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  • 2 days ago

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00:00दुनिया में इस्तरियों के लिए जो सबसे घडिया देश है उनमें भारत आता है और हम कहते हैं कि भारत एक धार में कौर सांस्कृतिक देश है तो संस्कृति में तो यह भी है आप जानते हो कितनी अजीब बात कि बाप के लिए मर्यादा रखी गई है कि अगर तुमने अप
00:30इसको घजाओ यहां से भीजो तो लड़की को सेक्शूल निगहा से देखना तो सबसे पहले परिवार में शुरू किया जाता है कि बड़ी हो रहे यह बड़ी हो रहे यह सब तो हमारे यहां पे धर्म और संस्कृतिके नाम पे चला तो भारत की आउसत महिला पुरुष्ट
01:00जब आप दहेच के लिए पैसा जोड़ते हो आपने बात कहीं कि आप बच्पन से उसे सिखाओ पढ़ाओ संगीत सिखाओ और इन सब में बहुत खर्चा होता है बिल्कुल चाहे अप उनको टैने सिखाओ जाए आप उनको संगीत सिखाओ या बाहर पढ़ने के लिए भेज
01:30और वो वज़े भी बिल्कुल जानोरों वाली वज़े है कि लड़कियों कहीं और चले जाना है पाश्विक वज़े है बहुत सेक्शूल वज़े है आप उस लड़की को सिर्फ एक प्रजनन की मशीन की तरह देखते हो और आप कहते हो कि यह बढ़ी हो गई है तो अब यह �
02:00तो उसके लिए इसको उधर वेज़ दो अगर आप लड़की की जिंदगी को इतना सेक्शूलाइज ना करो तो मैं पूछ रहा हूं कि मावाप को ऐसी कौन सी मजबूरी पड़ी है कि वो पागल रहते हैं कि जल्दी जल्दी इसकी विदाई कराओ जल्दी इसकी विदाई क
02:30लड़की का जो अब्जेक्टिफिकेशन है वो शहर के लफंग यह नहीं करते हैं उसके मावाप खुद करते हैं यह सुनते हो जी अपनी प्रिया आप बड़ी हो रही है थोड़ा आप सोचना शुरू करो कि हाथ पीले करने हैं कि हाँ हाँ जौनपूर वाली फूफी तो द
03:00अंतरिक रूप से मैच्योर हो रही है भीतर उसके बहुत जागरत हो रहा है नहीं कुछ नहीं यह सब नहीं देखना है यह देखना है कि उसका जो शरीर है अब लड़की से स्तरी ऐसा होता जा रहा है तो जल्दी से इसको अब विदा करो क्योंकि आप वहां जाएगी सेक्स
03:30चलती है समाज में चलती है महले में चलती है फिल्म में चलती है उसके जीवन के आखरी पल तक चलती है कोई भी उसको देख रहा देख ऐसी रहा है कि सेक्स की चीज़ है और क्यों ऐसे देखा जा रहा है सेक्सी चीज़ है क्योंकि उसका और आपने कोई विकास होने ही नही
04:00उसमें कभी विकास होने ही नहीं दिया गया, तो ले देकर उसमें एक ही चीज बचती है, उसका शरीर बचता है, तो उसको शरीर की तरह देखा जाता है, और बस हो जाता है कि इसका तो काम ही क्या, यह पैदा ही इसलिए हुई है कि इसको बच्चे पैदा करने हैं, तो जो वो
04:30लड़का भी अपने आपको ऐसी देखता है, मैं जानवर हूँ, और वो मादा जा रही है, मैं नर पशु हूँ और वो मादा पशु है, तो हम दोनों के बीच एक ही तो रिष्टा हो सकता है, संभोग का, तो वो भी ऐसी देखते हैं, फिर उसी से आप देखते हो कितने तरीके
05:00लड़के को भी समझ में आए, लड़की को भी समझ में आए, लड़की को आप जब तक एक चेतना की तरह नहीं देखोगे, उसको देह की तरह देखोगे, तब तक आप क्या करोगे, यही करोगे कि मैं लड़की का बाप हूँ, और लड़की मेरी बड़ी हो रही है, और मु
05:30उसका मासिक धर्म होता है, उतनी बार तुम एक हत्या के अपराधी बनते हो, तो बाप की विलकुल रूख आप जाती है, क्योंकि ये हमारी तथाकतित धार्मे किताबों में बात लखी हुई है, कि अगर लड़की के पीरियड शुरू हो गई है, माने वो बड़ी हो गई है, �
