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00:00घर की आॉरत
00:01कहते हैं न, घर दीवारों से नहीं, उसके अंदर रहने वाले लोगों से बनता है
00:07लेकिन क्या हो जब घर की लोग ऐसे हो?
00:11सारा दिन खाती रहती हो, सोती रहती हो, कोई काम नहीं है तुमारे पास
00:16ओपर से बहु के आज आने के बाद तो तुम और निकमी हो गई हो
00:19दिखावे के लिए हाथ में माला पकड़ ली है बागी कोई काम नहीं करती
00:23अरे कैसी बात कर रहे हैं अब तो बहु आ गई है अब तो मेरी बे इज़ती करना बंद कर दीजिए
00:30जैसे दैसे मेरी तो जिन्दगी कट गई गालिया खा खा कर अरे उस बिचारी को तो छोड़ दीजिए
00:36तब ही बेटे के जोर-जोर से चिल्लाने की आवास आती है
00:40कहा था ना तुमसे रिजाइन कर दो क्यो नहीं किया और ये पर्स लटका कर कहा निकली चलो कमरे में काम करो घर का
00:48बहु बेटे की लड़ाय सुनकर सास असुर बाहर आ जाते हैं सामने खड़ी होती है नई नवेली बहु रीमा
00:55देख लीजिये मा जी शादी से पहले तो मेरे मा पापा के सामने कहा था कि शादी की बाद नौकरी करने देंगे लेकिन अब क्या कह रहे है तो तुम मा जी को क्यों बोल रहे है बहु तब उसका मन रहा होगा आप नहीं है पर पिता जी उसके मन से मेरा करियर तो नहीं चल स
01:25ये सब देख कर सास दुखी हो जाती है, पती के जाने के बाद सास बेटे से कहती है,
01:31देख बेटा, अब जमाना कुछ और है, तेरे पिता ने घर में औरतों की कद्र नहीं की, लेकिन तू ऐसा ना बन, शेहर की समझदार पढ़ी लिखी लड़की से शादी की है तुने, उसका खयाल रखा कर, तमीज से पेश आया कर, जा, बहु को कमरे से बाहर लिया,
01:49लेकिन बेटा नहीं मानता, और बहु कमरे में सारा दिन बंद रहती है, शाम को बेटा बहर जाता है कि सास, चाए और बिस्कुट ली कर, बहु के कमरे में जाती है, बहु बेटा, ये ले, चाए पी ले, रो, रोकर कैसी शकल बना ली है बेटा?
02:05माजी ये कैसे लोग हैं? आप कैसे मैनेज कर रही हैं? ऐसे थुड़ी न होता है माजी
02:11घर की ओरतों को तो पिता जी और ये इनसान समझती नहीं
02:14क्या करूँ बेटा? मैंने तो जैसे तैसे सह लिया लेकिन तू ना सैना
02:21दोनों बात करी रहे थे किस सुरा जाते हैं
02:25अच्छा तो अब बहु को भड़का रही हो बहुत दिन हो गए मार खाए अब क्या बहु के सामने खाओगे? जाओ यहां से और जरुरत नहीं है ज्यादा इस लड़की को सर पर चड़ाने की समझी?
02:37बहु को ससुर की बात पर गुस्सा आजाता है लेकिन वो कुछ नहीं कहती
02:42आए दिन बहु देखती है कि कैसे उसकी सास और उसकी साथ उसका ससुर और पती गंदा व्यवार करते हैं फिर एक दिन
02:51ये क्या बनाया है? खाना बनाना नहीं आता क्या?
02:54ये बोलकर वो खाने की भरी सारी थाली फेंट देता है
02:58अरे बिटा कोई बात नहीं शान्त हो जा मैं अभी बाहर से कुछ मंगवा देता हूँ
03:03आ बाबा ओर्डर करिये ऐसे खाने से तो पेट बरने से रहा बैसे खाना तुमको बनाना आता नहीं
03:10और बाहर जाकर नौकरी करना चाती हो अर तुम जैसे को तो पूछते भी नहीं है बाहर
03:16बहु को पती की बात पर गुसा आता है तबी सास पूल पड़ती है
03:20तेरे से ज़्यादा पड़ी लिखी है वो तो तुने इसे कहा था कि तुनोकरी करने देगा तो तुछ से शादी कर ली
03:26वना ना ही करवाते इसके माबाप तुछ से शादी इसकी और कमाती भी ये तेरे जितना ही है बेटा
03:33बहु हैरान रह जाती है कि जो सास खुद के लिए एक बार भी खड़ी नहीं हुई
03:39वो उसके लिए बेटे को भी भला बुरा सुना रही है
03:42उसके नजर में सास की इज़त और बढ़ जाती है
03:45वो सास को देख कर ये सब सोची रही थी
03:48कि उसकी कान में एक जो उस चांटी की आवास आती है
03:51किसको? किसको मार पड़ी?
