऐसे बहुत सारी चीज़ें होती हैं यहां पर
01:58तो ऐसा फिर भी हमारे अंदर क्या है, कि अगर हम विज्ञानिक तथे भी उनके सामने रख देते हैं, तो वो मानता ही नहीं है उस चीज़ को
02:06दिखाई भी देता है, वो मानता ही नहीं है, और जब तक जहां सक्त मैंने किता आपसे सीखी है, तो यह तो बहुत सरल सी बात है, सिरफ एहम को ही हम संबोधित करते हैं, तो जो हमें बताया गया है, गुरों द्वारा, वो तो जीवन बहुत ही सरल है, उसमें तो किसी तरह क
02:36ऐसा क्या है हमारे अंदर जो सरल जीवन भी जीना नहीं जाता है?
03:06के लिए सौज हूट बोलने पड़ते हैं, वैसे ही अंकार को बचाने के लिए सौज हूट मानने पड़ते हैं, अंकार क्या है? अंकार वो जिसकी अपनी कोई हस्ती नहीं जब तक वो बाहरी सहारे न ले, उसी को अंकार बोलते हैं जिसको किसी बाहरी सहारे की जरूरत नही
03:36अब मैंने एक बाहरी सहारा पकड़ रखा है कि मैं बहुत अच्छे परिवार से आती हूँ
03:45मैं तो सहाब बड़े खास खून की हूँ
03:50हमारे ऐसे थे हमारे पीड़ी में हमारे पूरवा ऐसे थे वैसे थे ठीक है यह
03:55यह एंकार है क्योंकि यह किसी बाहरी चीज़ पर टिका हुआ है अपने कोई दम नहीं तो यह किसी दूसरी चीज़ किस चीज़ पर टिका हुआ है
04:04किसी पर? अतीत पर
04:07अतीत की माननता परंपरा इन पर टिका हुआ है
04:11यह जूट हो गया?
04:13अभी जूट है?
04:14अब अगर तुम इसी पर टिके हुए हो
04:16कि तुम बहुत अच्छी ज़शे से आ रहे हो
04:17बहुत अच्छे तुमारे आसपास के लोग हैं
04:19बहुत बढ़ी हैं तुम्हारे पूर्वज थे तो वो सब जो माना करते तो तुम्हें मानना पड़ेगा ना एक जूट को बचाने के लिए
04:29वो सब तुम्हें मानना पड़ेगा अंदविश्वास को छोड़ने का मतलब होता है बहुत सारी और चीज़े भी छोड़ना
04:36वो सब जो तुम गुरूर पाले बैठे हो वो सब जो तुम जूटे रिष्टे पाले बैठे हो वो सब भी अंदविश्वास के साथ छूटेंगे ना तो अंकार इसलिए नहीं छोड़ता अंदविश्वास को उसके बहुत सारे सहारे गिर जाएंगे
04:54एक आदमी की पूरी जिन्दगी चल रही है फेंटेसी पर जूट पर कलपना पर
05:06उदाहरण के लिए
05:08वो बाप की संपत्ति में से भाई का हक मारना चाहता है ये बोलके
05:16कि भाई ने ऐसा कर दिया भाई ने ऐसा कर दिया जो की पूरी तरह से जूट बात है
05:21पर हक मारना चाहता है क्योंकि उसके बिदर लालच है
05:24हक उसने मार भी लिया है
05:27और अब मौज कर रहा है उस संपत्ति पर उसकी पूरी जिन्दगी फिर किस चीज पर चल रही है
05:32जूट पर चल रही है न
05:34ये आदमी तथ्यों के प्रति क्या नजरिया रखेगा
05:38जब इसकी पूरी जिन्दगी ही जूट की वजए से मौज मार रही है
05:41इसने एक जूट बोला है क्या जूट बोला है
05:44कि मेरे बाप की संपत्ति पर भाई का हक नहीं है या बहन का हक नहीं है
05:50ये बोलके उसने सब का हक मार लिया आप मौज कर रहा है
05:52इसके पूरी जिंदगी किस पर चल रही है
05:54तो ये आत्मी अब
05:56तथ्यों के प्रत्य अपनी दृष्टी कैसी रखेगा
06:01तथ्यों के प्रत्य इसकी नजर इसका रुख क्या होगा
