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  • 1 week ago

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Transcript
00:00तंग करने वाली सास
00:01मेगा अपनी सास आरती और अपने पती सुन्दर के साथ रहा करती थी
00:06मेगा बहुत ही संसकारी बहु थी
00:09लेकिन उसकी सास की आदत तो थी अपनी बहु को तंग करनी की
00:13इसलिए वो अपनी बहु को बहुत ही ज्यादा परिशान किया करती
00:17ऐसे ही एक दिन मेगा अपनी सास को चाय देती है
00:21वो चाय देखकर उसकी सास कहती है
00:23अरे ओ बहु ये कैसे चाय बनाई है
00:27दिखने में बिल्कुल ठीक नहीं लग रही
00:29रंग भी कुछ अच्छा नहीं है
00:31तो एक काम कर मेरे लिए फिर से चाय बना दे
00:34और इस बार कड़क और बड़िया रंग वाली चाय बनाना
00:37ममी जी चाय तो बिल्कुल ठीक है
00:40अगर इससे ज्यादा कड़क चाय बनाई तो आप पी भी नहीं पाओगे
00:43तुने इसमें दूद कम पानी ज्यादा डाला है
00:47और पत्ती कम चीनी ठोक रखा है
00:49ऐसे को चाय बनाते है क्या
00:51कितनी बार समझाया पर तुन मेरी बातों का ध्यान ही नहीं दे
00:55ठीक है ममी जी आगे से में ध्यान रखूँगी
00:58इतना कहकर मेगा वहाँ से चली जाती है
01:01और इधर आरती खुद से बोलती है
01:04वैसे मेरी बहु सारा काम अच्छा करती है
01:08पर मैं इसकी तारीफ कर दूँगी
01:10तो ये मेरे सर पर चड़कर ताता धया करेगी
01:13इससे तो अच्छा है कि मैं इसके काम में
01:17कमिया ही निकाल कर इसको तंग किया करूँ
01:20थोड़ी दिर बाद आरती अपनी बहु की पास जाती है
01:23उसे कपड़े धोते हुए देख कर कहती है
01:25बहु? तुने कपड़े धोना नहीं सिखा है क्या?
01:30क्या हुआ ममे जी आप ऐसे क्यों बोल रही है?
01:33अरे देख तो ज़रा इस कपड़े को
01:35अभी भी कितने मेले है?
01:38माजी वो आपको मेले इसली दिख रहे है
01:39क्योंकि उन्हें अभी मैंने धोए ही नहीं है
01:41हाँ हाँ ठीक है ठीक है कोई बात नहीं
01:44लेकिन मैं तुझे अभी और कपड़े लाकर दे रही हूँ
01:46अच्छे से धोना
01:48जी माजी जैसा आपको है
01:50आर्थी उसको बहुत सारे कपड़े लाकर देती है
01:53अगले दो गंटे बाद आर्थी उसको आवाज लगाती है
01:56मेगा अब मुझे खाना पीना देगी या नहीं देगी
02:01खाना बन चुका है तो लगा जल्दी से
02:03बहुत बूख लग रही है
02:04मेरी सासुमा भी ना जीने नहीं देंगी मुझे
02:08आमा जी दे रही हूँ
02:11इतना कहकर मेगा अपनी सास को खाना परुस्ती है
02:15जैसे ही उसकी सास खाना खाती है अपनी बहुत से कहती है
02:18आए हाए कितना भेकार खाना बनाया है तुने
02:22ऐसे भी कोई खाना बनाता है क्या
02:24इससे अच्छा तो मैं बनाती हूँ खाना
02:27देख तो ज़रा नमक कितना कम है
02:29तुझे खाना बनाना बिल्कुल नहीं आता
02:32तेरी माने तुझे कुछ सिखाया ही नहीं है क्या
02:34बस माजी बहुत हो गया
02:37आप जब तक मुझे बोल रही थी तब तक छीक था
02:39लेकिन अब मेरे घर वालों को कुछ भी मत बोलिए
02:42आगे से मैं ध्यान रखूंगी कि नमक कम न हो
02:45इतना कहकर मेगा वहाँ से चली जाती है
02:48अगले दिन अपने पति के साथ बहार जाने का प्लान बनाती है
02:51तो वो जिन्स पहन कर निकलती है
02:53ये देख कर आरती मेगा से कहती है
02:56बहू तेरी शादी हो चुकी है अब तु कमारी नहीं है
03:01जो इस तरह से जिन्स पहन कर बाहर जा रही है
03:04माजी अब के लिए थोड़े जिन्स पहन कर बाहर जा रही हूँ
03:08मैं इनके साथ बाहर जा रही हूँ
03:11और वैसे भी जिन्स में बुराई क्या है?
03:14अरे हाँ हाँ बड़ी आई मुझ से पोचने वाली बुराई क्या है?
