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  • 5 months ago

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00:00दूर से देखने पर ये समंदर में खड़ी कोई बैटल शिप लगती है पर असल में ये एक चोटी सी सिटी है जो आज पूरी तरहां से खंडर हो चुकी है।
00:10किसी वक्त में इस चोटे से आईलेंड पर पांच हाजार से ज्यादा लोग रहते थे और ये ना सिर्फ जापान की बलके दुनिया की सबसे गनी अबादी वाली सिटी कहलाती थी।
00:20यहां अपाटमेंट्स थे जिनका कॉंक्रीट अब गल सड़ चुका है। इनमें लोगों का समान आज तक मौझूद है।
00:28ऐसा मालम होता है कि शायद यहां रहने वाले सब कुछ ऐसे ही छोड़ कर यहां से भागे हैं।
00:34यहां स्कूल्स थे जहां कभी बच्चों की आवाजें गुंचती थी। हॉस्पिटल्स, टाउन हॉल, सुमिंग पूल्स, शॉप्स और सेनिमा समेत यहां वो तमाम फैसलिटीज थी जो किसी शहर में होनी चाहिए।
00:46पर आज यह पूरा आईलेंड, पूरा शहर किसी विरान, गोस्ट टाउन की शकल पेश करता है।
00:53लेकिन आखिर क्यों, क्यों यहां रहने वाले हजारों लोगों में से आज एक भी यहां नहीं रहता।
00:59यहां ऐसा क्या हुआ था कि जापान ने 35 सालों तक टोरिस को इस आईलेंड पर जाने से रोके रखा।
01:07जम टीवी की वीडियोज में एक बार फिर से खुशाम दीद।
01:10नाजरीन इस आईलेंड को हशीमा कहा जाता है जो जापान के शहर नागासाकी से 15 किलो मिटर दूर साउथ चाइना सी में मौजूद है।
01:19क्योंकि इस आईलेंड की शकल एक बैटल शिप जैसी है, इसी वज़ा से इसको बैटल शिप आईलेंड भी कहा जाता है।
01:25समंदर के इस हिसे में करीब 500 ऐसे आईलेंड हैं जिन में कोई अबादी नहीं लेकिन हशीमा की कहानी इन से काफी अलग है।
01:34देखा जाए तो दूसरे आईलेंड काफी हरे भरे हैं लेकिन हशीमा आईलेंड समंदर से उबरा हुआ एक बहुत बड़ा पत्थर है जहां पर प्लांटेशन ना होने के बराबर है।
01:44हशीमा आईलेंड ने अपने वक्त में जापान की एकनॉमी को बूस्ट करने में बहुत बड़ा रोल प्ले किया था और इसकी सबसे खास बात थी कोल माइनिंग।
01:55पिछले डेट सो सालों की हिस्टरी में इस आईलेंड के करीब समंदर के बौटम से एक करोड 65 लाग टन कोईला निकाला गया था।
02:05इतना ज्यादा कोईला आज पूरे इंडिया को एक महीने तक और पाकिस्तान को दस महीने तक अलेक्टरिसिटी प्रोडियूस करके दे सकता है।
02:141800 में हशीमा से थोड़ा ही दूर टाकाशीमा आईलेंड पर रहने वाले लोगों को जमीन पे बिखरा हुआ कोईला मिला था।
02:22पहले तो उनको इसकी खासियत पता नहीं थी लेकिन पिर कोहीता नाम के एक आदमी को एक्सिडेंटली इसकी हीटिंग प्रॉपर्टीज का पता चल गया।
02:31उस दिन के बाद से टाकाशीमा आईलेंड के लोगों ने जमीन पर बिखरे हुए कोईले को कठा करना शुरू कर दिया जिससे वो अपने घरों को गरम रखते थे।
03:01से रिप्लेस कर रहे थे जिनको चलाने के लिए एक ही चीज़ की जरूरत थी और वो था कोईला।
03:07जब वो शिप्स नागासाकी पोर्ट पर आकर रुखनी थी तो उनको री फ्यूलिंग के लिए कोईले की जरूरत पड़ती थी।
03:13और ये कोईला नागासाकी से थोड़ा ही दूर टाकाशामी आईलैंड पर बिक्रा हुआ था।
03:19जब कोईले की डिमांड बढ़ती गई तो अब आईलैंड के लोग इसको बेचने के लिए जमीन से निकलने लगे।
03:25देखते ही देखते राकाशामी के सरफेस पर से कोईला खतम हो गया।
03:29तब ही उन्होंने आसपास के एंलैंड का रॹक्त किया जिसमें हशीमा वाहिद ऐसा आईलैंड था जिसमें काफी जियादा कोईला था।
