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00:00एस्टोलोजी का जो बहुत सारे एप है आज की डिट में वो बहुत ही भ्रामक प्रचार करती है मार्केट में
00:07पति पतनी जाकर बाबा जी से पूछ रहे हो बच्चा का भोगा शर्म नहीं आती इतनी निजी बात है
00:12बढ़ो बाबा जी क्या करेंगे उसमें अब बाबा जी भी बिलकुल एक दम दाड़ी से लागे भी बताते हैं बच्चा
00:19कोई जा रहा है मेरा वीजा नहीं लग रहा जिनसे पूछ रहे हैं उनका पासपोर्ट ही नहीं बना आज तक
00:25नौकरी मिलेगी नहीं मिलेगी कोई और बताएगा क्या चाहे वो जोतिशी हो चाहे ताउजी हो चाहे कोई हो कोई और बताएगा ये
00:34अरे मांगने गए हैं, मांगने गए हैं, भीखारीं ही पैदा हुए थे, दिए ही उता है, जोतिस बिज्यान और उसमें कोई गलत नहीं है।
00:53प्यान की परिभाशा हुट में आता है वेरिफाइबल और फॉल्सिफाइबल और जूट-वूट का पाखंड और गयरा होता है यहां क्या होता है
01:00मैं गुरुगराम से आया हूँ मैं एक MNC में काम करता हूँ पिछले 10 महिने से आपको सुन रहा हूँ और जीवन में बहुत सारे बदलाव आए उसके लिए बहुत बहुत धन्यवाद संस्था कावार सर मेरा सवाल जो आज का है मैं खुद अर्वटाइजिंग में काम करता ह�
01:30और चुकी प्रचार ऐसे होता है जहां से लाइक इंगेजमेंट व्यूज मिले और वहां से वो लोग उस जहां से में आते भी हैं और कंपनियों का अगर टर्न ओवर आप देखेंगे तो करोरों में हैं रिवेन्यू वी फंडिंग वी और उनका जो बैलेंस सीट या जो भी
02:00लोग आते हैं उसका क्या कारण है
02:03देखो
02:07जो आदमी
02:10यह नहीं जानता
02:13कि जिन्दगी अपने हाथों बनाई जाती है
02:17और जिन्दगी के सब निर्णें ठीक करने की ताकत हमारी अपनी चेतना में होती है
02:27वो आदमी जाहिर सी बात है ना कि बाहरी ताकतों का गुलाम मानेगा अपने आपको
02:33अगर मुझे यह नहीं पता कि शक्ते और बल और चेतना और चुनाव यह सब मेरे अपने भीतर है
02:42तो फिर मुझे मजबूर होकर क्या मानना पड़ेगा
02:46कि मेरी किसमत किसी बाहरी ताकत के द्वारा नियंतरित है
02:52मानना पड़ेगा ना
02:54मैं कोई तो नियंतरित करी रहा होगा
02:57या तो मैं कर रहा हूँ नहीं तो
02:59अगर मेरे द्वारा मेरी जिन्दगी नहीं है
03:04तो किसी और के द्वारा होगी न
03:06अब मेरे द्वारा है कि नहीं है
03:08ये पता करने के लिए मुझे क्या पता होना चाहिए
03:10अपने बारे में पता हो
03:13अपने बारे में न हमारी शिक्षा बताती
03:16ना हमारे संसकार बताते
03:18ना हमारा घर बताता ना परिवार बताते
03:20कोई नहीं बताता
03:23तो हमारे भीतर कौन सी चेतना है
03:27और चुनाओ की उसमें क्या ताकत है
03:29यह हमें कभी पता नहीं लगता
03:30तो मजबूर होकर जो पढ़े लिखे लोग हैं
03:36उनमें भी ये विश्वास गहरा जाता है
03:38कि बाहर की ताकतें हमारे जीवन को संचालित कर रही है
03:41तो ये एस्ट्रों गहरा सब वही है
03:45वही है
03:47दो बाते समझना
