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  • 2 days ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00गौतम जी यहां तो कोई भी मेरा ग्रह प्रविश करने के लिए नहीं है
00:03मैं अंदर केसे आऊ
00:04अरे नहीं तो कोई बात नहीं है
00:07वैसे भी मैं अपनी मा और बहन को अच्छे से जानता हूँ
00:09वो तुमारा ग्रह प्रविश नहीं करवाएंगी
00:11इसलिए तुमारे लिए जरूरी है कि तुम इन सब भी बातों पर ध्यानी न दो
00:14ऐसे ही आजाओ कुछ नहीं होता
00:16ऐसे कैसे गौतम जी मैं ऐसे ही घर में तो नहीं आ सकती हूँ
00:20अरे ठीक है तो फिर रहो बाहर अब मैं क्या बताऊँ
00:23क्या कहां मैं बाहर रहूँ
00:25पता नहीं यहां क्या हो रहा है
00:28घर से तुम्हें बड़ी ही सपनी देख कर आई थी कि अमीर ससुराल मिल रहा है
00:31अच्छे से मेरा ग्रहब रवेश होगा
00:33अच्छे से मेरा स्वागत किया जाएगा लेकिन यहां तो सब कुछ कितना सूना है
00:37अरे ओ सोच की देवी क्या हुआ आ क्यों नहीं रही हो
00:41हाँ हाँ आ रही हूँ
00:43शिवानी ऐसे बोलकर घर में अंदर आगी जहां उसके कमरे तक वो गौतम के साथ ही जाने लगी
00:48गौतम जी अगर आप बुरा ना माने तो क्या में एक बात पूछू
00:51आपके घर में सबी बहूत ही जल्दी सो जाते हैं क्या
00:55क्योंकि कैसी बे आवास ही नहीं आ रही है
00:57नहीं नहीं सोते तो नहीं है
01:00तुम उन सभी पर ध्यान मत दो
01:01गौतम को शिवानी के लिए जरा भी वोरानी लग रहा था
01:05नहीं उसको कुछ मैसूस हो रहा था
01:06वो शिवानी को ऐसे ही कमरे में ले गया और शिवानी की मुलाकात अपने घर में किसी से नहीं हो पाई
01:10ऐसी अगला दिन निकला और आज के दिन शिवानी ने बहुत सारे अर्मान सजाए हुए थे
01:14कल तो कोई भी मेरे पास नहीं आये था
01:17शायद सभी को शादी की दकान होगी
01:19लेकिन आज तो मैं सभी के लिए खाना बनाऊंगी
01:21हो सकता है माजी
01:23मेरे हाथ का बना हुआ खाना पडोस में भी बाटे
01:25आज के लिए तो मैं काफी एक्साइटेड हूँ
01:28शिवानी ऐसे ही खुश होते हुए तयार होने लगी
01:30कुछी देर के बाद वो तयार होका नीचे चले गई
01:32जहां उसकी नंद और सास थी
01:34शिला और आर्थी की बाद को सुनका शिवानी को काफी अजीब सा लगा
01:55लेकिन उसने सब कुछ बस नजर अंदास कर दिया और
01:58माजी ये लीजे ये हैं पाच अजार रुपे
02:01मेरे माँ बाबा का बस इतना ही देने का हिसाब था
02:03माजी ये भी आप ही रख लो
02:05आपने मुझे रहने को इतना बड़ा घर दे दिया तो बस
