00:01उमा जी की बहु पिंकी को गप्पे माने के बहुत आदत थी
00:06वो जब भी किसी के बारे में बाते करती तो बड़े बड़े गपे फेका करती
00:11आसपास के सब लोगों को पता था कि पिंकी बहुत बड़ी गपोडी बाज है
00:16लोग उसकी बात पर विश्वास नहीं किया करते थे
00:19लेकिन हाँ, उसकी बाते सुन सुन कर हसते बहुत थे
00:23अरे बहु, पडोस वाली शर्मा जी है न
00:28उनकी बेटी का जनम देना, तुम पे चली जाना
00:31ठीक है ममी जी, ये तो बता दो गिफ्ट में लेकर क्या जाना है
00:35अरे लेकर क्या जाना है, धायसो का लिफाफा दे देना, बस काफी है
00:40अरे ममी जी, अच्छा लगीगा क्या, पडोसी है हमारे, हमें कुछ बड़ा लेकर जाना चाहिए
00:47अरे बहु, इतना काफी है
00:50जानती हैं आप, मेरे माईके में जब पडोस में किसी की बर्थडे होती थी न, तो ममी कुछ न कुछ गूल्ड का ही दे कर भीजती थी
00:58पडोसे के बर्थडे मैं सोना, कैसी बात है करती हूँ
01:03और नहीं तो क्या, आपकी तर थोड़ी न अले फाफा पकड़ा दिया
01:07पिंकी शर्मा जी की बेटी के जनम दिन में चली जाती है
01:11अरे, आज तो बड़ी सुन्दर लग रही हो साडी में
01:15जी, मैं तो लहंगा पैन कर आने वाली थी, मम्मी जी नहीं मानी
01:20अरे बेटा, बर्थडे पार्टी में तो साडी चल जाती है
01:24मेरा मतलब, कोई शादी थोड़ी ना है
01:28कैसे बात कर रहे हैं आप आन्टी जी
01:30मेरे मायकी में तो छोटे-छोटे फंक्शन भी हम लोग लहंगा बनवाते थे बुटिक से
01:34डिजाइन करवाकर, चाहे पड़ोस पे किसी का जनम दिन हो
01:38मेरी ममी हमेशा बुटिक से नया लेंगा डिजाइन करवाती थी
01:42मैंने तो ऐसा कहीं नहीं देखा
01:45ये तो तुमने आज बड़े कमाल की बात बताई
01:48आरे जाने दीजिए, कोई बात नहीं
01:51और पताईए, आपकी बेटी नजर नहीं आरी
01:54आरे भाबी, मैं यहाँ हूँ
01:57ये देखी मेरा ड्रेस कैसा लग रहा है
01:59ठीक ही है, मतलब बड़े के हिसाब से थुड़ा हलका है न
02:05आरे भाबी, इतना सुन्दर गाउन पैना है मैंने
02:09मैं न, शादे से पहले अपने बर्ड़े पर हमेशा जरी वाला लेंगा पैना करती थी
02:13यही, मैं तुम्हारी ममी को भी बता रही थी
02:17उसके बाद, केक काटने का प्रोग्राम शुरू होता है
02:21साब लोग इखटे हो जाते हैं
02:23शर्मा जी की बेटी का केक देख कर पिंकी से रहा नहीं जाता
02:27उसके अंदर का गपोड़ी बाज बहार निकल कर आ जाता है
02:31अरे, इतना छोटा सा केक
02:35अरे, बेटा, मैं मानू की हिसाब से ही है
02:38जितने लोग इतना बड़ा केक
02:41आंटी जी, कम से कम चार या पांच मन्जिल वाला केक तो बनाना चाहिए था
02:47आपकी बेटी का बड़ी रोज रोज थोड़ी ना आता है
02:50मेरे बड़ी पर हमेशा पापा चार केक बनवाते थे
02:54सारे केक चार-चार मन्जिल के होते थे
02:57वहाँ पर सारे लोग उमा जी के मौहले के ही थे
03:01और वो पिंकी के गप्पे माने की आदत से अच्छी तरह वाकिफ थे
03:06इसलिए सब लोग उसकी बात सुनकर हसने लगे
03:09लेकिन किसी ने पिंकी से कुछ नहीं कहा
03:11एक दिन सुबह सुबह पिंकी ने अपनी सास से कहा
03:27ममी जी फ्लाइट से आ रहे हैं कर शाम को चार बजी की फ्लाइट है
03:31फ्लाइट लेकिन बेटा तेरा माय का तो यहां से दो घंटे की दूरी पर है
03:37तेरे ममी पापा फ्लाइट से कब से आने लगे
03:40अरे ममी जी आपको पता नहीं है
03:42मेरे ममी पपा ना आदे घंटे की दूरी के लिए भी फ्लाइट का टिकेट बुक करवाती है
03:46अरे गप्पे थोड़े कम मारा करो बहू
03:50कोई फ्लाइट से तब आएगा ना जब यहाँ पर एरपोट होगा
03:53तुम्हारी ममी क्या उड़ कर आएगी घर में?
