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00:00किराएदार बीटा
00:30इतना कहकर राणक
00:37रजाई ढखकर फिर से सूजाता है
00:40तू ऐसे नहीं मानेगा
00:42रुक मैं अभी पानी लेकर आता हूँ
00:45बस फिर क्या था
00:46इतना कहकर वो भागते हुए बात्रूम में जाते हैं
00:49और पानी की बड़ी ही सी बाल्टी लाक
00:51रौनक के उपर फैंक बेते हैं
00:53पानी पड़ते ही रौनक जट से उचाता है
00:56ये आपने क्या किया अब बापा
00:59अब तू उठेगा नहीं तो यही करना पड़ेगा ना
01:03वैसे थैंक्स डैड
01:05आपके कारण आप मुझे नहाने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी
01:08चलिए अब आप मासे बोलकर मेरे कपड़े निकलवा दीजिए
01:12तब तक मैं ब्रश कर लेता हूँ
01:14वैसे कलना आप एक काम और करना
01:16नहलाने के साथ साथ
01:18मुझे ब्रश भी करवा देना
01:20ये ब्रश करने में न मुझे बहुत आलज आता है
01:24रौनेक की बातों से
01:27अर्विंद का मुझ खुला का खुला रह जाता है
01:30वो अपनी पत्नी कमला की पास जाता है
01:32और रौनेक की हरकतों के बारे में बताता है
01:35जिसे सुन उसकी पत्नी हसते लगती है
01:38तुम अपने बेटे को समझाने के बजाए हस रही हो
01:41रॉनक बच्चा है, धीरे धीरे सुदर जाएगा
01:45आप क्यों उसके पीछे पड़े रहते हो
01:48अभी नहीं सुदरेगा तो कब सुदरेगा
01:51दसफी क्लास में है रॉनक, वो आप कोई बच्चा नहीं रहा
01:54अर्विंद की इतना बोलते ही बहां रॉनक बिया जाता है
01:58क्या डैड, मैंने आपको एक काम दिया था, वो भी नहीं हुआ आपसे
02:03अरे क्या हुआ बेटा
02:06मा मैंने डैड से बोला था कि वो आपको बोल कर मेरे स्कूल की यूनिफॉर्म निकाल दे
02:11लेकिन मेरे पीछे पढ़ने के अलावा, इनसे एक काम ढंग से नहीं होता
02:16देख रही हो कमला, देख रही हो अपने लाडली को
02:19अरे आप चुप रही है जी, चलो बेटा, मैं तुम्हे कपड़े निकाल कर दे देती हूँ बस
02:25ऐसे ही साल पर साल बीटते जाते हैं, लेकिन रानक के रवईये में कोई बदलाव नहीं आता
02:31वो पहले से भी ज्यादा आलसी और पूरी तर अपने माता-पिता पर निर्भर हो जाता है
02:37दो साल बाद
02:38पता नहीं कहां गायब रहता है पूरे दिन, अब तक तो आ जाना चाहिए था
02:43अरे आप इतनी फिक्रत क्यों कर रहे है उसकी, दोस्तों की साथ खेल रहा होगा, आ जाएगा अबी
02:50यह कोई टाइम है खेलने का, दास बजने वाले हैं, इतनी रात में कौन खेलता
02:55कमला कुछ कहती, उससे पहले ही रौनक वहां आ जाता है
02:59ममे, जल्दी से खाना लगा दो, बहुत भूग लग रही है
03:03तो मैं तब तक खाना नहीं मिलेगा, जब तक तुम बता नहीं देते, के इतनी रात गए, कहां से आ रहे हो
03:10ओ, प्लीज डेड, अब आप इसी पे प्रध्यमन बनकर मेरे सर पर बंदूक लेकर मत बैठ जाना
03:17अपनी वालतों के बकवास बानकार और बता कहां से आ रहा है
03:21मा, अब समझाए ना डेड को
03:25बता देना बेटा, इनको भी तैसली हो जाएगी
03:29आप बोल रही हैं तो बता देता हूँ
03:33मैं दोस्तों के साथ मूवी देखने गया था, इसलिए देर हो गई
03:36तो तो इन सब चीजों में मेरे पैसे उड़ाता है
03:40कभी एक रुपया कमाने के बारे में सोचा है तुने
03:44जाब देखो हवा की तरफ पैसे उड़ाता रहता है
03:47मा, अब आप इने चुप करा दीजिए, वो नाना मुझे गुस्सा आ जाएगा
