00:00जिठानी ले आई गाहँ वाली दिवरानी चलाकी ऐसी चीज है जो करनी सभी को भारी ही पड़ती है लेकिन कुई समझे तब ना
00:10आज कल लड़किया ढूंड़ना कितना मुश्किल हो गया है बड़ी मुश्किल से तो पड़ी लिखी नौकरी पेशा बहु मिली है सोनब बस उसके जैसी ही एक और मिल जाती छोटे विजय के लिए
00:25रीटा बहन की सोच थी कि बहु को बेटियों की तरह रखना उन्हें अपने छोटे बेटे के लिए भी पड़ी लिखी कमाओ बीवी जही थी लेकिन
00:34क्यों बाबी ऐसा क्या हो गया है बेटे आपके सुन्दर घर आपका बड़ा और सोच भी आपकी सास वाली भी नहीं है तो क्यों नहीं मिलेगी बहु और सोनम बहु को देखो कैसे राज कर रही है पूरे घर में
00:50मैं अपने विज़े के लिए भी सोनम जैसी नौकरी करने वाली बहु डोन रही थी लेकिन मुझे कोई मिल ही नहीं रही
00:57काम करने वाले पहू, लेकिन भाबी ऐसा क्यों?
01:03क्योंकि आजकल के लड़कों को ऐसी ही लड़कियां ज्यादा पसंद होती है
01:06जो उनके कदम से कदम मिलाखर चले, अपने पति की बराबरी करे
01:11कल को एक की नौकरी ना रहे तो दूसरा सहारा मने
01:15जिठानी जो मन में सोचती है कि भई छोटी भी नौकरी पेशा आ गए
01:20तो घर का काम कौन करेगा?
01:22उसे देवरानी नहीं, बस एक नौकरानी की तलाश थी
01:25अरे कैसी बाद कर रही है मा?
01:28मैं तो नौकरी पेशा होकर पच्टाती हूँ
01:30वो भी आ जाएगी तो कैसी घर का काम का जोगा?
01:33अरे मेरे लिए तो ऐसी बहु भी चलेगी
01:35लेकिन क्या मेरे विज़य को ऐसी बीवी चलेगी?
01:39मेरा क्या है आज हो कल नहीं?
01:41अरे भाबी क्यों नहीं?
01:43बहु सही तो बोल रही है
01:45और वैसी भी लड़कों को ऐसी ही लड़की ज्यादा अच्छी लगती है
01:48जो घर परिवार देखती है
01:49बागी विज़य तुम्हारा राजी रहे
01:52पैसे की कमी थोड़ी ना है
01:54जो बहु कम्मू देखना पड़े
01:55लगी जिठानी की चाल तो काम्याब हो गई
02:00वो समझ जाती है कि अब तो उसका ही राज चलेगा
02:03क्योंकि जैसा वो चाह रही है ऐसा ही हो रहा है
02:06लगने ऐसी लड़की भी कौन सी आसानी से मिल जाती है
02:10आजकल तो लड़कियों को भी माबाब लड़कों की तरफ बढ़ाते है
02:14शादी के वक्त ही पूछ लेते हैं
02:16कि भई हमारी लड़की की नौकरी तो नहीं छुड़वाओगे न
02:20क्यों बहु बोल गई तेरे पापा ने क्या कहा था
02:23माजी उसकी चिंदा मत कीजिए
02:26देवरजी के लिए एक सुन्दर और घरेलू बेवी डूड़ने के जिम्मेदारी मेरी
02:30कुछ दिनों बाद
02:32हाँ माजी वो तो पापा थोड़ी ज्यादा ही सोचते हैं
02:37मैं तो कौन पिता नहीं चाता कि बेटी से सुराल में काम करे
02:41सास की सिवा करे
02:42बैसे माजी मुझे अपनी देवरजी के लिए एक सुन्दर सी देवरानी मिल गई है
02:46अच्छा मुझे भी देखा हूँ मैं भी देखना चाती हूँ
02:50कि क्या देखा है तुने अपनी देवरानी में
02:53बैसे बात तो सही है घर में भी तो कोई रहना चाहिए
02:56घर दिन में ना काटने को दोड़ता है
02:59जानती हो माजी
03:01देखे ये है रूपाली
03:03एक छोटे से गाउं से है
03:05बहुती सुन्दर, सुशिल है
03:07एकदम घरेलू टाइप