06:00और वो फर्टिलाइज नहीं हो पाया, क्योंकि तुमने उसकी शादी नहीं करी, तो वो जो भीतर, अंडा था, वो बिना फर्टिलाइज हुए ही, वो खतम हो गया, वो खून बन गया, बह गया, तो उस खून का अपराधी वो लड़की का बाप है, तो बाप एकदम ऐसे प
06:30ना उद्दालक रहा है, ना श्टवक्र रहा है, ना रोणी रहा है, ना याग्यवल के रहा है, ना उपनिशद, ना गीता, ना कभीर, ना नानक, हमारे आपे धर्म और संस्कृत का यही सब मतलब रहा है, भारत जैसे अभागा देश कौन सा होगा, जिसे अध्यात्म के सब
07:00धर्म के नाम पे सारा कच्रा कूराई कठा कर लिया है, और उसी कच्डे कूडे को अपनी संस्कृति बोलता है, तो फिर देख लो उसका नतीज़ा, कि भारत दुनिया में स्थरियों के लिए सबसे खराब देशों में गिना जाता है, तो जेंडर एंपावर्मेंट मेजर हो
07:30अगर 180 देश नापे जाएंगे तो उसमें भारत का नंबर 500 आएगा, एक के बाद एक इस तरीके की रिपोर्ट आती रहती है, तो उसमें भारत का जो स्थान है, तो वो होगा 180 देशों में कभी 140 होता है, कभी 160 होता है, तो दुनिया में स्थरियों के लिए सबसे घडिया द
08:00है, यह हमारी गौरवशाली परमपरा है.
08:30पर जब वो एक बड़ी इंडियन फैट वेडिंग करता है, तो वहां पर एट लीस्ट सोसाइटी में एक स्टेटस जो है, अपना डिवलप होता है, और उसे मतलब उस चीज से उसकी प्राइड की पूर्ती होती है, कुछ तो मिलता है, देखो वही बात है, अगर आप नहीं
09:00आपने कभी वो नहीं पाया है जिसको कहते हैं आत्मा, मैं, तो आप मजबूर हो जाते हो समाज के नुसार पर चलने को, आपकी नजरों में अपनी कोई इज़त नहीं रह जाती, क्योंकि आपकी अपनी कोई नजर है ही नहीं, तो इज़त कहां से होगी, तो फिर आप इज�
09:30लड़की अशिक्षित आपने छोड़ दी, लेकिन आप उसकी शादी बड़ी धूमधाम से करते हो, क्योंकि समाजवाल आएं के वा क्या शादी कर दी, वह आपने मंच पे लड़की बैठा दी है, वो जितने भी 22-25 साल की हो गई है, पर वो इंसानी नहीं बनी अभी तक, क
10:00आपने लड़की को जिंदगी और भविष्य दिया है,
10:30लेकिन फिर आप उसको गहनों से लाद रहे हो, और लोग वह वाही दे रहे हैं, क्या गहने लादे हैं, माथुर जी क्या जबरदस शादी होई थी, छोटे से छोटे शाहर में चले जाओ, वहां लाइन से बैंकेट हॉल होते हैं, होटल भी बनते हैं जो, अच्छे अच्छ
11:00हैं लेकिन नहीं, अच्छी होते हैं, हमेशा होते हैं, जो, पढ़ाई होते हैं, उसको भी दहे जसे हैं, आपको पढ़ाए ही जादा या उतना एक लिमिट तक इसलिए पढ़ाया जाता है, क्योंकि उस से दहेज में थोड़ा आपको डिसकाॉंट मेल जाता है, अवाँ्
11:22कि बहुत जादा नहीं पढ़ाते लेकिन बहुत जादा पढ़ा देंगे तो फिर मामला हाथ से निगल जाता है लड़की हाथ से निगल जाती है जादा पढ़िक गई तो उसको इतना नहीं पढ़ाया जाता है पहली बात तो अपने बाप के हाथ से निगल जाती है और दूसर
11:52वो पढ़ी लिखी है, केमिस्ट्री में पिएच्डी करके बैठी है, तो वो के थी किचन में क्या गरूंगी, मुझे तो लेबॉरेटरी चाहिए
11:59तो यह भी चलता है कि जादा पढ़ाव लिखाओ नहीं नहीं तो लड़का नहीं मिलेगा
12:04और जल्दी इतना पढ़ाद हो बस कि लड़के वाले इसको स्विकार करें, लड़के वाले भी बोल सकें अपने समाज में, कि पढ़ी लिखी बहू लेकर के आई है, अब उसकी इस पढ़ाई लिखाई का फायदा क्या होना है, तुम उसे घर में बैठा दोगे, ठीक है नहीं
12:34कर सब के लिए, ये तेरा काम है, काही के लिए उसको उसब पढ़ाया था, और गेस्ट आया करें तो उस तरीके की इंप्रेसिव राव जो गेस्ट होते हैं, जादा तरह गवार गेस्ट हैं, और जितने गवार गेस्ट हैं, तु भी उतनी गवार बन जा, क्योंकि वहां त�
