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  • 16 hours ago

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00:00साइलेंट मूवीज
00:01वहाँ हर समय चैपलिन के साथ क्या हो रहा होता है
00:03दर्वाजा खोला दर्वाजा जैसे ही खोला तो ऊपर से रॉट गरिट रहा हूँ
00:07सिंदगी हसने तो देगे नहीं बहुत देर तक वैसे गी ऐसे रोती रोती हाथिया
00:17और कोई तरीका है नहीं यह आपको लगता है और लगता रहेगा क्या सोच के आए थे
00:38संसार बहुत खुश होगा सावाशी देगा यह दंड लोक है हम यह दंड पाने आते हैं देके नहीं आनंद लोक भी
00:46हो सकता है अगर दंड में ही आनंद लेने लग जाओ तो रोने को इतनी बड़ी बात मानों ही मत आसुओं को जीवन से वर्जित करने कोई ज़रूरत नहीं है जीवन माने आसुद
00:54नमस्ते अचारे जी जो मेरा प्रश्ण है वो सामने रखने से पहले मैं दो तथे बताना चाहूंगी अपने जीवन से जुड़े
01:09जिसकी वज़ा से मुझे लगता है कि मैं आपके सामने अपना प्रश्ण पहता तरीके से पूछ पाऊंगे तो जो मेरी दादी है उनका निधन जल में पांच साल की थी कभी हो गया
01:23हाँ दादी है और उसके बाद जो मेरी कजन बेहन थी वो क्योंकि काफी बड़ी थी तो बारा वर्श की आयू में ही उनका विवाह हो गया वो चली गई
01:41मैं उनसे बहुत ग्लोज थी और मैं सारी बात उने ही बताती थी तो जब तक वो थी मेरे साथ तब तक जो मेरा परफॉर्मेंस भी था मैं आठवी कख्शा में थी तो तब तक बहुत अच्छा रहा केवल वही लक्ष दिखाई देता था कि बहतर से बहतर बनना है
02:01क्लास में भी सरुषेश्ट ही रही मैं उसके बाद जो वर्ष थे वो काफी कटन थे
02:09मुझे ऐसा ऐसास हुआ कि एक डिस्फंक्शनल परिवार है अबैंडिन्मेंट है निगलेक्ट है
02:16जब कॉलेज में दाखिला हुआ तो यहीं समझतियों की सही योग ताकि दिल्ली विश्व दियाले के एक काफी अच्छे कॉलेज में दाखिला मिला
02:27वहां तीन वर्ष परफॉर्मेंस दुबारा बहुत अच्छा रहा और मतलब हर चीज़ में बहुत मन लगता था
02:35वहां से निकलने के बाद नौकरी की वह भी ठीट थी लेकिन जो में चीज़ है जो परिशान करती है यह है कि जो मेरा जो परफॉर्मेंस है वह बहुत जादा इंवाइमेंट पर डिपेंड कर जाता है
02:50एमोशनल डिपेंडेंसी बहुत जादा है जो गलत है
02:55मुझे कई बार स्वयम भी इस चीज़ का हैसास होता है कि मैं बहुत विक्तिमाइजेशन की तरफ तो नहीं जा रहे हूँ
03:03तो बाहर का वातवरन कैसा भी हो किसी भी तरह के लोग मिल रहे हो
03:10चाहिं इंटेलेक्शल स्टिमुनी नहीं भी मिल पा रहा हूँ
03:13उस पी स्थिती में अच्छे से अच्छा परफॉर्म करबाना आगे बढ़ते रहना इतना अपने आपको सक्षम नहीं पापाती होना है
03:23जब भी मुझे गार वापस आना होता है चाहिए कुछ भी जिनके लिए आना हो तो इंपुर इंट्रॉल हो जाता है
