Skip to playerSkip to main content
  • 2 days ago
Devon Ke Dev...Mahadev देवों के देव... महादेव EP 14 Nandi ka krodh

Category

😹
Fun
Transcript
00:00लुझ लोग जाल सु्टन रख थाल
00:11संट
00:14लुह
00:17लुह
00:22लुह
00:25क्या हुआ, तुम रोक्यों रही हो, पत्री.
00:55मेरा कोई दोश नहीं है, पताजी. मैं तो जानती भी नहीं थी, कि वो नंदी था.
01:13मैं जानता हूँ. इसमें तुम्हारा कोई दोश नहीं.
01:20तो फिर आप, मैंने देखा था आपको.
01:30क्रोधित होते हुए, पर तुम पर नहीं पत्री है.
01:37उस नंदी पर, जिसने यहां आने का तुस्सास किया, इसमें तुम्हारी कोई भूल नहीं.
01:48तुमने श्यत्राव.
01:52शंकाओं और प्रश्णों का अंदकार बढ़ता जा रहा है, और मैं उनमें भटकती जा रही हूँ.
02:06उजाले की एक भी किरन दिखाई नहीं दे रही, जो मुझे इस अंदकार में दिशा दिखा सके.
02:13पिछले दिनों जो कुछ भी हुआ, वैसी किसी भी और परिस्थिती का सामना करने की शक्ती नहीं है मुझे.
02:23मैं थक गए हूँ, पिताजी. मैं थक गए हूँ.
02:35तुम्हारा कोई दुख, कोई शंका, कोई प्रश्न ऐसा नहीं, जिसका समधान तुम्हारे पिता के पास हो, तुम निडर और निसंकोश का हो पुत्री.
02:53क्यूं आया था वो यहाँ, पिताजी? क्या चाहिए उन्हें? क्यूं मुझसे मेरा सुक्चैन छीनना चाहते हैं? क्यूं, पिताजी? ये मैं क्या देख रहा हूँ?
03:12पजापदी दक्ष्की पुत्री के मुख पर ये भाए हैं. किसका?
03:23इस भय का एक उपाय है. अमात्य!
03:27जे प्रजापते
03:34सभी नगर्वासियों को सूचित करो कि प्रजापती दक्ष्की उन्से मिलना चाहते हैं.
03:46जो अग्या प्रजापते
03:50आज तुम देखोगी पुत्री
03:55आज तुम देखोगी पुत्य, कि तुम्हारे पिता के समक्ष, संसार की बड़ी से बड़ी शक्तियां, कितनी निर्भल हैं।
04:25अरे उदास उदास लग रहे हो, ऐसा भी क्या हो गया।
04:48जैसे तुम जानते ही नहीं हो, इतना नटक्यू करते हो।
04:53महादेव के बार-बार मना करने के बाद भी।
04:58ओ जाते हो, वही रट्टा मारते वे, देवी ले आईए।
05:02देवी ले आईए। क्या लाव हुआ।
05:04इतनी बोरियां ढोके लाए।
05:07गबल की और महादेवने पलट कर देखा तक नहीं।
05:11बैर्थ हो गया ना।
05:14चलो अब और उदास ना हो है।
05:18चलिप लगाओ।
05:19मस्तर हो।
05:20जय भोलेदा।
05:22जय भोलेदा।
05:24बहुत लाब उठा लिया तुम सबने।
05:27महादेव के भोलेपन का।
05:30अरे कभी चिंता की है भोनेनात की।
05:33बस डुबे रहते हो।
05:35नशे में धूत।
05:37अब महादेव की चिंता क्यों कर नहीं।
05:40चिंता तो उन्हें करनी चाहिए हमारी।
05:43कि हमें हैं क्या केस्ट है।
05:46तुम जैसे केस्टे उन्हें मुक्ति दिलवाने के लिए ही।
05:49मैं चाहता हूं की देवी सथीका यां शीकर से शीकर अखमन हो।
05:53अरे अरे.. गन गन गन.. यह तो प्रिस रूग गया।
05:58बगवान बॉने नात को किसी देवी की।
06:00कि आवशकता नहें इस बात को अच्छी तरह से बिठा ले अपनी इस मोटी पैल पुद्धी में मैं जानता हूं जो मैं कर रहा हूं वह सही कर रहा हूं
06:12महादेव अभी मेरी बात नहीं समझ रहे हैं तो ठीक है पर मैं ये भी जानता हूं
06:24कि कही न कही मेरे स्वामी को अपने आधूरे पन की अनुभुती है
06:33उनका रिदय भी एक संगनी के लिए अवश अवश तरस्ता है
06:40अपने आके लिए पन का उनको आवास है वो वैराग्य अवश है और उनके मन में अभी भी कोई दुख है
06:54तो हो किसी के साथ बाढ़ते नहीं है
06:57अरे भाई, तु पेल का पेल ही रह गया
07:04सीधे सीधे कोई वात तेरे मेजे में गुस्ती नहीं
07:08इसलिए हम तुम्हारी विरादरी वालों को खेतों में आर्मार कर बार मार कर काब करवाते दें
07:14हाँ, मैं बैल हूँ
07:16हूँ मैं बेरी मोटी बुद्धी ही सही और मेरे पास रिदय है रिदय जो तुम दोनों के पास नहीं