06:05क्या ये बहुत सम्मान देगा तथ्यों को
06:07अगर इसने तथ्यों को सम्मान दिया
06:09तो इसे ये भी मानना पड़ेगा कि उस संपत्य पर भाई का और बहन का सब का हक्था और इसने जूट बोला है इसने बेमानी कर ये मानना पड़ेगा न तो जिनकी जिन्दगी जूट पर चल रही होती है वो तथियों से बहुत बचा करते हैं और ऐसे ही लोग अंधविश्�
06:39पड़ेगा क्योंकि अंधविश्वास की एक ही काट होती है या कहिए पहली काट होती है तत्थे लेकिन तत्थे एहंकार के लिए खतरनाक होते हैं तत्थे हंकार के लिए खतरनाक होते हैं मैंने अपनी बीवी को दबा रखा है मैं उसे काम पे नहीं भेजता हूँ क्यों अ
07:09उसकी पूरी जिन्दगी इस छूट पर चल रही है इस आदमी में तथ्यों के प्रति सम्मान होगा क्या आप बताइए होगा तथ्यों के प्रति अगर सम्मान आ गया तो सबसे पहले जो घर में कर रहा हो कर नहीं सकता
07:24तो ये आदमी जहां कहीं भी फैक्ट्स पाएगा उनको लात मारेगा और जहां कहीं भी फैंटास्टिक इमेजिनेशन पाएगा ये उसका कायल हो जाएगा कहेगा वाह यही बात है यही बात है यही बात है अंद विश्वास में पढ़ना माने पहली बात highly egoistic होना और दूसरी
07:54प्रतितिरसकार अनादर से भरा हुआ होना नहीं तो अंद विश्वास चली नहीं सकता जिस आदमी ने अपने भीतर ये रुजहान पैदा कर लिया है ये निश्ठा पैदा कर लिया है कि कुछ भी हो रहा होगा सहाव हमें सच्चाई जाननी है उसकी हम बात की जड़ तक जा
08:24कुछ और पिला देना वो पीली दाल का काला कद्दू का सरसो का बीज का पपीते का ये खरा देना और लाके बाबाजी को चड़ा देना बाबाजी को एक ख़ार एक रुपए देना फिर माता नहीं आएंगी ये बात कौन मान सकता है थोड़ा विचार करो सुचो ये इस भ�
08:54अगर ऐसे आदमी हो जो एक सक्ची जिद्गी जीते हो कुछ भी होता है पूछते हो क्या बात है कैसा है इसे जड़ तक जाना जिग्यासा गरनी हां साब और क्या है बताइए समझाइए आप ऐसे अगर आदमी हो और आप से कोई कहेगा ये चेचक नहीं है ये सब नहीं है �
09:24पूरी जिन्दगी जूट में बीत रही है पूरी जिन्दगी आप जूट में क्यों बिता रहे हो क्योंकि आपकी शुरुआत ही जूट से हो ये आप अपने बारे में सुचते हो वही जूट है उसको बचाने के लिए आप हर तरीके के जूट को प्रश्रह देते हो जो लो�
09:54अंधविश्वासी हो सकते हो बस आपका अंधविश्वाद अंग्रेजी किस्म का होगा वही सब औरा वाइब्स मिस्टिकल एनर्जी इस निगेटिव फोर्सेज फ्लाइंग स्नेक्स वो सब
10:07अमझ में आरी बात बात पढ़े लिखे होने की नहीं है बात आंतरिक जूट की है जिस आदमी ने जूट से जितना नाता जोड़ लिया होगा जिस आदमी ने जूट से जितनी मौज मार लियोगी वो अब सच में कैसे जाएगा बोलो
10:27कैसे जाएगा मुझे लट लग गई है बकरे के खून के स्वाद की लट लग गई है और बकरा मेरे हाँ कटता है और वज़ाई है कि बकरा कटता है तो देवी खुश होती है
10:50बकरा कटता है देवी खुश होती है और जब बकरा कटता है तो देवी स्वयम प्रसंद होती है और प्रकट होती है और आती है हमने देखते हैं हर बार आती है देवी आती है वो फलानी ओरत है वो नाचा करती है उस पर देवी चड़ती है