03:33बहुत ही जादा एंक्साइटी डिप्रेशन वह सब चीज़े दुबारा उसे दिमाग में वापस आती है कि मुझे किसी ने अपना आया नहीं है
03:44यहां कोई अपना नहीं है अपना एक बार नाम बताएंगे फिर से
03:50मुद्षी है उन्हीत पर रही है तो छीज ठीज ठीठ ठीक ठीक है आप देख रहे हैं आपके आवाज का हॉप रही है
04:04हूँ अच्छा आपने आपने पने फिल्में देख़ी होंगी हूँ धूदित कि जहाğ में कोमेडियं होता है एक
04:16हम और अक्सर जो कॉमेडियन होता है वो पिट ही रहा होता है आप कितना हसते हो कि नहीं हसते हो
04:27भारत में तो फिल्मों में कॉमेडी आई भी नहीं थी तब तक चारली चैपलिन की याद है
04:33साइलेंट मूवीज वहां हर समय चैपलिन के साथ क्या हो रहा होता है दर्वाजा खोला दर्वाजा जैसे खोला तो उपर से रॉट गिरी ट्रॉट
04:45आगे बढ़े तो आगे पानी रखा हो तो फिसल के गिरे और फिसल के गिरे तो जमीन हीली तो कोई और डंडा आके सर पे गिर गया है
04:57कोई बहुत पहलवान सा आदमी सामने खड़ा हुआ है उसने चाटा मार दिया तो ऐसे गोल-गोल-गोल-गोल गुम रहे हैं तो आप क्या कर रहे हो जो और जोर से हसर रहे हो
05:09और वो बात अभी भी रहती आप कभी हसते हो किसी पर जो बहुत महान हो जो बहुत उचे काम कर रहा हो जिसकी बड़ी उपलब्धियां हो रही हो और हसते तो आप खूब हो किस पर हसते हो जो पिट रहा हो है ना जो पिट रहा होता है उसके साथ कैसे कैसे काम हो रहे होते हैं
05:39जब हैं धुछा होते हैं किसी का हस लेते हों के नहीं हस लेते हो पिटाही दुनिया में सब के होती है एक प्रेइधां कि नहीं हूई है
05:53समस्य चैंन iba की प्राइश हो गई मैं समस्य ये है कि अपने प्रम भी हस नहीं पा रहे हो
05:59जैसे दूसरे की पिटाई देखके हसते हो, चैपलेन पिट रहा है आप हस रहे हो, वैसे आप भी पिट रहे हो आप हसो ना, आपकी आवाज क्यों काप रही है, चैपलेन पिट रहा होता है आपकी आवाज कापती है क्या, जॉनी लिवर उसके सथ क्या क्या हो रहा होता है, उ
06:29चलते हैं टॉम एंजेरी मुझे याद है वो खड़ा हुआ उसके उपर ऐसे आके हैमर गिरा और उसमीन पर चिपक गया बिलकुल री डाइमेशनल से टू डाइमेशनल हो गया और धीरे धीरे धीरे करके वापस आता है आप कितनी जोर से हसते हो और सोचो बिचारों कितनी जो
06:59पिटते तो सभी हैं पिटना नहीं समझ से आये खुद को इतनी क्यों गंभीरता से लेते हो क्यों इतनी आसकते से लेते हो पिटते पिटते हसते जाओ
07:18रोते रोते
07:21हसते जाओ
07:23क्या करोगे
07:25और कोई तरीका नहीं है
07:29पैदा कहें के लिए हो
07:34पिटने के लिए
07:41पिटने को एक ही जवाब हो सकता है
07:42कि पिटते पिटते भी
07:43फिर पिटने वाले को भी
07:47बड़ी चिर लगती है
07:47कभी आप किसी को पिटो
07:50तो आपके साथ
07:53जो बड़े से बड़ा जुल्म हो सकता है
07:54वो यह कि आप उज़े पिट रहे और दोर से अंसरा है
