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  • 1 week ago

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00:00दुनिया की सबसे कीमती कंपनीज के बारे में गूगल सर्च किया जाए तो टॉप 20 कंपनीज ऐसी हैं जिनके बारे में हम रोजाना सुनते हैं
00:08गूगल, फेसबुक, एपल, माइक्रोसॉफ्ट
00:11लेकिन इन सब में एक नाम ऐसा है जो शायद आपने पहले कभी ना सुना हो
00:16ये कंपनी सैंसंग, मास्टर कार्ड, टोइटा और नेटफलिक्स से भी ज्यादा कीमती है
00:23लेकिन अगर किसी से पूछा जाए कि ये करती क्या है तो आपको शायद कोई ढंग का जवाब ना मिल पाए
00:29पर हकीकत ये है कि 10 सेंट तकरीबन सब कुछ करती है
00:33कई केसिज में ये कंपनी छुप कर काम करती है, तभी काफी लोग इसके नाम से वाकिफ नहीं है
00:39लेकिन चाहे आपको इसका एहसास हो या ना हो, आप जरूर ऐसे प्रोड़क्स या सर्वेसिस इस्तमाल करते होंगे जिन में 10 सेंट किसी ना किसी तरह इंवाल्वड है
00:49दूसरी तरफ 10 सेंट की होम कंट्री चाइना में ये एक बहुत अलग कहानी है
00:55यहां सब को मालूम है कि 10 सेंट उनकी जिन्दगी पर पूरी तरह से हावी है
01:00और इसकी वज़ा ये है कि चीन में 10 सेंट ने नामुम्किन को मुम्किन कर दिखाया है
01:05एक ऐसी एप जो एक साथ सब को कंट्रोल करती है
01:09जैम टीवी की वीडियोज में एक बार फिर से खुशामदीद
01:13नाजरीन 10 सेंट ने वी चैट नामी ऐसी मुबाइल एप्लिकेशन बनाई है
01:17जिसको आपरेटिंग सिस्टम आफ चाइना भी कहा जाता है
01:21क्योंकि तकरीबन चाइना का हर शहरी इस एप को यूज़ करता है
01:25वो भी दिन में 4 घंटे
01:27ये टाइम बाकी दुनिया में सारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बितने वाले टाइम से भी ज्यादा है
01:33इसकी वज़ा ये है कि चाइना में वी चैट तमाम सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का एक निचोड है
01:39फेस्बुक, यूट्यूब, पेपॉल, वाटसेप, नेटफ्लिक्स, गूगल, उबर, टिंडर, जूम और एमेज़ॉन इन सब प्लेटफॉर्म्स का निचोड चाइना में वी चैट के नाम से है
01:49एक ही एप से किसी को कॉल की जा सकती है, चैट हो सकती है, ग्रोसरी ओर्डर हो सकती है और यहां तक के पैसे भी इसी एप के जरीए भेजे जा सकते हैं
02:00यूं समझ लें कि जैसे आज हम मुबाइल फोन के बिना अधूरे हैं, इसी तरहां चाइना में इस एप के बिना लोग
02:06एक इकलोती कंपनी के पास चाइना के 140 करोड लोगों का परसनल डेटा है, उनकी लोकेशन से लेकर उनके बैंक अकाउंट डिटेल्स तक और एक-एक मेसिज से लेकर सर्च हिस्ट्री तक
02:19और फिर ये एप तब मजीद खतरनाक हो जाती है जब आपको मालूम पड़े के 10 सेंट ये तमाम डेटा चाइनीज गवर्मेंट के साथ भी शेयर करती है, जो वीचैट को अब तक बनाए गए सबसे ताकतवर सर्विलिन्स टूल्ज में से एक बनाती है
02:34ना सरिफ इतना बलके 10 सेंट की इस एप पर सिर्फ वही मेसेज़े जा सकते हैं जो चाइनीज गवर्मेंट चाहती है और अगर ऐसा नहीं किया गया और आपकी किसमत अच्छी हुई तो ये मेसेज सेंड नहीं होगा
02:47लेकिन अगर किसी वज़ा से हो भी गया तो ये आपको जेल भी बेच सकता है या आप गायब भी हो सकते हैं
02:55जी हाँ ऐसे कैसिस असल में हो चुके हैं एक चाइनीज सिटिजन ने वीचैट के गरुप पे अपने दोस्तों को मजाक में गवर्मेंट के खिलाफ कुछ लिखा लेकिन अगले ही दिन उसको पुलीस पकड़ कर ले गई