11:03मेरा स्वाद लग गया है
11:08मैं मौज मार रहा हूँ
11:11किस चीज पर
11:11खून पर
11:15मास पर
11:16जूट के साथ
11:18अब मेरा स्वार्थ जुड़ गया है
11:19मैं जूट अब छोड़ी नहीं सकता
11:21तो वो मुझे मास मिलता रहे
11:24इसके लिए मैं कहूंगा कि हाँ सच मुच
11:26उस औरत पर देवी चढ़ा करती है
11:27ये अंधविश्वास नहीं है ये सच्चा ही है
11:29जूट के साथ आप
11:33यानि कि आप जहां भी अंधविश्वास को
11:35पनपता देखो
11:37वहां आपको बहुत सतर को जाना चाहिए
11:38वो लोग बड़े गड़़े हैं
11:40वो ऐसा नहीं कि बस एक गलत काम कर रहे है
11:42उनका केंदर गड़़़े
11:45वो लोग ही गड़़़़े हैं
11:47वहाँ हटो पहले तो दूर हटो
11:49वो कुछ भी कर सकते हैं
11:51जितना गहरा अंधविश्वास
11:53समझ लो उतने गड़़़़ लोग
11:54आपके
11:56घर में
11:58खांदान में दोस्तियारी में
12:00किसी का रिष्टा विष्टा हो रहा हूँ
12:02और जहां रिष्टा हो रहा हूँ
12:04वो लोग आपको
12:05किसी पहलू में अंधविश्वासी दिखें
12:08खुशिश करेगा और रिष्टा ना हो
12:09क्योंकि जहां अंधविश्वास है
12:11वहाँ बड़े से बड़ा अपराद हो सकता है
12:13कुछ भी हो सकता है
12:16जो जगह जूट पर पनप रही है
12:17उस जगह कुछ भी
12:19कोई भी गलत थरकत हो सकती है
12:21अंधविश्वास कोई अकेली चीज नहीं होता
12:26दोहरा रहा हूँ
12:26अंधविश्वास भीतरी बीमारियों का
12:29पूरा एक कुनबा होता है
12:30जहां अंधविश्वास होगा
12:32वहाँ पूरवागर होंगे
12:33वहाँ डर होंगे
12:34वहाँ हिंसा होगी
12:35वहाँ अप्रेम होगा
12:37जितनी तरीके की बीमारियां
12:40और बत्तमीजियां हो सकती है
12:41वो सब उस घर में होंगी उस जगह होंगी जहां अंधविश्वास चलता होगा
12:45ऐसे घरों से ऐसे लोगों से साउधान
12:47अंधविश्वास कोई छोटी मोटी बीमारी नहीं है
12:53fundamental बीमारी है क्यों?
12:57because the ego is the fundamental superstition
13:00अचारे जी आज सत्र में आपने बोला कि
13:05नियत बदली जा सकती है तो खुद की नियत को और कैसे साफ किया जाए
13:11जैसे हर दिन के जो पलपल के चुनाव रहते है
13:15यमाचारे बतातो रहे है
13:17आत्मग्य
13:19संगती
13:22आप तरीका पूछ रहे हो
13:27और तरीके में कारणता शामिल होती है ना
13:33अगर मैं आपको कोई विध ही बता पाऊ हूँ
13:35पूछ रहे हैं कैसे हैं हाव टू
13:37हाव टू दू इट
13:39गिव मी अ मेथड
13:41अ मेथड पुट
13:43अल्वेज
13:45बी प्रेडिकेटेटेटेड और ना
13:47विध कारण
13:49कॉज
13:50मेथड डिमांड्स कॉजैलिटी
13:55कि ऐसा करोगे
13:58तो ऐसा हो जाएगा
13:59hence this is the method
14:00इसे method नहीं चलता है इसमें
14:03वो चलता है
14:05क्या
14:07वो कैसे हो तो
14:21जैसे आजहर जी
14:24कोई परमपरा प्रदत्त गुरु तो था ही नहीं
14:28तुम्हारे पास तो है ना
14:35तुम्हारे पास तो हो सकता है कि जिन्दा वाला हो
14:37तब भी तुमने उससे कुछ नहीं सीखा
14:39मुझे जिन्दा कोई नहीं मिला
