00:00ये सर्वशक्ति शाली तक तुम्हारे पिता के समक्ष इनकी क्या दशा हूँ
00:15तो कौन है इस संसार में जो मेरी पुत्री को शती पहुचाने में सक्षम हो
00:25नहीं इतना सामर्थ किसी में नहीं
00:33तो फिर शेव और उनके मत के लोग मेरे साथ ही क्यों
00:39तुम्हारे उद्धाइन में जो पौधे हैं यदि उन्हें को इश्चती पहुचा है
00:51तो तुम्हें कैसा लगेगा
00:54अत्यंत पीड़ा होगी पिताजी
00:57इसका आर्थ यह हुआ
00:59कि तुम्हें पीड़ा पहुचाने के लिए
01:01मैं तुम्हारे पौदों को अच्छती पहुचाँ
01:05है ना
01:07उसी भाती
01:09तुम्हें अच्छती पहुचाकर
01:12वो लोग मुझे पीड़ा देना चाहते
01:24वायू यदि तुम्हें शक्ती है
01:47तो उड़ा ले जाओ इस दिन के को
01:54तुम्हें अच्छती पहुचाँ
02:24अब कोई भे नहीं पिताजी
02:26पर जो कुछ भी हो रहा है
02:29उसका अंध कब होगा
02:31बस यही तो वो चाहते हैं
02:36कि तुम ठक जाओ
02:37हाड जाओ तूड जाओ
02:39और अगर एक बार तुमने यह ठान लिया
02:44कि तुम उनके बहकावे में नहीं आओगे
02:48उनकी चाल से व्याकुल नहीं होगी
02:51बस उसी दिन यह सब कुछ बंद हो जाएगा
02:55रुक जाएगा
02:57नहीं समझे
03:09याद करो
03:14उस दिन जब तुम ददीची के आश्रम पहुंचे
03:18क्या तुम महाँ अपनी एक्षा से पहुंचे थे
03:22क्या तुम्हें एसा नहीं लग रहा था
03:33जैसे तुम्हें कोई अपनी ओर खीच रहा है
03:36वह यह उनकी पहली चाल थी
03:48उसके बाद ददीची ने तुम्हें उल्टा सीधा ज्ञान देकर ब्रमित किया
03:53ददीची ने तुम्हें इतना भैबीत करके भीजा
04:08कि अपने पिता के सम्मान के लिए
04:10तुम्हें उस शिवलिंग की स्थापना करने
04:14और फिर शिव का प्रकट मुए
04:17ताकि वो तुम्हें अपनी ओर खीच सके
04:20अपनी ओर आकर्शित कर सके
04:23यहां तक कि तुम जब अपना प्राइस शित कर रही थी
04:28तो वो जानते थे कि तुम्हारी मांस चिक रिस्तिती थी ठीक नहीं
04:32उन्होंने उसका भी लाब उठाया
04:35और तुम्हें भ्रमित करने के लिए
04:38चाले चलते गए
04:40ताकि तुम तूट चाओ
04:44और तुम्हें इतना हताश कर दिया
04:52कि तुम अपना सुद्भुदी को बैठी
04:55विश्णू की जगे शिव का नाम लिख दिया
04:59और तुम्हें पता ही नहीं चला
05:01और फिर नंदी को यहां भेजना
05:14यह सब उनका शडियंत नहीं है
05:17तो और क्या है पुत्री
05:18क्या है
05:19आप ठीक कह रहे हैं पिताजी
05:23उन्होंने अब तक मुझे माध्यम बनाया
05:27मैं भी कितनी मूर्ट थी
05:30जो यह समझ ही न सकी
05:33सब कुछ इतना स्पश्ट था
05:37फिर भी
05:38आपने अच्छा किया
05:43जो मेरी आँखे खोल दी
05:45आज के बाद
05:49मैं उनके किसी भी बहकावे में नहीं आऊँगी
05:52मैं भी देखती हूँ
05:55अब वो मेरे द्वारा
05:57आपको शतिक कैसे पहुँचाते हैं
06:00मैं एक महामंडल की बैठक बुलाना चाहता
06:16परंद उससे पहले
06:19महामंडल के कारिकरम और उसके उद्देश के बारे में
06:23देव राजिंद्र
06:25चंद्रमा
06:27और सब्त रिशी से
06:29विचार विमश्च करना अत्यंतावश्चक है
06:33इनके साथ एक तदकालीन बैठक आयोजित की जाए
06:59आए-देश्च में लिफ से हम्ना कास्ट।
07:17कि लेड़ पने नन नूमा नरु नरुटी
07:29Nnânânânânânâ, दिघणनânânân ...
