"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
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00:00तो वही निशा अपने सारे western dress निकाल कर अपने पती से कहती है
00:03ये सारी dress मैंने पहन रख्यों और इन सब इड्रेस की photo भी upload है
00:07मज़े कुछ पैसे दो, मैं कली shopping करके आऊंगी, मैं हिल station पर पुराने कपड़े नहीं पहनने वाली
00:12निशा अपने पती से कुछ पैसे लेकर, अगले ही दिन मार्केट से कुछ western dress और महंगी हील लेकर आती है
00:18ये सब देख पूजा अपने कुछ suit निशा को देते हुए कहती है
00:22इस तरह पूजा अपने लिए Indian dress बैग में पैक करती है
00:48तो वही निशा सारे western dress रखती है
00:50और निकलने से कुछ समय पहले पूजा रास्ते के लिए थोड़े से पकोड़े, कचोड़ी, चालमूरी, कुरकुरे जैसी स्नेक बना कर रख लेती है
00:58जो देख निशा जोड़-जोड़ से हंसती है
01:00आशा किसी की नहीं सुनती है और पूजा थोड़े से स्नेक्स लेकर अपने पूरे परिवार के साथ गूमने के लिए घर से निकलती है
01:15तुम लोग खाना, मैं और बहुतो यही खाएंगे
01:22आशा किसी की नहीं सुनती है और पूजा थोड़े से स्नेक्स लेकर अपने पूरे परिवार के साथ गूमने के लिए घर से निकलती है
01:29पिंकी और निशा एक जैसे वन पीस और टोपी लगाती है
01:32साथ में चश्मा लगा कर गाड़ी का इंतजार करती है
01:34चलो हमारी गाड़ी आ गई
01:36गाड़ी आते ही वो लोग गाड़ी में बैट जाते हैं
01:39और पूरे रास्ते पूजा, पिंकी, कुनाल, दीपक और आशा घर का बनाया हुआ खाना खाते हुए जाते हैं
01:45ये सब देखकर पूरा परिवार हसने लगता है
01:47कुछ देर में वो लोग कश्मीर के वादियों में पहुँचते हैं
01:50और अपने चारो तरफ पहाड़ देखकर पूरा परिवार काफी खोश होता है
01:53कितनी संदर जगा है, आज तक तो बस ये सब टीवी में देखा था
01:58मेरा भी ये पहला एक्सपीरिंस है माजी
02:00चलिए जल्दी से रूम बुक करते हैं और फ्रेश हो कर घूमने के लिए निकलते हैं
02:05पूरा परिवार अब पास में ही एक होतेल लेता है और वहाँ कपड़े बदल कर बाहर आते हैं
02:09जहां निशा ने मिनी स्कर्ट और क्रॉप टॉप पहना होता है तो वहीं पूजा ने साधारर अंब्रेला फ्रॉक सूट पहना होता है
02:15और साध में साधारर सी जूती डाली होती है
02:18बहुत भूग लग रही है पहले कुछ खा लेते हैं फिर कहीं गोमने के लिए चलेंगे
02:31पूरा परिवार एक रेस्टरॉंट में जाता है और वो लोग पहाड़ों की मैगी खाते है
02:36घर पर 10 रुपे की पैकेट में मैं मैंगी बना दू ये मैंगी सुआदश्ट भी नहीं है और कितनी मैंगी है
02:42दीदी पहाड़ों की मैंगी ऐसी होती है वैसे हमारा गाईड कहा है
02:46पूरा परिवार गोड़े की सवारी करने के लिए निकल जाता है
02:59साथी वो लोग गोड़े पर बैठ कर काफी सारी फोटोज लेते हैं और बहती नदियों को देखते है
03:04ठकना नहीं है पिंकी हमने केम्प बुक करी है अभी केम्पिंग बाकी है
03:17अब पूरा परिवार केम्पिंग के लिए जाता है यहां बोनफायर होता है उस जगह सभी दोस्त कपल और फैमिली साथ बैठे होते हैं
03:24� पर उन सभी ने Western dress पहनी होती है यह देख पूजा को थोड़ा अजीब लगता है और निशा पूजा से कहती है