03:06चाइनीज गवर्मेंट खुलम खुला ये कह चुकी है के वो वीचैट के डिलीटिड मेसेजिस भी पढ़ सकते हैं और उसके लिए उनको ना यूजर की परमीशन की जरूरत है ना ही कोट की
03:17इशारा बिलकुल किलियर है चाइनीज कम्यूनिस पार्टी नहीं चाहती के कोई भूल कर भी उनके खिलाफ कोई बात करे
03:24एमनेस्टी इंटरनेशनल एक ऐसी और्गनाईजेशन है जो हुमन राइड्स जैसा के बोलने की आजादी के हक में काम करती है
03:32उनकी रिपोर्ट के मताविक 10 सेंट का अपने यूजर के डेटा को प्रोटेक्ट करने में 0 out of 100 स्कोर है
03:39सिर्फ 10 सेंट ही नहीं बलके हर चाइनीज कम्याब होने के लिए चाइनीज कम्यूनिस पार्टी के साथ अच्छे रिलेशन्स रखने पड़ते हैं
03:48पर इन सब में 10 सेंट चाइनीज गवर्मेंट के कुछ ज्यादा ही करीब है
03:52और यही वज़ा है कि चाइनीज मार्केट में इनका कोई कॉम्पिटीटर भी नहीं है
03:57इस खुलम खुला अजादी के बदले में 10 सेंट ने चाइनीज गवर्मेंट को एक बहुत इंपॉर्टेंट हत्यार से नमाजा हुआ है
04:04ऐसा माना जाता है कि कम्यूनिस पार्टी के लोग 10 सेंट के एग्जेक्यूटिव बोर्ड में भी मौजूद हैं
04:10जो एप्लिकेशन के इंपॉर्टेंट फैसले करते हैं
04:13मिसाल के तौर पे कोविड नैंटीन के दौर में चाइनीज गवर्मेंट ने वी चैट के जरीए लोगों पर रिस्टिक्शन्स लगा रखी थी
04:20जो इंफेक्टेड लोग थे उनके वी चैट पर आउटडोर शॉपिंग फे रिस्टिक्शन्स लगा दी गई थी और उनकी लोकेशन पर जीयो फैंसिंग
04:28ताके अगर वो अपने घर से बाहर निकलेंगे तो फौरण पॉलीस को इसका इलिम हो जाएगा
04:33जब 10 सेंट चाइना में अपनी मोनोपली बनाने में कामियाब हो गई तो उन्होंने बाहर की दुनिया में भी खुद को फैलाना शुरू कर दिया
04:41Reddit, Tesla, Discord, Spotify, Snapchat और Universal Music ये कई सो में से उन चंद कंपनी के नाम है जिन में 10 सेंट ने इन्वेस्मेंट कर रखी है
04:52गेमिंग की बात की जाए तो 10 सेंट दुनिया की सबसे बड़ी गेमिंग कंपनी भी है जिसकी आमदनी कॉम्पिटिटर से काफी ज्यादा है
05:00इनका गेमिंग डिपार्टमेंट अकेला ही निन्टेंडो और सोनी से काफी बड़ा है और दूसरी इंडस्ट्रीज में भी कुछ ऐसा ही हाल है
05:0810 सेंट का पेमिंट डिपार्टमेंट तकरीबन उतना ही बड़ा है जितना पे पॉल का
05:13रिपोर्ट्स के मताबिक वी चैट पे के जरीए सिर्फ एक दिन में 100 करोर डॉलर्स के बराबर पेमिंट्स ट्रांसफर की जाती है
05:21यानि वीजा और मास्टर कार्ड दोनों से मिला कर भी इतनी ट्रांजेक्शन्स नहीं की जाती
05:26इसके इलावा म्यूजिक इंडस्ट्री, ई-स्पोर्ट्स और मुवीज की प्रोड़क्शन में भी 10 सेंट्स ने अपने पैर जमाना शुरू कर दिये है
05:34यहां तक के चाइना का ये हत्यार अब बाहर की दुनिया पर भी अपने फैसले मुसलत करने लगा है
05:40इसके जीती जाती एक्जेंपल वीचेट का वीडियो प्लैटफॉर्म है
05:45अमेरिका में नेशनल बास्केट बॉल एसोसियेशन ने चाइना में अपने मैचिस दिखाने के लिए वीचेट वीडियो का सहारा ले रखा है
05:522019 में हूस्टन रॉकेट्स के मैनेजर ने अपने परसनल ट्वेटर अकाउंट पे हौंग कौंग के हक में कुछ लिखा
05:59जिस पर 10 सेंट्स ने हूस्टन रॉकेट्स के मैचिस दिखाना बंद कर दिये