07:56इतना बुरा लगेगा
07:59वही
08:01और आपको कोई पिट रहा है वो
08:03और आपकी आवाज कापने लगे तो जो पिट रहा है
08:06वो तो जीत गया
08:07कई बार तो उसने पीटा भी नहीं उससे पहली आप काप गए
08:12तो जीत गया भी ना पीटे
08:13सब पिट रहे होते हैं कौन नहीं पिट रहे होता
08:21और लगातारी पिट रहे होते हैं
08:24समस्या ये भी नहीं है देखिए कि आपकी आवाज काप रही है
08:27आप अभी बिलकुल अभ बिखरने को हो रही है, हो रही है कि नहीं, उसमें भी समस्या नहीं है, समस्या यह है कि बीज बीच में हसनी देती है, हसी है, फिर रोएगा, सिंदगी हसने तो देगे नहीं बहुत देर तक वैसे भी, जैसे रोते रोते हसी है, और कोई तरीका है नह
08:57फिर रो लीजे, फिर रस दीजे
08:58अरे सामने बहुत
09:03आचाय जी चप्पी मैं बाहर उती हूँ
09:07हमेशा अकेले ही ट्राविल किया
09:10सब कुछ वहाँ भी
09:12डर का कोई एसास ही नहीं हुआ
09:14मुझे, बहुत सक्षम महसूस हुआ
09:16कि मैं सब कुछ कर सकते हूँ
09:18कोई कभी साथ नहीं आया
09:21मेरे, उसकी ज़रूरत भी
09:22महसूस नहीं हुई
09:23लेकिन मतलब घर पर आओ
09:27तो जो भी सीका है
09:29तो बिल्कुल शून के
09:31बराबर हो जाता है
09:32उस चीज में ऐसा लगता है
09:35कि को ही
09:37समझपाने में तक्रीफ होती है
09:39ऐसा चलेगा
09:41एक बार लगा था कि अपुछ खत्म हो गया
09:44लेकिन फिर से दुबारा
09:46ये आपको लगता है और लगता है
09:48सुनिए
09:49ये आपको लगता है और लगता रहेगा
09:55ठीक है
09:55आप इंसान प्यादा हुई है
09:58ये सब लगता रहेगा
10:00अब एक सवाल पूछ रहा हूँ जवाब दीजेगा
10:02ये ही सब किसी और को लग रहा हो तो आपको कितना लगेगा
10:04ये जो आपको लग रहा है तो इतना लग रहा है
10:08आपको लग रहा है तो बहुत जोर से लग रहा है
10:11जैसे बिलकुल सीथे गाल पे लग गया हो
10:12यही सब कुछ किसी और को लग रहा हो तो आपको कितना लगेगा
10:16अब उधारन के लिए आप रोने को हो रही है मुझे मज़े आ रहे है
10:22मैं मुझे रोने को हो रहा होता हो तो मुझे इतने मज़े नहीं आ रहे होते
10:26ठीक, यह यह न, ऐसी अभी यह सब बारतालाब चल रहा है, ठाक है मार रहे है, मज़े, सबसे आगे वेट, सबसे आदो यह हस रही है, सबको मज़े आ रहे है,
10:37खुद को लगता है, तो बहुत जोर का लगता है, लिकिन जब दूसरे को लगता है, तो हमें, तो जब खुद को भी लगे तो यह मानो किसी और को लगा, जब दूसरे को लगने पर खुद को नहीं लगता है, तो जब खुद को भी लगे तो यही मानो, किसी और को लगा, आप
11:07कैसे हसी थी जैसे अभी हस रही है कैसे हसी थी कैसे हसी थी पता ही पता ही होता ही कैसे हसी थी यह जबरदस्ती रोने की कुछ खुलकर हसी थी न तो वैसे ही जैसे चैपलिन पिट रहा होता आप हस रही होती है वैसे जब आप भी पिट रही हो तो हसी है पिटना नहीं रुकने