13:04ये दिखनी रहा है कि ये सब नकलीपन है, ये जिन्दगी की खराबी है, ये संबंधों की विर्थता है, क्योंकि हमें पता ही नहीं है कि संबंध चीज क्या होती है, हम सोए हुए और डरे हुए लोग हैं, बेहोश, आधी नीद में हैं, और काप रहे हैं, क्योंकि कोछ जा
13:34तो हमको जो दिख जाता है उसी के पीछे चल देते हैं, जैसा बता दिये जाता है वैसे ही कर देते हैं, हमारा अपना कोई अस्तित्त हो, हमारी अपनी कोई चेतना, कोई दृष्ट, कोई मूले, कुछ ही नहीं, सब कुछ ऐसे ही है, परंपरा समाज, परंपरा समाज, परंपर
14:04पर अगर हम भारत की बात करें भारत के आखड़ों की बात करें तो उल्टा है यहां economic development हुआ है तो दहेज बढ़ा है वजह बहुत मज़िदार है वजह यह है कि यूरोप में एकनॉमिक
14:20development, mental development का फल था यूरोप में दार्शनिक पहले आया है और व्यापारी बाद में आया है यूरोप में पहले हुई है वैचारिक क्रांते और फिर हुई है औद्योगिक क्रांते यूरोप में पैसा ऐसा ही नहीं आ गया यूरोप में पहले philosophy आई है
14:46philosophy से science आई है science से technology आई है और technology से पैसा आया है तो पहले वहां मन खुला है विचार खुले है चेतना खुली है और फिर जाके ती जोरी खुली है आप बात समझ रहे हो यूरोप भी बड़ा गरीब ही था अभी आप अगर 500 साल पहले तक चले जाओ तो उनकी अखारत बड़ी
15:16यूरोप में आई वैचारिक क्रांते फ्रांस में आई ब्रिटेन में जर्मनी में आई एक से एक फ्रांस जर्मनी ब्रिटेन में क्या-क्या वहां पे दार्शनिक पैदा हुए उन्होंने बात करी उन्होंने विचार किया उन्होंने जिंदगी को जानने की कोशिश करी तो �
15:46और अभी हाल में आओगे तो सार्त रहें तो वो पूरी परंपरा है उनकी विचारकों की तो उन्होंने पहले सोचा उस फिलोसिफी से साइंस निकली है न्यूटन उधारन के लिए पहले एक दार्शनिक है उसके बाद एक वैज्ञानिक है फिलोसफर न्यूटन पहले है और �
16:16पैसा यूरोप में यह हुआ है तो इसलिए यूरोप में जैसे जैसे पैसा आया वैसे वैसे यह भी देखा गया कि जितने भी काम बंद दिमाग के थे वो हटते गए लेकिन भारत में पैसा आ गया है बिना दिमाग के खुले भारत में पैसा आता जा रहा है और दिमाग ख�
16:46तो इसलिए आ रहा है क्योंकि भारत अब ग्लोबली कनेक्टेड हो गया है तो उधारण के लिए भारत में बहुत सारे एसे शेत्र हो गए है जहां पर आपका मानसिक विकास भिले ही बहुत नहों लेकिन फिर भी आपको पैसा मिल जाएगा मैं कहा रहा हूं सॉफ्ट्वेर य
17:16और आप से इतिहास की दो चार बाते पूछ दी जाएं दर्शन की दो चार बाते पूछ दी जाएं समाज शासरी दो चार बाते पूछ दी जाएं आपको कुछ पता नहीं होगा लेकिन आपने बीटेक डिगरी कर ली है चार साल की 17 की उमर में वह बीटेक डिगरी लेके नि
17:46बस उस बीटेक डिगरी से इनको डॉलर आने लग गया है अब और भी बहुत चीज़ें होती है कि कोई किसान है उसका उसका खेत है उसका सरकार ने अधिकराण कर लिया और बदले में बहुत सारा पैसा दे दिया तो घरें बहुत सारा पैसा आ जाएगा
18:05लेकिन मन का तल तो अभी वही है जैसे पहले होता था मैं नहीं कह रहा कि सब सौफ्क्यूर इंजिनियर्स ऐसे ही होते हैं या कि सब किसान ऐसे ही होते हैं पर उधारन के तौर पे बता रहा हूं एक मिसाल है तो अब आपकी जमीन ले ली सरकार ने और आपको पैसा दे दिया �
18:35खुष हो लक्षमी तभी भली है जब सरसोथी के पीछे पीछे आएं आप यह फ़ोड़ा किया पुराने धरी के समझा रहा हूं कि जब लक्षमी आजाती है और सरसोथी नहीं आई यहां बड़ी गड़़द हो जाती है युरोप में ज्यान पहले द्छन बादमें आया भा
19:05तो इसमें अचारी जी, भारत इतना पीछे कैसे रह गया?
