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  • 2 days ago

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Fun
Transcript
00:00CHUDAIL OR BACCHE
00:30एक दिन कुंदन का मित्र उनसे मिलने आया
00:33अरे कुंदन, तुम इन बच्चों के लिए दूसरी शादी कर लो
00:37कम से कम बच्चों की ठीक से परवरिष्ट हो जाएगी
00:40मित्र के बार-बार समझाने पर कुंदन तयार हो जाता है
00:44नई मा रूपा शुरों में बच्चों और कुंदन का बहुत खयाल रखती है
00:49पर 6-7 महिने बाद ही वो कुंदन के जाने के बाद आराम से सूजाती
00:55और जब मुन्ना और रिया स्कूल से आते तो
00:58ए रिया जल्दी से पूरे घर की सफाई कर और बरतंद हो दे
01:02तब ही खाना मिलेगा और मुन्ना जा कर छात की दुलाए कर
01:08वो बच्चों से ही घर का सारा काम करवाती है
01:11उन्हें खाना भी ठीक से नहीं देती
01:14खुद के लिए और कुंदन के लिए वो बढ़िया बढ़िया पक्वान बनाती
01:17जब रात को कुंदन काम से वापस आता तो
01:20अरे बच्चों ने खाना खा लिया
01:23उनको तो मैंने कब का खिलाब बिलाकर सोने भीज दिया है
01:27कितना खयाल रखती है ये बच्चों का
01:31एक दिन जब रूपा सू रही थी
01:33मुन्ना देखता है कि रसोई की अलमारी में मिठाई रखी है
01:37लेकिन वो वहाँ तक पहुँश नहीं पाता
01:40तो वो अपनी बेहन को बुला कर लाता है
01:42मैं घोडा बन जाता हूँ
01:45तुम मेरे उपर चड़कर वो मिठाई उतार दो
01:48उन्होंने मिठाई उतारी और खाली
01:51अचानक मिठाई का डिबबा रिया के हाथ से नीचे गिर जाता है
01:55और पिखर जाता है
01:56आवाज सुनकर रूपा भागते हुए आती है
01:58उसने आओ देखा नताव और दोनों की खूप पिटाई करती
02:02जब देखो तब भूखे ही रहते हैं ये बच्चे
02:05नजाने इनका पेट है कि कुवा
02:07बच्चे खूप देर तक रोते रहते हैं
02:10लेकिन फिर आपस में ही बातें और मजाग करके
02:13एक दूसरे का मन बहलाने लगते है
02:15रिया जब मैं बड़ा हो जाओंगा ना
02:20तो एक मिटाय की दुकान को लोंगा
02:22पहले हम लोग खूप सारे मिटाया काएंगे
02:26और फिर बेचेंगे
02:27मुन्ना मेरी तो शादी हो जाएगी
02:30तुम अकेले ही सारे मिटाया काओगे ना
02:33अरे हारे तब तक तो मेरी भी शादी हो जाएगी
02:38कुन्दन जब घर आता है तब उसकी मा बच्चों के खुब शिकायत करती है
02:44अरे बच्चो तुम्हारी मा तुम्हारा कितना ध्यान रखती है आखिर क्या कमी है तुम दोनों को
02:51पिता जी
02:53उनकी बात पूरी भी नहीं हूपाती की
02:56हाँ हाँ कह दो कि मैं तुम्हें खाना नहीं देती सारे दिन घर के काम करवाती हूँ कह दो ना
03:02मुन्ना चुप चाप खड़ा रहता है
03:04अब तो हम दोनों को पिताजी से बात भी नहीं करने देती नहीं मा
03:10मुन्ना और रिया बहुत दुखी होते हैं रात को
03:14इन बच्चों ने नौक में दम कर दिया है तुम इने लेकर जाओ और कहीं जंगल में छोड़ कर आओ