11:37ये कहे कि जीवन में
11:39दर्द का अंत हो जाए
11:41तो वो नहीं होने वाला बाबा
11:42उसके साथ ही हसना पड़ता है
11:45अपने ही उपर हसना पड़ेगा
11:46और कोई और कोई
11:47और कोई उसकी विधी है नहीं
11:49क्या करोगे मैं भी यहां बैठ करके आपको हसा रहा हूं
11:53सत्र शुरू होने से
11:54दो मिनट पहले
11:56मुझसे कम से कम दो लोग उने बोला
11:57आज का सेशन पॉस्ट पॉन कर दीजी
11:59आप नहीं ले पाएंगे
12:00कुछ था
12:04अभी नहीं कि अभी है
12:06सुबह से ही कुछ था
12:07चला ही आ रहा है
12:08मन पे भी कुछ था
12:11शरीर में भी कुछ है
12:12कैसे आप क्यों जा रहें अंदर
12:16आप लेहीं नहीं सकते हैं
12:17यह भी नहीं का जाने दो
12:20मन इतना भरा हुआ था कि
12:23अंदर ही आ गया सीथे
12:24यहां आगे हंसने लग गए
12:25क्या यही है
12:31क्या सोच के आए थे
12:36संसार बहुत खुश होगा
12:37पैदा काई के लिए हुई थी
12:44पिटने से इतनी समस्या है तो
12:45यह दंड लोक है
12:50हम यहां दंड पाने आते हैं
12:54लेकिन यह आनंद लोक भी हो सकता है
12:55अगर दंड में ही आनंद लेने लग जाओ तो
12:57जो चल रहा है यही चलेगा
13:04हाँ इसमें ही
13:06थोड़ा अपने प्रते अना सकते रखिए
13:09थोड़ा स्वहम से दूरी रखिए
13:12अपने ही दुख का साक्षी होना सीखिए
13:15हाँ है ठीक है
13:17फिर पिटे ही मानशी आज
13:20सुबह उठके पूछी आज कहां कहां पिटेगी और किस किस तरीके से पिटेगी
13:25आज बता तुझे क्या क्या बुरा लगेगा
13:27मिस सेंसिटिव
13:29क्या है पीजी ये सुबह सुबह उठी है
13:38अब इतनी सेंसिटिव है तो क्या बोलेंगी
13:39अब कितनी जोर से मुझे लगा है
13:50मैंने इतना सड़ा हुआ पीजे मारा
13:52और किसी को समझ में नहीं आया
13:54आप कौन सी चाय पिएंगी सुबह
14:00सेंसिटिविटी
14:02हासी है
14:04बोले चाय जादा गरम है
14:08तो ले आशू मिला लो ठंडी हो जाएगी
14:10कहें कि रोना तो मैं हर समय
14:13शक्कर जादा हो गई कोई बात नहीं रो दो थोड़ा उसमय
14:18सांतोना की तलाश मत करिये
14:30सांतोना बहुत बड़ी समस्या बनती है
14:33वो जो कंधा मिलेगा ना आपको
14:36कि आओ यहां सतर रख के रो
14:39वो कंधा ही समझी है फिर अर्थी उठाएगा आपकी
14:43इस उनके खुशी तो नहीं हो रही ना
14:48सबसे अच्छी मुस्कुराट वही होती है आसुओं के बीच जो आती है
14:56नहीं तो वो तो सस्ती बात है चीप
15:00कि मेरे जैसे किसी ने सड़ा पीजे मारा और उस पर दात फड़ दिये
15:04कुछ नहीं है इधर उधर गिर रहा है विखर रहा है इधर दर्द है उधर चोट रहा है तकलीफ है फिर भी बेसरम की तरह है हे
15:18माया को भी बिलकुल खिजा दो वो आई ये तुम्हें रूलाने वो जितना परेशान करे उतना क्या करो हे
15:26तुम कैसे रोने को हो रहे हो बैठे हुए
15:31क्या हो गए तुम्हें साथ
