Skip to playerSkip to main content
  • 1 hour ago

Category

📚
Learning
Transcript
00:00बले ही मैंने अच्छे स्कूल से पढ़ाई कर ली थी लेकिन उसने मुझे ऐसी एजूकेशन नहीं दी थी कि मैं अपने एमोशन्स को बैलन्स कर सको मैनेज कर सको
00:08दुख बेचैनी इतना उचट पटा हर इन सब की मूल समस्या क्या है कि जिन्दगी का मतलब ही दुख है आप पैदा ही होते हो दुख में बहुत छोटा सा समय मिला है जीने के लिए आपको जो अनुभव हो रहा है वो हर एक को अनुभव हो रहा है हाँ किसी को खुलकर अनु�
00:38कि बेचैनी है उसको चैनलाइज कर दो ना फाइटिंग द प्रॉब्लम आफ सौरो इन वाटेवर वे यू कैन एक एनरजी है जो ग्रीफ की तरह अपने आपको मेनिफेस्ट कर रही है उसको ग्रीफ की जगे स्ट्राइफ बना दो भीतर जो दुख है उसको संहर्ष बना दो
01:08बहुत खुश्मू अच्छा लगराया है और सौभागे शाली मैं सुस्कर रही हूं क्योंकि आपके साथ बाचीत करने का सपना बहुत समय से था और IIT Delhi Alagada Association को दनिवादेना चाहती है कि ये अफसर आज मिल पाया
01:27The WHO constitution states that health is a state of complete physical, mental and social well-being and not merely the absence of disease or infirmity.
01:41The Lancet report of 2019 states that the burden of mental disorders across the states of India, the Global Burden of Disease Study 1990-2017, stated that in 2017, about 197.3 million people had mental disorders in the country, including 45.7 million with depressive disorders and 44.9 million with anxiety disorders.
02:11Now, why am I sharing all this data is because with respect to IITs in particular and with the rise of student suicides over the last year, we at the IIT Dengue Alabama Association felt that this is a crucial issue to be addressed at this point of time.
02:28And my questions today would revolve around mental wellness, followed by Q&As from some of our media partners, which will then be followed by Q&As from the audience.
02:41So, this will be the flow of today's sessions.
02:44My first question is that when I came to Delhi and took my admission to a school, J.E. کی preparation for J.E. کی preparation, J.E. کی preparation, J.E. کی preparation, J.E. کی preparation, J.E. کی preparation, J.E. کی preparation, J.E. کی preparation.
03:24बढ़ गई थी तो कुछ डॉक्टर्स ने मुझे कुछ पिल्स दिये जिससे कि मैं कभी-कभी सो जाया करती थी और नींद उस समय बहुत बड़ा रिलीफ लगता था क्योंकि सारे थौट्स बंध हो गए आपके लेकिन प्रॉब्लम गई नहीं एक साइकेटरिस्ट के पास ले
03:54अकेले ना रहें इस तरह की रिकमेंडेशन लिखें मुझे नहीं बड़ा था कि करते कैसे हैं इसको बिकोज भले ही मैंने अच्छे स्कूल से पढ़ाई कर ली थी लेकिन उसने मुझे ऐसी एजूकेशन नहीं दी थी कि मैं अपने एमोशिंस को बैलेंस कर सकूँ, मैनेज क
04:24अपने जो भूमिका बताई थी उसमें आकड़े थे बहुत सारे
04:54और मैंने कोशिश की कि उनको ध्यान से सुनू तो वो जो आकड़े थे जो आपने उध्रित करें
05:02मांसिक स्वास्थे को ले करके वो आकड़े
05:08आई की आई है
05:12जो सुनते आ रहे हैं उनको पता है कि आवाज उठती है
05:24यह जितने भी आकड़े हैं यह हर बीठते दशक के साथ और खराब ही हुए हैं
05:36और इसको ले करके पाट साल दस साल में जितना हो सका मैंने पढ़ा भी है और बहुत मंचों पर इस पर बात भी हुई है