19:11मूल्यों की बात है, देखो, मूल्यों की बात है.
19:16एतिहासिक धारा रही है, वो धारा सब जगे बहती है, उसमें कुछ लोगों को उठना पड़ता है, जो समाज को सही मूल्य दें.
19:27समाज की प्राकृतिक अवस्था तो पशुता की ही है, चाहे भारत हो, चाहे यूरोप हो.
19:35समाज में कुछ विद्रोहियों को, विचारकों को उठना पड़ता है, जो धारा के विरुद्ध जा करके समाज को सही मूल्य दें.
19:44भारत में भी ऐसे लोग हुए हैं, अभी और वैसे लोग चाहिए.
19:52इसी में कुछ डेटा है, वो मैं शेयर करना चाहूँगी, ग्लोबल जेंडर गाप के अराउंड.
19:59तो 2022 की ग्लोबल जेंडर गाप रिपोर्ट में, जो भारत का स्थान है, 146 कंट्रीज में से 135 रहा है.
20:09अल्यो, 146 देशों में हमारा भारत 135 इस्थान पर है, महिलाओं की स्थिति के मामले में.
20:18जो हो, क्या बोलें? उसमें बांगलादेश 71 पर है. श्री लंका श्रीलंका हम से बहुत आगे होगा, पाकिस्तान भी आगे होगा, यह असपास ही होगा कहीं.
20:29साउधी1थिया कि भी हम से वतागी है और हम यह का करते हैं कि अर्म in highland
20:38होता है अरब की महलाओं होता है अरब की महलाओं से बहतर अध्या appreciate
20:46अगर हम안 बडश में नहुंच तो research कि अनुसार एक उसत- priorit कोश्मिंए और एक उसत महिला में
20:58138 years का difference है वो ग्लोबल है वो ग्लोबल है अगर भारत की बात करें तो वो 149
21:06years है तो भारत की आउसत महिला पुरुष्टे 1500 साल पीछे चल रही है विकास के मामले में भारत की आउसत महिला भारत के आउसत पुरुष्टे
21:16साल पीछे चल हुए विकाश की मामले उदारन के लिए
21:19भारत के आसरत पुरुष के पास जितना पैसा me único साल पहले होता था
21:23मारत की संध महीं वास उतना सी आज है भारत का ऑस पुरुष जितनी अधिकार मेन की सल
21:30आज खीष्टान के मुश्किल से वहां तक पहुच पाई है। भारत का ओसत पुरुष्ट जितनी शिक्षा पहले रखता था या प्रशासान और रवस्था में जितना दखल रखता था 1.500 साल पहले भारत की महिला बड़ी मुश्किल से आज खीष्टान के वहां तक पहुच �
22:00देश हैं अगर आपका दिमाग परंपरा और प्रथा से इतना बंध गया है यो सोच ही नहीं सकता तो विकास कैसे होगा बात-बात में आप परंपरा संस्कृती परंपरा संस्कृती करते रहते हो
22:27तो कोई बहतरी कैसे होगी कुछ भी शुभ कैसे होगा फिर उसका नतीज़ा आँखड़ों में सामने है बात मेरे या आपके मत की या उपीनियन की नहीं है ना आँखड़े तो देख लो एक बार या थार्थ तप्थे देख लो जमीन में बात इसकी नहीं कि आप बोल दो �
22:57पॉलिटिकल एंपावर्मेंट जिंडर गैप जो है वह 162 यह का है 162 साल तो माने आम पुरुष के पास इतने राजनियतिक अधिकार एक सो साथ साल पहले होते थे भारती महिला के पास अभी खीश्टान के उतने हुए है वो इतना पीछे चल रही है
23:14एकनॉमिक पार्टिसिपेशन एंड अपॉर्चुनिटी जिंडर गैप 169 यह का है वो इतना पीछे है ना कि अब आपके बोलने से पहले ही सब समझ जा रहे होंगे कि अब फिर से कोई आखड़ा आ रहा है डेर सो साल एक सो साल का तो यह सब समझ ही जा रहे हैं कि बहुत बु