15:33रोना बहुत बड़ा अवसर है
15:39हसने का
15:41क्योंकि बिना रोये जो हस रहा है
15:44वो सस्ता गाम कर रहा है
15:46जब रो रहे हो
15:47वही मौका है
15:49रोने के साथ हसो
15:50अपने यूपर हसो
15:56वो कल्ट मूवी है
16:05नाम क्यों नहीं आदा रहा मुझे
16:08नसीर उद्दिन शाह और
16:12जाने भी दोयार
16:15जाने भी दोयारों में वो जो कमिशनर होता है
16:19जो मरता है
16:20तो ये उसके यहां जा रहे हैं
16:23और वहां पर केक रखा हुआ है
16:24और वहां खिड़की के बाहर उन्होंने एक को खड़ा कर दिया है
16:28और ये ऐसे ही हैं बिलकुल
16:32आदे भुकमरे
16:33और खिड़की के बाहर जो खड़ा हुआ है
16:36ये अंदर गुसा है उसके कमिशनर के केक में
16:39तो ये कमिशनर के साथ केक खा रहा है
16:43वो जो बाहर उसीटी मार रहा है तो ही खाता रहे का em
17:13हम
17:18उल्टी मांगे रखते हैं
17:20हम कहते हैं आसू रुक जाएं
17:22कैसे रुक जाएंगे
17:30आसूओं के साथ साथ कुछ और आ सकता है
17:33मुस्कान
17:33कोई आपको भरोसा दे के आपके आसू पोच देगा
17:43गलग भरोसा है
17:45जूटा वादा है
17:46हाँ कोई आपको
17:52रोते रोते में हसा दे तो ठीक है
17:53उसका लेकिन यह नहीं मतलब है कि
17:56आपकल दोबारा नहीं रोगे आपकल भी रोगे
17:58अभी से जान लो
18:00कोई उमीद पाल के मत रखिया एक कल नहीं रोएंगे
18:03सुबे पर आपको कल भी रोना अभी से पता रहूं
18:05आप तो अभी ही रो रहे हैं
18:05अभी ही रो कैसा
18:06रोने को इतनी बड़ी बात मानो यह मत
18:13आसुँओं को जीवन से वर्जित करने कोई जरूरत नहीं है
18:17जीवन माने आसु
18:21तो रहेगा
18:24उसके साथ है
18:28यह जो हमारा
18:34folk culture बन गया ना
18:38लोक धर्म क्या
18:39यह रहे नहीं
18:42रोना तो बुरी बात है
18:44let's all present a smiling facade
18:47तू भी हसरा है तू भी हसरा है
18:50कुछ नहीं चूट
18:58आप तो चुप हो भी
19:06आप तो मुस्कुरा नहीं लग दे
19:10यह क्या हो गया
19:12नहीं
19:14रोईंगी नहीं
19:18नहीं वो तो सर हमेशा ही चलेगा
19:23पर जो जितना थोड़ा बहुत
19:26आसू आते हैं
19:28अपने अंदर से ही वो
19:30ताकत विक्सित करने पड़ेगी
19:32लेकिन ताकत नहीं
19:34अगंभीरता
19:36प्रीडम
19:39हम बहुत चिपके रहते हैं
19:43अपने आपको पता नहीं क्या मानते हैं
19:46बहुत बड़ी चीज़ है
19:47हम रो दिये
19:49हम को गम
19:52हम हम
19:55हम को गम माने क्या
19:59तुम नहीं रोगे तो कौन रोएगा
20:02क्यों इतना गंभीरता से लेतना है खुद को
20:10रो रहे तो रो रहे
20:13हसर है तो हसर है
20:15जिन्दगी किसकी सगी है
20:16आपकी सगी है
20:19है
20:22मेरी तो नहीं है
20:24दस बीस साल बाद ना आप वहां होंगी
20:29न मैधर होंगा
20:30कि टीवी भी जड़ चुका होगा
20:34दीवारे गिरने को हो रही होंगी