06:04क्योंके बहुत से लोग अमेरिका में भी वीचेट वीडियो के जरीए ये मैचिस देखते थे
06:09इसी वज़ा से मैनेजर को मजबूर होकर ये टुईट डिलीट करना पड़ा और माफी भी माँगनी पड़ी
06:15इनी वाकियात के बाद हाल ही में लोग ये सोचने पर मजबूर हो गए कि क्या चाइना अब बॉकेट में पड़े फोन के जरीए भी बाहर की दुनिया से अपनी मन पसंद के फैसले करवाएगा
06:25जबके इसका जवाब हूस्टन रॉकेट के मैनेजर की माफी के बाद सब को मिल चुका था
06:30कई कंट्रीज ने वीचैट को सिक्योरिटी थ्रेट करार दे कर इस पर बेन लगा दिया है जिसमें इंडिया, कैनेडा और यूएस की कुछ स्टेट्स शामिल हैं
06:40जैसे 10 सेंट के ऑपरेशन्स काफी मिस्टीरियस हैं, ऐसे ही इसका फाउंडर भी
06:45अगर कभी आपके सामने ईलॉन मस्क, जेफ बेजोर्स या मार्क जिकरबर्ग आएं तो यकीनन आप उनको पहचान जाएंगे
06:52लेकिन 10 सेंट का फाउंडर और सीईओ इन सबसे काफी मुक्तलिफ है
06:57इतनी बड़ी और बाअसर कमपनी चलाने के बावजूद आपको शायद ये भी मालूम नहीं होगा कि ये दिखता कैसे है और इसका नाम क्या है
07:06इनका चाइनीज में असल नाम ये है लेकिन क्योंके इनके सरनेम को इंगलिश में हॉर्स कहते है इसी वज़ा से इनका नाम पोनी मा पड़ गया
07:15दूसरी बड़ी कमपनी के मालिकान के मुगाबले में पोनी मा मीडिया पर नहीं आते क्योंके ये इंट्रोवर्ट हैं और सुर्खियों में नहीं आना चाहते
07:24उनका पूरा बचपन भी खामोश रहकर गुजरा लेकिन युनिवस्टी लाइफ में पहली बार उन पर धिहान गया जब उन्होंने युनिवस्टी के कम्प्यूटर को हैक किया जिसे उनको ग्रेट कोडर की पहचान मिली
07:37युनिवस्टी के फाइनल इयर प्रोजेक्ट में पौनी ने स्टॉक प्राइस की फोरकास्ट करने वाला एक सॉफ्टवेर बनाया
07:44ये इतना कमाल का सॉफ्टवेर था कि जिस कम्पनी में उनको इंटर्शिप मिली थी उसी कम्पनी ने ये प्रोग्राइम पौनी को तीन साल की एडवांस सेलरी दे कर खरीद लिया
07:54बेशक पौनी एक बहुत ही टेलेंटेड और मेहनत करने वाला प्रोग्राइमर था
07:58लेकिन इसकी फ्यूचर बिजनेस एंपायर का आइडिया इसको खुद नहीं आया बलके ये आइडिया चोरी किया गया था
08:05आप मैंसे जिन लोगों को इंटरनेट के शुरुआती दिन याद हैं तो आपको ये भी याद होगा कि उस वक्त एक चैट रूम आई सी क्यू के नाम से होता था
08:14ये इंटरनेट की दुनिया में पहला सबसे मशूर चैट रूम था जिसमें रियल टाइम प्राइविट चैट भी हो सकती थी
08:21तो फिर 1998 में पौनी और उसके स्कूल के कुछ दोस्तों ने मिलकर आई सी क्यू की टकर में अपनी चैट सर्विस खोलने का इरादा किया जिसको चाइनीज यूजर्स के हिसाब से डिजाइन किया गया
08:34पौनी और उसके दोस्तों ने इस सर्विस को कोई नया नाम देने की भी तकलीफ नहीं की बलके आई सी क्यू के नाम से पहले ही ओ लगाकर ओ आई सी क्यू रख दिया
08:44शुरुआत में इस नए चैट रूम को कोई जानता भी नहीं था जिस पर चैट रूम का सी ओ खुद लड़की की प्रोफाइल पिचर लगा कर लोगों से बात करता था और इस बात को पौनी मा ने खुद कबूल किया है
08:57वक्त गुजरता गया और ओ आई सी क्यू चाइनीज मार्किट में आग की तरह पहलता गया
09:02क्यूंकि आई सी क्यू के मकाबले में इस सॉफ्टवेर की साइज छोटी थी जो उस वक्त चाइना के स्लो इंटरनेट यूजर्स के लिए डाउनलोड करना काफी असान था
