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  • 2 days ago

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00:00ममता बहुती सीधी और प्यारी लड़की थी, वहीं सुनिल एक सरल और आगे बढ़ने की सोच रखने वाला लड़का
00:08सुनिल, बेटा सुनिल कहा है? अरे सरा एक लस पानी तो दे दो
00:15हाँ मा अभी आया? क्या मा, पानी तेरे सर के पास ही तो रखा है? क्या हो गया है? तब यह खराब है क्या?
00:24अरे नहीं नहीं, वो उठने का मनी नहीं कर रहा था, तो देखा ही नहीं, वैसे क्या कर रहा है? यहां बैटना मेरे पास
00:33मा पढ़ रहा था
00:34वो कहा ना नौकरी में तो वक्त नहीं मिलता
00:36अब आफिस से घर आ करी तो वक्त मिलता है
00:39आचाचा ठीक है पढ़ ले जा बेटा
00:41सुनिल पढ़ लिखकर और आगे बढ़ना चाता था
00:45लेकिन मा की तब्यद खराब देखकर सूचता है कि शादी ही कर ले
00:49कब तक मा का खायल वो अकेले रख पाएगा तो एक दिन
00:52मा ये ममता है मैंने इससे शादी कर ली है
00:56तुमारी तब्यद भी ठीक नहीं रहती
00:58तो मैंने सूचा शादी कर लेता हूँ
01:01घर संबालने वाली और तुम्हें संबालने वाली कोई आ जाएगी तो अच्छा रहेगा।
01:05मा अच्छानक से सामने बहु देखकर हैरान रह जाती है।
01:09बिठे, ये क्या बात होती है?
01:12ना बैन, ना बाजा, ना दहेज, ना शगून, ऐसा कैसे बहु हुआ गई?
01:17मा तू तो जानती है, मैं नौकरी के साथ पढ़ाई कर रहा हूँ, तो कहां से इतना पैसा बचा पाता कि धूमधाम से शादी करता?
01:24वैसे भी मा लोग तो आकर खाकर निकल जाएंगे, इसलिए बस वैसे ही…
01:29मा जी, मैं आपका खायाल रखूंगी, वैसे भी ये आगे की पढ़ाई कर रहे हैं, अच्छा कुछ कर गए, तो सब के दिन फिर से अच्छे आ जाएंगी
01:38सास को ममता की बात ठीक तो लगती है, लेकिन मन में कहीं न कहीं लगता है कि कहीं बहु बेटी को लेकर फर ना हो जाएं, और फिर तो वो रह जाएगी अकेली
01:49बेटा देख, मेरा जो कुछ भी है वो सुनिल ही है
01:53और सुनिल का भी आप इस दुनिया में मैं ही हूँ और कोई नहीं
01:56क्या सुनिल?
01:58बिल्कुल मा, लेकिन आज से ममता भी मेरे जीवन का एहम इस्सा है जैसे तू है
02:03सास को बड़ा बुरा लगता है कि उसकी सल्तनत में कोई और हिस्सेदार कैसे हो सकता है
02:09कैसे कोई और उसके 30 साल की बेटे की जिन्दगी में अचानक से आकर बराबर का हिस्सेदार बन सकता है
02:16देख बहू मैं भले थोड़ा बिमार रहती हूँ लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि घर की चीजों में मेरा कंट्रोल खतम हो गया है
02:24मैं आज भी इस घर की रानी हूँ समझी
02:27बेटा सोचता है कि ये मा को अचानक से क्या हो गया
02:30कल तक जो मा कहती थी कि जिन्दगी का कोई भरुसा नहीं
02:35वो अचानक से जंग के मैदान की जासी की रानी कैसे बन गई
02:38मा क्या हो गया इस सब ठीक है न अचानक कैसे बात कर रही हो
02:44ममता का अज पहला देना है स्वागत करो उसका
02:47आसपास के आंटियों को बुलाओ नई दुलन की मुझ दिखाय करवाओ
02:51खेर सास सास उने का फर्ज निपाती है और बाद में एक सहली के साथ बाहर निकल जाती है
02:57क्यों रही बताया नहीं कि बेटे का ब्याया कर रही हो
03:02वैसे तो सारा दिन हमी में गुसी रहती हो
03:04अरे मुझे भी ता भी पता चला
03:07क्यों अचानक सर पर लेकर आ गया
03:10कहता है बहु है मा तुम्हारी
03:13अब इसको भी इतना ही मैं प्यार करता हूँ जितना तुझे करता हूँ
03:16लो जी ये क्या बात होगी
03:19क्यों इतना प्यार करता है
03:21अरे मा का प्यार तो ज्यादा होता है
03:24अब उसको तो कोई दूसरा पति मिल सकता है
03:26लेकिन तुम ही बताओ
03:27क्या मा की मामता किसी और की हो सकती है
03:30ना जी ना बेटे को समझाओ यी बात
03:33अरे क्या समझाओ मुझे तक खुदी समझ में नहीं आ रहा कि क्या हो रहा है
03:37जो बेटा कल तक मा मा करता था
03:41अचानक से बीवी बीवी का रागा लाप रहा है
03:44देखा उसकी बीवी न सुन्दर और जवान है
03:48सुन्दरता के आगे तो एक से एक नहीं ठीक है
03:51तो तेरा बेटा किस खेट की मूली है?
