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RadhaKrishn Krishn par laga aarop राधाकृष्ण #radhakrishna #starbharat EPISODE-28

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Transcript
00:00आज़ा बिश्ने पीश्ने पीश्ने पीश्ने पीश्ने पांग
00:04यह सु देवी का पर नहीं है
00:22कौन ओदों?
00:26और यहां क्या कर रहे हो
00:30मैं बहरव हूँ
00:36मैं सुदेवी से प्रेम करता हूँ
00:42प्रेम
00:49और सुदेवी से विवाह करना चाहता हूँ
00:57सुदेवी सोना तुमने यह युग क्या बोल रहा है
01:05क्या तुम जानती थी भेरों में वर की देगा यह भेरों बैठा हुआ है
01:10मैं तुम से पूछ रहा हूँ क्या तुम जानते दे की वर्की देगा पर यह युवग बैठा हुआ है
01:19नहीं पिता श्री मुझे स्विशे में कोई जानकारी नहीं थी
01:24पर मैं बस
01:30मुझे कुछ और नहीं सुनना है
01:34तुमने मेरा मान भंग किया है
01:41परसाने का सम्मान कीना चाहा तुने मैं तुझे नहीं छोड़ूगा
01:46रुक जाए आप सब
01:58आप सिपका क्रोधित होना उचित है
02:05किन्तों इस क्रोध की अगनी में भैरव को जला कर आपको कोई लाब नहीं होने वाला
02:10क्योंकि इस पूरे प्रसंग में ये तो मात्रे कट पुतली है
02:17इसको नचाने वाला तो कोई और ही है
02:19कौन है वो
02:21मौन क्यों खड़े हो क्रिश्न उत्तर दो
02:37मैं
02:41मैं क्या उत्तर दू
02:45स्वयम इस प्रश्न का उत्तर ढूंड रहा हूँ कि तुम मेरे उपर ये सब आरोप क्यों लगा रही हो राधा
02:54मैं
02:57ये सब करके बला मुझे क्या प्राप्त होगा
03:01सोचिए
03:02इसमें मेरा स्वार्थ क्या हो सकता है
03:04राधा मैंने तुम्हें तंग किया इसलिए में एक्षमा चाहता हूँ रिधायस है
03:14कि तु ऐसा प्रतिश्वद मतलो कि ऐसा जूटा आरोप मेरे उपर क्यों डाल रही हो तुम
03:18मैं जूटा रोपलागा रही हूँ
03:20क्या ये जूट है कि वो तुम ही थे जो सुदेवी और भहरफ का भिवा करवाना चाहते
03:26कि तुमने मेरे लाख समझाने के बाद भी धुले को छुपा कर भहरफ को यहां मंदत में लाकर बिठा दिया
03:32क्योंकि वो एक दूसरे से प्रेम करते हैं
03:36अरे नहीं नहीं मैं सवयमी नहीं जानता हूँ कि पहरफ यहां पर क्या कर रहा है
03:41कि पहरफ
03:45क्या कर रहे और तुम यहां पर
03:49सुदेवि
03:52क्या जल रहे है ये सब
03:55बताओ
03:57महुन की अ उतर दो
04:00जिस प्रकार सुदेवी को ग्यात नहीं था कि बहरव यहां है वैसी मैं भी इस सत्य से अवगत नहीं था
04:12एक्शन
04:16यह सहरा किसने उठा है राधन
04:25यह विवाक इसने रोका ताधा नहीं इसका अर्थ तो यह हुआ कि सत्य के विशय में किबल राधा को ग्यात था
04:41फिर भी राधा नहीं यह सुब यहां तक चलने दिया क्या मैं उचित कह रहा हूँ तुम जूट बोई रहे हो
04:55यदि मैं जूट बोल रहा हूँ ना तो सक्ते सिद्ध करके दिखा है प्रमान तुमारे पास
05:03सिद्ध करके दिखाओ कि इस गटना करम में मेरा हाथ था है कोई प्रमान
05:09अब बस में करो कृष्ण तुम्हारे लिए यह सब खेल होगा किन्तु तुम्हारे इस खेल के कारण दो लोगों के
05:25जीवन पर तो गौव वालों के संबंध पर प्रश्ण चिन लग गया है इसका अभास भी है तुम्हें अरे यह सब छोड़ो कोई यह बताएगा कि मेरा पुत्र कहा है मैं बताता हूँ
05:55वो क्रिश नहीं था जिसने दूले के स्थान पर भैरव को बिठाया था
06:07यह यह यह यह यह यह यह
06:25अब कर वें बहुत हो गया तुम बिना प्रमान के मेरे पुत्र पर हरोब लगा रहे हो
06:35मैंने अपने पुत्र को येवल शास्र विद्या ही नहीं शास्त्र और न्यायनीति भी सिखाई है विना प्रमान का वो कुछ भी नहीं कहेगा
06:51अर्थार्थ मेरा पत्र ऐसा कर सकता है वह अकारत जूट क्यों बोलेगा अब सथ्य कौन कह रहा है ये तो प्रमान ही बताएगा ना
07:03पूछ लेते हैं सुदेवी के वरसे आप सबको प्रमान ही चाहिए ना
07:11तो ठीक है
07:17आईए मेरे साथ
07:21हम मेंसे कुछ लोग जाकर देखते हैं बाकी लोग यहीं रुको
07:29प्रमान भीतर है आप सब स्वायम ही अपने नेतरों से देख लीजिए
07:45हुआ
08:11आयाओ, हिस अपकार!
