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  • 2 days ago

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00:00अंधी सास की चालात बहु
00:02लो कर लो बात
00:04शिव मंदिर का शैंक भी बच गया
00:06इसका मतलब सुबह के साथ बच गया है
00:09लेकिन अभी तक नाश्ता नहीं आया
00:12अरे बहु
00:13ओ पूनम बहु
00:16अरे इस अंधी बुढिया को इस जनम में नाश्ता नसीब होगा की नहीं
00:21कलरात को भी फुल के जला दिये थे
00:23कुछ मजा नहीं आया था खाने में
00:25ये है सीतापुर में रहने वाली मंजरी
00:29एक अंधी सास
00:31मन की साफ है
00:32बस थोड़ी सी जुबान से तेज है
00:35मंदिर की शंकनाज से ही इन्हें पता चल जाता है
00:38कि वक्त क्या हो रहा है
00:39और ये रही इनकी
00:41चालाइक बहु पूनम
00:43अच्छा हुआ जो मैंने
00:46ओनलाइन ओरडर कर दिया सब कुछ
00:48वनना ये बूड़ी लाठी
00:50मेरी चाती पर मुख दलने लग जाती
00:52आरे बहु
00:54तो घर में है भी या चल बसी
00:56हाई राम
00:58ऐसा ना कहो सासुमा
01:00दिन में एक बार तो भी मा सरस्वती
01:02जबान पर बैठती है
01:03अरे नहीं नहीं
01:06तुझे ये कुछ ना होगा
01:07खुश्बू तो बड़ी अच्छी आ रही है
01:11ऐसा कौन से पंच पकवान बनाए हैं
01:14आज तुने
01:15आज है स्पेशल जलेबिया
01:18फाफड़ा
01:19आलू की पराथे
01:20कमचीनी वाली गर्मा गरम चाई
01:23दही पकोडे
01:24ये सब
01:24वो मुझे डॉक्टर ने कहा है न
01:27कि आप दिन में कम से कम
01:29तीन से चार घंटे सोया करो
01:31इसलिए आज मैंने सारा काम निप्टा दिया है
01:34आप मैं सो जाऊंगी
01:35वाह
01:37ग्या सुआज है
01:39लेकिन बहुम
01:40ये तो ब्रिजवासी की चले भी आए न
01:43तुको तो कहा रही है कि तूने बनाया है
01:47दहसल
01:49मैंने ब्रिजवासी काका से
01:52रेसिपी पूछ ली थी
01:54आच्छा ममी जी
01:56मैं आती हूँ अभी
01:57जरा वो दूद गैस पर
01:59तेज आज पर रखकर आई हूँ न
02:00पूनम फौरण ही वहाँ से उठकर
02:03रस्वे में भाग जाती है
02:04मंजरी को फिर भी पूनम पर थुड़ा शक आता है
02:07पूनम ऐसी ही रोज
02:09अपने पती के पैसों को खर्श करके
02:11बाहर से खाना मंगवाती
02:13और अपनी सास से कहती के उसने खुद बनाये है
02:16और उसकी बेचारी अंधी सास
02:18बहू के इस जूट से बेखबर
02:21सारी चीजें मान भी लेती
02:24एक दुपैर में पूनम पूरा मेकप करके
02:27तयार होकर खड़ी होती है
02:28चलो फटाफट पतली गली पकड़ की निकल लेती हूँ
02:32इससे पहले की बुढ़िया मुझसे टकरा है
02:34बेचारी मेरी अंधी सास सुमा
02:38उसे लगेगा कि मैं सो रही हूँ
02:40जबकि मैं तो अपनी जान से मिलने जा रही हूँ
02:44पूनम हर दुपैर को अपनी सास को
02:49बेवकुफ बना कर बाहर अपनी बॉइफ्रेंड लखन से मिलने जाती थी