20:38नहीं
20:41और जब तक जिन्दा है तब तक ऐसे जैसे पता नहीं कितनी बड़ी बात है
20:45तेरी कसम खा के कहता हूँ तेरी आँखो में आसू नहीं आने दूँगा
20:53आँखे फोड़ दे उसकी और कोई तरीका नहीं आँखो के आंसू रोकने का
20:59आँख है तो आंसू भी रहेगा
21:03आशेक की अउलाद
21:08जबरदस्ती आंसू के पीछे पड़े हैं
21:13वो अभी एक आई थी तुझे रोने नहीं दूँगा
21:18जानवर करके
21:21क्यों नहीं रोने देगा जबरदस्ती है मैं रोंगा रोक के देखा
21:32हर बात में हमारी सुतंतरता का हनन है तुझे रोने नहीं दूँगा क्यों भाई
21:39यह एक कल्चरल चीज है
21:54कि उदासी में और आसूं में कोई समस्या है कोई समस्या नहीं है
22:01समस्या यह है कि आप इसको बड़ी बात मान लेते हो बहुत गंभीरता से ले लेते हो आती जाती हवाएं है ठीक है
22:08सरदर्द नहीं होता कभी नाक में दर्द नहीं होता दात में दर्द नहीं होता वैसे ही है
22:14जीवन के रंग है मौसम है बदलते रहते हैं कभी सुख लगता है कभी बिना बात की उदासी चा जाती है
22:21कभी सुबह उठते हो यूहीं हो जाती है
22:23होता नहीं है
22:24कोई पुछता भी है आज क्यों प्रफरलित इतने
22:26कोई कारण नहीं होता
22:28को किसी किसी दिन ऐसे ही मुँ
22:30लटकाए घूम रहे हो कोई पुछता भी है
22:32क्या हो गया कोई कारण नहीं होता
22:34इन सब बातों कौन गंभीरता से ले
22:37अभी जड़ जाना है राक हो जाना है
22:40फिर कहां जाएगी तुम्हारी उदासी
22:44आप जहां बैठी होँआ धूल है आसपस
22:48उठाईएगा ऐसी रगड़ के
22:52ठाईए जहां कई हो
22:54दिखाईए कैमरे में
22:58यह भी बहुत गंभीर थी अपनी
23:02उदासियों को लेके
23:04अभी आपकी उंगली पर ऐसे बठी हुई है
23:07उससे भी आप पुछेंगी न कि
23:12एनी लाइफ लेसंस फ्रॉम यूर एक्सपिरियेंस प्लीज
23:14तो यही बोलेगी
23:16इन सब चीजों को
23:20इतना महत्तो नहीं देते
23:23भूल का कण कण
23:28कभी अपने आपको
23:29अपने अस्तित्तो का पूरे ब्रहमांड का केंदर समझता था
23:34एक छोटा सा मच्छर भी होता न
23:37वो सोचता है कि वो जो पूरा यूनिवर्स है
23:39उसके सेंटर में वही बैठा हुआ है
23:42हमें भी यह लगता है कि हम नजाने कितने महत्तो पूर्ण है
23:48कितने इंपॉर्टेंट है
23:49ओ माई गॉड मैं रो पड़ी
23:51रो पड़ी तो रो पड़ी
23:53इसमें क्या हो गया
23:54आराम से रो खुल के रो
24:00रोने की एक मूल वज़ा यही लगती है
24:05कि जो कमजोरियां भीतर घर कर चुकी है
24:07कि एक emotional dependency वाली
24:09वो ऐसा लगता है
24:11कि वो मेरा पीछा छोड़िंगी नहीं
24:13तो समस्या वो है कि अपने आप से
24:17जो बाहरी वाता वरने
24:20जैसा भी हो
24:21वो वैसा रहेगा ही रहेगा
24:23चाहिए आप कहीं में चले जाए
24:25जिस वजह से आप
24:26अपने रोने को
24:28महत्तो देती है न ठीक
