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  • 2 days ago

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00:00देवर भाभी की शादी
00:01रमाकांत और सावित रीजी के दो बेटे थे
00:05बड़े बेटे का नाम था सुधिप और छोटे बेटे का नाम था अंशुल
00:08सुधिप की शादी हो चुकी थी और उसकी पत्नी का नाम था अनन्या
00:13अंशुल दूसरे शहर में रहकर एक बड़ी कमपनी में नौकरी करता था
00:17कुछ दिनों के लिए अंशुल जब अपने घर आया हुआ था
00:21बहुत दिनों के बाद आये हो बिटा, जल्दी जल्दी छुट्टियां ले लिया करो
00:27अरे पापा, अभी छे महीने पहले ही तो भाई की शादी में आया था
00:31उसके बाद तो कमपनी वालों ने चुट्टी ही नहीं दी
00:34हाँ, बात तो तेरी सही है, मेरी शादी के बाद तो तो अब घर आया है
00:38लेकिन भाई आपकी शादी को भी तो सिर्फ 6 मही नहीं हुए है
00:42लगता है आप तुम्हारी भी शादी जल्दी करनी पड़ेगी
00:46तुम भी तो सुदीब से सिर्फ एक साल छोटे हो
00:48जल्दी से तुम्हारे भी हाथ पीले कर देते हैं
00:51अरे कैसे बात करती है मम्मी
00:53अब यह मुझे कुछ दिन नौकरे तो करने दो
00:56देवर जी आपकी भी शादी हो जाएगी तो मेरा मन लग जाएगा
01:00देवरानी आ जाएगी घर में
01:03अनन्याद देवरानी आ भी जाएगी तो कौन सा यहां रहेगी
01:06वो तो इसके साथ नौकरे बचाएगी
01:09हाँ ममी जी वैसे बात तो आपकी बिलकुल चीक है
01:12और फिर कुछ मेंनों की बाद
01:15ओफिस से लोटते वक्त सुदीप का एक्सिजेंट हो जाता है
01:18और उस एक्सिजेंट में उसकी मौत हो जाती है
01:22ये क्या दुखों का पहार तूट पड़ा
01:26जवान बेटे की मौत हो गई
01:29क्या करेंगे अब हम लोग
01:32शाती को सिर्फ आठ मैने हुए है
01:36उसकी पत्नी ने अभी तो अपना जीवन जीना शुरू भी नहीं किया
01:41मम्मी जी, बापा जी
01:44मेरा क्या होगा
01:46मेरी तो जिन्दगी खराब होगी
01:48मैंने कब भी सोचा भी नहीं था
01:51सुदीप मुझे इतना जल्दी छोड़ कर चले जाएंगे
01:54आरा बहु, सोचा तो किसी ने भी नहीं था
01:59हम तुम्हारा दुख समझते हैं बेटा
02:01लेकिन भगवान की मर्जिके आगे हम कुछ नहीं कर सकते
02:05कितना अच्छा बेटा था मेरा
02:08मैंने किसी का क्या भी गड़ा था
02:10जो वो मुझे ऐसे छोड़ कर चला गया
02:13जब आखरी बार भाई से मिला था
02:16तो सोचा भी नहीं था
02:18कि ये मेरी उनसे आखरी मलाकात होगी
02:21तुने खुश थे भईया
02:23मेरी शादी की बाते कर रहे थे
02:25पूरा परिवार कुछ दिन इसी तरह दुखी रहता है
02:30वक्त बीटता जाता है
02:32सावित्री और रमाकान जी मैसूस करते हैं
02:35कि अनन्या काफी अकेली और दुखी रहने लगी थी
02:38सावित्री हमारी बहु की अभी उम्रे ही क्या है
02:43सिर्फ पचीस साल
02:44और उसके चेहरे की उदासी देखो
02:47उसे इस तरह देख कर मुझे बिलकुल अच्छा नहीं लगता
02:50आप ठीक कहते हैं
02:53अनन्या बहुत रोती है
02:54और उसका अकेलापन मुझसे भी नहीं देखा जाता