05:53तो दुतिय विश्युद्ध में एक सैनिक में जितना तनाव नापा जाता था
06:08एक स्टेडी कहती है कि आज का जो आम नौजवान है उसमें लगभग उतनी तनाव होता है और कई बार उससे ज्याता
06:20अब ऐसा क्यों हो रहा है
06:27क्या ऐसा होता जा रहा है पिछले लगभग सौ साल में कि जो आम इनसान है
06:35उसमें तनाव जिसको फिर आप एंग्जाइटी डिप्रेशन इन सब चीजों में बाढ़ सकते हैं
06:45और मानसिक स्वास्त है उनकी स्थती खराब ही होती जा रहा है यह ऐसा क्या होता जा रहा है
06:51देखिए हम कहते हैं mental health health of the mind
06:59mind तो एक aggregation है है ना हम जिन चीजों के बारे में सोचते हैं
07:13हम जिन objects को महत्तो देते हैं वो सब हमारे field में भीतर मौजूद रहते हैं
07:24और वो जो पूरा का पूरा field है उसको mind कहा जाता है ना
07:29वो जो field है उसके केंडर में center में हम होते हैं
07:35और इसी लिए जो अलग-अलग लोग होते हैं सब उनका mind stuff अलग-अलग होता है
07:47तो मेरे mind में क्या है वो मुझ पर निर्भर करता है यह ऐसी सी बात है जैसे
07:55यह मैं हूँ और यह mind है
07:59mind में कोई ऐसे ही नहीं मौजूद होता
08:04mind में जो कुछ होता है वो object है मैं subject हूँ
08:08mind में कोई भी object यूँ ही नहीं मौजूद होता
08:12मेरा उससे कुछ रिष्टा होता है
08:15मैंने उसे बुलाया होता है
08:17मैंने उसे कुरसी पर जगह दी होती है
08:20यह सब mind है यह mind है
08:23और mind में न तो common objects होते हैं न infinite objects होते हैं
08:32आपके मन में अलग objects हैं मेरे मन में अलग objects हैं
08:37यहां कोई हैं बैठे होंगे उनके मन में अलग objects हैं
08:39वो इस पे निर्भर करता है कि मैं किसको बुला रहा हूं और किस नियत से बुला रहा हूं
08:45ठीक है न, वो सब चीजे मन में आ जाती है
08:48अब ये तो सब अबजेक्ट्स हैं, इनकी क्या हेल्थ होगी
08:52हेल्थ तो सबजेक्ट की होती है
08:55जिसको में में इन्टल हेल्थ कहते है
08:59वास्तो में वो है हेल्थ आफ दा इगो, हेल्थ आफ दा सेल्फ
09:04ठीक है
09:06मेरे घर में क्या-क्या रखा हुआ है
09:09उन चीजों की हेल्थ नहीं हो सकती
09:12जो घर का मालिक है
09:14जो घर के केंद्र में है
09:16जो उन सब चीजों को अपने घर ले करके आया है
09:19हेल्थ उसकी हो सकती है
09:21तो हेल्थ आफ तब सेल्फ
09:24उसकी हेल्थ क्यों खराब होती है
09:27वो पैदा ही बीमार होता है
09:30जो सेल्फ है ना जो हम है
09:33जिसको इगो अहम बोलते है
09:35जो अपने आसपास चीज़ें इकठा करता है
09:38जिसको माइंड बोलते है
09:39वो पैदा ही बीमार होता है
09:42वो पैदा ही होता है इस भाव के साथ
09:47कि मुझे में कुछ खोट है
09:49मुझे में कुछ कमी है
09:50यह जो हमारा पूरा और्गेनिज्म है
09:53यह उसी कमी को पूरा करने के लिए
09:57लगातार सेंसिस के माध्यम से
10:00बाहर को देखता रहता है
10:01बाहर से मैं यह ले लूँ
10:05अपने मैं ऐसा जोड लूँ
10:06भीतर की अपनी इस कुरसी पर
10:08इसको बिठा लूँ
10:09तो उसके जरीए मुझे किसी तरह
10:13कि कम्प्लीटनेस मिल जाएगी
10:15पूर्णता मिल जाएगी
10:17यह यह नियत होती है
10:23यह लालच होता है
10:24जिसके कारण हम मन में
10:27चीजों को, लोगों को, वस्तुओं को, विचारों को
10:30आपजेक्ट्स को, आपजेक्ट्स ही सब मिला के आपजेक्ट्स है
10:33हम जगह देते हैं
10:35ठीक है?
10:36तो
10:37मैं हूँ
10:40और मैं पैदा ही कैसा हुआ हूँ?
10:44अपूर्ण
10:45क्या अनुभो करता हुआ?