03:51जब ये लगता है कि बाहर की ताकतें हमारे जीवन को संचालित कर रही है
03:54तो आदमी के भीतर कामना बहुत उठेगी
03:56क्योंकि जो भी अच्छी महत्वपूर्ण
04:00और ताकतवर चीज़ हो सारी कहां है
04:02बाहर है
04:03जब बाहर है तो मैं क्या करूँगा
04:05मैं बाहर की तरफ लपकूँगा उसको पाने के लिए
04:08मुझे कभी बताया तो गया नहीं
04:11इसका मतलब जो कुछ सुंदर है वो कहां है
04:22जो सबसे उतकृष्ट सुंदर हो सकता है
04:26वो मेरी ही उच्छतम संभावना में है
04:29ये बात मुझे कभी बताया तो गई नहीं
04:30इन दोनों बातों को जोड़ो
04:31सत्यम, शिवा, सुंदर है क्यो आज़, आजने
04:35तो यानि कि जो सबसे उची सुन्दरता है वो कहां हो सकती है इधर वो कभी बताई नहीं गई तो बाहर अगर कुछ दिखाई दे गया आकरशक तो मैं क्या करूँगा
04:44क्योंकि इधर तो कुछ सुन्दर हो नहीं सकता और चेतना को सुन्दर चाहिए ये जो हमारे है न ये सुन्दरता का पिपास होता है सुन्दर इसको चाहिए वो सुन्दर इगर भीतर नहीं तो कहां को लपकेगा इसे कामना कहते हैं डिजायर वो बाहर को लपकेगा और बाहर
05:14पीछे में भाग रहा हूँ वो पूरी होगी की नहीं होगी ये भी कौन ते कर रहा है चांद सितारे ये एस्ट्रो है तो पहली बात तो ये कि जो कुछ भी अच्छा और उंचा है वो कहा है बाहर है बाहर है तो बाहर को लपकूँगा और बाहर लपकूँगा तो सफलता पा�
05:44बेटा चाहिए होगा कि नहीं होगा और अगर बेटा निश्चित करना है तो गुरु जी बताओ विधी क्या है
05:51गुरु जी क्या बताएंगे
05:54अब छोड़ गंदे चुटकुलों के समय नहीं है ये
05:59मेरा भी दिमाग ऐसा है कि एकदम
06:07खट से एक चुटकुला निकलता है ये नहीं सुनाओंगा
06:14जो कुछ बोल रहा हूँ भाई किताबों में छपना है
06:19समझ में आ रही है बत? मैं गया हूँ ये जो जो जोतिशी बैठे इनके पास और इनसे क्या पूछ रहा हूँ?
06:29फलानी लड़की चाहिए? नौकरी में प्रमोशन कब होगा? इसमें आपको दो बाते दिखेंगी
06:38पहली बात बाहर के किसे विशय की कोई काम ना? दूसरी बात जो मुझे चाहिए उसका फैसला चांस सितारे करेंगे
06:47मैं नहीं है ठीक? तभी जो मुझे चाहिए उसके बारे में जोतिशी महराज बताएंगे
06:53मेरी अपनी काबिलियत थोड़ी बता रही है और जो चाहिए वो हमेशा बाहर का चाहिए
06:58कोई नहीं जाके जोतिशी से पूछता है मैं सच्चा इंसान कब बनूगा? किसी ने पूछा? क्योंकि वो आंतरिक बात है
07:03हम सब को क्या चाहिए बाहर की कोई वस्तो? चाहिए वो नौकरी हो, चाहिए लड़का हो, लड़की हो, कार हो, चुनाओ जीतना है, something external
07:11कोई बाहर की चीज चाहिए और वो बाहर की चीज बाहर वाले के हाथ में है, तो मैं तो वहां जाके बस ऐसे कर सकता हूँ, महराज दे दो ना
07:23बाहर की चीज बाहर वाले से मिलेगी, बाहर की चीज बाहर वाले से मिलेगी, बाहर की चीज बाहर वाले से मिलेगी, तो तुम जी ही क्यो रहे हो, जब तुम्हारे भीतर कुछ ही नहीं है, खाली पन के अलागा, सब कुछ अगर बाहर ही बाहर है तुम्हारे तो तुम जी ही क