03:52अच्छा, क्या कर लेगा, बता ना क्या कर लेगा तू
03:57पिसे बात तो ठीकी है, मैं करी क्या सकता हूँ
04:03पैसे तो फिर भी मैं आप से ही मांगूगा ना
04:05चलिए, अब ये सब बात छोड़िए
04:08और मम्मी, मेरे लिए खाना लगा दीजिए
04:10अभी लगा देती हूँ बेटा
04:13मैं बता रहा हूँ कमला, एक दिन या ऐसे ही बिगर जाएगा
04:18उफो, आप क्यों इतना पीछे पड़े रहते हो मेरे बच्ची के
04:23बात की बात में देखेंगे, अभी आप शांती से उसे खाना खाने देंगे
04:28अगले दिन
04:30डड़ी, मुझे दस अजार रुपय चाहिए
04:33अब इतने पैसे क्यों चाहिए तुझे
04:37ड़ी, अब बिना सवाल किये, कभी पैसे नहीं दे सकते क्या
04:43जब तक तु बताएगा नहीं, तुझे पैसे भी नहीं मिलेंगे
04:47अरे, अब आप अपने बेटे को पैसे भी नहीं दे सकते
04:52नालायक तेरी उम्रे के लोग नाकरी करते हैं
04:56और एक तु है, जो नाकरी करने का नाम ही नहीं लेता कभी
04:59आप लोगों के होते हुए बला मैं नाकरी क्यों करूँ
05:04अरे, हम कब तक पैसे देंगे तुझे
05:06तुझे भी तो अपने पैरों पर खड़ा होना होगा ना
05:09कौनसा उदार के पैरों पर खड़ाओ
05:12अपने ही तो पैरों पर खड़ाओं मैं
05:15इसी तरह रानक दिन प्रति दिन लापरवा होता जाता है
05:20उसकी लापरवाही को देखते हुए
05:22अरविंद और कमला अपने बेटे की शादी कराने का फैसला लेते हैं
05:26और एक महिने के अंदर-अंदर ही
05:27रानक की शादी मेगा नाम की लड़की से करा देते हैं
05:31शादी के कुछ दिन बाद
05:33रानक मुझे एक अच्छी सी साड़ी चाहिए
05:36आप ला दोगी ना
05:38हाँ क्यों नहीं
05:40कितने तक की आती है साड़ी
05:41यही करें पाँच हजार तक की
05:45तुम चिंता मत करो
05:48मैं आजी डैडी से पैसे मांगकर
05:50तुमारे लिए साड़ी ले आऊँगा
05:51आप कब तक ऐसी ही
05:54अपने पापा से पैसे मांगते रहेंगी
05:56कोई अच्छी से नौकरी क्यों नहीं कर लेते आप
05:58अरे डैड के होते हुए
06:01मुझे नौकरी करने की जरूरती क्या है
06:04पर आप ऐसे कब तक उनसे पैसे मांगते रहेंगी
06:07कुछ आपको अपने दम पर भी तो करना होगा न
06:10अब तुम भी बाकी लोगों की तरह
06:12मुझे ग्यान देना शुरू मत कर देना
06:13साड़ी चाहिए ना तुमें
06:15बल जाएगी बद
06:16इतना कहकर रौनक अपने पितासी
06:19पैसे मांगने चला जाता है
06:20डड़ी मुझे पाच अजार रुपया चाहिए
06:24अब पाच अजार क्यों चाहिए तुझे
06:27वो मेगा को साड़ी चाहिए थी
06:30अर्विंद आगी बिना कुछ कहे
06:32चुप चाप उसे पैसे निकाल कर दी दीता है
06:35कुछ दिन बाद
06:36तो मैंने लगता कमला
06:38रौनक हम पर पहले से भी
06:40ज्यादा डिपेंड हो गया है
06:41मुझे ताब उसकी भविश्य की
06:44चिंता होने लगी है
06:45कल को हमें कुछ हो गया
06:48तो वो क्या करेगा
06:49काश
06:51तुमने पहले ये सोच लिया होता
06:53तो आज हमारा बेटा इतना लापरवा नहीं होता
06:57तब मुझे कहां पता था
06:59कि मेरा लाड प्यार उसे इतना बिगार देगा
07:02कि वो इस हद तक लापरवा बन जाएगा
07:05कोई बात नहीं
07:08अभी भी देर नहीं हुई
07:09मुझे बता है उसे कैसे सुधारा जा सकता है
07:12कैसे?
07:14अरविंद कुछ कहता उससे पहले
07:15रौनक वहां जाता है और पैसो के लिए
07:18हाथ पहलाने लगता है
07:19डैड मैं और मेगा
07:22बाहर गुमने जाना चाहते हैं
07:24अरे वह याद सूरज कहां सा निकला है?