03:30देख रहे हो दीदी सब ने Western dress पहनी है बस आपने ही Indian dress पहनी है इसलिए कहा था मैंने आपसे एक दो western कपड़े रख लो
03:37कोई बात नहीं निशा, इंसान जिस कपड़ों में comfortable होता है, वही तो पहनता है
03:43मैं आपसे एक बात कहूँ, आपका suit बहुत प्यारा लग रहा है, इसलिए आप uncomfortable feel मत करी, आपकी dress हम सबसे अच्छी है
03:50कुनाल, दीदी को समझाओ, वो जूती पहन कर ट्राकिंग नहीं कर पाएंगी, मेरे पास एक और जूते रखें, आप वो पहन लो
04:16मैं तो ये सोच रही हूँ, इतना भारी शरारा पहन कर आप कैसे पहार चड़ोगी, क्या पहार चड़ना होगा बेटा, फिर तो मुझे तु इस कैम्प में ही रहने दे, मैं बुढ़िया दस कदम चल कर ठक जाती हूँ, ट्राकिंग क्या करूँगी
04:28ठीक है मा, आप यहीं रुकना, हम ट्रैकिंग कर के आते हैं, और निशा, बिलकुत सही कह रही हैं, पूजा तुम जूते पहन लो
04:35एक बार फिर पूजा को अपने इंडियन ड्रेस पहनने पर अफसूस होता है, अब पूजा शरारा की नीचे जूते पहनती है और ट्रैकिंग करते हूए बार-बार अपने ही जूते को देखती है
04:44इन लोगों की बात सुनकर पूजा को बहुत अजीव लगता है, देखते ही देखते पूरा दिन बीट जाता है और वो लोग फिर से कैंप में आराम करने जाते है
05:01अगले दिन निशा शोल्डर कट गाउन पहन कर तयार होती है, तो भही आज पूजा साड़ी पहनती है, कुछी देर में बंदिर पहुंचते हैं और पूजा आँखों पर चश्मा लगा कर रहती है
05:12बंदिर कहा है, मुझे तो नजर ही नहीं आ रहा
05:15बेटा, माता रानी का मंदिर उपर पहाड पर है, तुम्हें पहाड चड़ना होगा
05:19क्या, पहाड चड़ने होगे? पर मैंने सैंडल पहनी है, मैं पहाड कैसे चड़ूगी? बाइदवे, यहाँ पर रोपे तो होगा न
05:27पिटा, बारिश का समय है, हर वक्त मौसम बदलता है, वहाँ नहीं है, सैंडल उतारो और माता रानी के दैशन कलने के लिए चलो
05:35मौ बनाकर निशा अपनी सैंडल हाथ में लेकर पहाड चड़ती है, क्योंकि वो नंगे पैर पहाड चड़ रही थी, इसलिए उसके पैरों में छाले आ जाते हैं, और वो एक जगा रुक का नीबू पानी और फ्रूट चाट खाती है
05:54सभी के कहने पर निशा खाना छोड़ कर उनके साथ पहाड चड़ना शुरू करती है, अब जैसी वो मंदिर पहुंचती है, पंडिर जी उसे दर्वाजे पर ही रोक देते है
06:13बेटा तुम वेस्टन कपड़े पहन कर मंदिर में नहीं जा सकती, आप सब जाईए
06:18बेटा ये तुम्हें सोचना चाहिए था, मंदिर में भला वेस्टन ड्रेस कौन पहन कर जाता है
06:31वेस्टन ड्रेस की वज़ा से निशा मंदिर के अंदर नहीं जा पाती और उसे बहुत घुसा आता है
06:39कुछी दिन में वो लोग होटेल आते हैं और अगले दिन फिर से निशा वेस्टन ड्रेस पहनती है तो वहीं आज भी पूजा इंडियन कपले पहनती है
06:46और इस बार वो लोग जहना देखने के लिए जाते हैं क्योंकि आज निशा ने शॉर्ट फ्रॉक पहना था इसलिए वो जहने के अंदर नहीं जा पाई
06:53निशा जहने के नीचे नहाने में बहुत मजा रहा है तुम भी आओ ना
06:56तीदी एक बार अपनी ड्रेस देखो और मेरी ड्रेस देखो यहाँ पर आदमी भी है
07:00बहु तू तो बड़ी बहु को तो बड़ा ग्यान दे रही थी इतनी बार आई ये हिल स्टेशन तुझे तो बड़ा पता था सब चीज के बारे में फिर भी देख ले
