Skip to player
Skip to main content
Skip to footer
Search
Connect
Watch fullscreen
Like
Bookmark
Share
More
Add to Playlist
Report
भूमिगत जादुई गुप्त खजाना | Underground Magical Secret Treasure
Show Time
Follow
4 weeks ago
Category
😹
Fun
Transcript
Display full video transcript
00:00
नीलापूर नामक एक सुन्दर गाउं में आकाश उसकी माँ बनचा के साथ रहता था
00:06
वो सबजिया होगा के उनको बेच कर आए हुए पैसो से उसकी माँ का अच्छा देखबाल करता था
00:15
एक दिन जब वो सबजियों को बेचने के लिए गाउं जाता है तब सबजिया सबजिया ताजा ताजा सबजिया आईए बाबू आईए
00:25
ऐसी उसकी पुकार सुनकर सभी उसके पास आकर सबजिया खरीदते हैं
00:31
इतने में एक औरत
00:32
आरे आकाश तुम्हारे पास सबजिया कितनी ताजा होती है
00:37
और वो भी इतने कमदाम में
00:39
वा भाई वा
00:41
आरे दीदी आकाश इन सबजियों को खुद से उगाता है
00:45
और इतना ही नहीं वो आए हुए इन पैसों से उसकी मा का बहुत अच्छा देखबाल भी करता है
00:51
ये बहुत अच्छा आदमी है आकाश मुझे एक किलो टमाटर चाहिए
00:57
जी मेम साब ऐसे ही गाव में सब ही लोग उसके बारे में बहुत अच्छा बात करते थे
01:03
और इसकी अच्छाई के बारे में बहुत उचा सोचते थे
01:07
ऐसे ही सबसी बेचते हुए वो पडोसी गाव में जाता है और जाते ही वहाँ एक बड़े घर के पास रुपता है
01:15
लगता है कि इस गाव में सबसे बड़ा घर यही है
01:19
इस घर में जरूर बहुत सारा पैसा और सोना मिलेगा
01:23
इस गाउ में मैं इसी घर से चोरी करना शुरू करूँगा
01:28
आज रात जब सबी सो जाएंगे इस घर को आके मैं चोरी करूँगा
01:33
हाँ
01:34
ये सोचकर वो वहाँ से चले जाता है
01:37
उसके योजना के अनुसार ही उस रात को वो उस पडोसी गाउ के बड़े घर में चोरी करने जाता है
01:44
हाँ
01:46
लगता है कि आजुबाजुके सारे लोग सो गए हैं
01:50
ये ही अच्छा मौका है इस घर में गुसने का
01:52
ये सोचकर वो उस घर में गुसके पूरा पैसा और सोना वहाँ से चोरी करके निकल जाता है
01:58
घर पहुचते ही अपनी मा को सोते हुए देख वो चुप चाप एक और कमरे में चले जाता है
02:05
हाँ
02:06
बहुत दिनों से मैं सुबे में तासा सबजियों को बेच कर रात के समय में इसे चोरी कर रहा हूँ
02:14
लेकिन आज मैं और भी पैसे लाया हूँ
02:17
एक बार मुझे इखटा किये हुए इन सारे पैसे और सोने को देखना होगा
02:22
ये फैस्वा करके वो उसके कमरे में इखटा किये हुए सारे पैसे, गहनी और सोना को निकल कर एक जगा पे रख देता है
02:31
बापरी, मैंने क्या इतने पैसे और सोना चोरी किया है? ऐसे वो चौंक जाता है
02:38
इतना सारा पैसा और सोना मैं घर पे लगाऊंगा तो मुसीबत आजाएगी
02:43
मुझे जल से जल इसे कही छुपा देना होगा
02:47
लेकिन मैं इसे भला कहां छुपा पाऊंगा? इस सोच में पढ़ जाता है
02:52
हाँ, अगर मैं इस सब पैसे को एक ऐसे जगह पे छुपाऊंगा
02:58
जहां कोई लोग नहीं आ पाएंगे, तो?