03:53सास को भी समझ में आ जाता है कि बहु की सुन्दरता के आगे
03:58मा का प्यार किसी काम का नहीं
04:00उधर बीवी
04:01ए जी, अम्मा जी सहलियों को छोड़ने गई थी, अभी तक आई नहीं
04:06हम देखा आएं क्या?
04:07अरे रहने दुना आ जाएंगी, कहा जाएंगी, उनकी आदत है
04:11एक बार जाती है तो पूरी पंचायत खत्म करके ही आती है
04:14अच्छा ही है, खाना वाना खा कर गई होगी
04:18छोड़ो ना, घूमेगी तो खाना पचेगा नहीं, तो ऐसे ही खाट पकड़ लेगी
04:22बहु भी शानत हो जाती है, उदर साथ सोचती है कि आज थोड़ा देर से ही घर जाती हूँ
04:28जब बेटा परिशान होकर ढूंडेगा, तब मसा आएगा
04:31बीवी को खुदी पता चल जाएगा कि मा के आगे उसके दाल नहीं गलेगी
04:36लेकिन वहीं दूसरी और घर पर
04:38इजी, मा जी अभी भी नहीं आई, हमको तो घबराट हो रही है कि का करें
04:43जाकर पता करें किसी के घर
04:45अच्छा, कहा जाओगी, ये भी बता दो
04:49पहला दिन है तुमारा इस घर में, और एक ही दिन में महला चानोगी क्या
04:53अहां तो आप भी तो नहीं जा रहे हैं न, हमको फिकर हो रही है
04:58अरे यार, ये रोज का है, अम्मा का, खाओ और सो जाओ
05:02बस, फिर क्या था, बेटा बहु खाना खाते हैं और कमरे में सोने चले जाते हैं
05:07उदर जब सास को कोई देखने नहीं आता, तो वहार कर घर आ जाती है
05:11जहां वो देखती है कि सारे घर की लाइट्स बंद है, सास को गुसा आता है
05:16बहु, मौमता बहु कहा हो
05:19लेकिन सारे दिन की थकी बहु को ऐसी नींद आती है
05:23जैसे किसी ने भांकी गोली खिला दी हो, वो तो नहीं उठती
05:28उठकर आ जाता है बेटा
05:30मा को गुसा आ जाता है, फिलाल तो सो जाती है
05:43लेकिन मन ही मन धेर सारा जहर बहु के लिए भरा होता है
05:46सुबा बहु चाय बना रही होती है कि सास धीरे से गैस
05:50तेज करतीती है जिस से चाय का बरतन जल जाता है
05:53और जैसे ही बहु चाय का बरतन उठाती है उसका हाथ जल जाता है
05:57वो जोर जोर से चिला कर इदर उदर भागती है
06:05कि सास थोड़ी दिर में उसके हाथ में पानी डाल दीती है
06:08बहु भी खुद का हाथ देखती है तो उसे भी रोना आ जाता है
06:35कुछ दिनों के बाद सास की सहली आती है बहु चाय बना कर लाती है उसकी जाने के बाद सहली कहती है
06:42बहु की सुन्दर्टा ऐसी है कि कोई भी देवाना हो जाए वैसे तेरे बेटे का क्या हाल है
06:49अरे वैसा ही है बहु के पीछे लटो
06:52क्या करो कुछ समझ में नहीं आ रहा
06:55मैंनी तो बहु की चहरे पर दीवाली के पठाकी की चक्री भाती
07:00उसका पूरा चहरा जिल गया
07:02अब देखो ना रही सुन्दरता और ना ही अब मेरा बेटा उसे पूछता है
07:07अरे अब तो वो उसे छोड़कर दूसरी भी देखने को बोल गया है मुझे
07:13बहु सारी बात सुन रही होती है
07:15अंटी एक बात पताईए
07:17क्या फरोसा है कि दूसरी सही आए और आपकी अनुसार रहे
07:21देख्या अंटी मेरी सासुमा को गलत बात सिखाने की जरूरत नहीं है
07:25हमारा परिबार साथ में खुशी से रह रहा है
07:28देख बहु मेरी सहली की बे इज़ती ना कर
07:32वही अच्छा रहेगा तेरे लिए समझे
07:34बहु नहीं मानती है
07:37वो बार-बार उनकी सहली को घर से निकल जाने को कहती है
07:40तब ही सास की सहली पास की चुले से लकडी लाकर
07:43बहु के चेहरे पर लगा दीती है
07:45बहु जोर-जोर से रोने लगती है
07:48अरे यह क्या कर दिया?