07:53प्राणहीन है
07:54हर चीज में
07:57तुम्हें अपने से बाहर का ही
07:58कोई ताकत्वर दिखाई देता है
08:00अपने भीतर ना कोई
08:02ताकत जागरत करनी है
08:03न ये कहना है कि जिन्दगी अपनी शर्तों पर जिऊँगा
08:06तो तुम जिन्दा ही का हो
08:08नौकरी मिलेग़ नहीं
08:12मिलेगी कोई और बताएगा क्या चाहे वो जोतिशी हो चाहे ताउजी हो चाहे कोई हो
08:16कोई और बताएगा ये अरे महनत करो
08:25आगे का काम संयोग का होता है कोई जोतिशी नहीं बता सकता
08:28और सारी जिग्यास्ता हमेशा किस बारे में होती है
08:37मिलेगा कब कामना कामना कामना
08:39और जो तिशी के पास ये बोल के आते हैं
08:42मैं तो धार्मेक आदमी हो
08:43धार्मेक आदमी हो तो गीता जूट बोल रही है फिर
08:45निश्काम कर्म क्या है
08:46अगर कामना के पीछे ही भागना है
08:50तो निश्काम करमयोग क्या है फिर
08:52बोलो
08:56तो ये जो सारा धंदा है ये अधर्म का है
08:59जहां कहीं भी कामना पूर्ती हो रही हो धर्म के नाम पे
09:02वो अड़ा अधर्म का है
09:03धर्म का मतलब कामना पूर्ती नहीं होता
09:08fulfillment of desire का संबन religion से बिलकुल भी नहीं है
09:11liberation बिलकुल अलग चीज है
09:14और gratification बिलकुल अलग
09:16हम सोचते हैं कि कहीं पर जाकर के
09:19मननत मांगली, मनोती कर ली, फर्याद कर ली
09:22हमारी तो जो प्रार्थना भी होती है
09:24वो सिर्फ एक petition होती है
09:27प्रार्थना में कभी हमारे मौन उतरता है
09:34कभी हम जाकर चुप-चाप खड़े हो जाते हैं कि बस
09:37ये मौन ही आखरी बात है
09:39ऐसे कभी करते हैं
09:41हमारे लिए तो prayer का मतलब ही होता है petition
09:43मैं क्या करने आया हूँ, सहाब किसलिए गए हो, मंदिर मांगने गए है
09:51मांगने गए हैं, मांगने गए हैं, बिखारी ही पैदा हुए थे, बिखारी ही मरेंगे
09:56धर्म का मतलब ही यही है, याचक, याचक बनके खड़े हो जाओ
10:04दे दो
10:06और फिर जीवन में जो भी कोई मिलता है, उसके सामने हमारी आदत बन जाती है
10:13बस हाथ जोड़ करके सर जुखा के खड़े होने की, बार बार बोला करता हूँ धर्म का मतलब है विद्रोह
10:19हमारी धर्म का मतलब हो जाता है ऐसे, सर जुखा रखा है
10:30पति पतनी जाकर बाबा जी से पूछ रहे हो बच्चा का भोगा शर्म नहीं आती
10:33और मैं क्लाइमेट चेंज के नहीं बात कर रहा भी, कि बच्चे का क्लाइमेट चेंज से क्या लेता देना
10:46इतनी निजी बात है
10:49बढ़ो बाबा जी क्या करेंगे उसमें
10:53अब बाबा जी भी बिलकुल एक दम दाड़ी पसला के भी बताते हैं बच्चा
11:01कोई जा रहा है, मेरा वीजा नहीं लग रहा
11:12जिन से पूछ रहा है, उनका पासपोर्ट ही नहीं बना आज तक
11:26यह समाज का पैसा है, जो इस दिशा में जा रहा है, जो बोल रहे हैं
