00:01बलविंदर की पहली बीवी को बच्चा ना होने के कारण वो दूसरी शादी करता है
00:07लेकिन जब दूसरी शादी से भी बच्चा नहीं होता तो वो तीसरी शादी करता है
00:12और तीसरी शादी करने के बाद भी जब उसे संतान का सुख प्राप्त नहीं होता तो वो डॉक्टर को दिखाता है और फिर
00:21बलविंदर जी दोश आपकी बीवियों में नहीं आप में हैं आप में ही कुछ medical reasons की कमिया हैं जिनके कारण आपका भी भी किसी बच्चे के बाप नहीं बन सकते
00:31अरे बापरे ये तो घोर समस्या हो गई एक बच्चे का बाप बनने का मेरा सपना था और आज वही चूर-चूर हो गया
00:40तीन बीवियों में पहली बीवी इंदरानी, दूसरी बीवी सुधा और तीसरी बीवी कलावती
00:47मुझे एक माप बनने का सवभाग ये प्राप्त करना है
00:51मुझे भी, इससे लिए तो मैंने शादी की थी
00:55अरे लेकिन अब किसे पता था कि हमारे पतिदेव में ही कमी होगी
01:00अब हम क्या करें?
01:03हम एक बच्चे को गोद लेते हैं
01:05तीनों एक बेटे को गोद लेते हैं
01:07जिसका नाम प्रमोद रखा चाता है
01:09बीस साल बाद
01:11अब तीनों भी बुड़ी हो चुकी होती है
01:15बलविंदर भी बुड़ा हो चुका था
01:18प्रमोद इक अच्छी नौकरी करता है
01:20उसकी शादी की उम्र हो चुकी थी
01:22इसलिए तीनों माए प्रमोद के शादी
01:24पाखी नाम के एक लड़की से करा देते हैं
01:27शादी के बाद
01:28बहु पाखी की पहली रसुई की रस्म की बारी आती है
01:31मेरी प्रियतीन सासुमाओ
01:34आज मेरी पहली रसुई है
01:36बताईए क्या बनाओ
01:37क्या पसंद है आप तीनों को
01:39बहु तू ना
01:42कडाई पनीर, सुजी का हलवा
01:44और पुदिने की चटनी बना दे
01:46अरे नहीं नहीं
01:48ये क्या पसंद है
01:49अरे पाखिय बहु तु छोले बटूरे
01:51सरसोदा सांक और मक्यदी रोटी बना
01:54अर पंजाबी लस्सी भी बना दे
01:55उफो, सेच में
01:58मेरी सौतनों
02:00खाने के मामले में तुम्हारा
02:02टेस्ट और चोईस दोनों भी
02:04बखवास हैं
02:05नौर्मल, सिंपल, सात्रिक भोजन
02:08बना दो और हलवा, पूरी,
02:10खिर का भोग चड़ा दो बखवान
02:12को मंदिर में
02:42नहीं, मेरी बात मानेगी वो
02:44नहीं मेरी
02:45तीनों सास आपस में चिल्लाने लगती है
02:48और फिर वहाँ पर बलविंदर
02:50और प्रमोद आ जाते हैं
02:52अरी, ये क्या बिल्लियों की तरह
02:54लड़ रही हो तुम तीनों सास
02:55बाकी वहु को घर में आए
02:57पूरे 24 गंटे भी नहीं बिते हैं
02:59पाकी तुम एक काम करो
03:00तीनों माओ की कही गई डिशिस में से
03:03हर एक की 50-50% डिशिस बना दू
03:05लेकिन, लेकिन, लेकिन
03:09बस, अब प्रमोद ने कहा दिया
03:12सो कहा दिया
03:12तुम तीनों अब जगरना
03:14बैस करना बंद कर दो
03:15पाकी तीनों सासों की कही गई
03:18आधी आधी डिशिस बनाती है
03:20और इस तरह अपनी पहली रसोई की
03:22रस्म पूरी करती है
03:23जिसके बाद उसकी तीनों सास
03:26उसे शगुन और नेक देती है
03:28फिर एक दिन
03:30अरे पाकी बहु
03:31तुमने अपना सारा काम निपटा लिया है न
03:34तो जरह यहां आ न
03:35मेरे न घुटनों की मास पेशियों में
03:38बड़ा दर्द हो रहा है
03:39जरह तेल या बाम से मालिश तो कर दे बिटो
03:42तबी वहाँ पर इंदरानी और कलावती भी आते हैं
03:45ताक ही बहु
03:46चलो मेरे साथ बजार
03:48मुझे न नई साड़ियां खरिदने है
03:51तुम्हारी फैसन सेंस बहुत अच्छी है न
03:54इसलिए मैं चाहती हूँ के तुम मेरे साथ चलो
03:57अरे पर मैं यहां पे पहले आई
04:00तुम्हारे साथ ही सही लेकिन मेरी स्पिर सबसे तेज थी