03:55उस वक्त मिटसुबिशी एक shipping company थी जिसने हशीमा आईलेंड पर proper coal mining start करने का फैसला किया
04:02मिटसुबिशी ने यहां workers के लिए घर बनाए और पूरे आईलेंड को समंदरी लहरों से बचाने के लिए एक sea wall भी बनाए
04:10यही वज़ा है कि आज यह आईलेंड एक ship की शकल जैसा दिखता है
04:151916 में यहां 3000 workers रहते थे जो साल में 1500 टन कोईला जमीन से निकालते थे
04:22हशीमा आईलेंड के छोटे साइस की वज़ा से यहां रहने की जगा काफी कम थी
04:27लहाजा मिटसूबीशी ने यहां concrete residential complex बनाया
04:31ताके ज्यादा से ज्यादा workers यहां अपनी families के साथ रह सके
04:35यह उस वक्त चापान की सबसे बड़ी concrete building हुआ करती थी
04:40लेकिन यह फिर भी workers के रहने के लिए काफी चोटी थी
04:44उसके बाद हशीमा आईलेंड पर workers की तादाद बढ़ती गई
04:47और मिटसूबीशी यहां नए complex भी बनाता चला गया
04:51इसके साथ साथ workers के बच्चों के schools और entertainment centers भी बनाये गए
04:561941 में हशीमा आईलेंड पे कोईले की production सालाना 4,10,000 ton तक जा पहुंची
05:04जो के दिन बदिन बढ़ती जा रही थी
05:061959 में आईलेंड की टोटल population 5,200 थी
05:11अब देखा जाए तो आईलेंड का टोटल एरिया ही साड़े पंदरा एकड है
05:16अगर हम सिंपल मैथ करें तो एक एकड में यहां 335 लोग रहते थे
05:22इतनी घनी अबादी आज तक दुनिया के किसी भी मुलक में नहीं पाई गई
05:27इसका अंदाजा आप इस बात से लगा लें
05:29कि चाइना जहां की population density आज 84 पीपल पर एकड है
05:34उसके हिसाब से हशीमा में उस वक्त 335 लोग एक एकड में रहते थे
05:40जो वरकर्स यहां रहते थे उनका कहना है
05:43कि एक कमरा तीन वरकर्स शेयर करते थे
05:45लेकिन उसमें जगा सिर्फ दो वरकर्स के सोने की थी
05:49और तीसरे वरकर को कबर्ड में सोना पड़ता था
05:52माइन की बात की जाये तो वो हशीमा आइलेंड से
05:55एक किलो मिटर नीचे खोद कर बनाई गई थी
05:58जहां तेमपरेचर थर्टी फाइफ डिग्री सेल्सियस
06:00और हुमिडिटी नाइन्टी फाइफ परसंट होती थी
06:03इन हार्श कंडिशन्स में वरकर्स का काम करना
06:06किसी भी सूरत खत्रे से खाली नहीं था
06:09हशीमा आईलेंड की कोल माइन पर काम करने के दोरान
06:13कई वरकर्स की जान भी जा चुकी है
06:15यहां तक के वर्लड वार टू के दोरान
06:17और उस से पहले चाइनीज और कोरियन कैदियों से
06:20फोर्सफुली माइन पर काम करवाया जाता था
06:23जिसके लिए पूरी दुनिया आज तत जापान को क्रिटिसाइज करती है
06:27इसी वज़ा से वर्ल वार टू के बाद जब जैपनीज एमपायर का तख्त उलट दिया गया
06:32तो अपना इंप्रेशन अच्छा करने के लिए जापान ने हशीमा आईलेंड पर वर्कर्स के लिए कई फैसिलिटीज भी बनवाई
06:39जैसा के सिनिमा, जिमनेजियम, हाई स्कूल्स और एंटर्टेंट सेंटर्स
06:43यहां यह तमाम फैसिलिटीज वर्कर्स के लिए बिलकुल फ्री रखी गई थी
06:48लेकिन इसके लिए वर्कर्स को आईलेंड की मिन्टेनिंस में हाट बटाना पड़ता था
06:53यहां पीने का फरेश पानी में लेंड जैपान से लाया जाता था
06:57लेकिन बाद में समंदर के अंदर वाटर लाइंस बिचाई गई जो मेंन लेंड जपान से जाकर कनेक्ट होती थी
07:031960 में हचीमा आईलैंड अपने पीक पर चल रहा था
07:08और जैपनीज एकनॉमी को इससे काफी फाइदा भी हो रहा था
07:12लेकिन ये वो वक्त था जब दुनिया में कोल एंजिन्स का डाउन फॉल शुरू हो गया