02:57एक बात कहूं सावित्री
03:01क्या हमें अपनी बहु की दूसरी शादी करवा देनी चाहिए
03:05अरे लेकिन
03:07समाजवाले क्या कहेंगे
03:09कि हम अपनी विद्वा बहु की शादी करवा रहे हैं
03:12अरे लेकिन
03:13उसके उम्रे तो देखो सिर्फ पच्छीस साल की है
03:15पोरे जिंदगी क्या से एकटेगी
03:17सावित्री कैसे रहेगी वो
03:19मैं सब समझती हूँ जी
03:22लेकिन पहले हमें
03:24खुद अनन्या से बात करनी होगी
03:25कि वो इस बात के लिए
03:28तयार है या नहीं
03:29उसके बाद ही हम कुछ कर सकते हैं
03:32मुझे तो लगता है कि
03:34हमें अन्शुल से भी
03:35इस बारे में बात चित करनी चाहिए
03:37उसका क्या खायाल है जरा पता तो करें
03:40सावित्री और रमा कांथ
03:42अन्शुल को अपने बास बलाते हैं
03:44अन्शुल बेटा
03:45तुम तो जानते हो
03:47सुदेप के जाने के बाद
03:49अनन्या की कैसे हालत हो गई है
03:51तुम्हारा इस बारे में क्या खायाल है
03:53पापा
03:55मुझे लगता है हमें भावी की दूसरी
03:58शादी करवा देनी चाहिए
03:59जब अन्शुल भी कह रहा है तो ठीक है
04:02हम अनन्या की
04:04शादी करवा देते हैं
04:06वो खुश रहेगी तो हमें भी अच्छा लगेगा
04:08रमाकांत और सावित्री
04:10अनन्या के लिए लड़का ढूनते हैं
04:12लेकिन अनन्या के विद्वा होने की वज़े से
04:15कभी उन्हें बहुत ज्यादा उम्रका लड़का मिलता
04:17तो कभी कोई अच्छा लड़का मिलता ही नहीं
04:19इस बात से रमाकांत और सावित्री
04:21अच्छे खासे परिशान हो जाते हैं
04:24ममी जी पापा जी
04:26आप मेरे लिए बेकार में ही
04:28परिशान हो रहे हैं
04:29मैं बिना किसे शिकायत की
04:31अपनी पूरी जिंद्गी ऐसे ही निकाल लूगी
04:33कोई परिशानी नहीं होगी
04:35नहीं बेटा
04:36हम तुम्हें इतना दुखी नहीं देख सकते हैं
04:39हमारा बेटा तो चला गया
04:41और अब तुम्हारी पूरी जिंद्गी
04:43ऐसे ही खराब हो गई तो हम अपने
04:45आपको माफ नहीं कर पाएंगे
04:47देखो अनन्या
04:48तुम कहने को हमारी बहु हो
04:50लेकिन इस घर की सदस्य हो
05:06रहना चाहती हो
05:07वैसे भी आप जानते हैं
05:09मेरे माबाप इस दुन्या में है नहीं
05:11मैं कहा जाऊंगी
05:12बेटा इसलिए तो हम तुम्हारी दूसरी
05:15शादी करवाना चाहते थे
05:17हम चाहते थे कि तुम्हारा घर
05:19बस जाए और तुम अपने जीवन
05:21साथी के साथ खुश हो
05:22लेकिन आपने देखा ना पापा जी
05:25कितनी कोशिश भी की
05:27मेरी शादी करवाने की
05:29एक बार विद्वा हो जाने के बाद
05:31कोई भी अच्छा लड़का
05:32एक लड़की को अपनाने के लिए
05:34तयार नहीं होता
05:35अम तुम्हारे लिए लड़का
05:37ढूणने की कोशिश करते रहेंगे बिटा
05:39कोई ना कोई मिली जाएगा
05:42नहीं पापा जी बहुत मुश्किल है
05:44इतना आसान नहीं होता
05:46आप हमारे समाज को जानते हैं
05:48एक लड़की के विद्वा हो जाने पर
05:50उससे दुबारा शादी करने को
05:52कोई तयार नहीं होता
05:53मैं जानती हूँ
