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  • 7 weeks ago

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00:00प्रहलाद पुरम नामक के गाउ में भरत नामक एक विध्यारती रहता था
00:04वो उसी गाउ के पाठशाला में पड़ता था और वो उसी गाउ के जमनदार का बेटा था
00:11और क्योंकि उस गाउ के सारे लोग हिंदू थे वहां हिंदू के रीती रिवास ज्यादा होते थे
00:17और इसलिए भरत के सारे दोस्त उसी गाउं के होते थे। इतना ही नहीं क्योंकि भरत उस गाउं के जमनदार का बेटा था, उस बात के उसे गर्व भी थी।
00:28दूसरी तरफ सल्मान नामक एक लड़का उसके पिता का उस गाउं के सचवाले अधिकारी का ट्रांस्फर होने के कारण वो भी उसके पिता के साथ उसी गाउं के पाथशाला में ट्रांस्फर होकर पढ़ने आता है।
00:42सुनो बच्चों, इस लड़के का नाम सल्मान है, आज से ये भी हमारे पाथशाला में पढ़ेगा, सब भी इसके साथ दोस्ती करो, ठीक है?
00:51जी आध्यापक!
00:52सल्मान आकर भरत के बगल में बैठता है, लेकिन भरत को ये बात अच्छी नहीं लगती है, क्योंकि सल्मान मुसल्मान है, वो अलग और हम अलग, वो सल्मान के साथ दोस्ती नहीं करता था, उसको पास आने ही नहीं देता था, जब सल्मान उसे खेलने भी बुलाता था, भर
01:22दोस्त अजय काव के पास में ही मौझूद एक छोटा सा तालाब के पास तैरने जाते हैं रस्ते में भरत का एक और दोस्त कुमार उन्हें दिखता है कुमार के साथ सलमान भी वही था अरे भरत तुम दोनों कहां जा रहे हो ऐसे पूछता है अरे आज तो छुटी है ना इसलि
01:52आ सकता हूं ऐसे पोचता है सलमान हाँ जरूर तुम तो आ सकते हो इसमें पूछने की क्या बात है चलो सब मिलकर मजा करेंगे ऐसे कहता है भरत को ये पसंद ना आने के पावजूद वो कुछ नहीं कह पाता है ऐसे वो चारों गाउं के बाहर मौजूद तालाब में तैरने
02:22चलो लेकिन जंगल में जाना शायद अतना ठीक नहीं है ठीक छोड़ो खतरनाक है आरे हम ज्यादा अंदर नहीं जाएंगे ना बाहरी बाहर ढूंड कर आ जाएंगे और थोड़ी देर में निकला जाएंगे इसके बात वो सारे ताला पार करके उस तरफ की जंगल के और ब�
02:52उसे देख सोचते हैं कि कोई शिकारी ने शायद बक्षियों को फसाने के लिए जाल बिचाया है यह सोचकर आगे बढ़ते हैं वहां जाडियों से अच्छानक एक बड़ा सा शेर उन पे कूद उचलता है और बस वो तीनों एक तरफ और सलमान एक तरफ गिरते हैं वो शेर
03:22उस जाल की और भागने लगता है और उस जाल को पार कर जाता है लेकिन गुसे में भाग रही शेर उस जाल को नहीं देखती है और उस जाल में फस जाती है तुरंट सलमान उन तीनों के पास जाकर वो शेर अब जाल में फस गया है लेकिन वो जाल पक्षियों के लिए बिच
03:52उनको समझाते हैं गाउं के सारे लोग सलमान की चतुराई और होश्यारी को दाग देते हैं उसके अगले दिन पाच्छाला में जब अध्यापक को ये सब पता चलता है बचों कल जो कुछ भी हुआ मुझे पता चला है तेज दिमाग और होश्यारी से अपने दोस्तों को सुर
04:22और इतना ही नहीं इस साल हमारे पाच्छाला से गनतंतर दिवस के कारण सलमान को बहादुरता की अवाड के लिए नाम जाद किया है ये ना सिर्फ हमारे पाच्छाला के लिए लेकिन हमारे सारे गाउं के लिए बहुत गर्व की बात है
04:39सर ये तो मुसल्मान है इसको कैसे अवाड देंगे ऐसे पूछता है।
04:45देखो भरत घरं के आधार पे किसी को अवाड दिया नहीं जाता है।
04:49इसलिए इन अवाड को गनतंत्र दिवस के तिन ही दिया जाता है।
04:54ऐसे कहते हैं, इतने में अजय अपने अध्यापक से ऐसे पूछता है,
04:59सर, गनतंत्र दिवस को क्यों मनाया जाता है?
05:02ये अच्छा प्रश्ण है अजय, हमारा देश बहुभाशी है, यहां बहुँ संस्कृती है,
05:08और यहां के धर्म भी कई है, हमारे देश की सारी प्रजा एक है, और सभी के अधिकार भी एक है,
05:16यही ठान कर कुछ प्रमुक लोग 1950 में हमारे सन्विधान में लिखे हैं, और उसी दिन हम गनतंत्र दिवस मान कर मनाते हैं,
05:26कानून के सामने सभी एक है भरत, कोई ज्यादा कम नहीं होता है, इसलिए हमारे सारे रीती रवास और कस्मों की हमें इज़त करनी होगी,
05:37सिर्फ हमारे नहीं, सारे धर्म के, जिस जीवन की मज़ा तुम्हार रोज ले रहे हो, वो हमें इन लोगों के स्वातंत्रता के लड़ने के वज़े से मिली है,
05:47उस स्वातंत्रता को हम धर्म, मत, जात, नामक चीजों से खराब नहीं करनी चाहिए, सब की इज़त करना सीखो, और सबसे दोस्ती भी करो, माफ कीजिया ध्यापक, आज से मैं भी सब के साथ दोस्ती करूँगा, ये कहकर सलमान को शेख हैंड देता है भरत, अगले दिन सब
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