11:29पाससो करोड का टर्नूवर, हजार करोड का टर्नूवर, यह समाज का पैसा, यह राश्ट का पैसा है, जो इस दिशा में जा रहा है
11:35यह पैसा किसी सही दिशा में गया होता तो सोचिए
11:37कितनी रोशनी बिखरी होती, कितने सूरज उगे होते
11:44और यह पैसा आपने कैसी दिशा में भेज दिया, यह आपका पैसा है
11:48कोई घटिया फिल्म आती है, उसका हजार करोड का आप करा देते हो
11:52कोई घटिया अप आती है, उसका हजार करोड का आप करा देते हो
11:55यह आपका ही पैसा है, समाज का पैसा है
12:00और फिर हम कहते हैं, अरे वो गाओं में स्कूल अच्छे नहीं है
12:09इतने पैसे में कितने स्कूल बन गए होते
12:12बोलो, शिक्षा का कोई काम करना चाहो
12:1810-10 लाख रुपए के लिए परिशान होना पड़ता है
12:23और कोई घटिया काम करना चाहो, तो हजार करोड भी
12:30तुम्हारी राहों पे बिच्छा दिये जाएंगे
12:31ऐसी एप्स में देश के बहुत बड़े-बड़े इन्वेस्टर्स का पैसा लगा हुआ है
12:40इसमें जो एक सबसे बड़ा डेटा पॉइंट है जिसके विचिस पर उनको फंडिंग मिलती है वो कहते है एटाइच रेट जो है
12:54इसमें की आपको पता चलता है कि जितने के अप है उसमें सबसे ज्यादा यूजज और इन 24 आवर किसका होता है उसमें यह जो कैटेगरी है वो नंबर बन पर आता है उसके बाद यूटिलिटी आता है जिसे आप ग्रॉसरी ओर करते हैं वह सब तो उनको जो फंडिंग मिला
13:24उनसे रिटर्न भी लिया जाएगा दूसरा जो आसकी का गाइड लाइन से जिसमें कि आप भामक प्रचार नहीं कर सकते ऐसे लाइन नहीं डाल सकते उसको बाइपास करने के लिए वो लोग अगर हजार में से कोई एक ऐसा मिल जाता है उनको जिसको की सक्सेस रेट वहां प
13:54पर वही दे रहे हैं नहीं तो यह तरक किसी इन्वेस्टर का हो सकता है यह तरक यूजर का तो नहीं होना चाहिए ना जी और अगर यूजर नहीं हो तो इन्वेस्टर नहीं आएगा फिर
14:08इन्वेस्टर बिल्कुल कह सकता है
14:11कि आपका फोन है
14:13और फोन में ये वाली जो एप है
14:1624 गंटे में इसका यूसेज सबसे ज़्यादा है
14:19इसलिए साब मैं इसमें लगा रहा हूँ
14:21क्योंकि मैं तो इन्वेस्टर हूँ
14:22मुझे तो अपना पैसा ड्योड़ा करना है
14:38मिला है कि पैसे से राष्ट्र बनाओ
14:40पैसे से जीवन बनाओ
14:42पैसे से चेतना बढ़ाओ
14:44पैसा अपने आप में माध्यम है या अन्थ है
14:47आपके पास पैसा क्या इसलिए होता है
14:49कि पैसे से ही और पैसा बन जाए
14:51या पैसा इसलिए होता है
14:53कि पैसे से कोई और उची चीज बन कर सामने आए
14:56तो आप investor होने के नाते कह रहे हो
14:59मैं तो इस app में इसलिए लगा रहा हूँ
15:00क्योंकि लोग जो users हैं
15:02वो इसका इस्तिमाल करते हैं
15:04घटिया तरक है
15:04घटिया तरक है
15:06ऐसे investor से मेरी अगर बात चीथ हुई
15:09कभी तो पूछूँगा
15:10कि उस पैसे से और पैसा बना लिया
15:12तो उसका करोगे क्या
15:13करोगे क्या
15:15खेर यह जो तरक हैं जो भी यह investor की तरफ के हैं
15:19मैं user से पूछ रहा हूँ
