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RadhaKrishn Shabdon ke bheetar chhupa bhed राधाकृष्ण #radhakrishna EPISODE-34

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Transcript
00:00और अजीस निक थिशी आ हो
00:03गजयो की कर दो एकम ही
00:26आओ आच आणब आऊंब आखड़
00:32श्राम्त जी येशोदा जी जी
00:36मैया रुख जाएए
00:41येशोदा भावी रुख जाएए
00:47येशोदा भावी रुख जाओ
00:53काकीब
01:02काकीब निशोदा
01:11मैं यहाँ हूँ बकासाँ
01:23यदि बल है तो यहाँ हो बन
01:26क्या अब मैंने क्या किया ऐसे क्यों देख रही हो
01:56देख रही हूँ कि कितने बड़े दुष्ट हो तुम
01:58इस संकटी घड़ी में भी उफास तुम जेसे दूर्ट कोई सूट सकता है
02:02और ये क्या नया प्रपंछ है यहाँ इस वन के मध्य में अचानक से किससे बात करने का भी नय करने लगे
02:09जब तक मेरा देश्य पूर्णा हो जाए तब तक संभालो
02:14अब फिर से वाइड हो मैं यहां हूँ योदी बल है तो यहां वन में आऊ
02:20किसको बुला रहे हो वो उस बगुली जैसे दिखने वाले बड़े से असूर को हाँ
02:27हरे कैसे ग्यात हुआ तुम्हें हाँ मैं उसे ही बुला रहा था जैसे तुम्हारे बुलाने से वो तुरणति यहां आ जाएगा क्यों
02:36राधा लगता है नाराएड ने तुम्हारी बात सुन ली यह तो सच में यहां पर आ गया है
02:56बढ़ा सुन
03:26मेर आर ये रहार讲 आर रहार दोड़ कि अ कि और आर रहार आर आर से जला आरा कि ऑारा कि अ कि अ कि एड़े हैं
03:56मुख्या जी
04:03क्या हुआ, राधा मिली?
04:06नहीं मुख्या जी, वन का हार कोना चाना
04:08राधा कहीं नहीं दिखी
04:10धैरे रुको मित्र, बच्चे सुरक्षित होंगे
04:15काका, आप मुझे आग्या दीजे
04:20मैं राधा को वन से सुरक्षित लेकर लोटूगा
04:26मैं भी तुमारे साथ चलूँगा
04:29काका
04:36शमा करना काका, किन्तु आप मुख्या हैं इस गाउं के
04:43और इस समय आपका यहां रहना अधिक आवश्चक है, देखे
04:46ये लोग चोटिल हैं, डरे हुए हैं
04:50और वो असुर अभी मरा नहीं है काका
04:52यदि उसने पुनहा आकरमन कर दिया तो
04:56इस समय इंग लोगों को आपकी आवश्चकता है
05:00हुम्
05:06हात हो गया
05:08कि तो मुझे मार नहीं पाएगा
05:10अच्छा
05:12अच्छा
05:16अच्छा
05:18अच्छा
05:20तुम हारा अभी प्रह है कि तुम इस बिशाल के बगुले का
05:24अंतकेले कर सकते हो
05:26भोली हो तुम भी राधा
05:28शब्दो को मत दिखो
05:32उसके भीतर छिपे
05:34भीत को समझो
05:36मैंने ये नहीं कहा कि मैं इसका अंत करूँगा
05:40मैंने ये कहा
05:44कि वो मुझे मार नहीं पाएगा
05:46क्योंकि मैं तो भागने वाला हूँ
05:48तुम ये कहना चाहते हो कि तुम इस बिशाल के बगुले से तीवर भाग सकते हो
05:54नहीं नहीं
05:56नहीं, मुझे तो केवल तुम से तीवर भागना है.
06:05ताकि ये बखुला मेरा खीद कर सके.
06:09तुष्क्रेश्ट!
06:10मेरे वचन के पूर्ण होने का समय निकट आ गया है.
06:28मेरा मतलब समझ रहे हैं ना आप सुर्यदेव?
06:40तुष्क्रेश्ट!
06:41तुष्क्रेश्ट!
06:42तुष्क्रेश्ट!
06:43तुष्क्रेश्ट!
06:44तुष्क्रेश्ट!
06:45तुष्क्रेश्ट!
06:46तुष्क्रेश्ट!
