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  • 4 months ago

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00:00दूर दराज पैसिफिक कोशन में मौजूद ये है पॉम्पी आइलेंड जो अपने मैंगरूव्स के जंगलात के नीचे एक ऐसा राज छुपाए बैटा है जिसको देखकर इनसानी दिमाग दंग रह जाता है।
00:13पॉम्पी आइलेंड की तनहाई का अंदाजा लगाया जाए तो इसके सबसे करीब पापा न्यूग गीनी है और वो भी यहां से 1900 किलो मिटर दूर है और दूसरे नमबर पे जबान है जो के 3600 किलो मिटर दूर है उपर से देखा जाए तो पॉम्पी आइलेंड सिर्फ जंगल
00:43पॉम्पी आइलेंड के इस्ट में फॉरिस्ट के नीचे चुपा हुआ है यहां जाने के लिए पहले पॉम्पी आइलेंड के किंग से परमीशन लेनी पड़ती है और एक खास रसम पूरी करने के बाद कावा के पौदे की जड़ों से बनाई गई गई एक अनुकी ड्रिंक
01:13जाती है जिसको एक पत्थर पर रगड़ रगड़ कर बनाया जाता है ऐसा माना जाता है कि यह सारी रसम पूरी करने के बाद नैन मेडूल की आतमाएं हमला नहीं करती जंगल में जाने के बाद भी नैन मेडूल को पूरी तरहां से नहीं देखा जा सकता क्योंके मेंगरू�
01:43पत्रों के बड़े बड़े पिलर्स की मदद से बनाया गया था ये खास पत्थर बसाल्ट रॉक कहलाता है जो लावा के ठंडे होने की वज़ा से बनता है एक एक पत्थर का सिलैब कम से कम भी पांच टन वजनी है यानि करीब चार सेडान गाडियों के बराबर पर यहां कु�
02:13चैलेंजिंग हो सकता है तो सोचें ये काम 800 साल पहले पैसिफिक ओशन की विरानियों में कैसे किया गया होगा इस पहली की दिल्चसपी गीजा के पिरमिड्स और इस्टर आइलेंड्स में बने पत्थरों के इस कल्चर से हर्गिस कम नहीं है सबसे बड़ी बात ये है कि आस
02:43कैसे गया होगा।
03:13लेने का फैसला किया गया लिडार स्कैनिंग डिवाइस को ड्रोन में इंस्टॉल करके इस पूरे एरिया की स्कैनिंग स्टार्ट टी गई लिडार की वेव्ज दरखतों के बीच में से तो गुजर सकती हैं लेकिन ठोस पत्रों से टकरा कर वापस लिडार डिवाइस में रिक�
03:43के चुपे हुए स्ट्रक्चर्ज का एक शांदार मनजर पेश किया यहां दरखतों के नीचे चुपे करीब 90 स्ट्रक्चर्ज उभर कर सामने आ गए इसमें रिजिडेंशल कॉम्पलेक्सेज टेंपल्स और रिच्वल प्लेसेज भी थी एक चुपे हुए रिच्वल स्ट्र
04:13मजीद इन्वेस्टिकेशन की गई तो मालुम पड़ा के असल में हर एक स्ट्रक्चर एक अलग मैन मेड आईलेंड पे बनाया गया है और इन तमाम आईलेंड्स के गिर्द बड़े बड़े पत्थरों से आर्टिफिशल सी वाल भी बनाई गई थी ताके समंदरी लहरों से �
04:43वाकई किसी चमतकार से कम नहीं है एक तरफ आज की इतनी एडवांस टेकनोलोजी के बावजूद भी दुबई के वर्ल आईलेंड्स वापस समंदर की नजर हो रही है और दूसरी तरफ नैन मेडोल में बसने वाले आठ सो साल पहले मैन मेड आईलेंड्स का पूरा शहर बन
05:13इतना आठ एरक्राफ्ट केरियर्स का होता है यहां फिर दुनिया की सबसे बड़ी फरेट ट्रेन जो के आठ किलो मिंटर लंबी थी ऐसी आठ ट्रेन्स का वजन नैन मेडोल के स्ट्रक्चर्स के वजन के बराबर बनता है अब सवाल यह उठता है कि इतनी बड़ी तादात म