10:48कि मुझे में कुछ कमी है
10:49जो पैदा होता है ना
10:52उसका नाम ही होता है अपूर्ण
10:53अपूर्ण
10:58अब वो पैदा होती है
10:59और वो जिन्दगी भर
11:00अपने आप में चीजें जोड़ती रहती है
11:04किस उद्देश से
11:05किस नियत से
11:06कि वो किसी तरीके से
11:09कम्प्लीट अनुभो करे
11:11तो आखें बाहर को जब भी देखती है
11:14तो इसी उद्देश से देखती है
11:15कि बाहर कुछ ऐसा मिल जाएगा
11:17जिसको ला करके
11:19अपनी जिन्दगी में
11:20अपने मन में शामिल कर लेंगे
11:22तो हम
11:23पूरा अनुभो करेंगे
11:26कान भी कुछ ऐसा सुनना चाहते है
11:29जो भीतर की अपूर्णता
11:31डर तनाव आदि को
11:33कम कर दे
11:34हम कुछ ऐसा खा लेना चाहते है
11:38जिसको खा करके त्रिप्तिक आनुभो हो
11:40तो ये भी एक इंद्री है
11:41ये है ये है
11:42हम कुछ ऐसा छू लेना चाहते है
11:44ये अलग-अलग तरीके होते हैं
11:48अपने फील्ड में आबजेक्ट्स को लाने के
11:50थू फिजिकल असोसियेशन
11:53थू मेंटल असोसियेशन
11:55किसी भी तरीके से
11:57कुछ ऐसा ले करके आओ कि हम
11:59त्रिप्त अनुभो करें
12:00अब जिन्दगी में
12:04कुछ ले करके आने की
12:05हमारी काबिलियत
12:06पिछले सौ सालों में
12:08बहुत बढ़ गई है
12:09ड्यू टू मास इंडस्ट्रियल प्रोड़क्शन
12:12जितना इनसान
12:15पहले कभी भी अपनी जिन्दगी में
12:16नहीं ला सकता था
12:17आज ला सकता है
12:18यहां तक कि
12:21प्रोड़क्शन इतना ज्यादा है
12:23कि हमारी जो भोगने की ख्षमता है
12:26the capacity to consume
12:27वो उसके सामने बहुत छोटी पड़ गई है
12:30आप बाजारों की और जाएं
12:34तो the markets are flooded with goods
12:36bottle lack अब यह नहीं होता है
12:38कि production capacity नहीं है
12:41bottle lack अब यह होता है
12:42कि markets नहीं है, buyers नहीं है
12:45कोई खरीद ले बस
12:46जो produce करना चाहता है
12:53इसी तरीके से
12:54खरीदने वाले के पास
12:56खरीदने की ख्षमता बढ़ गई है
12:57खरीदने वाले
13:02तक अब
13:04सूचना
13:05का एक wish for है जो पहुँच गया है
13:07कि तुम यह भी consume कर सकते हो
13:09वो भी consume कर सकते हो
13:11और जो कुछ consume किया जाता है
13:12सब पैसे से नहीं किया जाता
13:13कि आप बाजार में जाके पैसा दो
13:16इवन
13:18knowledge is consumed
13:21तो अब consumption के इतनी
13:24सारी चीज़ें मौजूद है
13:26अब मैं बैठा हूँ
13:28ये
13:30नियत ले करके कि इसमें से
13:32जिन्दगी में ये ले आऊँ वे ले आऊँ
13:34तो मेरी जिन्दगी पूरी हो जाए
13:35जितना आज ला सकता हूँ
13:38उतना पहले कभी नहीं ला सकता था
13:39तो मैं जो भी अधिक्तम हो सकता है
13:42maximum वो मैं जिन्दगी में ले करके
13:44आता हूँ
13:45supply side से availability है
13:47और मेरी side से capacity है
13:50purchase करने की और consume करने की
13:52और वो लेके
13:54आने के बाद मुझे पता चलता है
13:56कि कुछ इससे हासिल हुआ नहीं
13:59depression
14:02is the flip side
14:04of hope
14:05पहले
14:08जो उमीदे थी वो अधूरी रह जाती थी
14:11आज उमीदे
14:13पूरी हो जाती है
14:14लेकिन उन उमीदों के पूरे होने से
14:17हम पूरे नहीं होते
14:18ये बनता है
14:20depression या अवसाद
14:22200-300 साल पहले
14:25आप जीवन भर उमीद में जी सकते थे
14:27उमीद मतलब वो चीज़ जो भी पूरी नहीं हुई
14:29आज आपकी
14:31बहुत कम उमीदे हैं जो पूरी नहीं होंगी
14:33और इसी लिए
14:36depression उन लोगों में
14:37ज्यादा पाया जाता है
14:38जो better off है
14:41जो well off है
14:42the incidence of depression
14:45is greater
14:47in the developed world
14:49and
14:51among the elite in the developing world
14:54क्योंकि जिसके पास
14:57अभी ये उमीद बाकी है कि
14:59दुनिया से कुछ ले करके
15:00जिन्दगी भर लूँगा
15:01वो उमीद के सारे जीए जाता है
15:04लेकिन जिन्हों ने
15:07जो पाना था
