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  • 2 days ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00बहु यह हम सब के कपड़े हैं हमारे घर में वाशिंग मशीन तो नहीं है तो इसलिए तुम्हें हाथ चे दोने पड़ेंगे कपड़े तुम्हारा मैंनी क्यों खराब हो जागा अगर नहीं दो सकती और हार माननी है तो बता दो और जोड़कर चली जाओ मेरे पोते को
00:12दादी मैंने आपके पोते से सच्चा प्यार किया है इतने से काम के लिए मैं उसे नहीं छोड़ सकती
00:18पूजा कपड़े दोने का सारा समान लेकर बाहर जाती है
00:22और जैसे तैसे कपड़े दोती है
00:23उसके माते पर साबुन के जाग लग जाते है
00:26तब ही उसके पड़ोसन उसके पास आकर उससे बाते करती है
00:29बहुत तुम्हारे साथ तो बहुत गलत हो रहा है
00:32मैंने सुना है कि तुम बहुत अमीर घर से हो और ये लोग तुमसे हाथों से कपड़े दुलवा रहे हैं।
00:36अरे ये लोग इतने भी गरीब नहीं है कि घर में एक वाशन मशीन ना ला सकें।
00:40कोई बात नहीं आंटी जी, ये मेरी ससुराल है, अब जैसे ये लोग रहेंगे, वैसे ही तो मैं भी रहूंगी, मैं नहीं चाहती कि मेरी वज़ा से, मेरे ससुराल वालों को कोई भी परिशानी हो।
01:10कि घर के बाहर कपड़े धोरी हो। क्या दीदी, तुम कपड़े धोरी हो। पर क्यों, मैं अभी पापा से बोलती हूँ, तुम्हारे घर वो एक वाशन मशीन भेज देंगे। नहीं शिल्पा, ऐसी गलती बिल्कुल मत करना। मैं नहीं चाहती कि मेरे ससुराल वालों की मान
01:40जब दिवाकर अपने कमले में कपड़े चेंज कर रहा होता है, तो उसकी जेब से कुछ पैसे गिर जाते हैं, और पूजा जल्दी से उठा कर उन्हें अपने गुल्लक में रख लेती है, यह देखकर दिवाकर हसते वो उससे कहता है।
02:10तो तुम भी उन औरतों की तरह बन गई हो, जो अपने पती के पास से पैसे चुराती है, कपड़े धोते टाइम, जो पैसे मिलते हो ने अपने पास ही रख लेती है, है ना।
02:18इस तरह दोनों पती पतनी के बीच में थोड़ी सी नोग जोग होती है, ऐसे एक दिन शानती की तबियत ठीक नहीं होती, और निकिता बाजार जाने से मना कर देती है, जिस वज़ा से पूजा आके ली बाजार जाती है, और रास्ते में उसकी पॉड़ोसन उसे मिल जाती है
02:48अलू मिल रहे हैं और तुम 30 की किलो दे रहे हो, 50 की दो किलो लगा दो, अर यह बापरी है, तुम तो बहुत जादा मोल भाव करना जानती हो, हब तो मैं तुम्हारे साथ आय करूँगी बाजार सबजी लेने के लिए, कौन कहेगा तुम्हें देख कर कि तुम अमीर घर की �
03:18केवल 50 रुपई होते हैं और वो पूजा के साथ जब बजार से घरारी होती है, तो उन 50 रुपई से ही मोल भाव करके दू तरह की सबजी लेती है, हो जाएगा अंकल आप 10 किलो प्यास और 1 किलो टमाटर कर दीजे, हरे बेटा दोनों ही चीज 30 रुपई की हैं, 50 में कैसे आ
03:48बाहर आकर पूजा ममता के साथ सबजी लेकर घर आती है, देखते ही देखते कुछ अपते बीच जाते हैं और एक दिन काजल काफी परेशान होती है, बाहर हॉल में वैठे काजल
04:18काजल को परेशान देखकर एक बार फिर पूजा को अपनी दोस्त की याद आती है, और जो उसके घर असाइन्मेंट बनाने आई होती है, और उसके बचे हुए मटेरियल से अपनी फाइल सजा रही होती है
04:32अपनी दोस्त को याद करके पूजा की दिमाग में एक आईडिया आता है, और वो जल्दी से खराब चोड़ियां लेती है, और खराब कपड़ा उनमें लपेटने लगती है, और दो दिन के अंदर चोड़ियों से वाल हेंगिंग पीस बना लेती है, साथ ही 100 रुपई का सा
05:02काजल के साथ मिलकर उसकी फाइल डेकोरेट करती है, तो काजल काफी खुश होती है, भाबी, मा ने तो मुझे 200 रुपई दिये थे, पर आपने तो 100 रुपई में ही मेरा काम कर दिया, और ये सभी डेकोरेशन पीस कितनी प्यारी बनाई हैं आपने, आपका भी होम साइस था
05:32हमेशा मेरी इंसल्ट करोगी, मेरी चीजों को समझ नहीं पाऊगी, बड़ी भाबी की तरह पर मैं गलत थी, थैंक्यू सो मच मेरी मदद करने के लिए
06:02प्रेंच फ्राइज और आटे से आठा मोमोज और नूदल्स बनाती हैं, जिसे खायकर सभी महमान पूजा की काफी तारीफ करते हैं
06:08भाबी आपने सब कुछ मेरी पसंद का बनाया है, लगता है बड़ी भाबी ने आपको मेरी पसंद बता दी थी
06:15मा, तुम तो कह रही थी कि पूजा बहु को कुछ नहीं आता अमीर घर से, घर नहीं संभाल पाएके पर माफ करना, निकता तुमारी देवरानी ने तुमें फेल कर दिया, पूजा बहु तुमने दिखा दिया, लड़की अमीर घर से हो या गरीब घर से, अगर वो ससुराल क
06:45निकिता बहु, तु चाहे चोटी बहु को कुछ भी बोल पर चोटी बहु आया, तु नहीं मेरा दिल जीट लिया, मजे पता था बहु, एक दिन तु अपनी दादी सास का दिल जरूर जीतेगी
06:55देखते ही देखते, बहुत जल्द उमा पूजा को दिल से अपना लेती है, और निकिता और पूजा की बीच की दूरियां भी बरकरार रहती है, समय गुजरता है, और एक दिन राजु की तवियत खराब हो जाती है, राजु स्कूल से आकर बाहर उल्टी करते हुए
07:09क्या हो गया मेरे बच्ची को, लगता है मेरे बच्ची को किसी की नजर लग गई है, दीदी, राजु को तो बहुत तीज बुखार है, घर में पैसे भी नहीं है, और ये सब भी साथ बजे तक घर आएंगे, बहुत तो फोन कर, क्या पता रवी जल्दी आ पाए?