14:41लेकिन फिर भी
14:42मुझे प्रेम आता है
14:44तुम्हें क्या पता
14:46मेरा उनसे क्या रिष्टा है
14:48उस रिष्टे ने सिखाया
14:51ज्यान नहीं सिखाता है
14:58रिष्टा सिखाता है
14:59अब विधी क्या बताए तुम्हे अजयरी जैसे पलबल की चुनाव होते हैं, अब आप से सत्रों में मिलते हैं या फिर ऐसे संगति होती है, तो दिन पर की चुनाव होते हैं उसमें जब खुद की उपर देह हावी हो तो उसमें तो नियत
15:21देह कैसे हावी हो जाती तुमसे दूनी देह तो मेरी है
15:29हावी भार ही हुनी चाहिए तो इधर उनी चाहिए
15:33देह अपना काम करते है आप इढ़े जो आप को करना है
15:39क्या बता है
15:40यह बैठे हुए इनके साथ था जब आठ वे तक तो इनके साथ था यही यही पर बैठके चल रही थी उसके आद भगके गया थोड़ादा टेनिस खेला
15:55फिर गया बैठा बात करी वहां से भागके यहां आया देहें यह चली रही है
16:03जैसे होता है कि श्रीय को प्रिय के चुनाव होते हैं तो आप से पर यही सिखाए कि
16:14आप तो श्रीय को प्रिय बना लो ना जहां जहां श्रीय है उसी को प्रिय कर लो श्रीय को प्रिय कर लो
16:33गंदा वाला प्यार अपने आप होता है इसलिए लोग क्या बोला है उन्हें तो सचेत चुना होता है तुम चुनलो कि जो श्रेय है उसी को प्रेय मान लेंगे चुन लिया
16:47हर चीज में तो तुम लोगों चॉइस चाहिए तुम्हारी पीड़ी तो चॉइस की दिवानी होती है न तो इसमें भी चॉइस करो न कुछ भी आटोमेटिक क्यों होने दे रहे हो
16:58श्रेय है प्रेय है सामने बोलो कि I choose श्रेय है वैसे तो हर चीज में कहते हो कि no no one should have choices in life
17:10तो यहाँ पर भी choice रखो जो सही है उससे प्यार करना सीखो
17:16शरीर सबका तूटता है नीन सबको आती है
17:28कुछ खास नहीं हो रहा है कि शरीर ऐसे शरीर वैसे
17:35तुम कहां उसमें कुछ तुम भी चुनोगे या बस शरीर ही चुनता रहेगा
17:46कोई अलग नहीं होता शरीर के मामले में तुम्हारा और जब जित्ते हम सब लोग बैठे हैं सबका डियने
17:5199.99 हम सब भाई वहने वास्ता हमें आपस में सब बिलकुल एक ही डियने के हैं इतना असा अंतर होगा कहीं पे
17:59उससे फिर किसी की नाग छोटी किसी की लंबी हो जाती है इतना असा अंतर होगा
18:03वरना सब एक जैसे हैं वो भी वही है हमारी जैसे जिनको महापुरुष बोलते हैं वो अलग कैसे हो गए उन्होंने चुना था शरीर तो सबकी एक जैसी है कोई खास नहीं होता बावा कोई बिलकुल खास नहीं होता
18:19एकदम कोई फरक नहीं होता आपको यहां बैठके दखके सबकी शकले हैं असी अलग अलग देखती हैं जाकर विज्ञान से पूछो वो कहेगा कि
18:35छटे साथवें डेसिमल पर जाकर करके इनके डी आने में कोई अंतर आता है नहीं तो बिलकुल जो इनका है वो hij इनका है भाई बहन है
18:49आदमी अाइन वौरत का भी एक जैसा कोई अंतर नहीं है अफ्रीका का उठालो अंतर चुनाव में होता है
18:57है चुनो अजर चुनाव में ऐसे कशलें चलेगा कि एक लोगधन वाली बात नी बना लिए कि भर कि ब्स भुद के नियम बना लिए अखो देट के लिए लोगधन चुननना पड़ता है क्या है इसे करना है अगर अगर