03:08अरे मैंने तो सुना है के पूरा महला
03:11उस लड़की की गुणों की तारीफ करते नहीं थकता
03:13अरे शादी हो गई ना देवर जी की
03:16तो राज करेंगी इसकी साथ
03:18हाँ
03:19जिठानी सास को फोटो पकड़ा दीती है
03:21फोटो देखकर
03:23हाँ सुन्दर तो बहुत है
03:25बाकी मिलकर ही पता लगेगा कि क्या करती है
03:28कैसी है
03:29और फिर विजय को भी तो पसंद होनी चाहिए ना
03:32तो माजी आप कहें तो कल ही इनकी घर चलते है
03:35लड़की को भी देख ले
03:37और विजय भहिया भी बात कर ले
03:38और विजय भहिया को मैं बता दू
03:40हाँ हाँ क्यों नहीं
03:43आप तुझे जठानी बनना है
03:44तू तो घर कासा अब जानती है
03:46तो देख ले जो सही लगया कर ले
03:49चेक है
03:49शाम को देवर से
03:51देवर जी ये देखिए
03:53कैसी है ये लड़की कैसी लगी
03:55माजी को तो बहुत पसंद है
03:57देवर फोटो देखता है
03:59उसे लड़की गमार से लगती है
04:01नई बावी ये नई
04:03इसे मैं सुसाइटी में कैसे
04:05अपने साथ कड़ा करूँगा
04:06नई नई नई
04:07जिठानी को अपनी सत्ता हिलती से दिखती है
04:11वो सोचती है कि अगर देवर ने
04:13कोई अपनी पसंद की लड़की खड़ी कर दी
04:15तो? तो क्या होगा?
04:17घर बाहर का काम करकर कि
04:19उसका तो जूस निकल जाएगा
04:20ये सोचकर वो जूर से चिलाती है
04:22नहीं! नहीं देवर जी!
04:26आप ऐसा नहीं कर सकते
04:28देवर हैरान
04:30अरे किया क्या बिचारे ने?
04:33क्या नहीं कर सकता?
04:34अरे क्या सोच रही है बाबी?
04:35गरीब लड़की
04:37जिसने आपकी फोटो देखते ही
04:39आपको देवता माना
04:41आपसे तो वोमन ही मन शादी भी कर चुकी है
04:43मा जी ने उसे ही इस घर की बहु के रूप में देखा
04:46लेकिन आप
04:48आपको क्या?
04:50आप तो प्राक्टिकल है
04:52आप तो किसे हुस्त परी से शादी कर दी है
04:55देवर भावी की इमोशनल ड्रामी का शिकार हो जाता है
05:02और मान जाता है शादी के लिए
05:04ऐसे ही सब लड़की से मिलने जाते है
05:06और लड़की पसंदाने पर जिठानी देवर और देवरानी की शादी करवा दीती है
05:10शादी के कुछ दिनों बाद
05:12एक नमबर की गमार
05:15देखो रुपाली
05:17मुझे जॉब के लिए देर हो रही है
05:19एक काम कर दो मेरा
05:20कल पहने के लिए कुछ भी नहीं है मेरे पास
05:22आज से न मेरे पहने वाले सारे कपड़े
05:25तुम धो दिया करना ठीक है
05:26देवरानी जो जिठानी के सारे हुक्म
05:29किसी आका की तरह माना करती
05:31वही जिठानी भी अपने गेम को
05:33खुल कर खेल रही थी शाम को
05:35आरे पहू
05:36मेरे लिए सराय कपचाय बना कर ला ना
05:39रुपाली
05:41माजी को एक कपचाय बना कर दे दो
05:43लेकिन भाबी मैं तो
05:45प्लीज रुपाली, मैं एक बहुत इंपोटन काम कर रही हूँ, उसे बीच में छोड़का नहीं जा सकती
05:50चीट ठीक है
05:52अच्छा हुआ, मैं अपने लिए एक घरेलू देवरानी ढून कर लाई
05:56आप मेरा काम बहुत आसान हो गया है
05:59मुझे बस जॉप का काम करना पड़ता है
06:01क्योंकि घर के काम तो प्यारी प्यारी देवरानी संभाल लेती है
06:05वाजी वाई, कितनी समचदार हूँ मैं
