00:00मेंने कौन से शापत लिए अभी तो तुमने कहा अज पीट के ही छोड़ूंगे पहले पकड़ के तो दिखाओ
00:30कर दोड़ूंगे सब्सक्राइदार टार सुछपा है
01:00पिसरे कि एक एक बाल झाल
01:11कि एक बाल
01:13कि एक बाल
01:30आयां, तुम?
01:46हाँ, यह तो तुम यहां कर क्या रही हो रादा, यह छड़ी क्या है तुमारे हाथ में?
02:00हाँ, पल Надо रहां कर को तुम�� रादा, झालन कर क्या है खुम्म कर वानी तुम फ़ Sword Star
02:08वाँ, के तुम यह तुम यहां क। dro?,
02:15थुम्लिश कर को चर्त क्या रहां क्या है
02:19पाल ओप हाँ , जो वाँ क्या है है
02:24वालन कर प्यूम कर को � Heckğ
02:27तुम को बाई शास्त्र विद्या का प्रेशिक्ष्ष्ट समय से पहली पून हो गया रादा अचारे ने आ गया देदी तो बस लोटा है अच्छा होगा कि तुम लोटा है अब तुम ही इस दुश्ट को पाठ पड़ा
02:49प्रेक्ष्ट
02:57कौन ही और तुम इसके पीछे चड़ी लेकर क्यों भागए इसी के तो योग दिया है बुखी कर रखाया मुझे
03:06नहीं नहीं बड़ी बैया नहीं नहीं ये ये ठेरी गाव की मुख्या की पुत्री मैं थेरा साधा रंट सा ग्वाला मैंने कुछ नहीं किया है
03:48इसकी बातों में मत आना अरी ऐसे कैसे बड़े भाईया इतने बुद्धिमान परतित हो रहे हैं सत्य अवश्य समझेंगे
04:04क्यों बड़ी बैया है आयां पर्स राधा ये खटना करम अब मैं संभालों का
04:34क्यों क्यों तंकर रहे हो राधा को क्या चाहते हैं मित्रिता
04:52मैं बर्साना में केवल प्रेम और मित्रिता का संदेश लेके आया हूं बड़ी बहिया जूट बोल रहा है ये
05:02सच क्या है मैं तुम्हें बताती हूं मेरे साथ आयन तुम इसकी बातों में बताना ये धूर्ट सबको मीठे बोल बोल कर अपनी बातों में फसाता है
05:17और हमाने गाओं की किसी बोली-बाली लड़की से प्रेम का दावा करता है
05:22और उससे अपने प्रेम के जाल में फसाना चाहता है
05:26आज मेरे सामने एक समस्या है
05:39आज मैं आप सबसे एक बचन चाहता हूँ
05:44और आशा करता हूँ
05:47कि आप अपने अंतिम स्वास्तक उसे नहीं तोड़ेंगे
05:53मांगते क्या है मुख्या जी आप तो बस आदेश दीजिए
05:55हाँ आपने मुख्या होने का हर करतव निभाया है
06:01बस बोलिए मुख्या जी क्या चाहते हैं
06:04साथ छूट जाए पर वचन नहीं तूटेगा
06:06मैने और मित्र नंद में बहुत समय साथ में आनंद से बिताए
06:13पर आज नंद और समस्त गोकुल संकट में है
06:21इनके पास ना रहने के लिए घर है और ना ही भोजन की विवस्ता
06:30इसलिए मैं चाहता हूँ कि हम सब प्रेम से गोकुल वासियों को बसाना में आसरा दे
06:43और जब तक नंद और उनका कुनबा अपना वास्तविक परिचे ना देना चाहे तब तक किसी को भी उनके या रहने के चूचना ना हो
06:59हाप सब से मैं अनुरूत करना चाहता हूँ कि गोकुल के एक एक परिवार को अपना है
07:13मैं सधा आपका भारी रहूंगा ऐसा ही होगा मुख्या जी आज से यह सब गोकुल के वासी नहीं बरसाने के वासी हैं
07:24कि यह क्या कह रही है कि तो मैं सुन रहा हूं क्या वो सक्क्य है
07:50अब राधा ने आपके कान में क्या कहा है मुझे कैसे ग्यात होगा अच्छा
08:05प्रेम जान में फसाने आयो तुम्
08:06प्रेम जान में फसाने आयो तुम्