07:27और इसलिए मैं अपने मादेव की पीड़ा को समझता हूँ
07:32और मैं उनकी भलाई की परवा करता हूँ
07:39तुरपा के पूर्ण बात तो यह है कि इस कार्य में तुम दोनों मेरा समर्थन करने के बजाए सदेव मुझे नीचे गिराने का प्रहत्न करते रहते हो
07:50नहीं नहीं ऐसा नहीं है मैं समझता हूँ उससे तुम्हारा कश्टब और जादा देखा नहीं जाता
08:00मैं समझता हूँ कि यहाँ पर एक इस्तरी की अत्याव शक्ता है मैं कुछ उपाय करता हूँ
08:07मैं सोचता हूँ
08:08हाँ उपाय मिल गया गन उपाय मिल गया तुम्हें एक ऐसी इस्तरी ढूंडो
08:17ऐसी इस्तरी डूंडो जिसमें कमल के फूलों पे लिखाओ प्रेत प्रेत प्रेत प्रेत
08:23मैं भाई उससे विवाकर नेगे लिए तैयार हूँ
08:25हसो हसो
08:29जी खोल कर हस लो मुझे पर वो दीन दूर नहीं
08:34जब देवी सती को महादेव साहद सस्विकार करेंगे
08:39और देवी का आगबन यहां हो जाएगा
08:41यह तैय है
08:44और यह होकरी रहेगा
08:48होकरी रहेगा
08:50सोधान
09:00प्रम्भा पुत्र प्रजापति दक्ष
09:07अपने पुत्री सती के साथ पढ़ा रहे हैं
09:35पुत्री
09:36आगया
09:38यहां उपस्तित अपनी प्रजासे
09:57मैं यह जानना चाहता हूँ
10:00कि आपको विश्वास है
10:03कि मैं किजी भी परिस्तिती में
10:06आपकी रक्षा कर पाऊंगा
10:10क्या मैं आपको किसी भी प्रकौफ से सुरक्षित रखने में सामर्तूं
10:28प्रजासे
10:29सुना तुमने
10:31जब मेरी प्रजाको किसी प्रकार का भै नहीं है
10:35तो मेरी अपनी पुत्री क्यों भै भी इत्र है
10:38सती तुम्हें अपने पिता की शक्ति और सामर्त का ज्यान नहीं है
10:44इसलिए तुम मज्यानता के अंधकार में हूँ
10:48परंतु आज मैं तुम्हारे जीवन से
10:52इस अंधेरे को सदा सदा के लिए दूर करने जारा हूँ
10:57मुझे प्रसनता है
11:00कि प्रजाको प्रजापती तक्ष पर
11:05पूर्ण रूप से विश्वास है
11:09मैं जानता हूँ
11:11कि आप लोगों ने अभी तक
11:14मेरी सिर्फ शक्ती के बारे में सुना है
11:18देखा कुछ भी नहीं
11:21आज मैं उन शक्तियों का
11:24एक छोटा सा रूप दिखाने जाना हूँ
11:27यदि किसी के मन में कोई शंका है
11:32ये कोई भय है
11:34तो वो भी दूर हो जाएगा
11:37अमात्य
11:39अमात्य
12:09बताओ पुत्री
12:12पंज तत्त कौन-कौन से है
12:15अगनी, जल, वायू, पृत्वी और गगन
12:20और ये सभी तत्त बहुत महत्तपूर है
12:22जी पिताजी
12:24पाचो का अपना-पना महत्व है
12:26इनसे अधिक शक्तिशाली और कुछ भी नहीं
12:29अब तुम देखती जाओ
12:31इन सर्व शक्तिशाली तत्तों की दशा
12:35जब वे तुम्हारे पिता के समक्ष आएंगे
12:38और तुम्हें विश्वास हो जाएगा
12:42कि तुम्हारे पिता से अधिक शक्तिशाली कोई नहीं है
12:47और शक्तिशाली दक्ष्ची पुत्री को
12:51किसी से भैभीत होने की आवशक्ता नहीं है
12:55किसी से
13:01अमाद्य
13:03कि अमाद्य
13:10आवम्हें
13:17अमाद्य
13:20अमाद्य
13:23आवश
13:26अवश
13:28अमाद्य
13:30आवश
13:32झाल, झाल, झाल, झाल
14:02अगनी, जो किसी को भी भस्म कर सकती है
14:07अगनी, मैं प्रजाबदी दक्ष तुम्हे ही आदेश देता हूँ
14:21कि इस चावर के तिंके को जला कर भस्म करता हूँ
14:32कि ए्रचान, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, झाल, क्र Ons
14:37झाल झाल
15:07प्रकोका प्रमाणदो और निल जाओ इसतिन के को
15:37देखा, पुत्री, यह सर्वशक्ति शाली तत्त।
16:05तुम्हारे पिटा के समख, इनकी क्या दशा, तो कौन है इस संसार में, जो मेरी पुत्री को शदी पहुचाने में सक्षम हो, नहीं, इतना सामर्थ किसी में नहीं।
16:27तो फिर शेव और उनके मत के लो, मेरे साथ ही क्यों।
16:32झाल
16:34झाल
16:36झाल
16:37झाल
Be the first to comment
Add your comment

Recommended