03:19आरे चल जाए यहां से साड़ी पहन करा
03:21बिच्चारी मेखा साज के सामने उसकी एक ना चली
03:26वो जाकर साड़ी पहन कराती है और दोनों घर से निकलते है
03:30मेखा रास्ते में अपने पती से कहती है
03:32सुन्दर जी आपकी माने तो हदी कर दी
03:36हर चीज में कमी निकालती है
03:38चाहे मैं कुछ भी कर लो लेकिन वो मुझे तंग करने का कोई न कोई बहना ढूंडी लेती है
03:42अरे मेखा अगर वो तुम्हें तंग कर रही है तो तुम भी उनकी बहु हो
03:47अब उन्हें कैसे संभालना है तुम्हें पता होना चाहिए
03:51पती की बात पर मेखा सोचने लगती है
03:54हम्, सुन्दर जी बात तो ठीक कर रहे है
03:58अब ये मेरी सास है, जैसे मुझे ये तंग करती है
04:01तो इन्हें संभालना भी तो मेरा हकी है
04:04इतना सोच कर वो अपने पती के साथ वापस घार आ जाती है
04:08और अगले सुबह मेखा अपने सास को चाई देती है
04:11जैसे ही उसकी सास वो चाई पीती है
04:13वैसे ही अपनी बहु मेखा से कहती है
04:15अरे मेखा, कब सीखोगी चाई बनाना?
04:22आज तक एक प्याली चाई ठीक से नहीं बनाई
04:25क्यों? क्या हो गया ममे जी?
04:27आज क्या दिक्कते मेरी चाई में?
04:29अरे देखता सरा, इसमें पानी ही पानी है
04:32अर्ची नहीं तो है ही नहीं
04:34और चाई पत्ती इतनी ज़्यादा डाल रखी है
04:36कि चाई कड़वी हो गई है
04:37लेकिन मम्मी जी, पिछली बर आपको ही
04:40तो पत्ती वाली चाई चाहिए थी ना
04:42तो आज मनें पत्ती वाली ही चाई बनाई है
04:44अच्छा चल ठीक है
04:46तू जा के घर की साफ सफाई कर ले
04:48थोड़ी दिर बाद सास छत पर जाती है
04:51वो देखती है कि उसकी सभी गंदे कपड़े
04:54धूप में सूख रहे हैं
04:56वो मेखा से कहती है
04:57बहूँ ये क्या
04:59तुने गंदे ही कपड़े धूप में सूखने के लिए डाल दिये
05:01अरे कम से कम इसको धो तो देती
05:04अरे ममी जी
05:05वो मुझे ना अज साबुन नहीं मिला
05:07तो मैंने ऐसे ही पानी में डाल कर सीधा धूप में सुखा दिया
05:10ओहो जब साबुन ही नहीं था
05:13तो इतनी मेहनत भी क्यों करी
05:15ममी जी आपको मेरी मेहनत की चिंता कबसे होने लगी
05:20ऐसा खुछ नहीं है
05:22चल जा साबुन लेकर आ
05:23और इन्हें धो कर सुखा
05:25क्या ममी जी आप भी
05:27अभी तो मेरी मेहनत की फिक्र कर रही थी
05:30और अब फिर से दोबारा मुझसे मेनत करवाना चाहती है
05:33अरे एक दिन की तो बाद है यही पैन लीजे न आप
05:36बहु की बाद पर हैरान आरती कुछ बोले बिना वहाँ से चली जाती है
05:41थोड़ी देर बाद जब शाम होती है आरती मेगा से कहती है
05:44बहु आज खाना देगी या नहीं?
05:48बूखा ही रख रखा है सुबह से तुने
05:50अरे लारतीओ न मामेजी
05:52आरती को मेगा खाना देती है और जैसी ही आरती खाने का पहला निवाला अपने मुँ में डालती है
05:57वैसे ही उसका मुँ जलने लगता है
05:59और गुस्से से तम तमा कर वो मेखा से कहती है
06:02देगा तुम पागल हो चुकी हो
06:04क्या तुम सब भूल गई हो
06:06अरे पहले कितना अच्छा बनाती थी सब
06:08लेकिन अब, अब तो सब कुछ सत्यानाश कर दिया है
06:12क्योँ मम्मी जी, अब मैंने क्या कर दिया
06:15ये खाना देख रही है, इतना तेज नमक और लाल मिर्च तो तुने इतनी भरी हुई है कि मेरा मूँ जल रहा है इसे खा कर
06:23अरे ममी जी, आपको ही तो थोड़ा तेज नमक और मसाले वाला खाना चाहिए था ना
06:30कल मैंने ठीक बनाया था तो आपको अच्छा नहीं लगा, इसलिए आज मैंने थोड़ा सा नमक डाल दिया है
06:36और लाल मिर्च थोड़ी तेज कर दी, देखे मैं भी तो खाना खा रही हूँ आपके साथ बैठ कर, मुझे तो कुछ गलत नहीं लग रहा
06:42ये सब देखकर आरती अब बहु की प्लेट से एक निवाला खाती है, तो उसका खाना बिल्कुल ठीक होता है, अब वो अपनी बहु की चतुराई समझ जाती है
06:52तो ये सब तु मुझे परेशान करने के लिए कर रही थी, क्योंकि मैं तुझे हमेशा तंक किया करती थी, इसलिए बदला ले रही है ना
07:00अरे ने ने मम्मी जी मैं तो बस आपकी मूँ से सच्चाई निकलवाना चाहती थी
07:05कि आपकी बहु अच्छी है बस आपको ही उसके काम में नुक्स निकाल कर तंग करने की आदत है
07:12अरे मुझे माफ कर दे मुझे भी तुझे इतना परिशान नहीं करना चाहिए था
07:19आप क्यों माफी मांग रही है आप तो मेरी मा जैसी है और मा बेटी के बीच नुक जोक चलती रहती है तब ही तो कहानी में नमक, मिर्च, मसाला सब बना रहता है
07:32इतना कहकर अब आर्थी और मेगा दोनों हसने लगती है और सास बहु की कहानी इसी तरह चलती रहती है
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