19:16मैं तुम लोगों को तरक से समझाता हूँ, मैंने खुद कभी थोड़ी तरक से समझाया है, अब तुम लोगों को सीधी बाते हैं, सिधाई से समझ में नहीं आती हैं, तो मुझे इतना बोलना पड़ता है, मैंने खुद से कभी थोड़ी इतना बोला है,
19:46है मुझे तो कि मेरे मालिकों निशारा कर दिया थो म इशारे पे चलने वाला हूं
19:56कि अब को मेरे पर चलने ओले लोग नहीं तो तुम है ये वो कहां गया वो चेस्ट प्रेस
20:04को नि बड़ी मेहनत लगा करके आप लोगों के सवालों का जबाब देता हूं
20:09क्योंकि मेरे बस कोई जवाब है नहीं
20:12आप लोगों को लगता है कि मेरी खासियत यह है
20:17कि मैं बड़े अच्छे तारकिक जवाब देता हूँ
20:19वो जवाब तो बड़े प्रयास से निगलते हैं
20:23मुझे जो कुछ मिला है वो जवाबों से थोड़ी मिला है
20:25किसी ने इतने दिल से मुझसे कोई बात कही है
20:30मेरी आउकात क्या कि मैं उसको मानू नहीं
20:33बस ये है
20:36इतने में अगर समझ में आता है तो आ जाए नहीं आता तो नहीं आता
20:40और जिसको इतने में नहीं आता
20:42उसको मैं अभी इतनी बड़ी गीता दे दूँगा
20:44तो भी न समझ में आए
20:45मेरे लिए तो यही काफी राय है
20:48कि कोई थे
20:49जो इतने प्यार से मुझसे कुछ बोल गए है
20:52इतना मैं कठोर नहीं
20:56कि मैं उसको ठुगरा दूँ
20:58बात खत्म
21:01क्या बड़ी थी किसी को कि
21:05मेरे लिए इतना कुछ छोड़ के जाता
21:07मैं माना हुता कि
21:10पूरे इतिहास का कर्जदार हूँ
21:11उन्होंने दिया है मैंने लिया है
21:14मेरे लिए इतना ही काफी है
21:16मेरी हैसियत क्या कि
21:20मैं उनसे जाके जबान लड़ाओं
21:22मैं तर्क करूँ
21:23मैं कहूँ मेरे इस सवाल का जवाब दोगे
21:26तब मैं तुम्हें आचारे मानूँगा
21:27मैं कौन हूँ
21:30मैं कौन हूँ
21:32मैं गधावा हूँ
21:34मैं शर्ते थोड़ी रखूँगा
21:41उनके सामने
21:42मैं उनसे थोड़ी कहूँगा
21:49कि मैं इतना खास हूँ
21:50कि मैं सवाल करूँगा तुम जवाब दोगे
21:53मेरी क्या हैसियत मैं उन पर सवाल करूँ
21:58मैंने तो सवाल करके नहीं सीखा कभी
22:03जो तो ये पता है कि जहाँ
22:10प्रेम मिला मुझे वहाँ मैंने सर जुगा दिया
22:13उसमें कुछ अगर
22:15ग्यान होना था तो ग्यान हो गया
22:19मैं उनके सामने सवाली बनके
22:27इन्वेस्टिगेटर या इंटरोगेटर बनके थोड़ी बैठा था
22:40मैं तो ऐसी बैठता हूँ बच्चे की तरह आज बता
22:43मुझे भरोसा है कि उनकी नियत ठीक है
23:00मुझे भरोसा है उन्हें प्रेम है
23:03तो फिर उनकी वो बातें भी जो विरोधाभासी है
23:08जो विसंगत लगती है
23:10मैं उनको भी एक दूसरी दिश्टे से देख पाता हूँ
23:13तो मैं क्या लगता है उपनी शदों में विरोधाभास नहीं भरे है
23:17मैं क्या लगता है स्रीमत भगवत गीता में विरोधाभास नहीं है
23:23क्रिटिक्स आते हैं कहते हैं गीता में ये है गीता में वो है
23:27गीता में ये बुराई ये है गीता में ऐसा है तुम्हें गीता के जितनी बुराईयां पता है उससे सौच गुना जादा मुझे पता है पर मुझे गीतागार पर भरोसा है लोग आते कहते हैं उपनिशदों में आपको पता है ये चीज भी ऐसा लिखा है तुमने क्या उपनि
