"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!
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00:30मटन सब बनेगा मैं तो इस बार ठंड के दावत में गर्मा करम शाही पनीर मटर पनीर दाल मखनी पूरी पुलाव नान सब बनवाऊंगी वहीं भयानक भूत बड़े-बड़े बर्तोनों में सड़े गले फलों को कूट कर उनसे शराफ बना रहे हैं
00:47अब बड़े-बड़े हंडियों में भयानक भूत चुड़ेल अपनी दावत का खाना बना रहे होते हैं
01:07जिसे खाने की खुश्बू उस भयानक जंगल से सटे छोटे से गाउं में जा रही होती है
01:11तब ही एक भूका बच्चा आंगर में अपनी मा से
01:13इसी तरह और भी कई परिवार होते हैं जो भूक से तड़प रहे होते हैं
01:42और इस तड़प से परिशान होकर वो लोग गाउं के सरपंच के पास आते हैं
01:46अरे सरपंच जी हमारा पूरा गाउं भूग से दड़प रहा है
01:50खाने की अकाली बढ़ती जा रही है आप कुछ कीजिये ना
01:55चलो जब सरपंच जी नहीं हाथ खड़े कर दिये हैं
02:14तो हम सब अब और क्या ही कर सकते हैं
02:16अब तो हमें उस शड़ का इंतिजार है जिस शड़ हम भूग से तड़प कर अपने प्राण थ्याग देंगे
02:22अब ठ़न से कामते ठिटोरते सभी गरीब परिवार अपने अपने घर चले जाते हैं
02:26दूसी तरब वो भयानक भूच चुड़ेल अपने घरे जंगलों में घमासान दावत कर रहे होते हैं
02:30खाना पीना नाज गाना सब चल रहा होता है
02:32क्या खाना बनाएं दावत का खाना का कर मज़ा आ गया
02:36हाँ हाँ सही कहा इस साल की दावत का खाना तो पिछले साल से कहीं जादा स्वादिश्ट है
02:41अरे भाई दावत का खाना ही खाओगे या जान से जान भी डगड़ा होगे
02:46देखो यह मज़रा कितने स्वादिश्ट है इसे पीकर शरीर में गर्मी आ रही है
02:54अब भयानक भूच चुड़ेलों की दावत दीरे दीरे समाप्त होती है
03:16दावत की समाप्ती के बाद बचा हुआ दावत का खाना वो भयानक भूच चुड़ेल जंगल के बाहर ऐसे ही फेक देते हैं
03:22जो कुछ दिनों बाद सड़ जाता है और उसमेंसे गंदी पद्बू आने लगती है
03:26इसी तरह कुछ हफते गुजरते हैं और एक दिन भयानक भूच चुड़ेल आपस में
03:29अब तो दंड की दावत भी खत्म हो गई करने को कुछ नहीं रह गया एक काम करते हैं
03:34चलो मानद दुनिया का ब्रहमड करके आते हैं
03:36हाँ सही कहां मेरा भी कई दिनों से मानद कर रहा है
03:40मानद दुनिया का ब्रहमड करने का
03:42अब सबी भयानक भूच चुड़ेल एक रोज जंगल के दूसरी ओर बसे एक छोटी से गाउं का ब्रहमड करने आते हैं
03:49जहां कुछ भूच भूच गाउं की भयानक घने पेड में चुपकर गाउं का आंकलन करते हैं
03:53वहीं कुछ चुड़ेलें गाउं में रह रहे कुछ लोगों के घर में प्रवीश करती हैं तो कुछ चुड़ेल खुले आम गाउं में घूमती हैं जैसे नदी और कुएं के आसपास जहां उन्हें तरह तरह की चीज देखने को मिलती हैं जैसे घर में प्रवीश करने वाली च
04:23लाएंगे चिप हो जा मेरी नादान पोती तेरे पिता तेरे लिए अब कभी अनाज नहीं ला पाएगा दूसरी तरह भयानक भूट पेड़ों से चिप कर देखते हैं कि एक परिवार भूग से ठंड से इतना तरब चुका है कि आप वो लोग खुद को खतम करने के लिए तैय
04:53अब सब भयानक भूट चुड़ेल इंसानी दुनिया में अनाज की अकाली लोगों की अकाल मृत्यू देखकर घबरा जाते हैं
05:18और ये सब रोकने के लिए भयानक भूट चुड़ेल अपनी दिवी शक्तियों से तेज तूपान, आंधी बारिश और चारो तरफ बेजली का कड़कना शुरू करवाते हैं