05:43डेड़ 200 फिट उन्ची कोईरी पे चड़कर देखा गया तो वहां हैरतंगे स्टॉर पे अभी तक बसाल्ट रॉक के स्लैब्स मौजूद थे जो शायद किसी वज़ा से यहीं पड़े रह गए इन स्लैब्स पर धुएं और राख के निशानात पाए गए जिससे ये जाहर ह
06:13कुछ हिस्सा तो सौल्फ हो चुका था अब बारी थी ये जाने की कि इन पत्थरों को कोईरी से 18 किलो मिटर दूर नैन मेडोल तक कैसे ले जाया जाता था जैसा कि आपने पहले जाना कि एक एक पत्थर 5 टन से 70 टन तक वसनी है इतना ज्यादा वजन वामफी आइलेंड के �
06:43यहां से किसी तरहा इन पत्थरों को ओशन तक पहुंचाया जाता था और फिर आइलेंड की दूसरी साइड तक किसी बोट मे रखकर पुरा गोल घुमकर नैन मेडोल तक पहुंचाया जाता था
06:54इस थियोरी को साबित करने के लिए नैन मेडूल के साथ सी फलोर को सुनान स्कैनिंग से सर्च किया गया
07:01वहां 300 फट की घराई में कुछ ऐसे आबजेक्ट्स स्कैन हुए जो शायद किसी भी तरहां सी फलोर का हिस्सा नहीं लग रहे थे
07:09मालूम पड़ा कि कुछ बसाल्ट रॉक के पिलर्ज ओशन के फलोर पर भी मुझूद थे जो शायद ट्रांस्पोर्ट के दौरान समंदर में गिर गए थे
07:18ये पिलर्ज इस बात का सबूत है कि नैन मेडूल तक इतने भारी पत्थर समंदर के जरीए ही लाए जाते थे
07:25नैन मेडूल पर रिसर्च के दौरान हर मोड पर कुछ नया देखने को मिल रहा था
07:31रिसर्चर्जर्स का खयाल है कि अगर यहां रहने वाले उस दौर में भी इतने भारी पत्थरों को समंदर के रास्ते ट्रांस्पोर्ट कर सकते थे
07:39तो इसका मतलब है कि वो दूसरे आईलेंड्स पर भी गए होंगे
07:43पॉंफी आईलेंड से 15 किलो मिटर दूर एंड अटोल नामी आईलेंड का जाइजा लिया गया
07:49वहां पर भी कई मकामात पर बसाल्ट रॉके पिलर्स और धेर सारे सकाव स्टोन्स नजर आए
07:55यानि ये कोई मामुली लोग नहीं बलके बहुत ज़्यादा स्किल्ड लोग थे
08:00जो 800 साल पहले भी समंदरी लहरों का मकाबला करके हैवी कारगो ट्रांसपोर्ट कर सकते थे
08:07रिसरचर्जर्ज और हिस्टोरियन्स की टीम ने पॉमफी आईलेंड का मजीद चाहिजा लिया तो उन्हें एक स्टोन आर्ट की साइट नजर आई
08:15जहां पत्रों पर मुक्तलिफ कारविंग्स हो रखी थी
08:18अब ये कारविंग्स 800 नहीं बलके करीब 2000 साल पुरानी है
08:23जिनमें एक अनुका सिंबल भी तराशा हुआ दिखाई दिया
08:26हैरत की बात ये है कि ऐसा ही सेम सिंबल 3600 किलो मिटर दूर आज के निउ कैलेडोनिया में भी देखा जा चुका है
08:35यानि ये सिंबल जिस किसी ने भी बनाया था उनके लिए समंदरी सफर बच्चों का खेल था
08:42इतना बड़ा सफर बगएर GPS और advanced equipment के करना
08:47और कई सदियों पहले man-made islands और उसके उपर इतने बड़े structures बनाना
08:53ये जाहर करता है कि यहां उस दोर की ruling elite रहती थी
08:57पर अभी तक ये किसी को भी मालूम नहीं है कि इतना बड़ा सिस्टम छोड़कर ये आखिर चले कहां गए
09:04क्या यहां कोई natural disaster आया था या फिर उनको समंदर निगल गया
09:10उमीद है Zen TV की ये वीडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेयर करेंगे
09:15आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहत शुक्रियां मिलते हैं अगली शांदार वीडियो में
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