23:57उन्होंने मुझे भ्रमित करने के लिए मुझे उपनिशद नहीं दिये
24:01वो मेरी भैतरी चाहते थे इसलिए बोल रहे थे
24:04तो जहां विरोधाबास दिखेगा भी उसको मैं थोड़ी समवेदन शीलता के साथ देखूँगा
24:10मुझे पता है कुछ बाते काल साप एक छोती है
24:13मुझे पता है जो बोल रहे हैं वो भी इनसानी है
24:17इनसान कभी एक दिशा से बोलता है कभी दूसरी दिशा से बोलता है
24:22कभी एक को बोल रहा है कभी दूसरे को बोल रहा है
24:24कभी एक तरह का मौका है
24:27कभी दूसरी तरह का मौका है
24:28सब काल की बाते होती है
24:30आदमी वहां से समझता है
24:36जिससे समझ रहे हो न
24:37उसके साथ एक
24:40एक चीज होती है
24:44वहां से बात समझ में आती है
24:46वो चीज अगर नहीं है
24:49वारा माल भी देखो
24:5330-40,000 पन्ने जब तक नहीं हो जाएंगे मैं तो नहीं मरूँगा यह मैं अपने पीछे तुम लोगों के लिए चुठुला छोड़ के जाओंगा ग्यान लो जो कर सकते हो करो इसका कितने पन्ने का निकलेगा यह लाख पार खरेगा कि नहीं करेगा करेगा पक्का करेगा
25:13700 श्लोग हैं दो घंटे के हिसाब से चौदा गंट चौदा सो घंटे
25:26कि चौदा सो घंटे और दो मिनिट का एक पन्ना होता है कि तो कितने पन्ने हो गई यह
25:37है कि अत्तर अजार
25:39कि चौदा सो गुणे साथ कि बटे दो चौदा सो कि इतने हुए है दिल तोड़ दिया या कि सिर्फ ब्याइस हजार पन्ने है कि अभी और मेहनत करनी पड़ेगी है कि है ना
26:00कि क्या मिलेगा तुम्हें 42,000 पन्नों से जिसको जो मिलना होता है कई बार एक पल में मिल जाता है नहीं तो पन्ने चांते रहना
26:12है कि आपने जो चीज सत्र में कही थी कि तर्क किसी भी चीज को बदलब गलत से गलत चीज को तरक से लोग प्रूफ करने का ट्राइब करते हैं तो उसमें अभी मेरा को अभी केस आया कि विजय मालिया का लैकि आप सबको पता है कि वह काफी पैसे लेके भाग गए अभी उ
26:42नहीं किया है कुछ और मैंने सारे पैसे लटा दिया एंड लॉट अव थिंग्स अई आव इसके मैं कमेंट देख रहता है दिया लॉट अव पीपल विचर लाइक कि हां यह सही है कि अब जब सारा होई गया पेमेंट तो अब इसमें खराब बात किया है
26:56सू आवस जिंगि यहस्टिस पोइंट इसमेंट इसमें पधिस यहां कि इंटें आफी अव्ट पैसे ़िए यह पूंव आपड्या टेंट बिलिए इंटें इसलिए लहां देंट ऑ़ जो इन अवस्याय नहीं वान बाता सवाल है कि इसम्वन होऊ मनी और सम्वन हूएसपा�
27:26या यह में इस पर बोलना जाता है कि आर्विल एक
27:29character somehow is becoming less important than money
27:33like becoming money क्या कभी पीशे सतियुग था
27:37जब character whatever it means was more important than money
27:43हा तुम भी उसी मित से आ रहे हो ना
27:45पहले सतियुग था and now things are deteriorating
27:49so character is becoming less important than money
27:51becoming money क्या आत्मवलोकन यही होता है ना बिटा