03:02
यानि जमीन के उपर नहीं, बलकि जमीन के नीचे
03:06
एक घर बनाके अगर मैं सारे पैसे और गहनी और सोने को छुपाऊंगा
03:12
तो कोई भी नहीं आएगा वहाँ, और किसी को कभी भी पता नहीं चलेगा
03:17
ऐसे वो उसके फैसले के मताबिक ही, जमीन के नीचे एक घर बनाता है
03:22
और उसमें इस सारे सोने, पैसे और गहनों को छुपा देता है
03:28
हाई भगवान, अच्छा हुआ कि मैंने ये सब कर दिया
03:32
अब इस जगे में कोई भी नहीं आ पाएगा
03:35
और तो और चोरी के सारे पैसों को यही चुपा पाऊंगा
03:39
और जब मन चाहे मैं यहां आके आराम कर पाऊंगा
03:43
तब वो उस घर से बाहर आके जमीन के उपर पहुँचता है
03:48
और उस रस्ते को ऐसे छुपा देता है कि किसी और को शक भी ना आए
03:53
और तब वहां से खुशी खुशी चले जाता है
03:56
ऐसे ही वो हर रोज हमेशा की तरह सुबह के समय में सबजिया उगाके
04:01
उन्हें बेच कर अपने मा के साथ रहते हुए रात के समय में चूरी करके
04:06
उस सारे पैसे को उसके नए घर में चुपा देता था
04:10
ऐसे बहुत दिन बेच जाते हैं
04:13
एक दिन सुबह सबजिया बेचते हुए आकाशे घर के पास रुपता है
04:18
आज रात मुझे इस घर में चूरी करना होगा
04:23
वहाँ से जाते वक्त वो रस्ते में एक मांस की दुकान को देखता है
04:29
अर्य यार मांस को देखते ही खाने का मन कर रहा है
04:35
मांस खाके बहुत दिन हो चुके हैं
04:38
लेकिन अब अगर मैं यहां से मांस लेकर अपने घर जाओंगा
04:42
तो बना कर खाने में बहुत देर लग जाएगा
04:45
और रात के समय में मैं चोरी करने नहीं जा पाऊंगा
04:48
अब मैं क्या करूँ?
04:51
ऐसे सोच में पढ़ जाता है
04:53
अरी हाँ, यहां से तो मेरा नया घर पास है
04:57
अगर वहां जाकर मैं खाना पका के खालूँगा
05:01
तो मांस का मजा भी आ जाएगा
05:03
और साथ में थोड़ा आराम भी मिल जाएगा
05:06
और वही से रात में चोरी करने भी जा सकता हूँ
05:10
यह फैसला करके वो मांस के दुकान जाकर
05:13
मांस को खरीद के उसकी सबजी के बंडी पे लगा देता है
05:18
वहां से वो उसके नये घर के पास जाता है
05:21
उसकी बंडी को जमीन पे छोड़के
05:24
वो मांस लेकर उसके घर के अंदर चले जाता है
05:28
इतने में निरुपम नामक एक आदमी उसके गाए के साथ उस तरफ आता है
05:34
उसके गाए को घास किलाने के लिए वो उन्हें ऐसे जगल ले आता है जा कोई नहीं होता है
05:40
पर वहां आकाश की बंडी को देख वो चौंग जाता है
05:44
अरे ये क्या आकाश की बंडी तो यहां है पर वो कहीं नहीं दिख रहा
05:50
शायद बंडी को कुछ हो गया होगा इसलिए वो उसे यहां छोड़कर उसके घर चला गया होगा
05:57
ये सोचते हुए वो उसकी अंगूटी से खेलते रहता है और अचानक वो अंगूटी जमीन के छेड में गिर जाती है
06:06
अरे बापरी मेरा सोने का अंगूटी अरे ये गिर गया अब मैं इसको कैसे वापस लाओं
06:13
उस अंगूटी को वापस लाने के लिए वो उस छेद में से देखने लगता है
06:18
इतनी में उसको उस छेद से मांस का सुगंद आने लगता है
06:23
हाँ, चुहे के छेद में से मांस की सुगंद क्यों आ रही है?