02:08अब मुझे और क्या ही चाहिए हो सकता है
02:10लादे अब क्या बैठे हुए मेरा मुझे आकरी ये जाए हाँ से
02:14माजी मेरी पहली रसोई नहीं करवाओगी
02:17क्या क्या बोली तू
02:19बहु तेरी पहली रसोई
02:22तेरा दिमाग तो सही है न तो इतने गरीब घर से आई हुई है
02:26मैं तेरी पहली रसोई करवाऊंगी तो न सोचा भी कैसे
02:28तो फेर माजी
02:31मेरी पहली रसोई की रस्म नहीं होगी क्या
02:33हरे आपको समझ नहीं आता है क्या
02:35जब माने बोल दिया है कि नहीं होगी
02:37तो नहीं होगी जो बहुए अपने साथ कुछ लेकर आती है न
02:40वो ऐसे सवाल करती हुए अच्छी लगती है
02:41आप तो बस एक नौकरानी की तरह हो समझ आया
02:44अपनी सास और नंद की बाते सुनका
02:46शिवानी को समझ नहीं आया कि आप वो क्या बोले
02:48वो बस उदास्ती होकर बैठ गई कि तबी
02:50उससे उसके सास शीला बोली
02:52अरे ओ महरानी यहां ऐसे मूँ बना कर मत बैठ घर का काम पड़ा हुआ
02:56चल सफाई कर बरतंदो और भी बहुत काम है वो सब कर
02:59अब तु मेरे घर में आ गई है तो तुझे इस घर के काम करने ही पड़ेंगे
03:03हाँ हमारा दिमाग मत खाओ जो मा ने बोला है वो सारे काम करो
03:08शीला की बात को सुनका शीवानी बस उदास्ती होकर उड़ गई और फिर उसने काम करने शुरू कर दिये
03:14ऐसे भी कहीं होता है क्या मेरी सास तो मुझसे पहले दिन ही ऐसे बात कर रही है
03:19और काम भी करवानी है जैसे कि ना जाने कितने दिन से मेरी शादी हो चुकी है
03:23लेकिन मा जी जो बोल रही है वो भी तो मुझे करना ही पड़ेगा
03:26बरतंद हो देती हूं उसके बाद सफाई कर लूँगी
03:30शिवानी ऐसे ही खुश होते हुए काम को करने लगी
03:38अभी शिवानी को अंदाजा नहीं था कि वो कैसे परिवार में आ चुकी थी
03:41और आगे उसको क्या-क्या जेहलना बाकी था
03:43शिवानी ने बरतंद हो दिये जिसके बाद उससे जाड़ो पोचा करने को बोल दिया गया
03:47घर काफी बड़ा था इसलिए सफाई करते करते शिवानी काफी स्यादा थक गई
03:50अरे आल तुम कहते थे ना कि मेरा घर कभी नहीं बसेगा
04:02मैं नला हूँ निकमा हूँ अब देख लो
04:04अब मेरा घर भी है और मेरी पत्नी भी है
04:06अरे हाँ लेकिन सोचने वाली बात यह है कि कौन सा बाप तुझे अपनी बेटी देने को राजी हो गया
04:11मैं तुझे जादा भरोसे के लाइक हूँ
04:14अरे बस रहने दे हम तेरे बारे में कुछ अच्छे से जानते है कि तुझे तेरे बाबा की साथ काम करने को नहीं है जो तु इतनी दूर जा रहा है
04:31मैं अपने लिए नए रास्ते खुद को लूगा
04:34बस जाने दे