04:04पाकी बहु मेरे कमरे की अलमारी और पर्दे साफ कर दो न
04:08बहुत धूल जम गई है
04:10मुझे खासी भी आ रही है
04:14औरे असे कैसे तुम दोनों मेरी बहु को अपने साथ ले जा सकती हो
04:18सबसे पहले मैंने बहु को कहा है कि वो मेरे घुटनों के मालिश करते
04:22अब जाओ एक गुंटे के बाद अपनी ये फीकी शकले लेकर फिर से आना
04:26ओ सुधा मैडम ज्यादा ना बहु पाकी बहु को तुम दोनों से ज्यादा
04:33नेक दिया है मैंने इसलिए पाकी बहु तो मेरा ही काम करेगी
04:39और वैसे भी ये सुशिल सर्वगुन संपन्न बहु अपनी इस बेचारी बुड़ी सास को
04:45खासते हुए कैसे देख सकती है क्यों पाकी बहु हाँ पर
04:53नहीं पाकी बहु तुम इन दोनों की भावनाओं के जाल में मत था सो
04:58और रही पाज शगुन और नेकी तो रिष्टों को प्यार के भाव से तोला जाता है
05:04ना कि पैसों के भाव से मतलबी कहीं के
05:07ओ इंद्रानी ज्यादा मत उचलो पता है कौन कितना मतलबी है
05:14उफो अब फिर से आप तीनों मत शुरू होई है
05:17मैं आप तीनों की काम करूँगी लेकिन बारी बारी
05:21सबसे पहले सुधा सासुमा का फिर कलावती सासुमा और फिर इंद्रानी सासुमा का
05:26इसके बाद तीनों सासुमें फिर से लड़ाई और कहा सुनी छिर जाती है
05:31फिर एक दिन जब पाकी घर का किराने का सामान लेने बहार निकल रही होती है कि तब ही
05:54यह मेरे ना साड़ी पर पिछली बार अचार गिर गया था
05:59इसे प्लेज अच्छे से धो देना, वो कल शाम को विमला जी के बेटी की शादी में जाना है ना, एक की बार पहनी है ये साडी मैंने, अभी धो देगी तो कल तक अच्छे से सुख जाएगी और कड़क स्तरी करकी मैं तेरा पोफ्यूम मार के शादी में जाओंगी।
06:15हाँ, लेकिन सुधा सा सुमा, उतने में कलावती भी वहाँ पर एक कड़ाई लेकर आ जाती है।
06:45क्या हो, खरीद लिया है क्या मेरी बहु का, ये मेरी बहु है। तो मेरी पड़ोसन है क्या, ये मेरी भी बहु है।
06:53और मेरा भी इस पर उतना ही हके, जितना के तुम्हारा।
06:57तुमने खरीद नहीं लिया है न, तो ये मेरी है, सिर्फ मेरी, एकलोती बहु मेरी पाखी, मेरा ही काम करेगी, क्यों पाखी?
07:08नहीं नहीं, ये मेरा काम करेगी, पहले मैंने आवाज लगाई थी, तुम दोनों तो ऐसी बहु पाने के लायक भी नहीं हो, हट जो तुम दोनों, और खुले मैदान में जाकर एक दुसरे से लड़ो, और नोजो एक दुसरे को, लेकिन पाखी बहु तो सिर्फ मेरी ही सुने�
07:38की तु तु मैं मैं, अरी रोज दा ड्रामा लगाती रहती हो, बच्चास साल की बुड़ी औरते हो गई हो, फिर भी बच्चों की तरह लड़ती रहती हो, अब बस बात हुआ, अब तो मैं आप तीनों में से किसी की भी बात नहीं सुनूगी, और मैं जा रही हूँ ये घर �
08:08और भावुख होकर पाकी से बिंती करने लगती है, पाकी बहु, बहु हमें छोड़कर मत जाओ ऐसे, अरे हम तुम्हारे भी न मर जाएंगे, इतने कम समय में ही तुम हम सब की जीने की वज़े बन चुकी हो, माफ कर दो हमें बिटा, हाँ पाकी बहु, हम आइन दासर कभी �
08:38सुना सुना हो जाएगा, हम तीनो सासों की एक ही तो बहु है, लेकिन हम अपनी एक बहु को बेटी की तरह प्यार देंगे, उसके साथ सहलियों की तरह रहेंगे, लड़ाई, छगड़ा, सब कुछ, सब कुछ छोड़ देंगे बेटा, लेकिन तु छोड़के मत जा,
08:56अपनी तीनो सासों को भावग देखकर, पाकी की भी आँखे भराती है, और वो उन तीनो को माफ कर देती है, उनके गले लग जाती है, इसके बाद तीनो सास, अपनी एक बहु संग, खुशी से मिल जुल कर रहती है, और आपस में जरा भी लड़ाई जगड़े नहीं करती ह
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