15:09वो पालिया और पाने के बाद
15:11भी कुछ मिला नहीं
15:12वो फिर चर्मरा कर तूटते हैं
15:14अगदम गिर जाते हैं
15:16बाच समझ रहें
15:18तो जब तक आप किसी चीज़ की
15:21अब मैं स्टूडेंट लाइफ पर रहा हूं तो
15:23आप किसी एंट्रेंस एक्जाम की तैरी कर रहे हो
15:25तब तक ये तो है ही ना
15:27कि अगर सेलेक्ट हो गया
15:28तो न जाने क्या मिल जाएगा
15:30और सेलेक्शन के बाद
15:32पता चलता है कि वैसा तो कुछ मिला नहीं
15:34अब किसके सहारे जी होगे
15:36अब क्या करोगे
15:38उमीद भी नहीं बची
15:39प्लेस्मेंट पर आओ तो
15:43जिनका प्लेस्मेंट हुआ नहीं
15:45वो सोचते हैं जब होगा तो कुछ मिल जाएगा
15:47पर आईटी जैसी जगह पर
15:49आज नहीं तो कल
15:51कैंपस के अंदर नहीं तो कैंपस के बाहर
15:53प्लेस्मेंट तो होई जाता है
15:54और प्लेस्मेंट होने के बाद भी पता चलता है
15:57कुछ मिला नहीं अब क्या करोगे फिर आप जो भी अपनी केरियर लेडर
16:03चाहते थे आप अपना एक कॉर्पोरेट एसेंशन देख रहे थे वो सब
16:09भी हो जाता है दस बीस साल पता चलता है इससे भी कुछ मिला
16:12नहीं तो ये सब चीजें हैं जो आपको भीतर से बिलकुल
16:18खोखला कर देती हैं और एक ही चीज थी पहले जो किसी
16:31तरीके से इनसान को ये याद दिलाती रहती थी कि अपने
16:39आप में कुछ जोड करके तुम पूरा पन
16:45नहीं पाऊगे वो थी wisdom literature
16:50wisdom literature से हम धीरे-धीरे करके दूर हुए हैं और हमें
16:57दूर किया गया है और वो जो हमें दूर किया गया है उसका भी
17:02कारण industrial production में ही है देखिए अगर आप
17:07के पास production की unlimited capacity आ गई है
17:11तो फिर आपको उसी के हिसाब से
17:15buyer भी चाहिए जो unlimited appetite रखे
17:19purchase की और consumption की
17:21आप सिर्फ माल पैदा कर रहे हैं
17:24तो इससे बात नहीं बनेगी
17:26आपको ग्रहक भी तो पैदा करना पड़ेगा ना
17:29नहीं तो माल पैदा कर दिया
17:31ग्रहक नहीं पैदा किया तो आपको तो नुकसान हो जाएगा
17:34अब कोई पागलों की तरह है
17:37मुर्खों की तरह है अंधा हो करके लगातार
17:39purchase करता रहे
17:41consumption करता रहे
17:43इसके लिए उसके दिमाग को
17:45बार बार bombard करना बहुत ज़रूरी है
17:48purchase and consume
17:51and in that lies the fulfillment of life
17:54वो bombardment सिर्फ ये बोलता नहीं है कि purchase करो
18:01consume करो वो आपको एक पूरी philosophy देता है
18:04ऐसी philosophy जिसमें wisdom के लिए कोई जगा नहीं है
18:07जो producer है
18:11वो ये नहीं चाहता कि आप wise रहो
18:13वो ये चाहता है कि आप hungry और thirsty रहो
18:18तो आप जिसको सिर्फ विज्यापन समझते हो
18:23या propaganda समझते हो
18:25वो propaganda ही नहीं होता
18:27वो एक philosophy होता है
18:28हम मेंसे बहुत कम लोगों को पता होगा
18:31कि हम सब को philosophers बना दिया गया है
18:34बस एक घटिया philosophy देखे
18:39वो philosophy क्या बोलती है
18:41वो philosophy बोलती है कि
18:44you are born to consume
18:48and consumption will give you happiness
18:50and happiness is the goal of life
18:52किसी ने philosophy की कोई किताब ना पढ़ी हो
18:56किसी ने philosophy 101 भी ना करा हो
18:59तो भी वो philosopher है
19:00अलग-अलग माध्यमों से
19:04subtly, silently, surreptitiously
19:07हम सब के भीतर फिलोसफी डाल दी गई है
19:10that we are born to consume
19:11and consumption begets happiness
19:14and happiness is the goal of life
19:16simple
19:17बहुत सीधी philosophy है
19:20इस philosophy में
19:22wisdom की कोई जगा है क्या
19:23यहाँ wisdom की तो कोई जगा नहीं है
19:26और wisdom ही वो
19:28चीज थी जो आपको बताती थी
19:30कि इधर उधर दोड़ दोड़
19:32के और mind में
19:34चीजें stuff कर करके
19:35तुम्हें शानती और आनंद नहीं मिलने वाला है