09:11पर इस वक्त तक पोनी मा के पास इस सॉफ्टवेर से पैसे कमाने का कोई जरिया नहीं था बलके जैसे जैसे इसके यूजर्स बढ़ते जा रहे थे ये पोनी मा की जेप पर बोज बनता जा रहा था
09:23अभी पोनी मा इस बोज को बरदाश कर ही रहे थे कि इसी दौरान एक और पहाड उन पर तूट पड़ा एक दिन उनको आईसी क्यू की तरफ से लेटर रिसीव हुआ जिसमें आईसी क्यू का रिजिस्टर्ड और लीगल नाम इस्तमाल करने पर उनको कोट में आने की धमकी �
09:53जो कुछ भी कमा कर नहीं देगी और उपर से जिस पर कोट केस भी हो रखा हो। लहाज़ा बेचने का आईडिया तो फेल गया लेकिन फिर एक वेंचर कैपिटलिस्ट कमपनी ने 10 सेंट को खरीदा तो नहीं लेकिन इसमें इन्वेस्ट करने का इरादा किया। उन्होंने प
10:23तो शायद 10 सेंट नाम की कोई चीज आज मार्किट में होती ही नहीं। सबसे पहले ICQ के लीगल लेटर के जवाब में पोनी ने OICQ का डुमेन नेम चेंज करके QQ रख दिया। अब लीगल मसले भी हल हो चुके थे, पैसे भी आ चुके थे और QQ की ग्रोथ भी हो रही थी।
10:53एक मसला था कि QQ को मॉनिटाइज कैसे किया जाए, यानि उसमें से पैसे कैसे कमाए जाए। चंद सालों में वो मसला भी हल हो गया जब QQ में कस्टमाइजड अवाटार फीचर इंट्रोड्यूस करवाया गया और उसको इस्तमाल करने के लिए यूजर से बिलकुल थोड़
11:23लेकिन पोनी मा के लिए ये खोशी ज्यादा लंबी नहीं थी। 2004 में उनका टकराओ माइक्रो सॉफ्ट से हुआ। 10 सेंट के मकाबले में माइक्रो सॉफ्ट एक मल्टी नेशनल कंपनी थी जिसके पास रिसोर्सेज भी ज्यादा थे और फंड्निंग भी। माइक्रोसॉफ्
11:53MSN चाइना में भरपूर इस्तमाल किया जाने लगा जो कि असल में QQ का मार्केट शेयर था। प्रोफेशनल होने के साथ साथ MSN ने आफलाइन मेसेजिस का भी फीचर मतारिफ कराया। पर मसला ये था कि MSN चाइना को कोई भी फैसला लेना होता तो पहले वो US हेड़कॉर्�
12:23इसका फाइदा उठाया और रातो रात QQ में भी आफलाइन मेसेजिस की सर्विस इंट्रोड्यूस करवाई। गलोबली MSN का कॉम्पटीटर सिर्फ QQ ही नहीं था बलके उनको US में भी Google और Yahoo से मुकाबला करना था। लहाजा उनका फोकस सिर्फ चाइना पर ही नहीं था। �
12:53स्मार्ट फोन्स का दौर शुरू होते ही मुबाईल इंटरनेट का रुजहान बढ़ने लगा। ये वो वक्त था जब डेक्स्टॉप चैट सर्विसेज को लोगों ने बाइबाई किया और मुबाईल चैट सॉफटवेर्स की तरफ बढ़ने लगे। ये वो चीज थी जिस
13:23लेकिन ये डील क्रैक ना हो सकी क्योंके पोनी मा की बैक सर्जरी की वज़ा से वो बेड रेस्ट पे चले गए। जब मार्केट में 10 बिलियन डॉलर्स की बातें चलने लगी तो फेसबुक के ओनर मार्क जकरबर्ग ने पोनी मा की बिमारी का फाइदा उठा कर फॉरन वाट
13:53शुरुआत में वीचैट के हिट होने का कोई चांस नहीं था। उस वक्त पोनी मा ने टॉक बाक्स नामी एक एप का फीचर कॉपी करके वीचैट में एड किया जिससे लोग अपनी वाइस रिकॉर्ड करके भेज सकते थे और वो वाइस को टेक्स्ट में भी कनवर्ट कर दे
14:23बरबादी का बाइस बना। उस वक्त 10 सेंट के पास पैसे की कोई कमी नहीं थी। तो ऐसा माना जाने लगा कि अगर 10 सेंट की तरफ से कोई आफर आये तो उसको मना नहीं किया जा सकता। क्योंके अगर ऐसा किया तो वो अपने रिसोर्चिस को इस्तमाल करके खुद इसका क