23:44भारत के जो सबसे ज्यादा धार्मिक जिले हैं उनमें जो लिंग अनुपात है जेंडर रेशियों वो उतना ही ज्यादा बुरा है यह कितनी विचितर बात है कितनी अजीब बात है कितनी ज्यादा अजीब बात है कि जगह अगर धार्मिक हो रही है तो हम तो यह मानेंगे �
24:14भूह निश्वार्थता आएगी प्रेय मायेगा निश्वामता आएगी जगह अगर धार में को रहिए क्विए धर्म का संबंतो करोडा से
24:21है लेकिन होता ही है कि जुड़ा जीतनी धार में कर वह महिलाएं उतनी जादा मiece रहरे
24:29कि क्या कौन सी हमने रीत चला रखिंँ तसी में अ
24:36नेकर इसी में और झायरजी बहुत सारी महिलाएं हैं जो सा formidable
24:42मंग enfants को जहेलती हैं उनकिसाथ होता है हर प्रकार से
24:48होता है चाहिए वह मेंटल हो फिजिकल हो और वही जब बहुत एक्स्ट्रीम हो जाता है तो फिर आंकडों में डेथ की तरह हमारे पूसकों कह देते हैं उसकी मौत हो गई उसकों यह मानते ही नहीं कि वास्तों में दहे जते आए वो तिल-Til करके गुड़ करके मर रही थी फि
25:18महिलाओं के लिए है जो इन में फसी हुई है या फस सकती है या उसी चीज के बीच में है वो क्या कर सकती है क्योंकि उनका जो खुद को देखने का नजरीया है वो वही है जो उनने बच्पन से बता दिया गया है कि आप बड़े होगे शादी होगी शादी होने के बाद ब�
25:48के पीछे पीछे आती है जब तक महिला को यह रहेगा कि मेरी दिम्मधारी कोई और
25:55उठाएं तब तक वह आजाद नहीं हो सकती यह बात बहुत अच्छे समझ लें सब महिलाइं सब देवियां जितना आप
26:05के मज लिए कि किसी और की पहले पिता की है पर पती की वाद में किसी और की
26:13पुत्र की है तो तब तक आपके लिए किसी प्रकार की सुतंतरता स्वाब लंबन समभव नहीं
26:19है je right the mercy of the other आपको जिम्मेदारी अपने उब लेनी पड़े या दूसर Professor
26:25नहीं दे सकते आपको कहना पड़ेगा कि अतीत कैसा भी रहा हो जो भी एतिहासिक कारण हो मेरी दुरुदशा के लेकिन अपने उत्थान की जिम्मेदारी तो मैं खुद लूँगी वो जिम्मेदारी आप जब तक सोयम नहीं स्विकारेंगी आपको जो इनसान होने की बिलकु
26:55जो दुनिया भर में जो मानसिक्ता है वो चाहती ही यही है कि इस्तरी कभी पूरे तरीके से एक विकसित परिपको मनुष्य ना बने इस्तरी बेबी बनी रहे बस बेबी बेबी तो उसको जब सुन्दर दिखाना होता है तो उसको कपड़े भी बच्चों वाले पहना दी ज
27:25उससे बाचीत भी ऐसी करी आती है चोड़े बच्चों से करी जाती है अंतिजा यह होता है कि लड़की के में भी बात आ जाती है कि संबड़ी एल्स इस रिस्पॉंसिबल फॉर माई अपकीप और बड़ी आसानी से अपनी अपनी सुरक्षा का और अपनी वेलफेर का जिम्
27:55कोई दोस्त भी बन जाता है स्कूल में कॉलेज में तो भी वो उस पर कई तरह की जिम्मेदारियां डालनी शुरू कर देती है और वो खुद भी जिम्मेदार बनना शुरू हो जाता है वो भी आठवी नौवीं के लड़का लड़की होंगे और उनका आपस में वेवहार हो