19:40तो wisdom किसी तरीके से
19:44जिसको हम mental health रखते हैं
19:45उसको बचा के रखती थी
19:47हम उस wisdom से बहुत दूर हो गए हैं
19:49आज आप किताबों की दुकायां पर जाएं अगर
19:52तो wisdom literature के नाम पर भी self help मिल रहा है
19:56wisdom literature के नाम पर भी ऐसी चीजें मिल रही हैं
20:01कि how to make more money
20:02how to make it bigger in life
20:07power of positive thinking
20:09power of positive thinking
20:10यह सब मिल रहा है
20:11यह सब कुल मिला करके
20:14आपको बस और ज्यादा consumption की तरफ धकेल रहे हैं
20:19consumption में अपने आप में कोई बुराई हो ना हो
20:23एक धोखा जरूर है
20:25consumption आप से बोलता है कि
20:27consumption will get you liberation
20:29it does not
20:31तो consumption
20:33अच्छा या बुरा की बात बात में है
20:35बात यह है कि जिस उमीद के साथ
20:38हम consume करते हैं वो उमीद कभी पूरी नहीं हो सकती
20:40अब उमीद तूटती रहेगी तूटती रहेगी तूटती रहेगी तो आदनी पगला तो जाएगा ना
20:47और वो आप किसी को बता नहीं सकते
20:51क्योंकि वो जो process है
20:53वो बहुत धीरे धीरे होता है
20:54सुक्षमिता से भीतर चलता रहता है
20:56ये कर लिया वो कर लिया
20:58ये कर लिया वो कर लिया और उसके बाद भी कुछ हो रहा नहीं है
21:01बलकि जितना करते जा रहे है
21:03उतना और
21:05ज्यादा करने के लिए
21:06अब मजबूर किया जा रहा है
21:08अच्छा इतना ही काफी नहीं है
21:11कि J में selection हुआ है
21:13rank ठीक करो
21:15तो अब कई लोग होते है
21:17उनका selection हो जाता हूँ
21:18दॉबारा term देते है rank बहतर करने को
21:19अच्छा ठीक है
21:20इतना ही काफी नहीं है कि rank बहतर आ गई
21:23डिपार्टमेंटल रैंक भी अच्छी होनी चाहिए
21:24तो फिर वो डिपार्टमेंटल रैंक की लड़ाई लड़ेगा
21:27अच्छा डियार आ गई तो क्या हो गया
21:30जॉब का है
21:30अच्छा अब जॉब भी लग गई तो
21:34जॉब के बाद करियर प्रोग्रेशन
21:35आप कुछ भी करते जाओ
21:37आपको बस यह बोला जाता है
21:40कि अभी और भी कुछ करना है
21:41आप कहते हो लेकिन जो पहले करा
21:43उससे जो मिलना था उसका क्या हुआ
21:46तो सामने वाला मुस्कुरा देता है
21:48कहता है वो चीज तो अब संक कॉस्ट हो गई
21:50अब यह मत पूछो कि पहले जो मेहनत करी
21:54उसके एवज में क्या मिला
21:56तुम यह समझ लो कि पहले जो करा है
21:59वो भी डूप जाएगा अगर आगे उससे दूना नहीं करा
22:02तो आपने जैसे एक डूपता हुआ स्टॉक होता है
22:06आपने पैसा लगाया हो गिर गया
22:09आप जब रोने लगते हो अपने ब्रोकर को फोन करते हो
22:13कहते हो कि मैंने पैसा लगाया था डूप गया
22:15तो ब्रोकर कहता है रोई है नहीं और लगाई है
22:17क्योंकि इससे जो आपका एवरेज परचेस प्राइस है
22:21वो लो हो जाएगा
22:22आप केते हो बात तो इसने सही बोली
22:24पहले जितना लगाया था
22:26मैं उससे डबल लगा देता हूँ
22:28100 में खरीदा था
22:30गिर के 50 हो गया
22:32100 में एक शेर खरीदा था
22:3450 में अगर 2 शेर खरीद लू
22:37तो मेरा जो
22:38average purchase price है उस 60%
22:40रुपए हो जाएगा, मज़ा आ गया
22:42अब जब बढ़ेगा 100 दो बारा होगा
22:44तो मेरा मुनाफ़ा होगा, वो 25 रुपए हो जाता है
22:46आप और दहाडे मारते हो
22:48ब्रोकर बोलता है, रो नहीं, और महनत करो
22:50तुम अब 10 शेर खरीद लो
22:53आप फिर 10 शेर खरीदते हो
22:56और 10 शेर खरीदने के लिए
22:58आपको जहाँ गढ़े की तरह महनत करनी है
23:00वहाँ करी रहे हो, क्योंकि पैसा
23:02मुफ्ट में तो आ नहीं जाता है
23:03और इस तरह से
23:06करके वो डूपता जा रहा है
23:08डूपता जा रहा है, और हमें यह हिम्मत नहीं हो
23:10पा रही है, कि हम उससे एक्जिट ले ले
23:12बल्कि वो जितना डूपता है
23:15हम उसमें उतना धसते हैं साथ में
23:17जब वो 100 रुपे का था, तब हमारे पास
23:19उसका एक ही शेर था
23:20अब वो 5 रुपे का हो गया है, तो हमारे पास