14:5320 घंटे मौजूद है उसको सिर्फ चैट सर्विस से कैश करना काफी नहीं होगा। नहाजा यहीं वो वक्त था जब वीचैट में फेस्बुक और इंस्टागराम जैसा सोशल मीडिया फीचर मॉमेंट्स के नाम से लाया गया। और बाद में इसमें ब्लॉगिंग भी स्टा
15:23में फ्रेंड्स नियर भाय का ऑप्शन भी एड किया गया जो के असल में टिंडर का क्लोन था। आहिस्ता आहिस्ता पेपॉल जैसी सर्विस वीचैट पे के नाम से भी इंट्रोड्यूस करवाई गई। चाइनीज नियू इयर में लोग एक दूसरे को रेड एंवलप में प
15:53जरूरत का हिस्सा बन बैठा। देखते ही देखते 2015 में वीचैट पचास करोड यूजर्स तक जा पहुँचा और ये सब कुछ शायद 10 सेंड के लिए काफी नहीं था। इन्होंने दूसरी एप्स को बाइपास करने का भी एक तरीका निकाल लिया। यानि आपके फोन में �
16:23और कर सकते थे और अपनी पसंद की गेम भी खेल सकते थे। मिसाल के दौर पे अपनी फेवरिट शॉप की एप अलग से डाउनलोड करने के बजाए वीचैट के मिनी प्रोग्राम्स में ही अब उस शॉप का प्रोग्राम इंबेड कर दिया गया। इस नए फीचर ने वीच
16:53जाना है वहां की बुकिंग भी वीचैट से सिनिमा की टिकेट, शॉपिंग की पेमिंट्स और घर वापस आने के लिए टेक्सी दुबारा वीचैट से ही बुक होने लगी। ये सब कुछ यूजर्स को ज्यादा असान लगता था क्यूंकि एक ही एप में सारे काम हो जाते।
17:23जिसमें 10 सेंट शामिल ना हो और ना ही कोई ऐसी चीज है जिसमें से प्रॉफिट कमाना ये भूले हो। लेकिन वीचैट का एक ऐसा सीक्रेट फीचर जरूर है जिसे वो अपने कस्टमर को फ्री में देता है और वो सीक्रेट फीचर है यूजर डेटा और कस्टमर है चाइन
17:53चीनी सरकार के साथ 10 सेंट के तालुकात पर बात करने से पहले ये समझना जरूरी है कि ये सब शुरू कैसे हुआ। वैसे तो चाइना एक कम्यूनिस्ट कंट्री है लेकिन 1979 में चीन के लीडर ने यहां शेंजैन में कैपिटलिस्ट बिजनिस खोलने की इजासत दी थी जिस
18:23इसमें अली बाबा और डीजे आई जैसे नाम भी शामिल है। इससे चाइनीज कंपनी ज्यादा मजबूत होई और जो इंटरनेशनल फर्म्स चाइना में ऑपरेट कर रही थी उनके लिए मुश्किलात खड़ी हो गए। 10 सेंट की काम्याबी चाइनीज गवर्मेंट को का�
18:53जबके चाइनीज कम्यूनिस पार्टी के पास वीचेट के तमाम यूजर्स का पबलिक और प्राइविट डेटा मौजूद है। 10 सेंट का मकसद पहले किसी सर्वेलिंस टूल बनाने का नहीं था लेकिन इनकी काम्याबी के लिए जरूरी था कि वो चाइनीज कम्यूनिस पा
19:23पार्टी के खलाफ कोई मजाग भी किया जाए तो ग्रूप एड्मिन को अरेस्ट कर लिया जाता है। इसी वज़ा से 2017 में ग्रूप मेंबर्स ने किसी मुसीबत में फसने के डर से ग्रूप्स ही डिलीट कर दिये। 10 सेंट की गेम्स में फेशिल रिकगनीशन सिस्टम के जर
19:53सिस्टम के जरीए किया जाता है। इसके इलावा चाइना में सोशल क्रेडिट स्कोरिंग सिस्टम भी बनाया गया जिसमें डेटा वी चैट के प्लेटफॉर्म से ही आता है। यानि कि यूजर जो कुछ खरीदेगा और जहां जहां जाएगा उसकी हरकतें किस किसम की हैं ये
20:23अबी का बाइस दुबाना है वहीं ये साथ इनको बाहर की दुनिया से कॉम्पीट नहीं करने दे रहा। बेशक उनके पास टैलेंट, टेकनोलोजी और पैसा सब कुछ है लेकिन वो ग्लोबली मेटा से मुकाबला नहीं कर सकते और वो भी सिर्फ चाइनीज गवर्मेंट की
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