27:54मन की वृत्ति शब्दों में प्रकट हो जाती है
27:58अरे भाईया पंद्रा बीस जार करोड लेके
28:05तुम्हें भागने को मिले तुम भी भग जाओगे
28:07इसमें ऐसा क्या हो गया कि
28:13लोगों को गुस्सा नहीं था इरिश्या थी
28:18पहले है
28:24जिस पॉड्कास्ट की बात कर रहे हो उसके कितने मिलियन व्यूज है
28:30तीन चार दस मिलियन हो गए कितने हो गए
28:32फिर तुम भी कुछ यागर बोलो अपनी ग्यान की बात देखें कितने
28:39अठारा व्यूज आएंगे
28:41मतलब क्या इस बात का
28:45किसने दिये वो व्यूज आम आदमी ने
28:48आम आदमी यही चाहता है
28:49सबको यही चाहिए
28:52हाँ उपर उपर से अपना
28:54लोगधार्मिक नैतिकता होती है
28:56तो दिखा दो बड़ा बुरा आदमी बड़ा बुरा आदमी है
28:59गंदा आदमी है
29:00आदमी तो तुमें भी भी बनना है
29:03दे किंग आफ गोड टाइम्स
29:05चाहिए तो सबको वही है पेटा
29:12यह जो अचली बात है वो मानो ना
29:14फ्लेंबो एंट लाइफस्टाइल
29:16किंग फिशर एर्लाइंस देखी थी कैसी थी
29:19मस्त लोग एरोस्टेस के लिएर्लाइन चुंते थे
29:24सच मुच
29:26एक्स्ट्रावगेंट सब खडचे यह वो
29:32बियर लिकर दुनिया भर की इंडस्ट्रीज
29:36किंग फिशर केलेंडर पता निया बात है कि नहीं आता है कि आ
29:44मस्त होता था कि अपने ले थोड़ी निकालते ते कैलेंडर तुम्हार ले निकालते थे
29:52तो तो फिर तुम्हें भी वही सब चाहिए इसको ऐसे क्यों दिखा रहे हो कि आरे कल योग आगए कल योग
29:57कुछ नहीं आगया मोहज सबको हमेशा से मारनी थी आज भी मारनी है यही जानवर की जात होती है वही तो है हम सब और कौन है
30:11यहां रोटी रखिय हो तुम्हारी रोटी है तुम भूखे हो कुछ आ जाय लेकर नहीं चल जाएगा या कुछ यह सोचेगा कि तुम भूखे हो
30:24तो जानवर और क्या करता है
30:26अपना पेट देखता है
30:28वैसे ही ज़िए इनसान जानवर जैसा होता है
30:32वो किसी अभी पैसा लेकर निकल सकता है
30:33तुम्हारा खाना रखा होता है
30:36बंदर आके लेकर नहीं भग जाता है
30:38जानवर ऐसे ही होता है
30:40वैसी तुम किसी का पैसा लेके अगर भग गए
30:42तो इसमें तुमने कौन सी बड़ी गिरी हरकत कर दी
30:45तुमने बस वही कर दिया जो तुम हमेशा से करते आयो
30:48जंगल से करते आयो
30:49ऐसी को दो हौ
30:51पुरातन काल बहुत अच्छा था
30:54पुरातन काल में भी
30:56यह सब तो हमेशा से हुआ है
30:59देवता लोग होते थे वो रिशी मुनियों की
31:01पत्निया लेके भगे हुए है
31:02जानते हो यह सब पुरानिक कथा हैं
31:05बाकाइदा दर्ज है
31:06विजय मालिया उनमें से किसी के भकतों के
31:11जहां कहीं किसी की चोरी
31:19पकड़ में आ गई
31:20मासिव आउट रेज
31:26कितना बुरा आदमी है कितना बुरा आदमी है
31:28और तुम कैसे आदमी हो
31:29तुम्हें भी वही होना है
31:33बस तुम पीछे रह गए
31:35पुरा लोकदर में यही है कि वही हो जाओ
31:38बस तुम उस रेस में पीछे रह गए होना तो तुम्हें भी वही है
31:43इतना इंडिगनेशन
31:48इतना गलत काम किया
31:52यहाँ दो ही तरह के लोग है