08:41दाओ! दाओ! यह किस ने किया? क्या हो गया मेरी दाओ को?
09:11डाओ! डाओ! डाओ! आप ठीक है! काना मुझे बचा लो!
09:25मुझे बचा लो!
09:28अधीक हो रहा!
09:31दाओ ये अनर्थ आपके साथ किस ने किया
09:44आयन देख
10:01आयन और उसके मित्रों ने मिलकर मुझ पर आकरमन किया
10:10मैंने तो उस दिन हसी ठीठोली में थोड़ा सा बल दिखा दिया था
10:13काना मुझे क्या गात था कि मेरे उफास को ये इतनी गंबीरता से ले लेगा
10:20और पता है आप लोग जब इसके मित्रों ने मुझे घेरा ना तो स्वायम को अकिला और ने सहाए पाकर मैंने सहाइता की गुहार लगए
10:30तो मेरे मित्रों के साथ साथ ये दूला भी वहां आ गया
10:38आय थे ना भई हाँ काओ तो
10:45हाँ हाँ इनकी पुकार सुनके तहिता के लिए में तुरंद यहां आया था
10:56और फिर अयान और उसके साथियों ने मुझ पर ही नहीं
11:02सुदेवी के वर पर भी आकरमन किया और हमें इतना पीटा इतना पीटा कि हम तो मूर्शेती हो गया
11:11हो गए था न?
11:13हाँ, हाँ, ऐसा ही हुआ था
11:19आपसे ये अशानती बड़े भाईया
11:25मेरे दाउ के साथ ऐसा व्यावार
11:28काना दाउ
11:40कि तु मैंसा क्यों करूंगा?
11:43वही तो मैं भी भैरव को वहापे क्यों मिठाउंगा?
11:49बताईए मेरे भाईया
11:51वो सब मैं नहीं जानता
11:53कि तु मैं इतना अवश्य जानता
11:56कि ये सब इस कृष्न और इस बलराम का शडियंत्र है
12:02इली का शडियंत्र है ये
12:04पहले तो पिटा ही लगाए और अब आरोप
12:08आदबूत मैं तरे आदबूत
12:11दोनों भाई पाखंडी हैं
12:13अब खी सीधियों में इसे नहीं निकलेगा
12:15सत्य बल्वानों के लिए मुझे ही खुईक्ति लगानी होगी
12:18मेरा पुत्र किसी पर आरोप नहीं लगा रहा है
12:27वो सत्य कह रहा है अर्थार
12:32मेरे पुत्रे जुट बोलते हो जन में आपने सुना ना दूले ने स्वाइम ये कहा है कि आयान ने ने मुर्चित करके बंदी बनाया
12:43बस बहुत हो गया
13:13ना रायन की सुगन तो जुटी खा ली थिया इन तो ये तो अपके मा है अपनी मा की सुगन तो जुटी नहीं खाएंगे न
13:26इनके सर पर हाथ रखकर सुगन खाईए और कहिए इस सत्य क्या है
13:41कहिए कि दोश आपका नहीं नेरा है हर दंस भी कारूँ है कहिए अपनी मा की सुगन खातर
13:58राधा सत्य कह रही ये समयने क्रिश्न के कहने पर ही किया
14:28क्रिश्न के घुट
14:31क्रिश्न के रर कहिए
14:38क्रिफ क कि अबदाओ
14:41क्रिवल
14:56क्रिफ मॉबख
14:58झाल झाल झाल
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