07:16कोईले को महोल के लिए नुकसान दे करार दे दिया गया
07:20और आईल ने कोईले को रिपलेस करना शुरू कर दिया
07:24इसके चलते अब इंटरनेशनल मारकेट में भी कोल की डिबांड कम होने लगी
07:28और आहस्ता आहस्ता कोल माइन्स बंद होना शुरू हो गई
07:32हशीमा आईलेंड पर माइनिंग वैसे ही काफी मुश्किल थी
07:36क्योंके एक तो ये मेंन लेंड से कटा हुआ था
07:38और दूसरा साउथ चाइना सी में सुनामी और समंदरी तूफान अकसर आते रहते थे
07:43मिर्सूबिशी ने आईलेंड के गिर्थ प्रोटेक्शन वाल तो बना रखी थी
07:47लेकिन इन तूफानों की वज़ा से अकसर ये वाल तूट जाती थी
07:51जिसकी वज़ा से इसकी रिपेरिंग पर भी एक्स्ट्रा खर्चा आता था
07:55इन सब डिफिकल्टीज की वज़ा से अब हशीमा कोल माइन प्रॉफिटेबल नहीं रही थी
08:011970 में मिर्सुबीशी ने 2000 वरकर्स को निकाल दिया या उनको दूसरी फैसिलिटीज में एड़जस्ट कर दिया
08:09और फिर फाइनली 15 जनवरी 1974 में कमपनी ने ओफिशली हशीमा कोल माइन को बंद कर दिया
08:17बिना जॉब और रोजगार के हजारों वरकर्स ने रातो रात हशीमा आईलेंड को छोड़ दिया
08:23हशीमा आईलेंड की हिस्टरी में इनसानों की पूरी एक नसल यहां बड़ी होई थी
08:28लेकिन वो सारी यादें उनको यहीं छोड़ कर जाना पड़ा
08:32आज हशीमा साउथ चाइना सी में एक भूला हुआ खंडर आईलेंड का मनजर पेश करता है
08:39कई सालों तक जैपनीज गवर्मिन्ट ने इस आईलेंड को सील रखा था
08:43और इसकी वाइलेशन करने वाले को सख्त सख्त सजा दी जाती थी
08:47कई लोगों का कहना था कि जैपन यहां फोर्स्ट लिवर कैम्स की असल हकीकत दुनिया से चुपाना चाता है
08:54लेकिन जैपन का कहना था कि ये रूल उन्होंने आईलेंड पर चोरी रोकने के लिए बनाया है
08:59हशीमा को 21st सेंचरी में दोबारा से डिसकवर किया गया
09:04और गोस्ट टाउन की शकल में ये काफी फेमस भी हो गया
09:07खासतोर पे उनके बीच जो गोस्ट टाउन्स या खंडरात दिखने के शौकीन थे
09:132005 में जैपन ने हशीमा आईलेंड को ओफिशली टूरिस्ट के लिए खोल दिया
09:19ओफिशल्स ने कई बार यहां बिल्डिंग्स की रिपेर की कोशिश की
09:22लेकिन क्योंके इनका री इनफोस्ट कॉंक्रीट काफी गल सर चुका है
09:27और हार्श वेदर कंडिशन्स की वज़ा से ये काम करना पॉसिबल नहीं है
09:31यहां कई बिल्डिंग्स टाइफॉन्स की वज़ा से गिर चुकी है
09:35और दूसरी बिल्डिंग्स गिरने के करीब करीब है
09:38सिर्फ आइलेंड के थोड़े हिसे को रिपेर किया गया है
09:41और टूरिस्ट को भी यहीं तक जाने की परमीशन है
09:44इस गोस्ट टाउन की लोकेशन फिल्म मेकर्स को भी काफी अट्रेक्ट करती है
09:49यहां 2009 की लाइफ आफटर पिपल टीवी सिरीज शूट की गई थी
09:552011 में जेम्स बॉंड की स्काइफ आल मुवी के काफी थ्रिलर सीन्स को भी हशीमा आइलेंड पर ही शूट किया गया था
10:032009 में जपान ने हशीमा आइलेंड को योनेसको वर्ल हेरिटेज साइट की लिस्ट में डालने की रिक्वेस्ट की थी
10:12लेकिन साउट कोरिया नौर्थ कोरिया और चाइनीज गवर्मिन्ट ने इसको काफी अपोस किया
10:17उनका कहना था कि ये उन बच जाने वाले लोगों की फीलिंग्स के साथ खिलवाड है जिन लोगों को यहां फोर्स फली लाकर उनसे माइन के अंदर काम करवाया जाता था
10:42उमीद है ZEM TV की ये वीडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेयर करेंगे आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहत शुक्रिया मिलते हैं अगली शानदार वीडियो में
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