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  • 2 days ago
Devon Ke Dev...Mahadev देवों के देव... महादेव EP 11 Sati ke vichaaron mein Shiv

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00:00कर दो
00:03कर दो
00:08कर दो
00:12कर दो
00:16हुआ है
00:21कर दो
00:23ए दो
00:27कर दो कर दो
00:57सती
01:01सती
01:03ये क्या हो गया है तुझे
01:06ये ये फल क्यों नहीं खाये तुने
01:10मा
01:23मा आखिर कब तक
01:26कब तक ऐसा चलेगा
01:28सती ना खा रही है ना पी रही है
01:31और अब
01:32अब तो उसने नित्रा भी त्याग दी है
01:36इस भवन में
01:41प्रते दिन सौ सौ ब्राह्मन भोजन प्राप्त करते हैं
01:47किन्तु मेरी अपने पुत्री
01:49उसके मुख में अन्न का एक दाना भी नहीं काया
01:54अपनी अनेकों पुत्रियों के जन पर मुझे इतनी पीढ़ा नहीं हुए
02:00जित्ती आज सती की दश्या देख कर हो रही है
02:08मा मुझे भैय है
02:10कहीं सती को कुछ हो गया तो
02:14नहीं मा इससे पहले की विलंब हो जाए
02:20हमें कुछ करना होगा मा
02:22हमें कुछ करना होगा
02:24प्रजा पती वसंतर तो आही चुकी है
02:30प्रजा में जिग्या साए कि इस वर्ष वसंत उत्सव कब मनाये जाएगा
02:35वसंत उत्सव से संबंदित निर्णे सती लेगे
02:40अवाश्य
02:41यदि कुछ दिन और सती को जीवित रपपाई
02:48तो आवाश्य मनाये जाएगा ये वसंत उत्सव
02:52ऐसा भी क्या हो गया है सती को
03:03सती की एक एक पल का समचार ना मिलने पर
03:11जो व्याकुल हो उड़ता था
03:14आज उसे सती की पीड़ा की कोई सुधी नहीं
03:19प्राइस्चित में पीड़ा ना हो ऐसा संभाव नहीं है
03:29वरना दोश से मुक्ती कैसे मिलेगी
03:33किन्तु प्राइस्चित करते करते यदि सती को जीवन से ही मुक्ती मिल गई
03:40तो दोश किसे देंगे स्वामी
03:43आप चल कर देखेंगे ने
03:48आपने सती को जो कठोर दंड दिया है
03:54उसका निर्वा वो और भी कठोरता से कैसे कर रही है
04:00आप चल कर देखेंगे ने इस्वामी
04:04यदि आप में साहस है तो चलिए मेरे साथ और देखिए
04:11पिताजी कितने दिन हो गए है
04:16सती अपने कक्ष से बाहर ही नहीं आ रही है
04:20ना खा रही है ना सो रही है
04:22जल भी न जाने कबसे देहर ही नहीं किया है
04:26ना दिन देख रही है ना रात
04:29और नहीं अपने हाथों के छाले
04:32बस विश्णु नाम लिखे जा रही है
04:36इसी आवेग में कि अपने पिता को उन्हा प्रसन देख सके
04:43स्वामे
04:47सती ने जो अपराद किया है
04:51वो उसकी अनभिकिता है
04:54किन्तु आप जो उसके साथ कर रहे हैं
04:58उससे स्पश्ट दिखाई देता है
05:00कि आपको अपने प्रजापती होने की उपाधी
05:03सती के पिता होने से अधिक प्रिय है
05:07किन्तु याद रखेगा स्वाबी
05:11यदि सती को कुछ हो गया
05:14तो एक प्रजापती
05:17न्याय का अमरत्व तु प्राप कर लेगा
05:20किन्तु एक पिता
05:23एक पिता अपने आपको कभी शामा नहीं कर पाएगा
05:30कभी शामा नहीं कर पाएगा
05:32बस पस तो ती बस
05:37आप आप आप आप आप आप
05:42आप आप
05:58सती, सती दर्वाज देखोलो
06:01सती, हम कहते हैं दर्वाज देखोलो
06:15प्रिताजी, सती दर्वाज नहीं खोल रहे
06:27सती दर्वाज देखोलो
06:31सती दर्वाज खोलो
06:35सती, दर्माज खोलो
06:37सती, दर्माज खोलो
07:01कर दो कर दो कर दो
07:31मुझे शमा कर दो
07:34मैंने अपना प्राइश्चित पूरा कर लिया है पिताजी
07:47मैंने एक लाख कमल के फूलों पर विश्णू नाम लिख दिया है
08:01बीकिना
08:04कर दो कर दो
08:34यह है मेरी सती
09:01मेरी पुत्री
09:04कितनी गठनाया उठानी पड़ी
09:14उठाई
09:15परन तु अपने दायत तुसे पीछे नहीं हटी
09:20इसने सिद्ध कर दिया है
09:25कि धर्म पालन के लिए
09:28ये कभी कोई कमी नहीं छोड़ेगी
09:30अले इसे कितना बड़ा बलिदान क्यों ना देना पड़े
09:39इसने सिद्ध कर दिया है
09:43कि ये मेरा प्रतिबिम्ब है
09:46इसका आश्रन
09:51शृष्ट्राचार
09:53मेरी उपलब्धियों का एक सर्वोच उधारन
09:57मेरी पुत्री सती
10:07यही प्रजापदी के लिए
10:10एक योग यूत्तराधिकारनी है
10:14एक पिता के लिए इससे अधिक गौरव की बात
10:22और क्या हो सकती है
10:27ऐसी पुत्री पाकर
10:34मैं ठन्य हो गया
10:57पाकर मैं ठन्य हो अखिक प्रज़ब्धियों के लिए लिए लिए धर गौरी लिए भीन
11:07पाकर सहाँ पूलब्धियों के लिए भीन
11:10प्रूब्धियों के लिए प्रिवन
11:15झाल झाल
11:45झाल झाल
12:15झाल
12:17झाल
12:19झाल
12:23झाल
12:25झाल
12:33झाल
12:35झाल
12:37झाल
12:39झाल
12:41झाल
12:43झाल
12:49झाल
12:51झाल
12:53झाल झाल
13:23यह सब क्या है यह कैसे हो गया
13:27मैंने तो कमल के सब ही फूलों पर केवल विश्नु नाम लिखा था
13:33फिर यह
13:53मुझे पर विश्वास कीजे पिताजी
13:57मुझे पता है कि आपको शिव नाम से भी
14:01मैं इसा क्यों करूंगी
14:07मुझे नहीं पता यह कैसे हो गया
14:13मिला विश्वास कीजे पिताजी
14:23विश्वास कीजे संपी
14:25में झreot
14:28क्यु운 में नाम
14:30मुझे पता यूंच
14:33दन्या
14:34मुझे नाम
14:36पर हाँ
14:37मुझे सरस neglected
14:38कि मुझे
14:41मुझे विवि़
14:42मुझे
14:43विष्फास कीजिए
14:53मेरा विष्फास कीजिए
14:55मेरा विष्फास कीजिए
15:05मेहने तो कमल के फूलो पर
15:08कि वर विष्णो नाम ने का
15:13हईएएएएएएएएएएए
15:35हईएए ND
15:43झाल
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