23:23उसके 500 शेर है
23:24वी आल स्टैंड डीपली
23:27इन्वेस्टेड इन फॉलिंग स्टॉक
23:29कॉल लाइफ
23:30एंड डाट इस डिप्रेशन
23:33एक्नॉमिक्स में भी इसको इप्रेशन बोलते है
23:36तो वही हो रहा है हमारे साथ
23:38हम जिसको डिप्रेशन कहते हैं
23:42वो जिन्दगी की एक
23:43फ्लॉड फिलोसफी का
23:45सीधा नतीजा है
23:46और जिसके पास भी जीने के लिए
23:48एक सही फिलोसफी नहीं होगी
23:50जिसको हम आईटी में फंडा बोलते हैं
23:54कि लाइफ के फंडे ठीक नहीं होंगे
23:56तो उसका नतीजा यह निकलेगा ही निकलेगा
23:58और वो जो फंडमेंटल्स हैं
24:01वो �는, न तो हमारी शिक्षा पढ़ाती है
24:03नगघर पढ़ाता है
24:04न वो हमारी परवरिश में है
24:07न हमारी मीडिया में है
24:09न एज्यूकेशन में है
24:09तो कहां से मिलेंगे हमको
24:11फंडमेंटल्स हम किस से अब्सब कर लेते हैं
24:14अपने आसपास वालों से
24:15सब कुछ हमें बताया जाता है
24:18हम कौन है और जिन्दगी क्या है
24:20और इंसान जिये तो जिये किसके लिए
24:22ये कभी
24:23चर्चा में ही नहीं आता
24:25तो फुर ये सब होता है
24:26बहुत
24:29खुबतूरा तरीके से आपने इस चीज़ को समझाया
24:32and I so much relate to it
24:34की lack महसूस कराया जाता
24:36for example a beauty
24:37तो अगर आपका dark है
24:39और आपका तो आपको
24:41so I used to face such complex issues also
24:43in my school time
24:45unless I made peace with this fact
24:47की this is good, this is beautiful
24:49तो depression की आपने बात करी
24:52और वो धीरे धीरे बढ़ता रहता है
24:54subconsciously
24:55और कही ना कही जब
24:58एक व्यक्ति एक यूथ को
24:59की आप कुछ नहीं बचा जीवन में
25:04तो सुसाइस जैसी भी हो जाती
25:06according to
25:08a data presented
25:11in March 2023
25:14by the Ministry of Education
25:15they said at least
25:1733 students have died by suicide
25:20across the IITs
25:22since 2018
25:23and
25:25at this point of time
25:26I would like you to
25:28kind of go through the
25:29down memory lane
25:30क्योंकि आप भी EC Institute से भाहे
25:32ये सिनारियो जो पिछले
25:35कुछ सालों में बढ़ा है
25:36तब और अब में
25:39क्या अंतर है
25:40क्या इस तरह के mental health challenges
25:42आपके भी
25:43आसपार के लोग
25:45असूस करते थे
25:47and then
25:47following up with this
25:49if you can
25:50share कि सुसाइड लगता है
25:52लोगो को कि
25:58अगर अब आकके
26:00पास कोई परसन आता है
26:02सुसाइड की ब्रिंक पर होता है
26:04तो आप उनको क्या एड़्वाइस करेंगे
26:05so I think I've asked
26:06couple of questions in the same go
26:08बट
26:08ने मैं आपने पूछा तो मैं याद करने लगा
26:12अब ये तो बात यह हो सकती है
26:15कि मेरे सर्किल में ऐसे लोग नहीं थे
26:17पर मुझे
26:17याद नहीं आता कि मेरे बैच में
26:21सुसाइड हो गयरा
26:23कि किसी की टेंडेंसी
26:25सामने आई हो
26:26और जिन चार सालों में मैं यहाँ था
26:30मुझे ये भी याद नहीं आता
26:31कि मेरे बैच में
26:33या junior या senior batches में से
26:35किसी ने कोई suicide करी हो
26:37उसका एक कारण तो ये था कि
26:39उतने बड़े
26:41हमारे अर्मान जगाए नहीं गए थे
26:43इंटरनेट
26:45हमारे बस जाते जाते
26:47आया था
26:48campus में पहली बार 96-97 में
26:51आया था इंटरनेट
26:52हम ये भी बस
26:55आखिरी के दो सालों में ही मिला था और उसका
26:57इस्तेमाल बस ऐसे हलके फुलके कामों के लिए
26:59होता था होट मेल या हूँ यही सब
27:01इतना
27:05ज्यादा दबाव था नहीं अपने उपर
27:07कि
27:08कुछ करके ही दिखा देना है
27:11या
27:12तुरंट कुछ नहीं किया
27:15तो गाड़ी छूट जाएगी
27:16जिंदगी बरबाद हो जाएगी
27:18उतना
27:20दबाव अनुभा हो नहीं रहा था
27:22तो वो वाले खयाल
27:25मैंने मुझे मेरे याद नहीं आता कि
27:26किसी को ऐसे थे