03:19अरे ये क्या कर रही हो तुम ये दोनों मेरे जिकर के टुकड़े हैं इनके बिना मैं कैसे रहूंगा
03:26कुंदन को बार-बार समझाने पर भी जब वो नहीं मानता तब उसे कुपाय सूचता है
03:32कुछ दिनों तक वो बच्चों के साथ खुब अच्छे व्यवार का नाटक करती है
03:36बच्चे खुब खुश रहते हैं एक दिन
03:39रुपा बहुत खुश होती है वो सोचती है कि ये तो बच्चों को जंगल में छोड़ कर आने से रहा
03:50मैं ही इने छोड़ाती हूं कुंदन के जाने के बाद
03:53बच्चे चलो आज हम तुमारी नानी की घर चलते हैं
03:57बहुत देर तक चलते चलते जब वो सब घने जंगल में पहुच जाते हैं तब
04:03मा इधर का नानी का गर है लगता है हम रास्ता बूल गए है
04:10अच्छा तुम लोग यहीं रुको मैं रास्ता पूछ कर थोड़ी देर में आती हूं हा
04:15यह कहकर रुपा उन्हें वहीं छोड़ कर चली जाती है
04:19बहुत देर हो जाती है और रुपा वापस नहीं आती तो
04:23मा कब आएगी भईया
04:26इस तरह सुबर से शाम हो जाती है
04:29जहां एक तरफ बच्चे जंगल में अपनी मा का इंतजार कर रहे होते हैं
04:34वहीं दूसरी तरफ रुपा घर में आराम से बैठी थी
04:37इसी तरह दो दिन बिच जाते हैं
04:40और दो दिन बाद कुन्दन जब घर वापस आता है तो
04:43बच्चे कहां है
04:45मैं उन्हें जंगल में छोड़ाई
04:47यह तुमने क्या किया रुपा
04:49बच्चे बेचाने जंगल में अकिले कहां भटक रहे होंगे
04:52क्या किया तुमने यह
04:54तेखो अगर तुम्हें अपने बच्चों के इतनी ही चिंता है ना
04:57तो जाओ तुम और उन्हें ढूनते रहो
05:00कुन्दन बच्चों को ढूनने की बहुत कोशिश करता है
05:02पर बच्चों का कुछ भी पता नहीं चलता
05:05कुन्दन बहुत दुखी होता है
05:07अब वो हरूज काम पर जाने के बहाने जंगल में
05:10बच्चों को ढूनता हुआ भटकता रहता है
05:12रूपा की जाने के बाद
05:15बच्चे रोते रोते आगे बढ़ने लगते हैं
05:18मां बड़ी चलाकी से हमें जंगल में चोड़ कर चली गई
05:22अब हमें रहने के लिए कोई ठीका ना डूणना ही होगा
05:26अब तो अंदेरा भी गिर रहा है
05:28आगे जाती ही उनको एक जोपड़ी दिखती है
05:31बच्चों को थोड़ी आशा बनती है
05:34दोनों भागते भागते वहां पहुचते हैं
05:36और जांक कर अंदर देखते हैं
05:38तो एक बुड़िया चर्की पर सूथ कात रही थी
05:41उसके शरेर पर सफिद वस्तर थे
05:44अंदर का माहल बढ़ा डरावना लगता है
05:46पर बच्चों को तो कोई आसरा चाहिए था
05:49वो दोनों दर्वाजा खट-खटाने लगते हैं
05:52तब ही वो बुड़िया पीछे मुड़ती है
05:54बच्चे जैसे ही उसे देखते हैं
05:57उनकी शरेर के अंदर भाई से एक अजीब सी सेहरन दोड़ जाती है
06:00माथे पर बड़ी सी लाल बिंदी
06:03आखे सुर्ख लाल और बाल भी अस्तवियस्त
06:06जैसे ही उसके नजर मुन्ना और रिया पर पढ़ती है
06:09उसके चेहरे की रौनक पढ़ जाती है
06:12वो बड़ी प्रसन्न हो कर कहती है
06:14आओ आओ बच्चों, मैं तुम्हारी दादी जैसी ही तो हूँ, आजाओ