07:07इंवेस्टें ड्रेस की वज़े से तो हिल स्टेशन इंजॉई नहीं कर पा रही जबकि इंडियां ड्रेस पहन कर भी बहु ने पूरे ट्रिप को बहुत अच्छे से इंजॉई करा है
07:15हाशा की बात सुनकर निशा उदास होकर एक पत्थर पर जाकर बैठ जाती है
07:19कुछी दिर में सभी नहा कर बाहर आते हैं और ब्रेस बदल कर आते हैं
07:23अब जब पूरा परिवार होटेल की तरफ जा रहा होता है तो निशा का पैर मुड़ जाता है
07:27तोड़वा लिया ना अपना पैर क्या ज़रूरत थी पहाड़ पर हील पहनने की
07:33पूरा परिवार होटेल जाता है जहां पूजा अपनी देवरानी के पैर में मूव लगाती है और गरम पट्टी से बान देती है
07:50साथ में उसे कुछ दवाइया देती है
07:52दीपक जी ने कहा था कि यहां का मौसम बदलता रहता है इसलिए कुछ दवाइया और शौल लेकर आजाओ
07:57देखो बाहर कितनी तेज बारिश हो रही है मुझे तो ठन लग लिए
07:59अगर तुम्हारे पास गरम कपड़े नहीं तो मुझे बता दो
08:02मैं भी तुम्हारे लिए शौल लेकर आजाती हूँ
08:04मैंने कुछ गरम कपड़े तुम्हारे लिए भी रख लिये थे
08:06दीदी आप पहली बार हिल स्टेशन पर आई है
08:09और मैं ना जाने कितनी बार आ गई हूँ
08:11हर बार कुछ न कुछ मेरे साथ पंगाई होता है
08:14पर फिर भी मुझे सीख नहीं मिली
08:15और आप देखो आपने हर चीज का ध्यान रखा
08:18अगर आप ना होती तो यहां तो डॉक्टर ढूनना मुश्किल हो जाता
08:21और इस बार कुनाल तो मुझे खाई जाता
08:23सही कहा था आपने
08:24मुझे भी एक दो इंडियन ड्रेस रेक लेनी चाहिए थी
08:27इन वेस्टिन ड्रेस की वज़े से
08:28मैं नदी जहरने का मजा भी नहीं ले पाई
08:30और इन कपडों की वज़े से अच्छे से मातरानी के दर्शन भी नहीं कर पाई
08:33कोई बात नहीं निशा
08:35अब एक बार हिल स्टेशन पर आए हैं तो मा जी को मनाएंगे
08:38और फिर से आएंगे और जब इस बार आएं तब तुम कुछ इंडियन कपड़े रख ले रहा
08:42और मैं वेस्टिन क्योंकि जब हम ट्रैकिंग कर रहे थे और बॉनफायर के लिए बैठे थे
08:46तब मुझे भी ऐसास हुआ कि इंसान को कपड़े जगा के हिसाब से पहनने चाहिए
08:50उसी दिन ना सिर्फ निशा को इंडियन ड्रैस के एहमियत का पता चलता है
08:54बलकि पूजा को भी ऐसास होता है कि माहौल के अनुसार इंसान को ड्रैस पहनना चाहिए
08:58अब अगले ही दिन वो लोग घर के लिए निकलते हैं और घर जाते ही पूरा परिवार फ्रेश होकर आता है
09:04आज निशा पूजा की तरह साड़ी पहन कराती है जिसे देख सबी हैरान हो जाते है
09:09निशा आज तो तुम्हें किसी ने भी इंडियन ड्रैस पहनने को नहीं बोला फिर तुम वेस्टन से इंडियन ड्रैस में कैसे
09:16जरूरी है क्या कि कोई मुझे बोले तभी मैं इंडियन रस पहनू, मैं भी घर की बहू हूँ
09:21और बहू होने के नाते मेरा फर्स बनता है कि मैं भी कभी कभी सूट साड़ी पहनू
09:25जो भी कव इस ट्रिप ने तो हम सब की सोच बदल दी
09:29अब इसी तरह हम हर छे महीने साल भर में एक हिल स्टेशन की ट्रिप तो मार कराएंगे
09:34तो इसी बात पर जल्दी से खाना खाकर टेवी पर अपनी ट्रिप की फोटोस देखते हैं
09:39आशा की बात सुनकर वहां बैठे लोग सभी जोर जोर से हसने लगते हैं
09:43तो वहीं पूजा सभी के लिए खाना लगाती है जिससे सब इंजोई करके खाना खाते हैं
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