03:55अरे हाँ ममी जी मैं तो भूली गई थी
03:59वो क्याना मेरे ममी पपा हमेशा फ्लाइट से ही ट्राबल करते हैं
04:03तो मेरे दिमाग से ही निकल गया था
04:05अगले दिन पिंकी के ममी और पापा पिंकी से मिलने के लिए उसके घर आते हैं
04:10आईए आईए जी आपका बहुत बहुत स्वागत है
04:13और सम्दन जी हमारी बेटी की कोई शिकार तो नहीं न ठीक से संबाल लिया है न आपका घर
04:22अरे मेरी बहु बहुत समझदार है घर का काम बहुत अच्छे तरीके से करती है
04:28बस थोड़ा ज्यादा बोलने की आदत है उसे आपको परेशान करती होगी न
04:35बात तो आपकी सही है उसकी थोड़ा ज्यादा नहीं बहुत ज्यादा बोलने की आदत है
04:41लेकिन कोई बात नहीं, आपकी बेटी दिल के बहुत अच्छी है, बस थोड़ा बोलती ही तो ज्यादा है, तिंकी बेटा, इधर आओ, देखो तुम्हारे मम्मी पापा आए है, तुमने इनके लिए खाना तो बना लिया ना?
04:56वो क्या है न, ममी जी अपसी इक बात कहनी थी?
05:00हाँ, बोलो बहुत क्या बात है, डन्रे की कोई सवरुत नहीं, वो ममी जी मैंने सुचया ममी पापा आए है, तो खाना बहार से मंगवा लिती हूँ
05:10अरे कोई बात नहीं बिटा, वैसे भी तुम किचन में काम करने लग जाती ही, तो अपने ममी पापा से बात कप करती, बहुत अच्छा किया, अब तुम अपने ममी पापा के साथ बाढ़ कर आराम से बात करो, मैं अंदर चाती हूँ
05:23शाम का वक्त, जैसे ही दर्वाजे की घंटी बजी, तीन-चार लोग हाथों में खाने की बहुत सारे पैकेट लेकर उमाजी की घर पाच गया
05:33अरे भई, कौन है आप लोग, लगता है गलत पते पर आ गए
05:37नहीं नहीं माजी, हम तो खाने का ओर्डर डिलिवर करने आये हैं, यहीं से बुकिंग मिली थी
05:43आरे नहीं नहीं, आपको कोई गलत पहमी हुई है, हमारी यहां तो दो ही मैमाना है
05:48आपके हाथ के पैकेट देखकर लगता है, इसमें पचास लोगों का खाना है
05:54बाजी अपने सही समझा, खाना तो इसमें पचास लोगों का ही है, क्योंकि हमें ओर्डर यहीं से पचास लोगों का मिला है
06:01अरे लेकिन इतना सारा खाना?
06:05कहीं मेरे बहुन अपनी गप माननी के आदत के चलते ऐसा तो नहीं करती है
06:09यह खाना आप रख लिजे और हमें अमारे पैसे दे दीजे
06:12अच्छा, वैसे कितने का बिल बना है?
06:16ज्यादा नहीं बस दस जजार दे दीजे
06:18उन लोगों की बात सुनकर उमा जी पिंकी को आवाज दे कर वहां बुलाती है
06:23जैसे ही पिंकी वहां आती है
06:25खुश होते हुए उन लोगों को वहां पर खाना रखने के लिए कहती है
06:29अरे इतना सारा खाना क्यों मंगवाया बहू?
06:33हरे मम्मी जी मैंने आपको बताया तो था
06:35मम्मी पापा आये हैं तो मैं खाना बाहर से मंगवा रही हूँ
06:38ये बात सही है बेटा लेकिन दो लोगों के लिए पचास लोगों का खाना?
06:44हरे मम्मी जी कुछ कम पर जाए तो अच्छे थोड़ी न लगता है
06:47और मेरे माईके में तो ऐसा ही होता है
06:49एक्स्ट्रा खाना मंगवा आते हैं हम लोग
06:51तब ही पिंकी के मम्मी और पापा वहाँ पर आते हैं
06:55अरे बेटा एक्स्ट्रा खाना मंगवा आने का मतलब ये थोड़ी न होता है
06:59कि दो लोगों के खाने के लिए पचास लोगों का खाना मंगवा लो
07:03और बेटा तुम्हारी गप मानने की आदत के चलती दस हजार का भी लाया है
07:10तुम्हें नहीं लगता ये गलत है
07:13देखो बहू बढ़ा चड़ा कर बाते करना अपनी जगा
07:17लेकिन इतनी बड़ी बड़ी फैंक में अभी गलत है न
07:20पहली बात तो इतने सारे पैसे लगे और दूसरी बात खाना वेस्ट होगा
07:25आप लोग ठीक कहते हैं मैं आज की बाद अपनी सादत को कंच्रोल काने की कूशिश करूँगी
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