06:29
यहा तो इनसान भी नहीं रहते हैं
06:31
अच्छा जो भी हो, कुछ भी करके मुझे अपना अंगूटी वापस लेना होगा
06:35
ऐसे जब वो उस अंगूटी को ढून रहा था
06:38
तब उसे एक जगा पे घास के बेना रेथ ही दिखाए देता है
06:43
यहाँ घास क्यों नहीं है?
06:46
और ये रेथ गहरा भी नहीं है
06:48
कि सोचते हुए, वो वहाँ थोड़ा खोदने लगता है
06:52
इतने में उसे वहाँ एक दर्वाजा दिखाई देती है
06:55
समीन पे दर्वाजा क्यों है?
06:59
तब वो उस दर्वाजे को उपर के दिशा में खोलता है
07:02
वहाँ सीडियों को देख, वो आश्चर चकत हो जाता है
07:06
यहाँ सीडिया क्यों है?
07:10
पर अगर मैं इस रास्ते से नीचे जाऊंगा
07:12
तो शायद मुझे अपना अंगोटी मिल जाएगे
07:15
जब वो सीडियों से नीचे पहुँचता है
07:17
तो वहाँ सोना, चांदी, गहने, मोती, पैसे देख, वो चौंक चाता है
07:24
बाप रे बाप, इतना सारा पैसा और सोना, यह सब यहाँ क्यों है?
07:31
ऐसे सोचते ही रहता है कि इतने में उसे आकाश खाना पकाते हुए दिख जाता है
07:37
ओहो, तो यहाँ से आ रही थी मांस की खुश्बू
07:42
दिन के समय में गाउं में सबजी बेचते हुए और सबसे अच्छा रहते हुए इसने जो नकल डाला है वो बहुत गलत है
07:52
मुझे जल से जल सब के सामने इसका नकल उतारना होगा
07:56
तब निरुपम तुरंत वहाँ से चले जाता है
08:00
गाउं जाकर वहाँ के सारे लोगों को आकाश की सच्चाई के बारे में बताकर उन सब को उस घर की ओर ले आता है
08:07
जमीन के नीचे निर्मित किये हुए घर में सोना, चांदी, गहने, मोती और उतना सारा पैसा देख गाउं वाले दंग रह जाते हैं
08:19
आहाहा, मेरा मन पसंद मांस का खाना अब बन गया है, बस इसे खाने की देरी है
08:26
ये कहकर आकाश खाने लगता है, इतने में
08:31
बापरी, इतना सारा पैसा मैंने अब तक नहीं देखा
08:35
हाँ, ये क्या, घर में तो मैं अकेल्या हूँ, तो ये आवास कहां से आ रही है
08:41
ये सोचते हुए आकाश पीछे मुर्ता है
08:45
वहाँ सारे गावलों को देख दंग रह जाता है
08:48
अरे बापरे, सारे गावले यहां क्या कर रहे हैं
08:53
इस सब पैसे को सूने को देख
08:55
वो नचाने क्या सोचेंगे
08:57
उनके सवालों का मैं क्या जवाब दूँ
09:00
आकाश तुम तो सबजियां बेचते हो ना इतना सारा पैसा तुम्हारे पास कैसे आया
09:07
सच सच बताओ वरना तुम्हें पोलीस के हवाले कर देंगे हम
09:11
बेवजा मांस को खाने की लालच में मैं यहां आ गया
09:16
वरना ये लोग यहां नहीं आते और इन्हें मेरा सच्चा ही पता नहीं चलता
09:21
अब अगर मैं उनको सच नहीं बताओंगा तो ये लोग मुझे जेल में डलवा देंगे
09:27
उससे यहीं बेतर है कि इन्हें सच बता दूँ और फिर माफी मांगो
09:32
मुझे माफ कर दीजी, मैंने ये सब चोरी किया है
09:36
और मैंने जिस जिस से एक जो भी लिया है उन्हें वापस लोटा दूगा
09:42
मुझे कृप्या पुलिस के हवाले मत कीजी
09:45
ऐसे कहकर वो गाउवालों से माफी मांगता है
09:49