28:25तुम अपनी कॉपी घर भूलाई हो मैं जाके ले आता हूं तुमारी कॉपी घर से अच्छा तुम्हारा ये काम नहीं हुआ लाव मैं कर देता हूं तुम्हारा सामान मैं उठा देता हूं और भी बहुत तरीके की चीज होती है छोटी मोटी आप खुदी देख लोगे तो �
28:55के मन से नहीं निकलता तब तक उसके लेए कोई उमीद नहीं है और ये बहुत बड़ा लाला चोता है कि मेरा काम कोई और कर दे मेरी दिम्मेदारी कोई और उठा ले तुम आगे काम कर दो मैं पीछे से बैक END काम कर दूँगी हाउस्कीपिंग कर दूँगी आगे जो मोर्
29:25एक स्वतंत्र वयस्क मनुष्य की तरह उसको अपने आपको देखना पड़ेगा ना बच्चे की तरह ना आश्रिता की तरह आश्रिता नहीं और हर महिला हर लड़की जो सुन रही हो इसको मैं उनसे निवेधन करूँगा कि आप खोजिए कि आपके जीवन में आश्रयता डि�
29:55तरफ बरवादी करती है आप किसी पर आश्रित हो तो आप तो नर्क में गए ही गुलामी के आप जिस पर आश्रित हो उस पर भी तो बोजी बने ना उस बैचारे की भी जिन्दगी खराब होती है तो प्रेम भी दो स्वतंत्र मनुष्यों के मध्धे ही हो सकता है दो लोग �
30:25हम और इंडिपेंडेंस नहीं आएगी बिना रिस्पोंशबीरीटी सबसे पहले दी मेरी दिंदकी mówi मेरा दाइत तो हमें देखंगी और जो भी कीमत चुकानी पड़ेंगी चुकांगी जो भी दुख शेहना पड़ेंगा मैं सहूँ शुनाटियां मैं किया तुक्त मैं खाल
30:55बहुत बड़ा एक रोल प्ले करता है जहां पर आप अपने डिसीजन्स अपनी जिन्दगी के खुद ले सकती हैं जब आप किसी वजह से खुद नहीं कमा रहे वो सब के साथ होता है कई बार आप स्विच्छा सही क्या देते हो कि भाया एक साल तक मैं कमाऊंगा नहीं नहीं �
31:25प्रिकावाले होते हैं उच्छे महीने काम बंद करके खुमने निकल जाते हैं वो अलग बात है लेकिन आप कह दो कि मेरा जीवन ही है कि कोई और मेरे लिए कमाता है तो ये बात ही मुझे आज तक समझ महीं नहीं आई फिरे खुबड़े में घुस्ती नहीं कोई ऐसा कैसे क
31:55हो जाओ एक बार आप वयस्क हो गए शरीर से मन से उसके बार आपको लाज आनी चाहिए अपने मावाब से भी पैसे मांगने में मैं उधारन देता रहा हूं कि हम आईटी पहुंचे थे 17 साल के थे हम लोग जब पहुंचे थे कोई 17 का होता है को सेकंडर में आया तो अठार
32:25कालूसरा एक जगह है आईटी दिल्ली के पास ही तो वो लोग अपने जो उनके स्टूडेंट्स होते थे कोचिंग के स्टूडेंट्स उनकी कॉपियां चेक करने के पैसे दिया गरते थे
32:38तो आइटी के लड़के वहाँ पर चले जाएं और उनकी कॉपियां चेक करें और एक कॉपी चेक करने करने कर दस रुपया मिलता था उस समय में और बहुत होता था आज से एक जम 30 साल पहले की बात 28 साल पहले
32:51कि कौन जाएगा बार-बार घर में पैसे मांगने और इसी तरीके से टूशन अब आठ्वी दस्वी के बच्चों को टूशन पढ़ाना है तो आईटी के स्टूड्ट जाते टूशन पढ़ाते तो उसके पैसे मिल जाते थे तो वहीं से यह बात आ जाती थी कि भाई यह अपन
33:21टूशन पढ़ाते वहीं हमारा और यह बात 17 18 साल में आ गई थी ऐसा कैसे हो जाता है कुछ लोगों को 28 साल में नहीं समझ में आती और कुछ लोगों को 68 साल में अवी बात समझ में नहीं आती
