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  • 2 days ago

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Transcript
00:00तीन दामात की सास पाठवान
00:03कावेरी जी के पति का दिहान दुए काफी वक्त हो गया था
00:07कावेरी जी की तीन बेटियां थी इशा, मोहिनी और सुहाना
00:12तीनों ही काफी होश्यार और नौकरी करने वाली थी
00:15लेकिन उन तीनों से कावेरी जी इतना प्यार करती थी
00:19कि उनकी शादी की उम्र होने पर भी उन्हें पराये घर भीजने का उनका मन ही नहीं हुआ
00:24अरे तुम तीनों मेरे कलेजे का टुकड़ा हो
00:28जब भी तुमारी शादी के बारे में सोचती होना बड़ा डर लगता है
00:32सही कहती हो ममी हम भी आप से बहुत प्यार करते हैं
00:37हाँ ममी पापा की जानी की बाद अब बिल्कुल अकेली हो गई है
00:42और ममी अगर हम तीनों शादी करके चले गए तो आपका खयाल कौन रखेगा
00:48लेकिन अपनी खुशी की वज़ा से मैं तुम तीनों को बिना शादी के भी तो नहीं देख सकती न बिटा
00:55समाज के हिसाब से देख है तो यह भी गलत होगा
00:59और मैं ऐसा कुछ नहीं चाहती
01:01लेकिन तुम तीनों से दूर होने के बारे में सोचती हूँ तो अजीब सा लगता है
01:06लेकिन ममी हम आपको इस तरह अकेला छोड़कर नहीं जा सकते
01:10एक काम करते हैं
01:14ममी शादी की बादना आप मेरे साथ मेरे सिसराल में चलना
01:17और मेरे साथ ही रहना
01:19अच्छा और तेरी साथ मुझे रहने देगी तेरे सिसराल में
01:24अरे बेटा वहाँ ऐसा नहीं होता
01:26बेटी की मा कभी अपनी बेटी के सिसराल जाकर नहीं रह सकती
01:30एक काम करते हैं मा
01:33आप पीशा और सुहानी की शादी करती जीए
01:36और मैं हमेशे आपका बेटा बनकर आपके साथ ही रहूंगी
01:39मुझे नहीं करनी शादी
01:41अरे मेरी बेटिया मुझसे कितना प्यार करती है
01:45मेरी वज़ज़ से अपनी पूरी जिंदगी दाओं पर लगाने को तयार है
01:49लेकिन मैंने न इससे भी एक अच्छा उपाय सूचा है
01:53क्या ममी अगर आपकी पास कोई सिलूइशन है
01:57तो फिर क्यों परिशान हुआ बताईए क्या करना चाहती है
02:00मैंने सूचा है कि अखबार में इश्तिहार दे कर
02:04तुम तीनों के लिए तीन घर जमाई दामा ढूंड लूगी
02:08वैसे भी नौकरी तो तुम तीनों अच्छे से कर लेती हो
02:11कमा भी अच्छा खासा लेती हो
02:13कोई भी लड़का तयार हो जाएगा तुम से शादी करने के लिए
02:17अरे ममी ये हुई ना बात
02:20इससे हमें आपसे दोर भी नहीं जाना पड़ेगा
02:22और आपको अकेला भी नहीं रहना पड़ेगा
02:24आओ ममी ये बहुत अच्छा तरीका है
02:27मैं तो कहती हूँ आज ही एक बार में एड निकलवा देते हैं
02:31बिल्कुल आज आफिस जाते वक्त मैं ये काम कर दूंगी
02:34और कुछी दिनों के बाद कावेरी जी को तीन घर जमाई दामाद
02:39विवेक सुमित और अविनाश मिल जाते हैं
02:41और वो उन तीनों लड़कों से अपनी तीनों बेटियों की शादी करवा दीती है
02:46शादी के कुछ दिन के बाद
02:48अरे अब शादी हो गई छुट्टियां खताम
02:52तुम तीनों जाकर नौकरी करो कुछ काम करो
02:56अरे ममी जी कमाल करती है आप
02:58अब घर जमाई इसलिए थोड़ी ना बनाए कि हम बाहर जाकर नौकरी करें
03:02ममी जी मेरा तो घर जमाई बनने का मकसदी यही था
03:07कि कमाने वाली बीबी मिल जाए बाहर जाकर काम करने से तो मेरा दिल घबराता है
