00:09शकुंतला अपने बेटे राज की शादी करवाना चाहती है
00:13इसलिए वो पंडी जी के पास राज की कुंडली लेकर जाती है
00:16प्रणाम पंडी जी
00:18मेरा बेटा राज बहुत संसकारी है
00:21पूजा, पाठ और धर्मकर्म के कारियों को बहुत निष्ठा से पूना करता है
00:26मैं अपने बेटे की शादी कराना चाहती हूँ
00:29इसलिए उसकी कुंडली ले आई है
00:31शकुंतला पंडी जी को कुंडली देते हुए कहती है
00:35और पंडी जी कुंडली को ध्यान से देख कर कहते है
00:38बेटी, तेरे बेटे का उजवल भविश्य है
00:42इसका ग्रहस्त जीवन भी अच्छा रहेगा
00:45परन्तु
00:46परन्तु क्या पंडी जी
00:48परन्तु एक बात का विशेश ध्यान रखना होगा
00:53तुम्हें अपने बेटे की शादी उसी लड़की से करानी होगी
00:57जिसके गाल पर तिल हो
00:59वो लड़की तुम्हारे घर, तुम्हारे बेटे
01:02और तुम्हारे भविशे के लिए सुख, शान्ती और सम्रिद दिलाएगी
01:05तुम्हारा भागया केवल उस लड़की के आने से ही जागेगा
01:09जी पंडी जी, मैं ऐसी ही बहु लाऊंगी जिसके गाल पर तिल हो
01:15धन्यवाद पंडी जी, धन्यवाद
01:17पंडी जी का धन्यवाद करके शकुंतला वहाँ से चली जाती है
01:21अब वो दिन रात तिल वाली बहु के बारे में सोचती रहती है
01:25शकुंतला अपने बेटे का जहां भे रिष्टा लगाती
01:28तो उसकी एक ही शर्थ होती कि तिल वाली बहु चाहिए
01:32लेकिन उसे तिल वाली बहु कहीं मिलती ही नहीं
01:35एक दिन अपनी मा को इस तरह से परिशान देखकर राज कहता है
01:39मा, अब मेरे लिए तिल वाली लड़की क्यों देख रही है
01:43आरा क्योंकि पंडी जी ने बोला है
01:46वो तुम्हारे और इस घर के लिए भागिशाली साबित होगी
01:49मा, मैं एक लड़की से प्यार करता हूँ
01:53आप मेरी शादी उस लड़की से करा दो ना
01:56उसके गाल पर तिल होगा
01:58तभी मैं तुम्हारी शादी उससे कराऊंगी
02:00नहीं तो भोल जाओ उस लड़की को
02:02मा की बात सुनकर राज को लगा
02:05कि मा उसकी शादी कभी होने ही नहीं देगी
02:08इसलिए उसने बिना कुछ सोचे समझे बोल दिया
02:11मा है ना, उसके गाल पर तिल है
02:14सच में मा बहुत प्यारा तिल है
02:16तु सच कह रहा है बिटा
02:18अरे तो तुने मुझे पहले क्यों नहीं बताया
02:21जल्दी से मुझे उस लड़की से मिलवा दे
02:23ठीक है मा, मैं बात करता हूँ उससे
02:26अगले दिन राज रोशनी के पास पहुंचा
02:30और उसे सारी बात बताई
02:31रोशनी ने सारी बात जानने के बात कहा
02:34राज, तुमने मां से जूट क्यों बोला
02:37मेरी गाल पर कोई तिल नहीं है
02:39अरे मेरे पास कोई और राशनी
02:42उस समय मुझे जो ठीक लगा मैंने किया
02:44अगर मैं ऐसा नहीं बोलता तो मां मेरी शादी
02:47किसी तिल वाली लड़की से करा देती
02:49मां से इसे जूट बोलना चीक नहीं है
02:52मां को कोई तिल वाली लड़की मिलती ही नहीं
02:55तो मां अपने आप तुम्हारी शादी मुझे से कराने के लिए तियार हो जाती
02:59अरे तुम्हें पता नहीं
03:02पंडी जी के मुख से निकली बात
03:03मेरी मा के लिए पत्थर के लकीर है
03:06वो आकाश पाताल एक कर देंगी लेकिन तिल वाली लड़की ढून कर ही रहेंगी
03:10जो भी हो राज
03:12लेकिन मा को जब कभी सच्चाय का पता चलेगा तो उन्हें बहुत दूख होगा
03:16और मेरे गाल पर तो तिल है ही नहीं
03:18अगले दिन रोष्णी ना ऐसा ही किया
03:28उसने काशल से गाल पर एक तिल बना लिया
03:30उसके बाद राज ने रोष्णी को अपनी मा से मिलवाया
03:34और जब शकुंतला ने रोष्णी को ध्यान से देखा
03:37तो उसके गाल का तिल देखकर बहुत खुश हो गए
03:39और दोनों का रिष्टा पक्का कर दिया
03:42कुछी दिनों में शकुंतला ने राज और रोष्णी की शादी बहुत धुमधाम से करा दी
03:47बहु राज जल्दी बहार आओ एक खुश कबरी है
03:51रोष्णी और राज बहार आते हैं
03:54राज देखा मेरी बहु के भागे से घर में खुशी आने लगी
03:58जिस जमीन का केस हम पिछले दस साल से लड़ रहे थे न
04:02वो केस अब खत्म हो गया है
04:04अभी अभी वकिल साब का फोन आया है
04:06वो केस हम जीत गए है
04:08मा ये तो बहुत अच्छी ख़बर है
04:12ये सब आपकी मैनत का फल है
04:14आपने इस कोट केस के चक्तर में बहुत मैनत की है
04:17अरे नहीं बिटा