04:35गौतम के दोस्त उसे छेड़ने लगे लेकिन गौतम जो सोच सुका था उससे अब पीछे नहीं अड़ता
04:40गौतम ने सारा दिन शिवानी की कोई खैर और ख़बर नहीं ली
04:43वो बस अपने दोस्तों के साथ रहा और शाम को जब वो घर आया तब उसे शिवानी खाना बनाती हुई मिली
04:48मैं आगया मा
04:50हरी वा गौतम जी आगये
04:53मैं उनसे पूछती हूँ कि वो मेरा बनाया हुआ खाना खाएंगे भी या नहीं
04:56इक काम करती हूँ खाना कमरे में ही ले जाती हूँ खा ही लेंगे
04:59शिवानी खुशी खुशी अच्छी हूँ अच्छी हूँ उमीद से गौतम के पास खाना लेकर पहुँची लेकिन
05:03अरे शिवानी तुम ये खाना क्यों लेकर आई हो
05:06गौतम जी आप मेरे हाथों से बना हुआ खाना नहीं खाओगे क्या
05:09ये मैंने बनाया है और आपको खिलाने को लाई हूँ
05:11नहीं मेरा पेट बरा हुआ है ये तुम रखाओ
05:14मेरे पेट के अंदर जरा भी जगा नहीं है
05:17जो मैं ये खाना खा सकूँ सच्ची में
05:19बस एक निवाला तो चकी सकते हैं ना
05:22अरे तुम्हें समझ नहीं आता
05:24जब मैंने मरा कर दिया तो बस कर दिया
05:26बार बार क्यों पूछती रहती हो
05:27ठीके मत खाईए मैं लेकर जा रही हूँ
05:31विचारी शिवानी बड़ी ही उमीद के साथ
05:33गौतम के पास आई थी लेकिन
05:34उसे उसे दुखी कर दिया
05:36शिवानी की ना कोई पहली
05:38रसोई की रस्म होई ना ही उसको कोई
05:40शगुन मिला विचारी का सारल का
05:42पहला दिन ही ऐसे गुजरा जैसे कि
05:44वो कोई गुनाह करके आई हो
05:45शिवानी काफी उदास हो गई थी लेकिन उसके उदासी के वज़ा पूछने वाला भी कोई नहीं था
05:50ऐसे ही एक दो दिन और गुजर गए
05:51शिवानी को अमीर ससुराल तो मिल गया था
05:54लेकिन उसकी जिन्दगी का सारा प्यार सारी अपना हिया सब कुछ खतम हो चुकी थी
05:58वो विचारी बस एक रोबोट की तरह घर में काम करती रहती थी
06:01जिसकी भी उसको कभी कोई अच्छा ही नहीं मिलती थी
06:04ऐसे ही आज के दिन शिवानी घर का पोच्छा लगा रही थी
06:06कि तभी वहां गौतम आया
06:08मा आरती मैं जा रहा हूँ
06:11कहां जा रहे हो भाईया
06:12अरे अपने सपनों के ओडान भरने
06:14मैंने आप लोगों को बताया नहीं था
06:16ये सोच कर कि आप सभी को सर्प्राइज दोंगा
06:18मैं स्विजज़लेंड जा रहा हूँ काम के लिए
06:21वो भी आज अभी
06:23स्विज़लेंड?
06:25वो भी अभी?
06:26लेकिन क्यों?
06:27क्यों जा रहा है तू स्विज़लेंड?
06:29तेरा कौन सा बिजनेस है वहां बोल?
06:31मा आपको तो खुश होना चाहिए
06:32आप तो मेरे उपर चड़ाई कर रही हो
06:34चड़ाई ना करू तो क्या करू?