03:14घर का कोई काम है तो बता दीजिए मुझे
03:16अगर ऐसी बात है तो शाम का खाना बनाओ
03:20मेरी बेट या नौकरी से ठकी हारी आती है
03:23अब नौकरी नहीं कर सकते तो कोई बात नी, घर का काम करो तुम लोग
03:27मैं तो घर का काम करने में बहुत खुश हूँ
03:30बस ये बाहर धूप में निकलना, रास्ते में जाना, नौकरी करना, ये सब मुझ से नहीं होता
03:37बिल्कुल ठीक कह रहा है सुमित, अरे गर्मी में, बारिश में, सर्दी में घर से निकल कर जाना, और उदर बाउस की चिक चिक सुनना
03:46इससे बढ़िया तो ये कि मैं घर में जाडू पोचा कर लू
03:49ठीक है फिर तुम जाडू पोचा करना, अब इनाश शाम का खाना बनाएगा और विवेग, तुम सुबह का नाश्ता और खाना बनाओगे
03:57मेरे तीनों दामाद घर संभालेंगे, और बेटियां नौकरे करेंगी
04:03अगले दिन सुबह के वाक्त, मम्मी मुझे ओफिस के लिए देर हो रही है, नाश्ता चाहिए
04:10अरे उस विवेग से कहा तो था कि सुबह का नाश्ता उसे उठकर बनाना है, अभी जाकर देखती हूँ क्या कर रहा है विवेग
04:17अभी तक सोया हुआ है क्या, सुबह के दस बज गया है
04:21सोने दीजिये न मम्मी जी, क्या हमेशा हिटलर की तरहाँ में डंडा लेकर गड़ी रहती है
04:28मैंने कहा सीधे उटकर खड़े हो जाओ, और जाकर नाश्ता बनाओ
04:32लेकिन मम्मी जी, बिस्दर में से निकलती ही कोई नाश्ता कैसे बनाएगा
04:38दो मिनिट वाश्रूम जाकर आता हूँ
04:41बेलकोल नहीं, सीधे रसोय में पहुँचो, मेरी बेटी को ओफिस जाने में देर हो रही है
04:46कुछ दिर के बाद
04:48हे भगवान, दोपैर के बारा बजे हैं, लेकिन घर इतना गंदा पड़ा है
04:54सुमिट से कहा था मैंने समय पर जाडू पोचा कर देना
04:57सुमिट, कहा हो तुम
05:00क्या हुबा मम्मी जी, सुबा की चाई दो पिने दीजिए
05:03आप भी यहत करती हैं, चिला दी रहती है
05:06यह सुबा की चाई है, क्या दोपैर की चाई
05:10अगर तुम बारा बजे उठकर सुबा की चाई पियोगे
05:13तो क्या शाम का खाना रात के तीन बजे खाओगे
05:15मम्मी जी, चिला यह मत
05:18बता यह बात क्या है
05:19अरे बारा बज चुके हैं, अभी तक
05:22जाडू पोचा नहीं हुआ, घर में देखो
05:24कितनी गंगी है
05:25अच्छा अच्छा, तो आप इसलिए परिशान है
05:28क्या है न मम्मी जी, आज
05:30मेरे हाथ में दर्द हो रहा है
05:31रात को उल्टी करवट से सो गया था
05:34हाथ हिलाया भी नहीं चाह रहा
05:36कौन से हाथ में दर्द है दामाजी
05:39इस सिद्धे हाथ में ममी जी, हाथ हिल भी नहीं रहा है
05:43वीवेक, सुन लिया तुमने
05:46सुमेट के हाथ में इतना दर्द है
05:49के वेचारे का हाथ भी नहीं हिल रहा
05:51आज तो ये खाना भी नहीं खा पाएगा
05:54तो एक जन का खाना काम ही बनाना
05:57ठीक है ममी जी
06:00अरे ने ने ममी जी मेरे कहने का मतलब वो नहीं था
06:03मेरा मतलब है खाना तो खाऊंगा न
06:05अरे लेकिन कैसे हाथ तो हिल भी नहीं रहा है
06:09अरे मम्मी जी आपको ना किसी जेल में जेलर होना चाहिए था
06:13बिकार में हमारी सास बनकर जिन्दगी खराब करी है
06:16अरे लगाता हूँ पोचा एक बेचारा घर जमाई और कर भी क्या सकता है
06:21शाम को जब ईशा, सुहाना और मोहिनी आफिस से लोट कराती है
06:26मम्मी, शाम की खाने में क्या बना है?