02:53और आज भी कुछ यही प्लान था
02:56ए जी ओ जी लो जी सुनो जी
03:01मैं हूँ मनमो जी
03:03करता हूँ मैं जो वो तुम भी करो जी
03:061, 2 का 4, 4 टु का 1
03:10My name is लखन
03:12सजिनों का सजिन
03:13मेरा नाम है लखन
03:16लखन तुम भी ना
03:19बेलकल अंटिक पीस हो
03:21यार पोनाम
03:23हम कब तक ऐसे चुप चुप कर मिलते रहेंगे
03:25एक तो मेरे पास कोई नौकरी भी नहीं है
03:28वन्ना यह दिलवाला
03:29अपनी दिलनिया को ख़द ही ले जाता
03:31टेंशन मतलो
03:33जब तक तुम्हारे पास पैसे नहीं आ जाते
03:35तब तक हम दोनों के लिए
03:37मेरा सुसुराल है ना
03:39मैं सब देख लूँगी
03:40लेकिन तुम्हारे पते को शक्वक हो गया तो
03:44अरे
03:45मेरा पती तो मेरा दीबाना है
03:47आग बंद करके
03:49मुझ पर फरुसा करता है
03:51उसके पास से घी निकालने के लिए
03:53उंगली टेड़े करने की नावबत तक नहीं आएगी
03:55ओए हुए हुए हुए हुए
03:59शुक्रिया मेरी जॉन
04:01लव यू लव यू लव यू
04:03इसी तरह दिन बीटे रहते हैं
04:08एक रात
04:08देवीश बहुत खुश अपने ओफिस से घर लाटता है
04:11माह, पुनाम, एक खुश कबर है
04:15ऐसी खुश कबर कि जिसे सुनकर आप दोनों फूले नहीं समा पाओगे
04:20हारे तो जल्दी बताना फेर
04:22हाहा, इतना सिस्पेंस मत बढ़ाओ
04:25मुझे कंपनी में
04:27CEO का पोस्ट मिल गया है
04:30आरा वाह, जग जग जग जग जओ, मेरे लाल
04:34अब तो एक बड़ा माखन का कनस्तर चड़ाओंगी भोग में
04:39अपने काना जी को
04:40वाउ, मतलब अब दो गुना, ती गुना, चागुना पैसा होगा
04:48और हमारी तीजोरी में साल की बारा महीने दिवाली होगी
04:52बाबा, बाबा, कांग्रेजिलेशन्स देवेश
04:56ताइंक यू, लेकिन इस खुश कबर के साथ-साथ एक और बात भी है
05:00मुझे कज सुबही मुंबई के लिए रवाना होना होगा
05:04बिजनस मिटिंग है, लगबग एक हफ़ते तक वही रहना होगा
05:08क्या? ये तो कितनी अच्छी बात है
05:12मेरा मतलब है कि आप मुंबई घूम भी लेंगे
05:16कहते हैं न, रात में मुंबई के सडकें और नजारा कफी सुहाना होता है
05:21वा कई मैं, ले जाई से भी अपने साथ
05:25अब मैं तो धैरी अंधी
05:27डक्टर ने कहा है, राश्णी कभी भी आ सकती है
05:30लेकिन मुझे तो ना लगता कि इस जनम में आएगी मेरी आखों की राश्णी
05:35कैसी बाते करती हो सासुमा आप भी?
05:38मैं भला अपनी सास को छोड़ कर कहीं जाओंगी क्या?
05:41अगर मैं चली गई तो आपकी सेवा क्या पड़ुस की मीना करने आएगी?
05:46देविश, तुमारा आम से घुम कर आओ
05:49और मेरे लिए एक अलग से सूटकेस भर के तौफे लाना
05:53इसे तो बस तौफे ही दो
05:56चाहे वो तीज हो तियोहार या कोई और आम मामूली सा दिन
06:00बस तौफे तौफे तौफे तौफे
06:03बिलकुल पागल है यह
06:06अरे मैं तौफे मांगू तो आपको क्या दिकत है?