05:54लोग मेरे बारे में क्या बात करते हैं
05:57रिष्टेदार औरोस पडोस की लोगों को
05:59बात करते हुए सुना है मैंने
06:01सब कहते हैं कि एक साल के अंदर ही
06:03मैं अप्टे पती को खा गई
06:05मेरा आदी ही आपकी बेटे
06:07और मेरे पती की मौत हो गई
06:09नहीं नहीं भाबी ऐसा नहीं कहते है
06:11भाया की मौत में आपको कोई हाथ नहीं
06:14ये तो सब भगवान की मर्जी है
06:16अरे वो पती थे आपके
06:18भला आप उनके साथ कुछ भी गलत कैसे कर सकती है
06:21अंशुल ठीक कह रहा है बेटा
06:23हमने अपना बेटा खोया है
06:26हमें कितनी तकलीफ है
06:27हम किसी को बता नहीं सकते
06:29लेकिन उसकी मौत के लिए
06:31तुम्हें भी जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते
06:33मम्मी जी
06:35आप नहीं कहते हैं ये मैं जानती हूँ
06:37लेकिन सारी दुनिया तो यही कहती है
06:40ऐसे मैं कौन करेगा मुझसे शादी
06:42कोई नहीं करेगा मम्मी जी
06:44सारी दुनिया मुझे मन्हूस समझती है
06:47मैं करूँगा आपसे शादी
06:50मैं आपको हमेशा इसी घर में रखूँगा
06:53आप इस घर में रहना चाहती है न
06:55मम्मी पापा के साथ, हमारे साथ, ठीक है, मैं आपसे शादी करूँगा भावी
07:01अरे, ये तुम क्या कह रहे हो अंशुल, तुम अपने बड़े भाई की विद्वा के साथ शादी करोगे
07:08बिटा, तुमने ये फैसला सोच समझ कर तो लिया है न
07:12अरे, कैसी बात कर रहे हैं आप, अपने बेटे को रोकने की बजाए उससे पूछ रहे हैं कि फैसला सोच समझ कर लिया है
07:19लेकिन मम्मी, आपको इस बात से क्या इतराज है
07:22दीवर जी, मेरी वज़े से आप अपने जिंदगी खराब करने की कोशिश मत कीजिए
07:28मैं जानता हूँ, आप मेरी भावी हैं और एक पत्नी का रिष्टा मेरे साथ शुरू करने में आपको बहुत मुश्किल होगी
07:35लेकिन फिर भी मैं इसके लिए तैयार हूँ
07:38तुम्हारा दिमाग खराब हो गया है क्या?
07:39तुम्हारे बड़े भावी की मौत हो गई है और ये उसकी पत्नी है
07:43उसके साथ शादी करके तुम चाते हो के घर में फिर से कुछ गलत हो जाए
07:48देखा ममी, सारी दुनिया गलत तो नहीं कहती
07:52जब हमारी खुद की सोची ऐसी है तो हम दूसरों को क्या समझाएंगे?
08:09ममी ची आप परिशान मत हो, मैं ऐसा कोई काम नहीं करूँगे जिसकी वज़े से आपको दुखो
08:15नहीं नहीं बिटा मुझे माफ कर दो, मैंने ही कुछ गलत बोल दिया
08:19अंशुल ठीक क्या रहा है? तुम हमारे घर में बहु बन कर आई थी
08:24और अब हमेशा के लिए बहु बन कर ही रहोगी, इससे अच्छी बात और क्या हो सकती है?
08:30देखे भाबी, आपको जितना वक्त चाहिए आप ले लीजे
08:34हमारा रिष्टा थोड़ा अलग है लेकिन धीरे धीरे सब कुछ ठीक हो जाएगा
08:38रमाकांत और सावित्री जी अंशुल और अनन्या की शादी करवा देते हैं
08:44और इस तरह से एक देवर अपनी भाबी से शादी करके
08:47काम उम्र में विद्वा हुई अपनी भाबी की जिन्दगी को फिर से खुश्यों से भर देता है
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