ठीक है ठीक है इस बार के लिए हम तुम्हें माफ कर देंगे लेकिन अगली बार ऐसा कुछ किया तुमने तो तुम्हें जरूर पौरिस के हवाले कर देंगे
09:59
कम से कम अब इमानदारी से जीना सीख लो
10:02
गावालों के ऐसे कहने के बाद आकाश में बदलाव आता है
10:07
उसे उसकी गल्ती का एसास होता है
10:09
और वो तब से चोरी करना छोड़ देता है
10:13
और इमानदारी से काम करने लगता है
10:15
ऐसे वो भी खुश रहता है और बाकी सारे भी खुश रहते हैं
10:32
झाल झाल
11:02
झाल झाल
Be the first to comment
Add your comment
Recommended
10:34
|
Up next
बस और बादल गरज कहानी | Bus and Thunder Story
Show Time
3 weeks ago
9:00
लालची बैंक वाला की कहानी | The Story of The Greedy Banker
Show Time
4 weeks ago
11:12
रिक्शावाला की प्याज | Rickshaw Wala's Onions
Show Time
4 weeks ago
5:39
सब्जी बेचने वाला की सच्चाई | Vegetable Seller's Truth
Show Time
4 weeks ago
3:06
वर्षा देवी की वरदान की कहानी | Story of Varsha Devi's Boon
Show Time
4 weeks ago
8:04
वकील साहब की सफलता | Success of Lawyer
Show Time
5 weeks ago
10:11
वायरस की वापसी | Return of The Virus
Show Time
5 weeks ago
16:08
भोली सास और चतुर बहू | Innocent Mother-In-Law and Clever Daughter-In-Law
Show Time
5 weeks ago
7:33
रिक्शावाला की दयालुता | The Kindness of The Rickshaw Puller
Show Time
5 weeks ago
9:18
मास्क वाला का सफलता | Success of Masked Man
Show Time
6 weeks ago
8:43
प्याज की बैंक | Onion Bank
Show Time
6 weeks ago
8:00
लॉरी वाले का कहानी | The Story of The Lorry Driver
Show Time
6 weeks ago
7:55
सुब्रमण्यम का असली वरदान | The Real Boon of Subramaniam
Show Time
6 weeks ago
6:15
73rd गणतंत्र दिवस | 73rd Republic Day
Show Time
7 weeks ago
7:31
सब्जीवाला की सफलता की कहानी | Sabjiwala's Success Story
Show Time
7 weeks ago
11:09
ज्यादा बात करने वाली बहू | Daughter In Law Who Talks Too Much
Show Time
7 weeks ago
5:09
चूड़ियां वाला की कहानी | The Story of The Bangle Seller
Show Time
7 weeks ago
8:35
जादुई गाय की पूंछ | Magical Cow's Tail
Show Time
2 months ago
8:36
गरीब रेलवे कुली | Poor Railway Porter
Show Time
2 months ago
13:29
कंजूस सास और चालाक बहु | Miserly Mother in Law and Cunning Daughter in Law
Show Time
2 months ago
3:18
जादुई रहस्यमय गुफा | Magical Mysterious Cave
Show Time
2 months ago
10:58
चालाक पंडित | Clever Pundit
Show Time
2 months ago
9:47
जादुई मटका का चमत्कार | The Miracle of the Magic Pot
Show Time
2 months ago
8:47
लालची सेठ की किस्मत | The Fate of The Greedy Businessman
Show Time
2 months ago
9:19
जादुई बांसुरी की कहानी | Magical Flute's Story
Show Time
2 months ago
Be the first to comment