06:47तुष्क्रेश्ट!
06:48तुष्क्रेश्ट!
06:49तुष्क्रेश्ट!
06:50तुष्क्रेश्ट!
06:51पुरादी नेना जनारा जेवा सुबेवा
06:55एक इन्ना तो विन्ना परे
06:58पुरादी नेना जनारा जेवा सुबेवा
07:21खारा जनारा जेवा
07:23गरे
07:37आ्याउ
07:40शाम
07:48करा दिए
07:51आजीर देश्ना एक टान में तूस्टार्म सेम्स कालुए जले प्रविश्ने लिए भान में तोर भूखिश्ना डीजिए
08:21झालो कुछिंड ऌ आसने एंप कि भीस Bot विस
08:29झालो झंक कि भालो झालो किष्ग
08:34झालो पिस्लेए एंप कि
08:49झाल झाल
09:19राधा की बच्चन पूर्ती का समय आ गया है ना काना
09:32हादा
09:37तुम्हें दिये हुए बच्चन की पूर्ती का शुब महुरत आ चुका है राधा
09:46तुम्हें चाहती थी कि तुम्हारे साथ गोलोग जैसा लोग धर्ती पर हाई
09:52और मैंने बच्चन दिया था कि मेरी राधा गोलोग से बृत्य लोग अकेली नहीं जाएगा
10:00उसके साथ जाएगा उसका क्रिष्ण
10:05वरिंद यानि तुलसी जो बहुत शुब होती है और जहां राधा के कदम क्रिष्ण के साथ पढ़े
10:20वो शुब धरा व्रिंद आवन कहलाएगी आप
10:30आप
10:35आप
10:39प्रिंद आवन
10:49जहां लिखे जाएगी राधा और क्रिष्ण की अमर प्रेम गाधा
10:56कदम बढ़ाओ राधा
11:11तुमारा व्रिंद आवन तुमारे स्वागत के लिए कब से कलके सजाए बैठा
11:18प्रिंद
11:23प्रिंद आवन
11:28प्रिंद आवन
11:29प्रिंद आवन
11:31प्रिंद
11:33प्रिंद
11:38प्रिंद
11:39प्रिंद
11:43प्रिंद
11:44प्रिंद
11:45प्रिंद
11:48प्रिंद
11:50प्रिंद
11:51प्रिंद
11:52प्रिंद
11:53प्रिंद
11:54प्रिंद
11:55प्रिंद
11:56प्रिंद
11:57प्रिंद
11:58प्रिंद
11:59प्रिंद
12:00प्रिंद
12:01प्रिंद
12:02प्रिंद
12:03प्रिंद
12:04प्रिंद
12:05प्रिंद
12:06प्रिंद
12:07राधा बिया क्रेश्ण नहीं, क्रेश्ण बिया नहीं, राधा जिस कन में
12:18बिछड कर गई जिन कदमों से, मिलन की धरा पर उनका गिरना अभी शेश है
12:25जो छोड़ेंगे धरा पर प्रेम के चिन्न, उन पदचिन्नों का मिलन अभी शेश है
12:32विराय की अगन ने जलाया प्रेम की धरा को
12:39प्यास से शीतल हो गए बीच प्रेम के
12:44उस धरा का हरा होना और बीजो का अंकुरन होना अभी शेश है
12:51तुम जो छोड़ाई थे कुछ रेखाएं अधूरी
12:57एक संबंद अपूर्ण एक प्रीत अंचुरी
13:02संबंदों की स्याही और प्रीत की कलम से प्रेम का चित्रण अभी शेश है
13:11निरस अशान्त हो चुका था तुम बिन मेरा मन
13:16उसके एक कोने में प्रेम राख का गुन्जन अभी शेश है
13:25होटों में मुस्कान और लिये आखों में क्रंधन छोड़ा था हाथ मेरा
13:36अब कभी न विलग न हो जो वो बंधन हवी शेश है
13:42मौन कर आई तुम जिस नात को भरने सबके रिदय में प्रेम से स्वन
13:55अब आखे खोलेगा प्रेम जागेगा जग
14:02बस प्रीती नात का स्पंदन अभी शेश है
14:11तुम रुक क्यों गये?
14:32प्रेम जगिश
14:38झाल
14:41रजस
14:49ढखे खोलेस
14:58प्राफ्स बि़ियार
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