15:20तुम क्यों 24 गंटे उसमें मूडाल के बैठे थे
15:25तुमने उस एप पर इतना समय न लगाया होता
15:29तो investor ने उस पर उतना पैसा न लगाया होता
15:32investor भी इसी तरक के साथ उस एप में पैसा लगा रहा है
15:38कि साहब इसमें तो users इतने आते हैं
15:43और मैं सोचता हूँ ऐसी एक नहीं ऐसी 20-50 एप होंगी
15:46कई दिशाओं से होंगी अलग-अलग specializations की होंगी
15:48तो मैं उन सब apps की बात कर रहा हूँ
15:50So आज के rate में merge हो गया है
15:54in terms of online betting and store
15:58both are getting combined और उनके जो funding है
16:01जो top 10 funder है वो almost same category से आते हैं
16:05So अगर वो online betting में किसी की
16:07मतलब कोई अगर online कर रहा है ऐसा
16:09तो उसको इस्टो से उग्यान भी मिलता है
16:11देखिए समझिए हम बहुत बार बोलते हैं
16:14लेकिन जितनी बार दोरा जाए कम है
16:15गंदगी अपने आप फैलती है
16:18बुराई को फैलने के लिए कोई सहारा नहीं चाहिए होता
16:22अगर आपका लक्ष सिर्फ फैलना है
16:25तो बुराई का सहारा ले लिजिए
16:27अगर आप किसी भी तरीके से बस फैलना चाहते हो ना
16:31तो बुराई का सहारा ले लो आप बहुत तेजी से फैलोगे
16:33ये मंच है
16:37मैं इसो गंदा करना चाहूँ बहुत आसान है
16:38ये रही चाह उठागे फेक दो इतको इधर चितरा हो
16:40मुझे पांच से दस सेकंड नहीं लगेंगे
16:45इधर इधर इधर इधर गंदा कर देने में
16:46खट खट खट
16:47लेकिन जो साफ करने आएगा उसके लिए इतना
16:50आसान नहीं होगा साफ करना
16:52और ये तो गंदगी का उधरन था
16:55आग लगाने का उधरन ले लीजिए
16:57सिर्फ एक माचिस की तिली से आग लगाई जा सकती है
17:01जहाब ये जो पूरा यहां मामला बहुत सारा जो है
17:04वो कपड़े का है
17:06ये लकड़ी है
17:07जरा सा कुछ करके इस सब में आग लग जाएगी
17:11लेकिन इसको बुझाना बहुत मुश्किल काम होगा
17:14तो बेटिंग हो चाहे ये हो
17:18चाहे एस्ट्रो हो चाहे और पचास तरीके के
17:21बहुत इफर्जी काम हो
17:24इनका फैलना हमेशा बहुत आसान होता है
17:27क्योंकि मनुष्य की वृत्ति ही नीचे गिरने की है
17:32नीचा गिरना हमेशा ज़्यादा आसान है
17:36उठने में हमेशा श्रम लगता है
17:38इस चीज को भी नीचे गिराना और छोड़ दो गिर जाएगी
17:42वापस उठाने के लिए जुकना भी पड़ेगा
17:45दम भी लगाना पड़ेगा उठाना उठाओ
17:47पानी पहाड से नीचे अपने आप आ जाता है
17:52नीचे से उपर ले जाओ दम लगता है
17:53समझ रहे हैं
17:56किसी को जूट देना बहुत महनत का काम नहीं है
17:59लेकिन किसी के जूटों को काटना बहुत महनत का काम है
18:05वो आदमी खुद अपने जूट की रक्षा में लग जाता है
18:09तो इसलिए इस तरह की एप्स औगरा जो भी है वो है भी और फैलती भी रहेंगी
18:14सवाल इन्वेस्टर का बाद में सवाल यूजर का पहले है
18:17यूजर हम और आप है