08:07कि चतर बनने का प्रेंश करे अए बड़े भाया आप भी इसकी बातों में आगए
08:14तरिक मेरा भूला मुख तो देखिये ना मैं अबोध गौला कहां से चतुर लगता हूं आपको बात में बनाना बंद करो गौले
08:25और शीदी तरह से पताओ परसाना की किस कंड्या को अपने प्रेम जान में फसाने आयो तुम्
08:50क्या रादा इतनी सी बात तुम्हारी पेट नहीं ही पछी
08:55कि बड़ी भाईया प्रेम बहुत ही नीजी प्रकरण है इसमें आप पीच में ना ही आए तो उचित होगा उचित या नुचित
09:11मेरा पीच में आना अनिवार रहे है एक बात स्मरण रहे गवाले
09:20आयन नाम है मेरा और ये बरसाना है
09:25यहां पर तुम कुछ ऐसा नहीं करो तो मुझे अच्छा ना लगे
09:32समझे तो
09:34कि अस्त्रविद्या क्रिडा करने के नहीं सीखिये मैं तुम जैसे दुष्टों से बरसाना को बचाना ही उतेश्य है में आप
09:47और एक बात कान खोल कर सुन लो गवाले आज के पस्चा तुम बरसाना की किसी कन्यातों के किसी गईया के पास भी दिखाई दिये ना तो तो तुम्हारे लिए अच्छा नहीं होगा
10:06पुझ यदि शब्दूं से समझ ना रहा हो तो शस्त्र से समझाओं आयन तुम्हें इतने क्रोधित होने के आविशकता नहीं है वो समझ गया
10:24समझ गया ये ये समझाए तो निक देखो तो इसे देखो तो कितना निरलज्य है ये
10:35पॉर्ण बेल की तरह असरा है इसी तो मैं
10:43अयन अयन अयन अयन तुम मुझे मत रोकना मैं इसे चोड़ूंगा नहीं
11:05ना गया निर्बल पर प्राहर नहीं करते
11:47ये तो अयन है ना हाँ दीखते हो ये रान लेकिन इसकी ये दश्या किसने की लगता है भाईया सस्त्र नहीं कीचड में लोट पुठ होने की कला सीख कर आये हैं
11:59क्या हुआ बड़े भाईया तलवार इतनी भारी थी तो इठाने का प्रयास क्यों किया ये सीधा किचड में गिर गए
12:17तुम्हें तानिक भी लच्जा नहीं आती किसी के गिरने पर हस्ते हो जाया से अब स्रिष्टी के नियमों में लच्जा कैसी जब जब कोई अपनी शक्ति पर एहंकार करता है तब तब उसका ब्रह्म तोड़ने के लिए कोई उससे अधिक शक्तिशाली आता है
12:45और अपना परीचह देजाने ज्यान देना बंद करो गॉले और अपना परीचह दो
12:54कौन हो तहां रहते हो एहंकार की यही तो समस्या है सबसे पहले जानने वाली बात मनुष्य सबसे बाद में पूछता है
13:07चलो अभी अपने पूछी लिया है तो आपको बताई देता हूं मेरे बहुत सारे नाम है
13:16किसी के लिए मैं मोहन शाम हूं तो किसी के लिए मैं गोपाद मैया के लिए मैं काना हूं तो गाव वालों के लिए मैं यश्वदा नन्न फिर मुर्ली धर गोविंद आनन्द
13:30और रही बात रहने की बड़े बहिया तो मैं यहां भी हूं और वहां भी हूं
13:43आपको मारने वाले इस गईया में भी हूँ, शरीर को ठंड़क देने वाली पुर्वाइया में भी हूँ, राधा में भी हूँ, आप में भी हूँ, सुख में भी हूँ, और दुख में भी हूँ
14:09मैंने नाम पूछा है तुम्हारा, यह व्यर्थ का पुरान पढ़ने के लिए नहीं का, नाम बताओ अपना
14:16जो मैंने बताया, वही सबस्यादिक महत्वपूर्ण है, क्योंकि वही कर्म है, व्यर्थ तो नाम है
14:25वह लगता है आपको व्यर्थ की बाती यह भाती है, तो चलो वह भी बता देता हूं
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