05:26ऐसा वतावरर देखकर गाउं के सबी लोग डर कर अपने घर में भागने लगते हैं और कोई भी अपने प्राण का त्याग नहीं कर पाता
05:32दूसी द्रफ देर रात घने घने काली जंगल में वो बहानक भूच चुड़ेल इंसानी लोगों के हालात पर चर्चा करते हुए
05:39मुझे विश्वास नहीं होता कि मानग दुनिया के लोग इतनी बुखमरी से मर रहे हैं
05:44सच में मैं तो कई घरों में देखा लेकिन अपने प्राण त्याग ने को तयार है लोग
05:56मैने तो इंसान को भूच से मर आ हुआ देकर विज़ारे परिवार वाले रो रहे थे
06:00हम अपनी दुनिया में हर सार ठंड के मासम में आलीशान दावत करते हैं
06:06मुझे लगता है इस बार ठंड की दावत हमें इंसानों के नाम करनी चाहिए जहां उन्हें पेट भर कर खाना मिले हां सही कहा अब भयानक भूतिया दुनिया के भयानक भूत एक खत तयार करते हैं और उस खत को गाउं के सरपंच के दर्वाजे के पास रात और रात रखकर आ
06:36सही कहा कहीं ऐसा नहों इस दावत के चक्कर में हमें अपने प्राण त्याग ने पड़े मेरी मालो तो हम लोग दिन प्रति दिन भूग मरी से मर ही रहे हैं तो क्यों ना हम इस दावत में ही चले जाए खाना मिलेगा तो खाना खाएंगे और मौत मिलेगी तो उसे भी स्वि
07:06से रात होती है और चारों तरफ ठंडी हवाईं चलने लगती हैं और गाउं का हर एक सदसे फटे पुराने कपलों में जंगल में आते हैं जहां पर धेर सारे पकवान बने रखे होते हैं खाने की खुश्बू चारों तरफ फैली होती है
07:17तब इस जंगल में रहते भायानक बहुत चुड़ेल इंसानी रूप में आकर खाना खाना शुरू करते हैं जिसे देखकर अब गाउं वाले भी खुशी से प्लेट में खाना निकाल निकाल कर खाने लगते हैं
07:39अरे इस दावत का खाना कितना स्वादिष्ट है इसे खाने को खाकर मन खुश हो गया
07:44अरे सच में इस अलाज के लिए कब से तरस रहे थे आज इसे खाकर मन को त्रिपती मिली है
07:50अब इसी तरह गाउं के हर एक शक्स के चेहरे पर एक मीठी मुस्कान होती है
07:55उनका पेट भी अब खाना खाकर भरने लगा था
07:57तब ही अचानक वो इंसानी रूप धारड की ये भायानक भूत चुड़ेल अपने असली चेहरे में आते हैं
08:02जिसे देखकर गाउं वाले थर थर कांपने लगते हैं
08:04देखिये सर पंचे जी इसलिए मैं इस दावत में आने से मना कर रही थी अब ये भायानक भूत चुड़ेल हमें चान से महार देंगे
08:11नहीं नहीं आप हमें गलत समझ रहे हम तो आपकी तकलीफों से बहुत परिशान है
08:16इसलिए हमने इदावत खास दोर पर आप लोगों के लिए ही रखा है
08:19जी हाँ हम लोग यहाँ अपनी शक्तियों से बस आप लोगों की मदद करना चाहते हैं
08:24मुझे विश्वास नहीं हो रहा कि शैथानी आत्माई भी इतनी मददगार होती है
08:29आप से पहले हमने इंसानों के आगे बहुत मदद की गोहार लगाई
08:32पर एक दरोगा हर एक सरकार से अनाज की भीक मांगी
08:36पर किसी ने हमारी मदद नहीं की
08:38सच में जो इंसानों ने नहीं किया हमारे लिए वो आप भूट चुडैलों ने कर दिया
08:42अब इस दिन के बाल से वो भयानक भूट चुडैल अपनी शक्तियों से गाउं के हर एक जमीन को उपजाऊ बना देते हैं
09:04जिसे गाउंवालों का व्यापार भढ़ता है और गाउंवाले हर दिन दावत वाला खाना खाना शुरू कर देते हैं
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