07:27डैड प्लीज
07:29अच्छा चलो अब मुद्दे की बात करो
07:31मुझे अब पच्चिस हजार चाहिए
07:34अब तुम्हें एक रुप्या भी नहीं मिलने वाला
07:38अगर तुम्हें पैसो के इतनी ही ज़रूरत है
07:41तो कोई धंकी नौकरे कर लो
07:42मम्मे आप कुछ कही है ना डैड को
07:46बेटा वो गलत क्या बोल रहे है
07:49ये सब हम तेरे भले के लिए ही तो कर रहे है
07:52मम्मा मैंने बताया ना आपको
07:55मुझे नहीं करनी कोई जाब वाब
07:57तो ठीक है? निकल जाओ हमारे घर से
07:59तुम्हारे जैसे लोगों के लिए
08:01मैंने ये घर खड़ा नहीं किया है
08:03जितना ये घर आपका है ना
08:06उतना ही मेरा भी है
08:07मैं कहीं नहीं जाने वाला
08:09जाना तो पड़ेगा ही तुझे
08:11क्योंकि अब मैं तेरा कोई भी
08:13खर्चा नहीं उठाने वाला
08:15चीक है आमा तो उठाये मेरा खर्चा
08:17मैं अपने दम पर भी जी सकता हूँ
08:19तो बेशर्मों की तरह अब तक यहां क्यों खड़ा है
08:23अपना सामान ले और निकल जाए यहां से
08:25रौनक पैर पटकते हुए वहाँ से चला जाता है
08:29घर से निकालना जरूरी है क्या उसे
08:32बिना पैसो की कौन रखेगा उसे किराय पर
08:35अगर उसका भविश्य सुधाना है
08:38तो हमें अपने दिल पर पत्थर रखकर ये कदम उठाना ही होगा
08:42दोनों बात कर रहे होते हैं कि रौनक अपनी पत्नी के साथ
08:46एक बड़ा सा बैग लेकर घर से निकल जाता है
08:49लेकिन घर से बाहर उसे कोई भी मुफ्त में अपने घर किराय पर नहीं रखता
08:54अंत में ठकार कर वो फिर से अपनी घर चला जाता है
08:59क्या हुआ? थोड़ी देर पहले तो दहारती हुए घर से निकला था
09:03अब क्या हुआ? मैं यह रखा ना किसे ने तुझे किराय पर?
09:08डैड प्लीज मैं कुछ दिनों में कोई अच्छी सी नौकरी शुरू कर दूँगा
09:12आप तब तक तो हमें रख लीजिये प्लीज
09:15सुबह से रात हो चुके लेकिन कोई हमें रखने को राजी नहीं है
09:19अब आप ही बताईए इतनी रात को मैं मेगा को लेकर कहां जाऊंगा?
09:24ठीक है ठीक है बहु की वज़े से मैं तुझे घर पर रख रहा हूँ
09:29लेकिन तू इस घर में एक बेटे की नहीं
09:31बलके एक किरायदार की हैसियत से रहेगा
09:34तीन महीने है तेरे पास
09:36इन तीन महीनों के अंदर-अंदर
09:39मुझे तेरी पहली तनख्वा हाथ में चाहिए
09:41समझ गया?
09:43पका डड़
09:44इन तीन महीनों के अंदर-अंदर तो कोई बढ़िया सी नौकरी डोंडी लूँगा मैं
09:48ऐसे ही धीरे-धीरे समय बीटने लगता है
09:51और अर्विन के दिये तीन महीनों में से दो महीने बीट चुके होते है
09:56पापा जी ने हमें तीन महीने दिये थे
09:59जिस में से दो महीने तो बीट चुके है
10:01अब यह आखरी महीना बचा है
10:03अरे तुम चिंदा मत करो
10:05आज मेरा न दोजगा इंटर-व्यू है
10:07तूनों मेंसे कही न कहीं तो जॉब लगी जाएगी
10:10अच्छा, all the best
10:12रॉनक इंटर्वियू के लिए निकल जाता है
10:15जिसके बाद शाम में रॉनक घर आता है
10:18कैसा गया इंटर्वियू? आपकी नौकरी लगी या नहीं?
10:22अरे पहले सास तो ले लेने दो अच्छे से
10:24बताईए ना, मुझसे तो जरा भी इंतिजान नहीं हो रहा है
10:29वो दरसल बात यह है कि मेरी नौकरी तो लग चुकी है
10:34लेकिन पैसे बहुत कम है
10:36कितने पैसे हैं?
10:39पंद्रा अजार
10:40इतने में अर्विंद और कमला मिठाए का डिबा लिकर आ जाते हैं
10:44बताई हो बिटा
10:46हम जानते थी तेरी जाब ज़रूर लगीगी
10:49लेकिन मेरी सालरी बहुत कम है ममा
10:53कम है तो क्या हुआ? देरे देरे बढ़ जाएगी
10:56हाँ बिटा, हम तो बस चाते थे कि तो अपने पैरों पर खड़ा हो जाए
11:01मतलब अब आप मुझे घर से नहीं निकालेंगे?
11:06नहीं, ये सब हमने तुझे जिम्मेदार इंसान बनाने के लिए किया था
11:11थेंक यू ममी पापा, अगर आप दुनों ऐसा नहीं करते तो मुझे कभी अपने जिम्मेदारियों का एहसास तक नहीं होता
11:18आज आपने मुझे सिखा दिया कि इंसान का अपने पैरों पर खड़ा होना भी जरूरी होता है
11:23इतना कहकर रौनक जट से अपने माता पिता की गले लग जाता है
11:28और अपनी कमाई की पहली तनफा, वो अपने माता पिता की हाथ में साथता है
11:33इस तरह रौनक एक गैर जिम्मदार व्यक्ती से एक जिम्मदार व्यक्ती बन जाता है
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