07:50मैंने कहा किया, ये तो तूने किया
07:52तुही नहीं चाहती थी कि बहु बेटी के साथ रहे
07:55बला मैं क्यों करूंगी
07:57मैं तो चली
07:59निप्टो आप
08:00बहु रो रही होती है
08:02दर्द से चिला रही होती है
08:04लेकिन सास उसे डॉक्टर के पास नहीं ले जाती
08:07तभी पती आता है
08:09क्या हो गया ममता
08:11ममता कुछ नहीं कहती
08:16बस दर्थ से करा रही ही होती है
08:18पती मा की तरफ दीखता है
08:20हो ना हो मा ये पक्का आपका काम है
08:23आप ही ममता से जला करती थी न
08:25देखना मा, अब पुलिस आएगी
08:27केस बनेगा
08:28लेकिन पहले मैं ममता को अस्पताल लेकर जा रहा हूँ
08:31सब ही अस्पताल जाते हैं
08:33जहां डॉक्टर ममता की सास से कहते हैं
08:36हम, आपने तो नहीं जलाया ना बहु को
08:39अब ममता की सास के तो पसीने चूट रहे होते हैं
08:42वो घबरा कर कहती है
08:44ना ना डॉक्टर साब
08:46क्या सी बात करते हैं
08:48हम क्या जलाएंगे अपनी बहु को?
08:50डॉक्टर मम्ता की पती से पूछते हैं
08:53देखे, क्योंकि ये सिसराल में जली है, तो मामला पुलिस का बनता है
08:57तो आप पहले पुलिस को बलाईए, तब ही लाज पुरा होगा
09:00सास डर जाती है, कि अब तो बच्ची जिंदगी जील में ही रहना होगा
09:04रहन देज़ना, पुलिस को क्यों बुलाना?
09:13सारी हसी खत्म हो जाएगी जब पुलिस के डंडे पड़ेंगे
09:16बहु को जलाना भले ही बहुत आसान हो
09:19लेकिन उसके बाद सारी जिन्दगी जेल की हवा खाना
09:22सास डर जाती है, पुलिस आती है
09:25पास लेटी, दर्द से करा रही ममता स्टीटमेंट देती है
09:30आ तो क्या हो तो, क्या से जली आँप?
09:33ममता पास खड़ी सास को देखती है
09:36बेटी, बताओ, कैसे जल गई तुम?
09:42ओए, केरन वाली शारुक, चौप बलकुल चौप
09:45सास चौप, सभी इंतजार करते हैं कि ममता क्या बोलेगी
09:50जी, मैं खाना बना रही थी
09:52लकड़ी उड़कर मेरे उपर गिर गई और मैं जल गई
09:56सास बहु की बात सुनकर रोने लगती है
09:59देखा मा, कितनी समझदार है ममता
10:02ये चाहती तो
10:04हाँ बेटा, ये चाहती तो मैं आज जेल में होती
10:08मुझे माफ कर दे
10:10मैं आगे से अभी कभी ऐसा नहीं करूंगी
10:13बहु के साथ मिलकर रहूंगी, मुझे माफ कर दे
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