06:08आप भी मांगवा लूना
06:10देख, एक देविश बेटा
06:12कैसे कहें ची कि तरह तेज चल रही है इसकी जुबान
06:15अरे आप दोनों शान बैठ जा
06:17मैं आप दोनों के लिए धेर सारे तौफे लाऊंगा बस
06:20देविश अगली सुबह मंबई के लिए निकल जाता है
06:24इसी बात से खुशो कर पुनम सूशती है
06:26रास्ती का काचा तो साफ हो गया है
06:30अभी मैं चुपके से मेरे लखन को घर पर भी बुला सकती हूँ
06:35इस अंधी बुढ़िया को तो कानों कान भानत भी नहीं लगीगी
06:39पुनम अब रात को चुपके से पीछे के दर्वाजे के जरिये
06:45लखन को घर पर बुला लेती है
06:46अब जहां साज घोड़े बेच कर खराटे मारते हुए सो रही होती है
06:51तो वो बहु की बात करने की आवाज सुनकर तुरंत उठकर बैठ जाती है
06:56यह आवाज किसी आदमी की लगती है
07:00शायद बहु के कमरे से आ रही है
07:03लेकिन नहीं नहीं
07:05मैं भी कुछ ज्यादा ही दिमाग लगा दीती हूँ
07:07देख रही होगी कोई भूत या फिलम
07:10अब तो पती नहीं है घर में
07:12इसलिए रात भर ऐसे ही करेगी न
07:14लेकिन अगर कल जल्दी नहीं उठी
07:17तो फिर मैं इसके कानों के पास जाकर
07:20बरतन बजाओंगी जोरो जोरो से
07:22ये सिलसिला रोज चलता है
07:24और मंजरी को रोज लगता है
07:26कि पूनम टीवी पर कोई फिल्म देख रही है
07:29एक दिन जब पूनम बाहार होती है
07:32तब ही मंजरी सोकर उठती है
07:34और आखे खोलते ही
07:36उसे सब कुछ दिखाई देने लगता है
07:38वो अपने आस पास सब कुछ देखकर
07:40काफी खुश और आश्चुरे चकीत हो जाती है
07:43ये तो गजब हो गया
07:46मेरे आखों के रोश्टी फिर से लाट आई
07:49डॉक्टर निस सही कहा था
07:53रोश्टी कभी भी लाट सकती है
07:55मंजरी अपनी बहु को आवाज लगाती हुए
08:15पूरा घर तलाशती है
08:17लेकिन पूनम उसे कहीं नहीं दिखती
08:19तबी उसकी नजर तीजोरी पर पड़ती है
08:22जिसका ताला नहीं लगा था
08:24इस पर वो जैसे ही तिजोरी खोलती है
08:26तो हैरानी से उसकी आँखी
08:28फटी की फटी रह जाती है
08:30ये कैसे हो सकता है
08:32जहां तक मुझे पता है
08:34देविश ने कहा था कि वो घर
08:36खर्च के लिए पचीस अजार दे के जा रहा है
08:39लेकिन यहां तो
08:40उसका आधा भी नहीं है
08:42जरूर ये पूनम ने पैसे
08:44अपने शौपिंग पर खर्च कर दिये होंगे
08:46पैसे को पानी तरह बरबाद करती फिरती है
08:49आरे दोस्ते
08:50फिर देखती हूं से
08:52तब तक मैं अपने भगवान के दर्शन कराती हूं
08:55मंजरी मंदिर जाती है
08:58अच्छे से दर्शन करती है
08:59और खुशी-खुशी वापस घर की तरफ चल देती है
09:02जहां रास्ते में उसकी नजर
09:05मंदिर के पास बैती नदी के किनारे बैठी
09:08अपनी बहुपर पढ़ती है
09:09जो लखन के साथ महां बैठी थी
09:12यह यहां क्या कर रही है
09:14और इसके साथ कौन बैठा है
09:16पता तो करना ही पड़ेगा
09:18अब मंजरी चुपचाप आगे बढ़ती है
09:21और वहीं पास में एक बड़े पेड के पीछे चुपकर
09:24उनकी बाते सुनने लगती है
09:26सुनो लखन
09:27कल मेरा पती आने वाला है
09:29आज रात को तो माना
09:31और हम दोनों पूरी तीजोरी पर हाथ साफ कर देंगे
09:34और भी बहुत सारा बेश किमती सामान पड़ा है घर पर