06:30अब यह तो तेरे पते को ही मालूम होगा ना पिटा
06:33उस तेहीं खाने के जिम्मेदारी ली थी
06:35लगता है मम्मी, आपने ये घर जमाई वाला तरीका अपना कर मुसीबत मोल ले ली है
06:41आपकी तीनों घर जमाई कितने आलसी है
06:44मेरे वाले को देखो, दपैर के बारा बजे सुबह की चाय पीता है
06:49और काम क्या करना चाहता था? घर का जाड़ू पूछा
06:53मम्मी बता रही थी कि आज उस ते घर का जाड़ू पूछा, शाम की पांच बजे किया था
06:57अब क्या बताओं बेटा, सुबह से हाथ दर्द का बाना करके बैठ गया था
07:02कहता है हाथ में बहुत दर्द हो रहा है, हिला भी नहीं जा रहा
07:07से बहाने मम्मी, ये तीनों घर जमाई मिल करना बस बैठ कर खाना खाना चाहते हैं
07:12काम धाम तो बिल्कुल नहीं करना चाहते, लेकिन ऐसे काम नहीं चलेगा न, मुझे इन तीनों को सबक सिखाना ही पड़ेगा
07:20अरे तो ममी आप हिटलर से कमें क्या
07:23आपने जब हम तीनों को सबक सिखा सिखा कर इतना लायक बना दिया
07:28तो इन तीनों नालायक दामाद को भी आप कुछ न कुछ तो बनाई देंगी
07:33हाँ ममी बस अपने अंदर के हिटलर को बाहर लाईए
07:37और अपनी तीनो दमादों को अच्छी तरह से सबक सिखाईए
07:40रही बात आपके बेटियों की तो हम तीनों तो हमेशा से आपके साथ है
07:45अरे लेकिन बिटा इस काम के लिए तुम तीनों को मेहनत करनी पड़ेगी
07:49कैसी मेहनत मम्मी?
07:51अफिस में तो वैसे बहुत मेहनत करते हम तीनों
07:55अरे प्रेगनन्ट हो जाओ
07:56प्रेगनन्सी का बहाना बना कर कैदो
07:59के तुम तीनों ने नौकरी छोड़ती है दो साल के लिए
08:02और जब घर में खाने के पैसे नहीं होंगे
08:05तो आपने आप काम पर जाएंगे ये तीनों
08:08वाओ मम्मी क्या आइडिया दिया है
08:11मैं तो कली जाकर कहने वाली हूँ कि मैं प्रेगनन्ट हो गई हूँ
08:15फिर देखना कैसे मेरा पती अविनाश भाग भाग कर काम पर लग जाएगा
08:20और फिर दो दिन के बाद
08:23सुमित मैं प्रेगनन्ट हूँ
08:26और इसलिए अगले दो साल के लिए मैं अपनी जॉब छोड़ने का फैसला ले लिया है
08:30विवेक पापा बनने वाले हो तुम
08:35अब से न तुम्हें आफिस जाना होगा क्योंकि मैं तो दो साल के लिए छुट्टी पर चली गई हूँ
08:40अविनाश अब तुम्हें जिम्मेदारी संभाल लेनी चाहिए
08:45मनना ये घर कैसे चलीगा हम दोनों मम्मी पापा बनने वाले हैं
08:51लेकिन कावेरी के तीनों आलसी दामादों पर अपनी बेवियों की बात का कोई असर नहीं हुआ
08:58दीरे दीरे कावेरी ची को चिंता होने लगी क्योंकि उनके प्लान के हिसाब से तीनों बेटियों ने आफिस जाना बन कर दिया था
09:05आखिर क्या तरीका अपनाएंगी कावेरी अपने आलसी दामादों को काम करना सिखाने के लिए
09:12जानने के लिए सुनिए इस कहानी का पार्ट टू
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