06:10लेकिन दिन एक से नहीं होते
06:12जो नया होता है वो एक दिन पुराना हो जाता है
06:15और वो रंग सामने आता है जो उसका असली रंग होता है
06:19और फिर, रुपाली, जरा मेरा फोन पास करना
06:23और वो फोन में चार्जिंग नहीं होगा
06:25मेरे बैग में चार्जर रख देना
06:27और हाँ
06:29बस जितने दिन की एश थी जिठानी साहिबा की
06:35वो खत्म
06:37और देवरानी का असली चहरा बाहर
06:41क्यों दिदी, आप क्या कर रही हो
06:44बैठी ही तो हो
06:46और दिदी, ये छोटे मुटे काम ना
06:49खुद कर लिया करो
06:50वैसे भी आफिस में भी तो काम करती होगी ना
06:53हाई रे, ये क्या
06:55सत्ता तो अभी तो बनी थी
06:57अक्रमन हो गया
06:59और पूरा ख्वाबों का किला
07:01थुस
07:02ओए सुन, ज्यादा बोलने की ज़रूरत नहीं है
07:06गमार कहीं की
07:07मैं ना होती तो किसी गाहों के घर में
07:09चूला फूंक रही होती
07:10ओए होए, ये मूँ और मुकी दाल
07:13मैं कहां बैठी होती
07:15ये आपको ज्यादा पता है
07:16मेरी सुन्दरता और गुणो की चर्चा
07:18साथ समंदर पार तक थी
07:20तो मैं कहां होती ना इसकी चिंता तो आप छोड़ी दीजिए
07:23अगले दिन
07:24अरे मा, ये दिवरानी सहीबा कहा है
07:27उठी नहीं है क्या अभी तक
07:28आरे वो है कहां
07:31वो तो सुबा के बस सही गाओं चले गई
07:33और हाँ
07:34वो बात करी रही थी कि सामने से जिटानी का फोन आ जाता है
07:38सुन्ये दीदी
07:39मैं न कुछ दिनों के लिए अपने माई के जा रही हूं
07:42मेरी बस का टेम हो गया है
07:43इसलिए मैं कपड़े और बरतन धोकर नहीं गई हूं
07:46इसलिए वो काम आप ही कर ले न
07:48और हाँ सासुमा का न अच्छी से खयाल रखना
07:50कमाई के चक्कर में न हवा हवाई मत हो जाना
07:53हाई रे
07:56जिटानी की पैरों तले जमिन खिसक जाती है
07:59क्यों क्यों नहीं करके गई हो
08:01और माजी ने हाँ बोला था क्या जाने के लिए
08:04और तुम्हें मुझसे पूछना चाहिए ता कि जाऊ या नहीं
08:07माना भावी बहुत गर्मी है
08:11लेकिन ये क्या कि आप अपना मानसिक संतुलनी छोड़ देती है
08:14अरे बखवास करने की भी हद होती है भावी
08:17अच्छो तो तुम वापस आओ
08:19काम पूरा करो और फिर जहां जाना है जाओ
08:23सास सब सुन रही थी
08:24वो समझ जाती है के जिठानी ने किस मकसद से
08:28देवरानी की शादी इस घर में करवाई है
08:30फिर एक रोज जब देवरानी वापस आती है तो
08:33माजी मेरे ना होने पर लग रहा है कि
08:36नाश्ता खाना आपने सब छोड़ दिया था
08:39कैसी पतली हो गई है इतने दिनों में
08:41अरे कौन देगा मुझे खाना
08:43वो तो नौकरी करती है
08:44तो भी किस के भरों से छोड़ कर चली गई मुझे
08:47अरे का करती माजी मा की तव्यत खराब थी ना तो गई थी
08:51वनना नहीं जाती
08:52वैसे भी न माजी भावी को भी अब थोड़ा काम करना चाहिए
08:56हाम कान सा उनकी पैसे रखते हैं
08:58अरे घर उनका भी तो है ना
09:00ये बोलकर गाउं से सफर करके जो लड़की आई
09:03वो तुरंट सास को खाना देने के लिए किचन में घुस गई
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