32:00एक वो जो सभलता पूरवक चोरी कर ले गए दूसरे वो जिनकी अभी हिम्मत नहीं हो रही
32:04या जिनको मौका नहीं मिल रहा
32:08यहाँ ऐसा कोई नहीं है कि जिसको मौका भी मिल रहा हो
32:14और सासी भी हो
32:17पर चोर नहो
32:23मिध्याचारी यादन क्या परिभाशा दी थी श्री कृष्ण ने
32:26बाहर बाहर से नैतिक बनता है
32:29और भीतर उसके कामनाएं धुआ छोड़ रही होती है
32:34और भाहर से ऐसे
32:36पराया धन पर आइस्ट्री पर नजर में चलो
32:40हमने कहता है इससे बहतर कौन होता है
32:50सरल काम
32:52तुम सरल काम बन जाओ पहले ये मान लो कि हाँ है
32:56कामनाएं है
32:58उसके बाद आ गए का शायद कुछ हो पाए
33:01हम तो छद मकाम है
33:09है सब कुछ
33:10और दिखाएंगे ऐसे कि
33:11नो नो टूच मी नॉट
33:13क्यों रागफ
33:15वो दूसरा वाला का है
33:21बात दूर तक जा चुकी है
33:28सारोजनी खुर रही है
33:29पहले सरल काम हो जाओ
33:33पर सरल काम नहीं हो पहुएगी
33:36सरल काम माने जिसकी कामनाएं है
33:38और अकनॉलेज करता है
33:40सरल काम हो जाओगे तो दुनिया क्या बोलेगी
33:42करेक्टरलेस चरित्रहीन है
33:44देखो खुले आम बोल रहा है कि कामनाएं है
33:46शर्माता भी नहीं
33:48और लड़की है तो खासता और भी निरलज्ज कहीं की
33:50बेहया
33:50कुल्टा
33:53और जो शब्द शुरू होता है
33:56आर से
33:57खट से
34:03अभी पंजाब में एक
34:06इंफ्लूइंसर थी उसको गोली मार दी
34:07कि ये देखो ये सब उर्षों को
34:12खराब कर रही है
34:13इंस्टाग्राम पर
34:15जो भी कर रही थी
34:18उसके व्यूज कौन देता था
34:23वो जो भी कर रही थी
34:25उसका कंजम्शन कौन करता था
34:28पुरूशी करते थी
34:30नो एक पुरूश नहीं उसो गोली मार दी
34:31कि देखो ये पूरे समाज को भष्ट कर रही है
34:33नंगई फैला रही है
34:34हमारे
34:38दूगलेपन का कोई हिसाब है
34:41वो जो भी कर रही थी
34:47पुरुशों के लिए एक कर रही थी वही देख रहे थे वही उन में से एक ने तो बोला हुआ था कि मैंने साधारन भी रील डाल कर देखी है
35:00हजार व्यूज भी नहीं आते
35:03और नंगी हो जाती हूँ तो मिलियन से पहले नहीं रुकते
35:06तुम ही ऐसे हो तो मैं क्या करूँ और उसको जा कि उसका गलावला घूट दिया उसको मार दिया
35:15पागिस्तान में यह जादा होता था भारत में भी होने लगा
35:27जिनको चरित्रहीन बोलते हो अनैतिक बोलते हो चोर बोलते हो
35:31सोयम क्या उनसे बहुत अलग हो बोलो
35:38बस जिस राहा पर तुम थोड़ा बहुत और चोरी छुपे चलते हो उस राहा पर वो बहुत आगे निकल गए
35:52और खुले आम बेध़डक निकल गए तो जलते हो
36:01कि नहीं
36:08कि पेंटेसी तो वही है
36:11हां लिव लाइफ किंग साइज तो सभी को चाहिए कि नहीं चाहिए
36:19अब मौका मिल रहा होता मौज मारने का मेरे सामने बैठे होते हैं
36:25और जिनको मिल रहा हो यहां बैठे भी नहीं है
36:31कि अप्राइब बैठे भी नहीं है
36:36कि अप्राइब लाइब लाइब लाइब
36:40लाइब लाइब
36:44कि अप्राइब
36:45कि अप्राइब
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