06:37तुझे तुम्हें अच्छे से जानती हूँ
06:38कि तू सुच्जलेंड जाकर भी कोई काम नहीं करेगा
06:40अरे मा मैं अच्छे से जानता हूँ
06:42कि आप अभी भी मुझे नला निकामा ही समझती हो
06:45लेकिन मैं वहाँ जाकर सच्ची में महनती करूँगा
06:47तुने फ्लाइट भी बुक कर दी है
06:49और होटेल भी बुक कर लिया है
06:51हाँ हाँ मा सब कुछ कर चुका हूँ
06:53अब तो मुझे कोई तूफान भी नहीं रोक सकता है
06:56ठीक है जब तू किसी तूफान से नहीं रुकेगा
06:59तो हम फिर क्या चीज है चला जा
07:01शीला को बहुत जादो गुस्सा आ रहा था
07:03लेकिन फिर भी शीला ने गौतम को जाने की इजासत दे दी
07:05वहीं दूसरी तरफ शीवानी कमरे में आई
07:07गौतम जी अभी तो हमारी शादी हुई है
07:09और आप इतनी दूर जा रहे हो
07:11एक बार कम से कम मेरे बारे में ही सोच लेते
07:13क्या सोचता कमाने को ही तो जा रहा हूँ
07:16तो क्या मैं आपके लिए जरा बिमाईनी नहीं रखती हूँ
07:19बोलिये कम से कम मुझे एक बार बताया तो होता
07:21कि मैं वहाँ जा रहा हूँ
07:24हाँ नहीं बताया मेरी मर्जी
07:25अब क्या मैं हर काम ही बता बता कर करूँगा
07:28मेरा पीचा छोड़ो मेरी फ्लाइट है
07:29मुझे देर हो जाएगी मुझे जाने दो
07:31गौतम ऐसे बोलकर अपना लगेज लेकर जाने को निकल गया
07:34शिवानी की आँखों में आँसू आ गए थे
07:35और शीला की दिमाग को घुस्सा चड़ रहा था
07:37ये बगवानी के ऐसा ससुराल मिला है मुझे
07:41जहां मुझे कुछ समझा ही नहीं जाता
07:43अरे यहां
07:46आहां माजी मुझे क्यों की जा
07:47सब कुछ तेरी वज़े से हुआ अगर तू कभी गौतम की
07:50नजरों के सामने ना आती ना तो कभी ऐसा नहीं होता
07:53लेकिन तेरी वज़े से ये सब हुआ जो नहीं होना चाहिए
08:11शीला ने ऐसे बोलकर आर्ती का सामान भी घर से फेकना शुरू कर दिया
08:30उनके घर की कलेश को सुनकर पड़ावसी भी घरों से तमाशता देखने को निकल आए थे और
08:34सभी ऐसे बाते बना रहे थे वहीं दूसी तरफ शिवानी ने शीला की कदम पकड़े हुए थे
08:53माजी बेरी क्या गलती है मुझे घर से मत निकालो ना वादा करती हूँ घर के सारे काम करूँगी कभी कुछ मांगूँगी भी नहीं बस मुझे मत निकालो ना
09:02मेरा बेटा चला गया इसलिए तुझे निकाल रही थी लेकिन फिर मैं अपने बेटे को क्या जवाब दूँगी इसलिए अंदर ही आजा लेकिन जैसे बोला है न तूने वैसे ही रहना मेरे घर को हमेशा अपने मालिकों का घर समझना इसको अगर तूने भूल से भी अपना
09:32चारो बेटे शादी कर चुके थे
10:02पसंद से शादी कर सकते हैं और मा भी उन्हें अपना सकते हैं तो फिर हमें क्यों नहीं?
10:06सही कहा, तो आप क्या हम अपने ससुराल को चलें?
10:09हरे बिल्कुल, वहाँ तुम अपनी भावियों और नन्द से भी मिल ले ना
10:12ऐसे बोलकर चारो भाई अपनी अपनी पत्नियों को अपने घर ले आए
10:15शिला को जरा भी अंदाजा नहीं था कि उसके बागी बेटे इस तरह से शादी करके घर पहुँचेंगे
10:20जैसे उसने दर्वाजा खोला तो वो हैरान हो गई
10:22अरे मुकुल, सारव, नितेश और निखिल तुम चारो लड़कियों के साथ क्या हो रहा है यहाँ
10:29मा बस यह लड़किया नहीं आपकी बहुँ है
10:31बहुँए हैं? तुम्हारा दिमाग तो सही है? तुम शादी करके घर आए हो
10:36हा मा, हमें यह लड़कें यूनिवर्सिटी जाते ही पसंद आगे थी, इसलिए हमने इनसे शादी कर ली
10:41आप भाईया की पसंद पर भी तो राजी ही थी, तो इन्हें भी अपनी बहुँ मान लो
10:46ऐसे कैसे मैं इनको अपनी बहुँए मान लो? वैसे लड़कियां देखने से तह सही घराने की लगती है
10:51ठीक है, वैसे अब जब तुमने शादी कर ही ली है तो मुझे इनको अपनी बहुँए मानना ही पड़ेगा
10:57शीला ने लालच में उन चारों को अपने घर में बोला लिया, वो समझ गई थी कि वो चारों अमीर बाब की बेटिया हैं
11:02शीला की बाद को सुनकर तानी, मेगा, यामिनी और अक्षरा चारों घर में ही आ गई जहाँ
11:07शिवानी, अरे ओ शिवानी, तु बहरी है क्या?
