00:00अब आप रिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश्मिश
00:30कि यहां बेच्छा, बेच्छा, हिलना मत, मैं काटा निंकाल रहा हूँ
00:50मुझे इस पर्ष करने की चेश्टा मत करना
00:54चोप
00:55परमात मा का स्पर्ष हो, रादे
01:10परमात मा का स्पर्ष हो, कि तह नय का घर्ष हो
01:19तुम हो समर पढ़ का शिखण, तुम ही मेरा उत्तर्ष हो
01:29तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो, मेरी भावना की तुम राधे जीत हो
01:39तुम प्रेम हो तुम प्रीत हो, मनमीत हो, राधे मेरी मनमीत हो
01:49तुम ने भले ही कहा ने, पर मैंने तुमारा धन्यवाद सुन लिया राधा
02:08क्योंकि प्रेम में शब्दों के अवशक्ता नहीं है
02:18किर्दी दाव यश्वदा भावी आप सब यहां क्यों आए हो, भावन में जाईए, द्वार अंदर से बंद कर दीजिए
02:23हम भावन में कैसे बैश सकते जब राधा और प्रेशन इस भावन में कहीं खो गए है
02:28मुकिया जी, हमने राधा और कृष्णी को राक्षास से बचकर बंकी और जाते देखा है
02:38क्या, मैं अभी जाकर राधा को सुरक्षित ले आता
02:45रुको आये
02:49काका, इस समय आयन का यहां रुकना आती आवश्यक है
02:54उसकी शस्त्र विद्या बहुत काम आएगी
02:57और रही बात राधा की
02:58तो वो और कृष्ण साथ है
03:01और कृष्ण तो बचने और भागने में भी प्रवीन है
03:08तो कुछ नहीं होगा उने
03:19काका, इस समय यहां रुक कर इस असुर को रोकना होगा हमें
03:25आयन, बरसान आवासियों की रक्षा करो
03:30बद्राम बिलकुल ठीक कह रहा है
03:32श्री धर, तुम अपने साथ कुछ लोगों को लेकर वनकी और जाओ
03:46और राधा और कृष्ण को ढूनकर वनकी दुसरी तरसे लेकर आओ, जाओ
03:50मुझे बरसाना लौटना होगा
03:53मेरा घर, मेरा गाउं संकट में है
03:56मैं इस प्रकार नहीं बैठ सकती
03:58मेरी वास्तव में बरसाना जाने की इतनी उच्छुक्ता है
04:03जो ठीक है
04:05मैं मार्क जानता हूं
04:08चले
04:26मुझे आवे शक्ता नहीं उसकी साहता की
04:33यह क्या माया है
04:58बार बार घूमकर मैं इसी स्थान पर क्यों आजाती हूं
05:02नहीं मेरा ब्रह्मत नहीं
05:05ति किस मायावी स्थान पर ले आए तुम मुझे
05:22मुझे कोई उचत मार क्यों नहीं मिल रहा
05:41अभी तो आय थी यहाँ
05:43बातक क्यों रही हूं
05:46और मुझे यहां पसाकर यह क्रेश्न पताने ही कहां चला गया
05:51जब भी मिलता है कुछ नहीं कुछ गड़ बढ़ करके जाता है
06:21जब तो आखवों भी मिलता है
06:26यह बढ़ आखवों नहीं मिलता ही क्यों रहाँ
06:28जब रहाँ
06:29कर दो कर दो
06:38झाल झाल झाल
07:08झाल झाल
07:38झाल झाल
08:08अब ये मूर्ची की भाती क्यों खड़े हो एं
08:14ये शस्त्र बिद्ध्या किस दिन के ले सिखी है तुमने
08:18आयन तन्वार उठाओ और रंच कर दो इस असुर का
08:22अजिर प्टतार बाराँ आयनुग looks य outdoor किसyuण प्टतार आयनुगर पाराँ ये जेडि़ो कि स्वार्ची कर दो औरी ये जाउ़ ये बाल ये
08:46तोड़ा दुष्ट है पर साहसी भी जब अपनी मृत्यू को सामने खड़ा पाया तो भीतर का छिपा युद्धा बाहर आ ही गया
09:03नहीं जी जी रोपने आखे आपको जी जी जी अगर आप पीछ में जाएंगी तो उसकी आगरोता भांग होगी
09:16कहां हो तुम काना यहां आयन का जीवन संकट में
09:27बका सुर के मृत्यू तुम्हारी नियती है आते क्यों नहीं जब तक मेरा उद्देश पूरा नहीं होता मैं नहीं आ सकता
09:38और जब तक मैं ना आओ आप संबालिये
09:46हृए किस से बात कर रहा है है है
09:54कि यह किस से बात कर रहे थैं यहां तो मेरी हत्रिक कोई नहीं है मेरा मोट है मेरे शबता जिससे भी बात करों तुम्हें क्या वेसे भी
10:09बाते तो तुम्हें समझ में आती नहीं है
10:10इतने विशाल विक्ष को तुमने अकेले कैसे रुख लिया
10:28अभी तुम्हें मेरे सामर्थ का नुमान ही का है राधा
10:34अभी तो बहुत अफसर मिलेंगे सक्ते जानने के
10:39कि मैं और क्या क्या करने में समर्थ हूँ
10:44अर्थाथ और क्या क्या कर सकते हो तुम्हें
10:53वो तो समय ही बताएगा अभी के लिए हट जाओ
10:58मानता हूँ मैं बलशाली हूँ कि इतना नहीं कि जीवन भर के लिए इतने विशाल वरिक्ष को मैं पकड़ के रख सको
11:04हटो
11:06वो मेरा
11:11मेरा लेहंगा अटक गया है
11:14तो मैं
11:28कि पिड़ हावा में किसे रुका है
11:39आयन
11:44इस बेडी को उस ओर से पकड़ो
11:52ठीचो आयन
11:58प्रिश्भाएं काका बाबा और आप सभी लोग भी आयन के और जाएए और एक साथ में के खीचिए
12:28प्रिश्भाएं
12:36आयन
12:40प्रिश्भाएं
12:42आयन
12:46इस पल राम में यह कैसे संभाव है?
13:16खेचो!
13:22बका सुर्फ पर ध्यान दो आयें, मुझ पर नहीं, अन्यत हाद धर्ती पर गिरना पड़ेगा
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