09:38उसे भी हम अपने साथ लेकर यहां से भाग जाएंगे
09:41आइडिया अच्छा है मेरी जान
09:43अब हमें कोई नहीं रोख सकता
09:46हम ना यांस इसी दस सिंगप और जाएंगे डालिंग
09:50भाप रे बाप
09:52इसका मतलब इस महारानी का
09:55इस मुफ्त खोर के साथ चक्कर चल रहा है
09:58अच्छा तो मेरे बेटे को लूट कर
10:02अपनी दुनिया बसाने का प्लान चल रहा है
10:05अब रुख तुझे दिखाती हूँ दाल और आटे का भाव
10:09अब घर पे अच्छे से डोली सजाती हूँ तेरी विदाय के लिए
10:14मंजरी वहां से चली जाती है
10:18और कुछ दिर बाद जब पूनम घर लोटती है
10:21तो वो दुबारा उसके सामने अंधी होने का नाटक करने लगती है
10:25अरे सासुमा, वाट्स अप
10:28अरे कुछ नहीं बेटा, बस वो देवेश की याद आ रही थी
10:33अरे सासुमा, इतना लोड क्यों ले रही हो
10:37वैसे भी वो कल तक वापस आही जाने वाला है
10:40फिर क्यों खामखा परिशान हो रही हो आप
10:43वैसे भी कल से आप दुनों मा बेटे अपने रोने की दिन भरने शुरू कर देना
10:49क्या कहा?
10:52मेरा मतलब कल जब आएंगे एक हफ़ती के बाद
10:54तब आप कर लेना ना, भरत मिला, गली मिलकी, जी भरके रो लेना
11:00अच्छा, ऐसा कह रही है क्या तू? चीक है
11:05चल बहू, मेरे घुटनों में काफी दर्द हो रहा है
11:10थोड़ा बाम लगाकर मालिश्टों कर देना बेटा
11:13और हाँ, दो दिन बाद साथ पंडितों को भोजन खिलाना है
11:17उसके लिए मसाले भी तो तयार करने है
11:20सिल्बटे पर ही पीसना है उनको
11:23घर के पीसे शुद्ध मसाले चाहिए
11:26लेकिन सासुमा, मैंने जो कह दिया सो कह दिया
11:30अब कोई आना कानी ना करना ठीक है?
11:33वनना देविश को फोन करके बता दूंगी हा
11:36मंजरी अपनी बहु पूनम से जान बुझ कर सारा काम करवाती है
11:41और ना चाहते हुए भी पूनम को वो सारा काम करना ही पढ़ता है
11:45आखरी बार थोड़ी एक्स्ट्रा सेवा करा लेती हूँ इस नास पिटी करमजली से
11:52मुझे इतने सालों तक उल्लू बनाया ना
11:56अब इससे एक दिन मैं कैसे सूखी मिर्ची बनाती हूँ देख न
12:01सारा दिन काम करके पूनम अपने कमरे में जाती है
12:05और रात को लखन पीछी के दर्वाजी से घर में खुसाता है
12:08किदर सारा माल चलती करो अपनी पॉस बिलकुर भी टाइम नहीं है
12:12पूनम और लखन मिलकर सामान चुरा ही रहे होते हैं
12:17कि तभी वहाँ पर देवेश और मंजरी आ जाती है
12:19और उन्हें वहाँ देख कर पूनम और लखन के पैरों तले जमीन खिसक जाती है
12:23देविश देविश तुम सासुमा आप देख सती हो कैसे
12:33तुझे क्या लगा तू हमें इस तरह चुना लगा कर आसानी से बच कर निकल जाएगी
12:40पुनम जो कुछ भी तुमने हमारे साथ किया है न
12:44मैंने कभी सपने में भी नहीं सुचा था कि तुम ऐसा करोगी
12:48बहुत बहुत गलत किया तुमने और तुम लंगूर लखन तेरी तो ऐसी कित ऐसी
12:55बचाओ माफ कर दो वईया माफ कर दो
12:59लखन हाज जोड कर खड़ा हो जाता है लेकिन देवेशु से नहीं चुछता
13:04वो दुरंद पुलिस को बुलाता है और पूनम और लखन को फ्रॉड और चोरी की केस में अरेस्ट करा दिता है
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