07:23शान्ती के कहने पर पूजा अपने पती और जीट को फोन करती है, और जैसे उन्हें पता चलता है कि राजु की तब्यद खराब है, वो लोग जल्दी से घर आते हैं, अब रवी और निकिता रात को ही अपने बेटे को डॉक्टर के पास ले जाते हैं, जहां हजार रुप�
07:53पापची देखे न राजु को क्या हो गया, बुरी रात बुखार से तरपा, अजार रुपे की दवाई लेकर आया और वो भी काम ना आई, बहु चिंता मत कर, राजु ठीक हो जाएगा, रवी तु मेरे साथ चल, मैं एक और डॉक्टर को जानता हूँ, हम वहां से लेंगे
08:23और हम राजु को 4-5 दिनों तक एडमिट रखेंगे।
08:53क्यों टेंशन लेती हो, मैं हूँ ना, मैंने कुछ पैसे जमा करके रखे थे, मैं अभी आपको दे देती हूँ, पापजी जो भी पैसे लगेंगे ना, आप लगा दीजे, बस राजु ठीक हो जाए
09:02इतना बोलकर पूजा अपने कमरे में जाती है और अपना गुल्लक फोल कर देती है, ये देखकर दिवा कर उससे कहता है
09:09पूजा मैं नहीं जानता था कि तुमने इन पैसों की बचट क्यों करी थी, पर तुमने अपना गुल्लक तोड़ दिया और अकाउंट से भी सारे पैसे निकलवा लिये, जबकि भावी हमेशा तुमसे नाराज रहती है, आज तुमने थाबित कर दिया कि तुम इस घर के लि
09:39और हम लोग गरीब, तुम्हारे रहें सेहन में बहुत फर्क होगा, इसलिए मैंने हमेशा तुम्हें अपनी बहन से कंपेर किया पर सच बता रही हो, अगर आज तुम्हारी जगा मेरी खुद की संगी बहन भी होती ना, तो वो भी मेरे ले इतना सब कुछ नहीं करती, गरी
10:09और इस चार दिन में निकिता जब अस्पताल के चक्कर काट रही होती है, तो पूजा पूरा घर समालती है, अंकिता बहु, तू अब कुछ देर आराम कर ले, वरना तेरी भी तब्यत खराब हो जाएगी, चल पूजा खाना पैक कर ले, आज हम चलते हैं
10:35पूजा एक मा की तरह राजू का खयार रखती है, और खाना खाकर अपनी दादी सास के साथ हॉस्पिटल जाती है, जहां अपनी चाची को देखकर राजू बहुत खुश होता है
10:44इतना बोलकर, पूजा डॉक्टर के पास जाती है और राजू की छुट्टी की बात करती है, कुछी दिर में शाम हो जाती है और पूजा अपने पती को फोन करके कहती है
11:08दिवाकर, अब राजू बिलकुल ठीक है, मैं दादी और राजू के साथ घर आ रही हूँ, आप दीदी से कह दो हॉस्पिटल आने की जरूरत नहीं है और मैंने पूरी पेमेंट भी कर दी है
11:17इस तरह पूजा अपनी सारी सेविंग्स राजू के इलाज में खर्च कर देती है, कुछी दिन में पूजा राजू को लेकर घर आती है, जहां वो अपने माता पिता को बैठा देखती है
11:25भाई सहाब माफ करना, आप लोग इतने अमीर हैं और आप लोगों को हम इस तरह कुर्सी पर बैठा रही है
11:44बहुतु माराम से अपने माता पिता के साथ बैठो और बाते करो
11:48पूजा के सस्राल वाले आप पूजा को कोई काम नहीं देते और उसे काफी प्यार देते हैं
11:52यह देख सुरेश की आँखे भर जाती हैं और वो अपनी बेटी से कहता है
11:55बे, मेरी बेटी, तु मेरी उम्मेद से भी जादा आगे निकली
12:01मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैंने अपनी जिस बेटी को इतने नाजों से पाला है
12:04वो अपने सस्राल वालों को इस तरह दिल जीत लेगी
12:07और एक गरीब सस्राल में इतनी सुक शांती के साथ रहेगी
12:10पूझे बहुत अच्छा लग रहा है, तेरी सस्राल वाले तुझे इतना प्यार दे रहे है
12:14और तेरी सास ने बताया, तु ने यहां सारी चीजों को कैसे मैनेज किया
12:18तु नहीं जानती बेटा, पर तेरी सस्राल वालों से तेरी तारीफ सुनकर
12:21अज मेरा सीना गर्व से चोड़ा हो गया
12:23इतना कहकर सुरेश अपनी बेटी को गले से लगा लेता है
12:26और इस तरह पूझा अपनी समझदारी से अपने सस्राल वालों का दिल जीत लेती है
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