27:28आपने खाए कि
27:29कोई मुझे मिले ऐसा
27:32जो
27:34आत्मत्या का विचार कर रहा हो
27:37contemplating suicide
27:38मैं इसको ओँगा यार देख
27:41मरेगा तो तू भी मरूँगा मैं भी
27:43अच्छी बात है कि
27:46मौत को तू
27:48इतना सामने देख पा रहा है
27:50और
27:51मौत से भाग नहीं रहा है
27:53ज़्यादातर लोग तो मौत से ही भागते रहते है
27:56एक तरीके से अच्छी बात है
27:58पर जब
28:00मरना है ही तुझको और मुझको
28:02हम सब को
28:03तो क्यों न थोड़ा धूम मचा के मरें
28:06जब जाई ही रहे है
28:16तो खेल के जाते हैं
28:19थोड़ी स्लॉगिंग ही कर लेते हैं जाते जाते
28:22छक्ये चौके मारते हैं
28:26और वस्तों में ये वो बात है
28:28जो मैं सच्मुच
28:30अपनी जिंदगी में भी
28:33मान कर चलता हूँ
28:35कौन है यहां जो मरने नहीं वाला
28:38तो
28:41हम स्यूसाइड न भी करें
28:45तो भी कोई आएगा एक दिन हमें जबरदस्ती घसीट के ले जाएगा
28:50कोई ऐसा थोड़ी है कि अपने हाथ की बात है कि अगर स्यूसाइड का बटन दबाओगे तो ही मरोगे
28:56तुम नहीं भी वो बटन दबाओ
28:59तो कोई और आएगा बिना बताए ले जाएगा
29:02जाएगा ऐसे भी किस से हमें पढ़ने को आते हैं कि एक आदमी सोच ही रहा था सुसाइड करूं सुसाइड करूं
29:12और फिर उसने एक दिन तै करा कि इस दिन सुसाइड करूंगा उससे पहले उसका एक्सिडेंट हो गया हो मर गया
29:18तो मौत कोई ऐसी चीज नहीं है कि वो हमें अरेंज करनी पड़ेगी या हमारी इच्छा पर या हमारे बुलाने पर आश्रित है
29:33मौत तो आ ही रही है पर उस समय उनको लगता है कि दर्द से मुक्ती मिल जाए
29:38तो जब मौत आ ही रही है तो जिस वजह से तुम परेशान हो सीधे उस वजह की मूल पर जाकर हमला क्यों नहीं बोल देते
29:53क्योंकि जिस चीज को लेके तुम परिशान हो
29:55उसके सिर्फ तुम ही नहीं परिशान हो
29:58उस पता नहीं कितने घरों में कितने लोगों को उसने दुखी कर रखा है
30:01जाते जाते उसको ठीक ही क्यों नहीं करके चले जाते
30:08और नहीं करो कि सुसाइट तो भी जीने के लिए कितने साल है तुम्हारे पास
30:13मान लो तुम 20 के हो 30 के हो तो तुम्हारे पास 30-40 साल और होंगे अधिक्तम
30:1730-40 साल तो कुछ भी नहीं होते
30:20तो यही मान लो कि मैंने सुसाइट अपनी तै कर ली है 40 साल बात की
30:24I have decided to commit suicide 40 years hence
30:29तो अभी जा रहा हूँ मैं अपनी मर्जी से जा रहा हूँ 40 साल बात जा रहा हूँ
30:34यह 40 साल है इन 40 सालों में मैं उस समस्या को बिलकुल ठोक बजा दूँगा
30:42जिसने मुझे मजबूर करा suicide करने के लिए
30:44देखिए भारत के सारे दर्शन एक समस्या से शुरू होते हैं जिसका नाम है दुख
30:59हम जब आत्मत्या की बात करते हैं तो उसके मूल में भी दुख होता है ना
31:04दुख बेचैनी तना और छट पटाहट अवसाद वही हमें विवश करती है कि अपनी जान ले ले
31:09भारत के एक एक दर्शन के मूल में दुख है मात्म बुद्ध का पहला आरे सत्य था सरवम दुखम
31:18आप सांख्य दर्शन में जाएं विदान्त में जाएं योग में जाएं इन सब की मूल समस्या क्या है दुख
31:28विदान्त कहता है तापत रहे है आप जब शांति पाठ करते हो तो आपने देखा उसमेंत में बोलते हो ओम शांते शांते शांते शांते
31:38ये तीन बार जो शांती बोला जाता है ये तीन प्रकार के दुखों के शमन के लिए बोला जाता है
31:44तो जिसने भी जरा भी होश रखा है उसको ये सधारण सी बात तो पता रही है कि जिन्दगी का मतलब ही दुख है
31:54तो बिटा अगर आपकी जिन्दगी में दुख है तो ये कौन सी बड़ी अदभुत बात हो गई
32:01जिस दिन तुम पैदा हुए थे उसी दिन तै हो गया था कि you are born in bondages
32:06आप पैदा ही होते हो दुख में ठीक है दुख में पैदा हुए हो और ये भी पक्का है कि
32:16बहुत छोटा सा समय मिला है जीने के लिए
32:19अगर आप evolutionary time scale लो तो इंसान की 60 या 80 बरस की जिन्दगी क्या होती है
32:27हाँ जैसे ऐसे पलक जपकना blinking ठीक आप evolution को अगर प्रत्वी को बने कितने साल हो गए