18:18हम क्यों वहाँ पर जाते हैं इतना
18:21क्या हमें अपना जीवन प्यारा नहीं है
18:23इन्वेस्टर जो कर रहा है अपने पैसे के लिए कर रहा है
18:26अप का प्रमोटर जो कर रहा है अपने पैसे के लिए कर रहा है
18:29उनको तो पैसा मिलेगा हमारा तो जीवन जाएगा न
18:32हमें अपनी जिंदगी से कुछ प्यार है कि नहीं है
18:36यह हमें पूछना होगा
18:39और यह चीजे तब तक नहीं हटेंगी
18:42अच्छे से समझेए
18:43जब तक आपको प्यार का अर्थ नहीं समझ में आता
18:46और प्यार का अर्थ जो समझाए उसको अध्यात्म बोलते हैं
18:50अध्यात्म का अर्थ ही है प्रेम सीखना
18:54कौन सा प्रेम
18:54मनुश्य और मनुश्य और थोड़ा बाद में
18:58पहले अपना अपने प्रति
19:00मैं बहतर होना चाहता हूँ
19:02मैं उच्छा उठना चाहता हूँ
19:04यह प्रेम
19:04मुझे अपनी उच्चतम संभावना को साकार करना है ये प्रेम
19:10उसको शास्त्र में कहते हैं अहम का आत्मा से प्रेम
19:14जब स्वयम से प्रेम होता है
19:17तो फिर आदमी बाहर ऐसे काम नहीं करता है
19:20जो स्वयम से दुश्मनी निकालने जैसे है
19:22जो आदमी
19:24खुद से प्यार नहीं करेगा वो बहुत सारे ऐसे काम करेगा
19:28जिसमें खुद का नाश होगा
19:29ये सारे काम वही हैं
19:31कि मैच पर पैसा लगा रहे हैं
19:34इधर सट्टा लगा रहे हैं
19:35उधर जो भी कर रहे हैं
19:37मुझे मेरा भविशे बता दो
19:41मेरी कामना पूरी कर दो
19:42जनतर मंतर कर दो
19:43जादू टोना कर दो
19:45ये सब चीजें ऐसी हैं
19:46जैसे स्वयम से शत्रटा
19:47इसलिए विदांत की ओराना जरूरी है
19:51विदांत बताता है
19:53आप कौन हो
19:54विदांत बताता है
19:55क्या हो सकते हो
19:56और सबसे बढ़ी बात
19:58विदान्त आपको आपके भीतर की ताकत से परिचित कराता है
20:02आपको बाहर की किसी ताकत का गुलाम नहीं रहने देता
20:06जो गुलाम हो गया
20:09वो गुलाम ही रहेगा बस मालिक बदलते रहते हैं
20:13तो वो कभी सर जुकाएगा धन के सामने
20:17कभी सत्ता के सामने
20:18कभी आडंबर के सामने
20:21कभी पाखंड के सामने
20:23कभी लालच के सामने
20:24कभी डर के सामने
20:26उसका सर जुका ही रहेगा
20:27क्योंकि अब वो गुलाम है
20:28वो मालिक खोज निकालेगा
20:32विदान तुम्हें बताता है कि
20:34गुलाम होना
20:35तुम्हारी नियत नहीं है
20:38उठो अरजून
20:40मोहगरस्त रहे आना
20:43यहीं मर जाना तुम्हारी नियते
20:45नहीं है
20:45भीतर टाकत नहीं है
20:51तो यह सवाल पूछने से लाभ नहीं
20:53कि बाहर मैं इसका गुलाम क्यों हूँ
20:54और उसका गुलाम क्यों हूँ
20:56किसी के भी हो जाओगे
20:57जो तुम्हारा वरतमान मालिक है वो मर जाएगा किसी दिन
21:00वो मर जाएगा दूसरा मालिक खड़ा हो जाएगा तुम तो गुलाम ही रहोगे
21:04पूसर लास्ट क्वेशन जोतिस उनका तर्क ये भी आता है कि जोतिस विग्यान है और उसमें कोई गलत नहीं है कुछ
21:13जो ना वेरिफायबल है ना फॉलसिफायबल है उसको विग्यान नहीं बोलते