03:56वो देखी रही होती है कि उसकी नजर जमीन पर बैठी सास पर पड़ती है
03:59अभी तो धीर से मारा
04:02फिर जबान खोली ना तो ऐसा मारूंगा कि कान के पड़ते भड़ जाएंगे
04:07सास रो रही थी
04:09बेटा और पती वहाँ से चली जाते है
04:12पिता जी अच्छा किया
04:14मा को जोर का चांटा लगा कर
04:16आगे से जबान खोलने से पहले चार बार सोचेंगी
04:19बड़ी आई
04:20दोनों हस्ते वे वहाँ से निकल जाते है
04:23बहु सास को उठाती है
04:25और पानी देती है
04:26मैंने ये दिन रोज देखे हैं बहु
04:29लेकिन तू नहीं सेना
04:31तू अपना जीवन अपने अनुसार जीना
04:33शादी के वक्त
04:35मैंने तेरी मा से बात करने की कोशिश की थी
04:38उन्हें बताया था
04:39लेकिन वो नहीं मानी
04:40बहु सास को पकड़ कर रोने लगती है
04:43वो इसलिए नहीं मानी
04:45क्योंकि वो मेरी सगी मा नहीं है
04:47माजी जिस तरह से आप मेरे लिए खड़ी हुई है न
04:50मेरी मा भी नहीं हुई
04:52बेटा में तेरा भला जाती हूँ
04:55तु नौकरी इस घर में रहकर तो नहीं कर पाएगी
04:59एक काम कर इस घर से चली जा
05:02पैसे कमा और खुश रह
05:04माजी हो सकता है
05:07कल तक मैं आपकी इस फैसली को मान जाती
05:09लेकिन आज नहीं
05:11माजी आप यहाँ इस नर्क को जेले
05:13और मैं आपको छोड़ कर चली जाओ
05:15नहीं कभी नहीं
05:17अगले रोज
05:18सुनिए वो क्या है न मुझे कुछ कपड़े और गहनों की जरूरत है
05:23तो जरा पैसे दीजिए न
05:25अब आप घर के मर्द हो तो पैसे तो आप से ही मांगूंगे न
05:28बुरा तो नहीं लग रहा न आपको
05:30नहीं नहीं बुरा क्यों लगेगा
05:32यलो कार कर लेना शॉपिंग
05:34अगली रोज
05:36बिजली का बिल आया है दस जार का
05:39भर दीजीगा
05:40इतना बिल कैसे आ गया
05:43बेटा वो क्या है न
05:44सारा दिन बहु घर में रहती है
05:46तो कमरे में एसी और टीवी चलता रहता है
05:49अब कम से कम बाहर जाए
05:51तो चार पैसे कमा कर ला है
05:53लेकिन हम लगों को थोड़ी नावरत की
05:56कमाई खानी है
05:56वो तो मार दी करता है ना
05:59पती पर्स देखता है और फिर
06:02हाँ मार ठीक बोड़ रही हो
06:04खेर चलता हूँ आफिस का वक्त हो गया है
06:07पती ओफिस से पिता को फोन करता है
06:10पापा घर के खर्चे तो बढ़ती ही जा रहे है
06:13उपर से महंगा है आप देख रहे है
06:15मैं सोच रहा हूँ क्यों ना मीना को नौकरी के लिए अहां कर दूँ
06:18चार पैसे ही लाएगी ना घर में
06:21वो तो तो ठीक बोल रहा है लेकिन यह औरत की जात
06:25कल को चार पैसे कमाने लगे तो यह नहीं के सर पर चड़कर नाचे
06:29हाँ पिता जी बात तो सही है
06:32वो तो आप है जो मा को मुठी में रखा है
06:35वारना मेरी वाली तो
06:37खेर सोचते इस बार में
06:40शाम को पूरा परिवार साथ बैठा होता है
06:42वो कल पनीर की सबजी बनानी है
06:45तो थोड़े पैसे दे कर जाना
06:47और हाँ किर्तन भी रखा है संडे को
06:50उसके लिए सामान की लिष्ट बना दी है ले आना
06:53पापा को दे दो वो ले आएंगे
06:55अर अब पापा कहा से लिए आएंगे
06:57मेरे पास नहीं है पैसे पैसे
06:59लो पैसे ही नहीं है
07:01मेरे पापा की जीब तो हमेशा नोटों से भरी रहती है
07:04बेटा लक्ष्मी को जो पूझता है ना
07:08उसके पास लक्ष्मी रहती है
07:09जो घर की आड़तों को मारे पीटे