33:34दो आकड़े है पहला आकड़ा है फीमेल लेबर पार्टिसिपेशन रेशियो का वो बताता है कि भारत में वो गिर गया है 8.8% हो गया है 2023 में जिसके अनुसार अगर 100 महिलाए है तो सिफो सिफ नौ प्रतीशत 8.8 नौ प्रतीशत जो है 9 महिलाए जो है वो काम कर रही है या कर
34:04जादा महिलाए ना तो काम कर रही है ना ही करना चाहती है और इसी के साथ दूसरा अकड़ा है कि एक औसतन महिला जो है घर में करीवन 7-7.5 घंटे रोज काम करती है जो कि एक अन्पेड वर्क होता है तो यहां पर एक जखो वही बात है जो हमने कही थी ना कि लड़की का ब
34:34इसी तरीके से महिला बेचारी काम तो करती है घर में लेकिन वो एक बहुत साधारन स्तर के काम में फस गई है और जितने संस्कृत वादिये वो उसको बताते रहते हैं नहीं नहीं यह बहुत उचा काम है घर का काम करने से उचा काम तो कोई होई नहीं सकता तो यही काम किया
35:04बताओ मुझे, बताओ ना, और अगर बहुत उचा काम है, तो पुरुष क्यों नहीं करता, स्त्री को छोड़ दो, बाहर कमा लेगी,
35:12जूठे बरतन, रगड रगड के मांजने में कौन सी उचाई है, बताओ मुझे, कहते हैं नहीं, प्रेम है ना, इसमें प्रेम है, तो स्त्री की और से प्रेम रहेगा, पुरुष की और से भी कुछ प्रेम आजाए भई, अगर प्रेम का पैमाना यही है, कि कडाही मांजी जा �
35:42बरतन मांज रही है, और कपड़े धो रही है, और बच्चों के पोधरे साफ कर रही है, यही तो जीवन का उतकर्श है, इस से उचा काम जीवन में कौन सा हो सकता है, यह बता दो महिला को, तो उसको यह बना रहे है कि मैं कोई इजददार काम कर रही हूं, उसकी भी थोड�
36:12बाहर के काम का ही महत्तो है, घर के काम को तो यह कचरे बराबर नहीं मानते, अले भाई साब मेरी बात नहीं है, आप बता दो, आप बाहर क्यों जॉब करते हो, घर के काम का इतना महत्तो है, तो घर में ही जॉब कर लो, और देख लो कि घर के काम के कितने पैसे मिलते हैं कही
36:42लेकिन महिलाओं को धोखे में रखा जाता है, उनसे बोला जाता है कि यही रसोई और बिस्तर, पालना और पोतड़ा, यही दुनिया में सबसे हुचा काम है, मैं आप से आग्रह करके कह रहा हूं कि आप थोड़ा खोश से मूल ल्यांकन करिए ना कि कौन सा काम हुचा है, कौ
37:12इसमें कहोगे कि बहुत गौरव की बात है, घार में सांस्कृतिक गुरू लोग आ जाते हैं, बोलते हैं, महिला जब तेल उबालती है, तो उसमें प्रेम भी उबलता है, महिला के हाथ का बना खाना उसमें प्राणा जादा होता है, प्राणा, अंग्रेजी हम बोलता है, प
37:42सब साजेशे हैं महिला को रसोई में कैद रखने की और फिर हो कुछ बोलेगी कि मुझे भी थोड़ा दुनिया देखने दो मुझे भी थोड़ा वेक्सित होने दो मुझे इंसान बनने दो तो पुरुष के तुरंट कान खड़े हो जाते हैं उलता है रे जाने मन
37:58तुम्हारे हाथों में जो रस है वो फिर खाने में कहां से आएगा अगर तुम बाहर का काम करने लगोगी तो अगदम ऐसी हो जाती है जिसमें जिम्मेदारी की बात कर रहा हूं उसमें यह भी शामिल है पुरुष की नदर से अपने आपको नहीं देखना थोड़ी थी तारी
38:28झाल झाल
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