06:22बच्चों को प्यार से वो घर के अंदर बुलाती है
06:26बच्चों के लिए खुब सारी मिठाईया, फल और बिस्किट ले आती है
06:30बच्चे तो पहले से ही भूखे थे
06:32वे खाना देखकर उस पर तूट पड़ते हैं
06:36उनका सारा डर भी दूर हो जाता है
06:38वो खाने के बाद तुरंत ही सो जाते हैं
06:40जब सुबह उठते हैं तो
06:42बच्चों, हम घर के पीछे वाले बगीची में चलते हैं
06:48वहां बहुत सुन्दर फूलों का बगीचा था
06:53मुन्ना और रिया वहीं खेलने लगते हैं
06:56बुढ़िया अंदर चली जाती है
06:57तब तक मुन्ना की नजर एक गिलहरे पर पड़ती है
07:00जो एक कोने में दुपके हुई थी
07:02मुन्ना उसे प्यार से अपने हाथ में उठा लिता है
07:05तभी गिलहरी इंसानों की आवाज में बोलती है
07:09बच्चो, तुम लोग यहां से भाग जाओ
07:12यह बुड़िया एक खतरनाक चुड़ैल है
07:14तुम्हें खिला पिला कर पहले मोटा करेगी
07:16फिर पिंजरे में डाल देगी
07:18सभी बच्चों को यह जादुई छेड़ी से
07:21पश्यो पक्षी बना कर बगीचे में रख देती है
07:23एक एक करके अपनी जादु की छेड़ी से
07:26सबको बेहोश कर देती है
07:27और कडाहे में तेल गरम करके
07:30वो खोड़े बना कर खा जाती है
07:32इसकी पास एक आदम कतका पिंजरा है
07:35यह खुद उसकी सफाई करती है
07:37यह कहकर कि लहरी जमीन पर कुछ जाती है
07:40जब दोनों घर में जाते हैं
07:42तो देखते हैं कि बुढिया
07:43पिंजरी की सफाई कर रही थी
07:45और उसके मूँ पर खून लगा था
07:47बच्चों को देखते ही
07:49अपना मूँ पोचने लगती है वो
07:51रिया चारों तरफ जादु की छड़ी
07:53ढूडने के लिए नजर दोडाने लगती है
07:55अचानक उसे जादु की छड़ी
07:57दिखाए देती है
07:58और वो दोनों लपट कर वो छड़ी उठा लेते हैं
08:03जादु ही छड़ी पिंजरा बंद कर दो
08:05पिंजरा बंद हो जाता है
08:08पिंजरा बंद होते ही
08:09that she is a bad girl and she is laughing.
08:13Dad, you can also take a look at the fun of the girl.
08:19Both are laughing.
08:23Dad, you are the one that you all have to make,
08:29and you make a girl and a girl.
08:32Tell me, what do you make?
08:35। । । । । । ।
09:05। । । । ।
09:35। । । । । । ।
10:05। । । । ।
10:35। । ।
11:05। । । । । । । । । । । । । ।
11:07। । । । । । ।
11:09मुन्ना जादू की छड़ी की साहयता से
11:12सभी बच्चों के साथ शहर आ जाता है
11:14जब वे अपने घर पहुंचते हैं तब
11:17पिताजी हम आ गए
11:18कुंदन उनकी आवाज सुनते ही भागता हुआता है
11:22बच्चों को देखकर उसकी आँखों से जरजर आसु गिरने लगते हैं
11:26पिताजी आप रोईए मत अब हमारे दुख के दिन खत्म हो गया है
11:31मुन्ना कुंदन को सारी बात बताता है
11:34जादू इछड़ी पाकर उनकी सारे कष्ट खत्म हो जाते हैं
11:39अब तो नई मा भी उनको फ्यार करने लगती है
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