11:11शिवानी घबरा रही थी, उसका बरताओ देखका चारों देवरानियों को अजीब लगा, लेकिन उन्होंने उसे नजर अंदाज किया
11:38शिवानी ने सफाई के बीच में रोक कर ही, उनके लिए नाश्टे का इंतिजाम किया और फिर उनसे सफाई की
11:44ऐसे ही शिवानी की देवरानियों को अब घर में आई हुए एक हफ़ता बीच चुका था
11:49वो चारो ही चंट चालांग थी, ना उन्होंने शेला को कोई पैसे दिये और ना ही शेला उनसे घर का कोई काम करवाती थी
11:55विचारी शिवानी ही कोलू के बैल की तरह काम में लगी रहती थी जिसके वज़ा से चारों को उसके लिए बुरा भी लगता था
12:01नमक है या जहर, दोबारा से खाना बना सारा मूँ खराब कर दिया
12:06शिवानी की हड़िया निकल आई थी लेकिन फिर भी शेला उसे तंग करने का एक मौका नहीं जाने दियती थी
12:31ऐसी उसने आज भी उससे खाना बन वाया, ऐसी सिलसला जारी था और आज के दिन शिवानी सब्जीले ने बाजार आयोई थी, पीचे से उसकी देवरानिया भी काम से आ गही थी
12:39और
13:09चारो देवरानिया ऐसे बोलकर शिवानी को अपने साथ ले आई और
13:12चारो देवरानियों ने शिवानी को स्विजरलेंड घुमाने का पक्कामन बना लिया था
13:28बस फिर क्या था उनके पास पैसे की कमी नहीं थी
13:31उसी दिन उन्होंने तीन दिन बाद की फ्लाइड बुक की और
13:34तीन दिनों के बाद ही वो स्विजरलेंड जाने को निकलने लगी कि तभी
13:38एक मिनट कहां जा रही हो ये बैग और सब कुछ खैरियत तो है
13:43हम स्विजरलेंड जा रहे हैं घुमने के लिए
13:46क्या
13:47क्या
13:48मा जी ऐसे एक्टिंग मत करो जैसे कोई टीवी सीरिल चल रहा हो
13:52हम जा रहे हैं बाइ
13:53चारो देवरानियों ने शेतल को कुछ भी बोलने का मौका नहीं दिया
13:57और वो चारो ही एरपोर्ट पहुँच गी
13:58और कुछी गंटों के बाद वो स्विजरलेंड भी आ गी
14:00जहां उन्होंने कुछ देराराम किया और फिर उन्होंने घुमने का मन बनाया
14:04तानी की बाद को सुनका शिवानी ने शॉट ड्रेस पहन ली जिसमें वो बहुत अच्छी लग रही थी और फिर उन्होंने सुजरलेंड घूमना शुरू किया
14:28सबसे पहले वो एक फूलों वाली गार्डन में गहीं जहां उन्होंने बहुत फोटोज लिये
14:32एक तरफ आरती और शीला जल रही थी तो वहीं दोसी तरफ पाच्छो देवरानी जिठानी मजे कर रही थी
14:45फ्लार गार्डन में जाने के बाद वो सुजरलेंड के मशूर रेस्टोरेंट गई जहांसे उन्होंने खाना खाया
14:51भाबी आप कुछ लो या ना लो लेकिन यहां की कॉफी जरूर ले ना सच्ची में ऐसी होती है ना कि जन्नत भी फेल है
14:57ठीक है अगर ऐसा है तो मैं कॉफी जरूर लूँगी