24:30उसी वजह से कमजोरियां भी
24:32भीतर बैठी हुई है
24:33रोना समस्या
24:38बनता है जब आप उसके साथ जुड़ती है
24:40और कमजोरी
24:42भी तभी तक रहती है जब तक
24:44आप उसके साथ जुड़ती है
24:45आपकी कमजोरी कोई आपकी मासपेशी होगी तो है नहीं कि आपकी हड़ी में या मासपेशी में कोई कमजोरी है आपकी कमजोरी मांसिक है
24:55मन के पास अपनी कोई उर्जा नहीं होती मन को उर्जा अहंकार देता है
25:01जिस चीज़ के साथ आप जुड़ेंगी नहीं
25:03वो चीज गिर जाएगी मन से
25:05कमजोरी भी मन में सिर्फ इसली मौझूद है
25:08क्योंकि आप उसके साथ जुड़ती है
25:10उसे सीरियसली लेती है
25:11उसे महत तो देती है
25:12उसे एनरजी देती है
25:13है तो है
25:16और जो आप से
25:20उर्जा नहीं पाएगा वो कितने दिन टिक पाएगा
25:22उर्जा बस ऐसे ही नहीं मिलती है किसी चीज़ को
25:30कि आप उसको बढ़ाएं
25:32आप जिस चीज़ को बहुत दबाएं
25:35उसको भी आप उर्जा दे रहे हो
25:37एक स्प्रिंग है
25:41उसको आपने extend किया
25:43तो उसकी potential energy क्या हो गई
25:45एक spring है उसको आपने extend कर दिया
25:50तो उसकी potential energy क्या हो गई
25:52आपने उसको compress कर दिया
25:55तो potential energy क्या हो गई
25:56तब भी बढ़ गई
25:59किसी चीज को बढ़ाओगे
26:03कहोगे वाह क्या बात है
26:06तो भी उसे energize करोगे
26:07उसको suppress करोगे तो भी उसे energize करोगे
26:10वो जैसा है उसको ऐसा छोड़ दो न
26:12और सबकी प्रकृति अलग-अलग है
26:16जैसी प्रकृति उसको बहने दो
26:17उसके साथ बहुत चिपका-चिपकी मत करो
26:20तो वो अपने संतुलन में अपनी धारा में भहेगी
26:24आपको कोई आदर्श थोड़ी स्थापित करना है
26:27यह ऐसा ही होना चाहिए
26:31सब अपनी अपनी तरीके के प्रकृति उसके भिन्न होती है
26:35हर व्यक्ति प्रकृति से भिन्न है
26:39उसका काम यह बहुत सूक्षम बात है समझे
26:43हमारा काम अपनी प्रक्रते को दबाना नहीं है
26:46हमारा काम अपनी प्रक्रते से निरलिप्त रहना है
26:49प्रक्रते अपना काम करें हम अपना काम करेंगे
26:53हम अध्यात्म का मतलब समझते हैं कि प्रक्रते को डंडा मार मार के
26:57मार मार के तोड़ देना है भगा देना है
26:59रंड़ा भी मारोगे तो अनरजाईज हो जाएगी
27:02प्रक्रति अपना काम करे
27:08हम अपना काम करेंगे
27:11हम अलग हैं
27:13वो वो है मैं मैं हूँ
27:15और प्रक्रति तो
27:18समय सैयोग शरीर
27:21सब पर आशरित होती है
27:22आप एक देश में पैदा हुई है
27:25आप एक घर में पैदा हुई या आप श्तरी शरीर में पैदा हुई है उसके अनुसार आपकी प्रक्रती है अब उसमें अगर आसू बहते तो बहने दो अब अपना काम करते रहो ना अब देखते रहो प्रक्रती का है आसू बहा रहे है एक मन में अच्छा भी पकड़ दी है �
27:55पुराने जितने आप ग्रीक फिलोसोफर्स हैं आप उनकी चित्र देखिए और जो ग्रीक गॉड्ड्स हैं आप उनकी मूर्तियां देखिए दिखाईए कोई हसरा होतो हिंदू देवी देवताओं के उनको देखिए बता ये कौन हसरा है
28:17ये तो नहीं नहीं है ये जो पुराने ग्रीक गॉड्ड्स अगया रहा है आप उनकी कपड़े देखिए सबके पेट थोड़ थोड़ निकले हुए
28:25ये भी एक कल्चरल बात है कि पेट एकदम अंदर ही होना चाहिए
28:31न तो हसना जरूरी है ये मन की बात न तन को किसी एक विशिष्ट रूप में रखना जरूरी है
28:43जो है सो है वो पड़ा रहे आप अपना काम करो न और आप अपना सही काम कर रहे हो
28:51तो प्रकृति भी एक सुन्दर बहाव में रहती है वो भी पगलाती नहीं है
28:57प्रक्रति को भी भ्रष्ट पुरुष का इस परशे ही करता है
29:04पुरुष माने आंकार
29:06नहीं तो प्रक्रति भी अपना काम जानती है
29:10किसी का पेट खराब होता है जब तक उसका मन न खराब हो
29:14जब खोपड़ा खराब होता है तभी तो पेट खराब होता है
29:19खोपड़ा खराब है तो इतना सारा खा लिया
29:21या खोपड़ा खराब था तो कुछ नहीं खाया
29:25तो पेट खराब है
29:25प्रक्रति को भी कौन खराब करता है
29:30शरीर को भी कौन खराब करता है
29:32पुरुश की उसके साथ लिपता था
29:36नहीं तो प्रक्रते में एक मासूमियत होती है जब पुरुष के साथ छेड़ छाड़ करता है तो प्रक्रते अपनी मासूमियत खो देती है
29:43पुरुष माने यह ने कि कोई और है मेल पुरुष माने आप हंकार हाँ
29:49जो कर रही है प्रक्रत करने दीजिए
29:54बकरी बकरी की तरह चलेगी
29:55कुत्ता कुत्ते की तरह गाय की तरह
29:57आप कहे कौन से उमीदे पाल रहे हो
30:00रोना है तो रोए है
30:05आपने तो नहीं फैसले गए है रोने का न
30:07कुछ होगा आपके
30:09आपकी रासाइन इकता में
30:12आपकी जैविक्ता में की रोना जादा आता है
30:14किसी को रोना जादा तो रोए भाई क्या करें
30:16रो रहे हैं कुछ करना ठीक है
30:20रोते रोते सतर देख लो
30:22और जब गौर करोगे की रो रहे है और सामने
30:27सतर चल रहा है तो हसी भी छूट जाएगी
30:28हसते भी जाओ साथ में
30:31रोते रोते नहा लो
30:34कुछ भी कर लो
30:35बीच अगर आप जाने की ज़रूरत ही नहीं
30:41घर में ही सेलाइन वाटर है
30:42देखो आप मुस्कुरा दिये
30:47ऐसी सड़े हुए चुटकुले खुद को मारा करो न
30:49मैं तो हमेशे ही कोई पूछे आपकी
30:58वाटर बात खुद ही हसा करिये
31:04और जब लगे कि बहुत मुश्किल हो रहा है स्वयम पर हसना
31:12तो पूछिए यही हालत दूसरे की होती तो मैं क्या गरती
31:15मस्त हसती मैं भी कौन हूँ फिर अपने लिए दूसरी
31:21दूसरी माने पराई टुथक
31:23अपनी दशा की साक्षी हूँ मैं बस
31:28अपनी दशा की साक्षी हूँ मैं बस
31:28आपनी
31:39जी
31:40जी
31:53झाल झाल
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