32:37आप बात करोगे अरे so many billion years back solar system कितना पुराना है आप कहोगे इतना universe कितना पुराना है आप कहोगे estimated इतना
32:44उसमें इंसान की जिन्दगी कुल कितनी होती है इतनी सी
32:48इतनी सी जिन्दगी है तो ऐसा नहीं कि आप बहुत सारा दुख जेल लोगे
32:52कुल इतनी सी तो जिन्दगी है उसके बाद मरी जाना है और पैदा हो रहे हो और पा रहे हो कि एक central problem है
33:01जो पूरी humanity को बिलकुल भेदे हुए जिसका नाम है the problem of sorrow, suffering, दुख
33:08तो क्यों ना जिन्दगी अपने व्यक्तिगत दुख से हट करके जो problem ही है sorrow की उससे लड़ने में उसका समाधान करने में बिता दे बात समझ रहे हैं
33:26एक चीज होती है my personal sorrow और एक चीज होती है sorrow itself
33:30the universal problem of sorrow तो क्यों ना उससे भिड़ जाएं ये एक तरह की suicide bombing हो गई
33:38कि मुझे तो जान नहीं है पर जानने से पहले उसको ले करके जाऊंगा जिसने मुझे जाने के लिए मजबूर करा
33:45ठीक तो मुझे तकलीफ है सबको तकलीफ है कौन है जिसको तकलीफ नहीं है
33:52इंसान जो कुछ भी करता है उसका engine ही sorrow होता है
33:56हम जितनी भी activity दिखा रहे हैं हम जो कुछ भी करना चाहते हैं कहीं पहुचना चाहते हैं कुछ पाना चाहते हैं उसके केंदर में हमारी बिचैनी बैठी हुई है
34:05तो उससे फिर लड़के ही जाएं आज जाना है दो दिन बाद चले जाएंगे लेकिन जरा लड़के जाएं और वो तब होगा जब आप अपने से आगे का कोई लक्ष बनाओगे
34:21अगर यही लगेगा कि मेरी ही तकलीफ बहुत बुरी है तो फिर आत्मत्या जैसा काम हो जाएगा लेकिन आत्मत्या जैसे काम में आपने अधिक से अधिक क्या किया
34:31अपने देखे आपने अपनी तकलीफ का कुछ उपचार कर लिया
34:35वो भी हुआ कि नहीं हुआ एक अलग मुद्दा है
34:37पर आप चले भी गए तो भी जो
34:40general problem of sorrow है
34:42वो तो अपनी जगह रह गई न
34:43आपको जो sorrow experience हो रही थी
34:46वो general problem का एक instance थी
34:48आपको जो अनुभा हो रहा है वो हर एक को अनुभा हो रहा है
34:52हाँ किसी को खुलकर अनुभा हो रहा है
34:53किसी को भी उतना खुलकर नहीं पता चल रहा
34:56तो जो हमारा साजहा दुश्मन है
35:01क्यों न ज़रा डटके उससे जूजके ही मरे
35:05मरना जब है ही
35:08तो क्यों न पूरा खेल के मरें
35:11और उसमें हम ये उम्मीद नहीं कर रहे हैं
35:15कि जीत ही जाएंगे
35:16जीते न जीते
35:19ये जो दुश्मन है जिसने सबकी जिन्दगी नरक कर रखी है
35:23इससे जूजना तो जरूरी है
35:26तो जूज के जाएंगे
35:28मैं उसको यही बोलूँगा
35:29कि भाई तू भी जाएगा मैं भी जाओंगा
35:31और कोई भरोसा नहीं आज तू जाने की बात कर रहा है
35:33मैं अभी नहीं जाने की बात कर रहा हूँ
35:35लेकिन हो सकता है तुझ से पहले मैं चला जाओ
35:37लेकिन जब भी जाओंगा
35:40इतना पता होगा जाने से पहले
35:42पूरी जान लगाकर
35:45जूज कर गया हूँ
35:45ये कर लो उसके बाद चले जाना
35:47बलकि जूशते जूशते चले जाओ
35:49जितनी तुम्हें अभी बेचैनी है
35:52उसको चैनलाइज कर दो ना
35:54फाइटिंग दे प्रॉब्लम अफ सौरो
35:56इन वाटेवर वे यू कैन
35:57उम्हारे ही भीतर एक छटपाटा हाथ है
36:01एक दुख है जो तुम्हें कह रहा है कि
36:03फंदा डाल करके जूज जाओ
36:05जूज जाओ उस पे
36:06जूज जाने की जगए जूज ही जाओ
36:09बाकि फंदा तो कभी ते कभी पढ़ नहीं है
36:12एक एनर्जी है
36:15जो ग्रीफ की तरह अपने आपको मैनिफेस्ट कर रही है
36:18उसको ग्रीफ की जगए स्ट्राइफ बना दो
36:23भीतर जो दुख है उसको संधर्श बना दो
36:27क्या समस्या है
36:34लेकिन
36:35अच्छा चल जाता है
36:36लंबा खरन जाता है
36:37जब सिर्फ अपने लिए नहीं किया जाता है
36:39so if you
36:41if you are in sorrow
36:43let's fight to
36:45remove the sorrow of others
36:49बेलकुम
37:07बेलकुम
Be the first to comment
Add your comment

Recommended