15:00शिवानी ने सुजरलेंड की कैपिचीनो भी पी जिसके बाद वो वहाँ के और भी सुन्दर नजारे देखने को गई
15:06यकीन नहीं होता कि दुनिया इतनी खुबसूरत भी है सच्ची अभी तो और भी बहुत नजारे हैं जो हम कल देखेंगे
15:14पाँचों बहुएं अब खूब घूमी फिरी और आज के दिन वो सुजरलेंड के बरफीली इलाके में थी
15:19वाँ यकीन नहीं होता कितनी अच्छी बरफ है
15:23भाबी चलो स्टोव पाइट करते हैं
15:26अच्छा ऐसी बात है तो ये लो फिर
15:28सबी बहुएं ऐसे ही खेलने लगी
15:30वहाँ अब शीला को बिना शिवानी के घर में दिक्कत लगने लगी थी
15:34ऐसी बहुएं ने सुजरलेंड में दो चार दिन इंजॉई के
15:37और आज वो सबी गौतम के होतेल में पहुंच गी जहां शिवानी की हालत
15:40खराब देखकर गौतम हैरान हो गया
15:42हरी शिवानी तुम्हें क्या हो गया है
15:44तुम इतनी कब्जोर कैसे हो गई
15:45आप नहीं हमारी भावी का खयाल नहीं रखा
15:48महीनों गुजर गया आपने कभी इनसे फोन पर बात की
15:50या कभी इनके लिए यहां से कुछ भेजा
15:52आप जानते थे कि आपकी मा को भावी पसंद नहीं
15:54लेकिन फिर भी आपने इनकी तरफ को कोई फिक्र नहीं दिखाई
15:57ये तो अच्छी बात नहीं है ना जेट जी
15:59मुझे माफ कर दो मुझे लगा था कि मेरी शिवानी को अपना लेगी लेकिन
16:03अब भावी का खयाल आप खोधी रखिये
16:06हम यहां इनको लाए ही इसलिए थे कि ये आपके साथ रहे
16:09भावी अब आप अपने पती के साथ रहे हम चारो आज इंडिया चले जाएंगे
16:13अरे लिकिन
16:14हाँ शिवानी तुम यहीं रुख जाओ
16:16शिवानी अपनी अपनी मा के पास नहीं भेज़ोंगा तुम यहीं रहना
16:19ठीक है जैसी आपकी मर्जी
16:21शुक्रिया तुम चारो मेरी जिंदगी में किसी भगवान सी कम नहीं आई हो
16:24मैं बहुत खुश हूँ कि मुझे इतनी अच्छी देवरानिया मिली
16:28मा को मीरा नमस्ति कहना
16:29शिवानी अपनी देवरानियों को गले मिली और फिर वो चारों इंडिया वापस आ गी
16:33जब वो इंडिया लौटी तो शिवानी कहा है
16:37शिवानी भावी नहीं आई
16:39वो अपने पती के साथ है जिन से उन्होंने शादी की वो उन्हीं के पास है
16:42क्या?
16:44आप क्यों इतना चौक रही हो?
16:46आप तो बड़ी ही खुश होगी ना उनके चले जाने से
16:48बेगा की बात का शिला पर कोई जवाम नहीं बना वो बस मूँ देखती रह गई
16:52शिवानी की अच्छाई और एमियस शिला को अब उसके जाने के बात पता चली थी
16:55लेकिन अब बहुत देर हो चुकी थी
16:57वहीं दूसी तरफ शिवानी सुजय लेंड में अपने पती के साथ अब खुशी खुशी रह रही थी
17:01और अब सब कुछ ठीक हो चुगा था
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