07:12वाँ भला कैसे लक्षमी का लाप ले सकता है
07:15वाँ वाँ क्या बात है
07:17तो जबान खुल रही है तुमारी
07:20लगता है भूल गई पुरानी मार और डांट
07:24क्या
07:24हाँ माजी शांत हो जाईए
07:27मैं नहीं देख सकती आपको मार खाता
07:29और फिर हो सकता है कि मैं आपको
07:30बचाने आऊ तो ये भी मुझे मारे
07:32ठीक है बहू मैं कुछ नहीं कहती
07:35तो ये लिस्ट बस दे दे
07:37मैं चली आराम करने
07:38फिर अगले रोज
07:39सुनिये जी वो माई की जाना है
07:42वो क्या है न शादी की बात से गई नहीं
07:44तो ट्रेन की टिकेट बुक करवा दे न
07:46तो मैं भी तो साथ जाऊंगा न तुमारे
07:48तो ठीक है फिर फ्लाइट की ही टिकेट करवा दीजे
07:52वो कहना अच्छा थोड़ी न लगता है
07:54आप पहली बार मेरे साथ जा रहे हो
07:57और हम ट्रेन से चले ठीक है न
07:59पती ऑफिस जाता है चाहां उसका दोस्त कहता है
08:02अरे क्या हो गया यार परिशान सा दिख रहा है
08:05तेरी तो नई नई शादी हुई है
08:07भावी परिशान कर रही है क्या
08:10अरे नई यार तू तो जानता है
08:15थोड़ी सी कमाई में घर चलाना मुश्किल हो रहा है
08:17तू कैसे मैनेज करता है यार
08:19कैसे क्या यार
08:21तू जानता है ना मेरी बीवी रिया को
08:23वो टीचर है फिर घर में टीशन करती है
08:26साथ में बच्चे भी पढ़ लेता है
08:28यार घर नाम की गाड़ी दोनों पईयों के साथ चलने से ही चलती है
08:33वो भी कमाती है और मैं भी
08:35और चल रहा है गर बस
08:37पती को दोस्त की बात समझ में आती है
08:40लेकिन पिता का ज्यान कैसे भूल सकता था
08:43भई यी कल को सर पर चड़कर नाचने लगी तो
08:46शाम को घर आता है जहां उसकी बुआ और उसका बीटा बेठे होते है
08:51अरे आ गया लला कैसा थका थका से लग रहा है
08:56सच्छी के ना
08:57नमस्ति बुआ कैसे आना हुआ कैसा है रमेश
09:01भाई को तो भाई की याद ही नहीं आती
09:04अरे नहीं नहीं भया याद नहीं आती तो यहां कैसे आता
09:08ये लिजे मेरी शादी का कार्ड जरूर आना
09:10पती काड़ खूलता है
09:12डौक्तर रश्मी, अरे वहा, तेरी होने वाली बीवी डौक्टर है
09:18और क्या भया? आपकी बीवी इंजिनियर तो मेरी डौक्टर
09:21तभी वहाँ सास आ जाती है
09:24अरे, जब घर में ही बिठाना है बिचारी को
09:27तो का है का इंजीनियर है तो काम वाली ही घर का काम करती है और आ रहा हूँ
09:32इतनी पड़ी लिखी लड़की को घर पर क्यों बेठा रखा है अरे बहु कहीं जोला चाप टिगरी तो नहीं लेकर आई है
09:41पत्नी की बुराई सुनकर पती को गुसाता है
09:44नई बुआ युनिवर्सिटी टॉपर है मेरी मिना और हाँ बड़ी कंपनी में काम भी करती है
09:50बस शादी के बाद कुछ महिनों की छुट्टी ली थी अगले हकते से ऑफिस शुरू हो जाएगा क्यों मिना तबी सिसुरा आ जाते हैं
09:59हाँ लेकिन फिर घर का काम कैसे होगा और पैसे कमाने लगेगी तो सर पर
10:04पिता की बात पुरी नहीं हुई कि बेटा सर पर चड़ने का हक है उसका पापा पत्नी है वो मेरी यानि मेरे घर की रानी और रानिया तो सर का ताज होती है
10:15क्यों मिना, मिना पती की बात सुनकर शर्मा जाती है
10:20वा बेटा, तू सही समय में समझ गया कि आड़तों के इज़त करने वाले घर में शांती और लक्षमी का वास होता है
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