04:18ये तो मेरी तिल वाली बहु के भागे से हो रहा है
04:21पंडी जीने बिल्कुल सही कहा था
04:24शकुंतला रोश्टी को बहुत प्यार करती है
04:27लेकिन रोश्टी के मन में दुख होता है
04:29वो सोचती है
04:31मा मेरी जूट को सच समझ रही है
04:33अगर मा को ये पता चल गया कि ये तिल नहीं काजल है
04:37तो उन्हें कितना दुख होगा
04:38मैं आज ही राज से बात करूँगी
04:41कि वो मा को सारी सच्चाई बता दे
04:42शाम को राज घर आता है
04:44तो रोश्टी राज से कहती है
04:46राज, हमें मा को सारी सच्चाई बता देनी चाहिए
04:49घर में कुछ भी अच्चा होता है
04:51तो मा को लगता है कि सब मेरे गाल के तिल की वज़े से हो रहा है
04:54तुम्हारे गाल की तिल की वज़े से कुछ नहीं हो रहा है
04:58लेकिन आ तुम्हारी वज़े से हो रहा है
05:00तुम इस घर में लक्ष्मी का रूप लेकर आई हो
05:02सब बात ठीक है राज
05:04लिकिन मैं मां से और जूट नहीं बोल सकती
05:07मैं कल ही उन्हें सब कुछ सच सच बता दूँगी
05:10मैं रोश्णी अभी हम कुछ नहीं बता सकते
05:13अभी हमारी शादी को ज्यादा दिन भी नहीं हो है
05:15तुम मां के दिल में अपने लिए थोड़ी और जगा बना लो
05:18उसके बाद में पक्का मैं ही मां को सब कुछ बता दूँगा
05:22इस तरह से दिन गुज़ने लगते हैं
05:25और शकुंतला के घर में खुशियों का आना लगा रहता है
05:28शकुंतला अपनी बहु से बहुत प्यार करने लगी थी
05:31एक दिन शकुंतला रोश्णी के कमरे में गई
05:48अब चेहरे पर क्या लगाऊं राज तुमने अच्छा फसाया मुझे
05:53मां आप अपने कमरे में जाएए मुझे नहाने में थोड़ा टाइम लगीगा
05:58मैं खुद आपकी कमरे में आ जाऊंगी
06:00जब रोश्णी को इस बात का एसास हो गया कि उसकी सास कमरे से नहीं जाएगी
06:10तो उस ते अपने गिले बाल एक तरफ कर लिए और बालों से अपना आधा चेरा चुपा कर बाहर आई
06:16बहु नहाली तुम देखो मैं तुम्हारे लिए नई साड़ी और गहने लाई हूँ
06:22आज शाम को बहुत मैमान आ रहे हैं मैं तुम्हें सबसे मिलवाऊंगी
06:25मैमान किसली आ रहे है मा?
06:29अरे तुम्हें राज ने बताया नहीं बहु हमारी कमपनी इस साल नंबर वन की पोजिशन पर पहुँच गई है
06:36और ये साब तेरी बचा से हुआ है
06:38चलो मैं चलती हैं मुझे शाम की बहुत सारी तयारी भी तो करनी है
06:43जब शकुंतला रोशनी की कमरे से चली गई तब उसकी जान में जान आई
06:48शाम को पार्टी में बहुत बड़े बड़े लोग आये थे
06:51शकुंतला ने अपनी बहु को सबसे मिलवाया और उसकी खुब तारीफ की
06:55पार्टी में सब लोग शकुंतला के सक्सेस का राज पूछ रहे थे
06:59तो शकुंतला अपनी बहू और उसके तिल की तारीफ कर रही थी
07:02एक दिन शकुंतला अपने बहू बेटे के साथ घूमने गई
07:05आज हम घूमने आए हैं तो देखो मौसम भी कितना प्यारा हो गया है
07:25अब शकुंतला के गुस्से की कोई हद ना रही तुने मुझसे जूट बोला तेरी इतनी हिम्मत कल वही मैंने तुझे इतना प्यार किया तुझे अपने बेटे से
07:37ज्यादा ममता दी और तुने मेरे साथ विश्वास घाथ किया मैं तुझे कभी माफ नहीं करूँगी
07:43मा इसमें रोश्णी की कोई गलती नहीं है मैंने ही कहा था इसे ऐसा करने के लिए रोश्णी ने कई बार आपको सच्चाए बताने की कोशिश की लेकिन मैंने हर बार उसे रोप दिया
07:55क्या तूने कहा था क्यों किया तूने ऐसा कितना बुरा दिन था वो जब मैंने तुम दोनों की शादी करवाई और तुझे शर्म नहीं आई अपनी मा को धूखा देते हुए तो मा मैं और क्या करता अब तो पीछे ही पढ़ गए थी तील वाली बहु के आपको कोई लड़की
08:25ले जा इस जूठी और मन्हूस लड़की को मेरे सामने से मा कल तक तो रोष्णी बहुत भागिवान थी आज ये मन्हूस हो गई अपनी सोच बदलो मा चेहरे के उपर तिलोने से कुछ नहीं होता आपने देखा नहीं रोष्णी के घर आते ही हमारे सारे काम पूरे हो गए �
08:55शकुंतला अपने बहु बेटी को लेकर घर आ जाती है अगले दिन शकुंतला रोष्णी के गाल पर काजल से एक तिल बना दीती है राज और रोष्णी शकुंतला को बहुत हैरानी से देखते हैं तब वो कहती है ऐसे क्या देख रहे हो तुम दोनों ये तिल नहीं काला टी
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