07:39Diddiddiddiddiddannânânânân
07:59अरे गड़
08:12हाँ प्रित
08:13आज वो बैन नहीं है अपनी टांग बीच पे डाने के लिए
08:16हाँ आज हम अपने महादेव से बिना रोक टोक बात कर सकते हैं
08:21हाँ
08:21निकन सोच
08:23निकन सोच
08:24अरे मुर्क निकन सोच नहीं
08:27मी संकोट
08:28महादेव
08:39महादेव
08:42आजकल नंदी को अपने काम में मन नहीं लग रहा है
08:46ये देखिए ये देखिए
08:48पता नहीं ये कहा कहा से कमल उठा कर इधार पटक दिया है
08:51कूडा कूडा दिख रहा है
08:53बिल्कुल ठीक
08:57बिल्कुल ठीक कह रहा है उगरार बिल्कुल ठीक कह रहा है तुम
09:00अब बस ऐसा लगता है जैसे कलाश की शोबाही चली गई
09:03अब ये सब लाने की क्या जरुवत थी और लाना ही था तो उसे सही जगह रख देता
09:09और क्या जब महादेव ने एक बार कह दिया कि उगरार तही बस आना चाहते तो पता नहीं क्यों पीछे पड़ा हुआ है
09:15ये तो हमें भी समझ में नहीं आता
09:17नंदी मुझसे बहुत प्रेम करता है
09:23तो क्या हम नहीं करते प्रभू
09:36तो क्या हम नहीं करते
09:38करते हो
09:42तभी तो तुम यहां मेरे पास रहते हो
09:46और मैं भी तुम सब से
09:50एक समान प्रेम करता है
09:53ऐसा नहीं कि मुझे नंदी तुम से अधिक प्रिय है
09:59वो तो है प्रभू
10:01प्रभू आप चलिये ना हमारे साथ सम्षान
10:06कुछ अच्छा समय बिताएगे गोरी और कपालियों के साथ
10:10एक दिन अवश्य चलूँगा
10:12शेग्र
10:14जीव रभू
10:16प्रभू इन दोनों का बस यही कारिया है कि किस तरह आपको संसार से दुर रखा जाएगे
10:36नंदी
10:38इसमें दोश गण और प्रेतका नहीं
10:44दुखों से उमरते वे उस मायवी संसार से
10:48मैं न जाने कबसे दूर हो चुका हूँ
10:52और सदैव दूर ही रहूंगा
10:56सती
11:10अब तो तुम्हारा मन शान पुवान
11:12जिन लोगों ने मुझे मेरे पिता के विरुद माध्यम बनाया
11:20मैं उन्हें कभी शमा नहीं करूँ
11:24मैं मानती हूँ कि मैं आकरशित हो गई थी
11:29वो छवी, वो स्वपन, वो सभी घटनाय जो मेरे साथ घटी
11:35उन सब के चलते मुझे ऐसा ही लगती
11:39कि कहीं कोई है जो मुझसे आकरशित हो रहा है
11:44परन्तु सच्चा यही है
11:48कि वो सब छलावा था
11:52मेरी भावनाओं के साथ खिलवार था
11:56कितनी मूर्ख थी मैं
12:02सती
12:03प्रजापती दक्ष की पुत्री होने का आर्थ ये तो नहीं कि तुमसे कभी कोई भूली नहीं होगी
12:13परन्तु पूल हो जाने पड़
12:17उसे स्वीकार करना उसे सुधारना
12:21रजापती की पुत्री से ये अपिक्षा अवश्य है
12:25और ये ही तुमने किया
12:28फिर खेट कैसा
12:30मैं आप ही आई
12:35मेल प्याएं
13:05Shiva Shiva Shiva Shiva Shiva
13:15Arate Maintenant Shiva
13:18Yogi Mahadeva
13:25Arate clapping
13:27Ananta Shiva
13:28माहा बली शीवा, माहा बली शीवा
13:37माुचच्छचे 苔踹।
13:56शीवा, शीवा, शीवा, शीवा, शीवा, शीवा
14:07कर दो कर दो को
14:37अ कर लोल
15:07कि अज़ादें थे इनाओेशया कि अज़े एका यादे लुटी ज़ा गया कि अज़ादें हूदा हुटा मुट्सकंण वुटू
15:37बिर्वने लोगं quelqueचे एता है आझ कहीजर!"
16:07कर दो, कर दो, कर दो, कर दो.
16:37कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, कर दो, क
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