21:25बहुत सलहरन परिभाशा है ये कोई अगर छठी आठवी तक भी पढ़ा हो तो भी ये परिभाशा जानेगा
21:33जिस चीज को मैं प्रयोग से दर्शाओं अगर उसी चीज को आप भी प्रयोग से नहीं दर्शा सकते तो उस बात को विग्यान नहीं स्विकार करता
21:43अगर विज्ञान कह रहा है कि गुरुत्वा कर्षण है और गुरुत्वा कर्षण से इतने मीटर पति सेकंड स्क्वेर का एक्सिलरेशन होता है तो मैं यहां से गेंद छोड़ूं तो भी गेंद उतनी देर में नीचे गिरेगी और आप आकरके यहां से गेंद छोड़ो तो �
22:13घटा रहा हूं यह विज्ञान होता है
22:17verifiable and falsifiable
22:19मैं जो बोल रहा हूं आप उसका
22:21परीक्षन कर सकते हो और जो बात मैंने
22:23बोली वो सदैव परीक्षन में
22:25सही आनी चाहिए विज्ञान बोलता है
22:27सुनो अंतर
22:28विज्ञान बोलता है कि जो बात
22:31दावे के साथ कही गई
22:32अगर एक भी प्रयोग यह दिखा दे
22:35कि वो बात ठीक नहीं है
22:36तो वो बात हमेशा के लिए
22:38गलत हो जाएगी
22:39किसी बात पर एक हजार
22:42प्रयोग करे गए ठीक है
22:44कोई थियोरम है कोई फॉर्मूला है
22:46कोई लौ है विज्ञान का
22:49उस पर एक हजार प्रयोग करे गए
22:51999 प्रयोगों में वो बात सही निकली
22:53एक प्रयोग में वो बात गलत निकल गई
22:56तो वो बात गलत हो गई
22:58यह विज्ञान की इमानदारी है
22:59हजार में एक बार भी बात अगर गलत निकल गई
23:02तो विज्ञान कहता है बात गलत है
23:03और जो झूट मूट का पाखंड अगयरा होता है
23:06यहां क्या होता है
23:071000 में सा 999 इनकी बाते गलत निकलती है
23:10एक बात सही निकल जाती है
23:12उसका प्रचार करके कहते है
23:13देखो हमारी जो बात है वो वैज्ञानिक है
23:15ये अंतर है बेइमानी और इमानदारी में
23:18विज्ञान कहता है एक बार भी बस गलत सिद्ध कर दो किसी चीज को तो गलत हो गई
23:24एक प्रयोग से सिद्ध कर दो
23:26और जो जूट मूट की विद्याएं होते ही हैं
23:29ये कहते हैं 999 बार गलत हुआ तो क्या हो गया
23:31एक बार सही निकला न ये प्रमाण है कि बात सही है ये अंतर है
23:35तेनवाद
24:01प्यार जैसे सपना रहन का ऐसा यह संसार रिषादो ऐसा यह संसार
24:21आया था किस काम को सोया चादरतान
24:44सुरत संभाल अगाफ अपना अप पैचान रिषादो अपना अप पैचान
25:01जूठा सब संसार है कुना अपना मीर
25:13जूठा सब संसार है कुना अपना मीर
25:23राम नाम को जानि ले चले सो भाजल जी तरे साधो चले सो भाजल जी जूठा सब संसार है
25:41जूठा सब संसार है कुना अपना मीर
26:02राम नाम को जानि ले चले सो भाजल जी तरे साधो चले सो भाजल जी
26:11तिरे सादू चले सुभाजल जी
26:16सादू यह संसार है
26:24जैसा से मलफूर
26:30सादू यह संसार है
26:36जैसा से मलफूर
26:41दिन दस के वेवहार में
26:48जूटे रंग ना भूल रिसादू
26:53जूटे रंग ना भूल
27:06जैसा से मलफूर
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