Skip to playerSkip to main content
  • 4 hours ago
चॉकलेट वाली चुड़ैल _ Chocolate Wali Chudail _ Horror Stories _ Hindi Stories​ _ Chudail ki Kahani

Category

😹
Fun
Transcript
00:00चौकलेट वाली चुडायल
00:30नई नई नई कहें नहीं जा रहा तू
00:32तबी बाहर से घंटियों की आवाजे आने लगती है
00:35कुलफी वाला कुलफी ठंडी ठंडी कुलफी ले लो
00:39कुलफी ले लो चंदू की कुलफी
00:42मा मुझे कुलफी कानी है प्लीज मा प्लीज
00:47इस चंदू कुल्फिय वाली की क्या मती मारी गई है जो ठंड के मौसम में बच्चो को मिमार करने कुल्फिय ले आया
00:54तू यहीं रुख मैं उसके कान खीज कर आती हूँ
00:57कमला जैसे ही बाहर जाती है चिंटू अपने दोस्त गोलू से मिलने बाहर चला जाता है
01:03गोलो जल्दी बारा मा के आने के पहले वापस घर पी तो जाना है मुझे
01:09दोनों दोस्त मैदान में खेलने चले चाते हैं तबी उनके नजर एक ठेले पर पड़ती है
01:14ठेले पर चारों तरफ चॉकलेट सी चॉकलेट्स थे
01:17अरे चिंटू देख चॉकलेट चलना खरीट लेते हैं
01:23आओ बच्चो चॉकलेट वाली आंटी के जादूई चॉकलेट्स खा
01:31मन तो मुझे भी है पर पैसे तो है ही नहीं
01:36आंटी उदार देगी क्या चलना पूछते हैं
01:40चिंटू और गोलू चॉकलेट के ठेले पजाते हैं
01:44ठेले के चॉकलेट को देखते ही दोनों को अलग सा मैसूस होता है
01:47जैसे वो इस दुनिया के है ही नहीं
01:50इन चॉकलेट्स पे कोई तो बात है
01:53आंटी ये चॉकलेट खाने का बहुत मन है हमें
01:58पर पैसे नहीं है
01:59नहीं है, तो क्या हुआ, पैसे मांगे किसने तिमसे, ले लो बच्चू, मैं तो तुम लोगों के लिए मुफ्त में चोकलेट लाई हूँ
02:12फ्री में, परमागेती है, फ्री में कुछ नहीं लेना चाहिए
02:19तुम हर चोकलेट के बदले, मुझे बस अपने सर का एक बाल दे दो, ठीक है?
02:28दोनों ऐसा ही करते हैं, और बहुत सारी चोकलेट्स लेकर अपने घर लोटाते हैं
02:33शाम को चिन्टू जब चोकलेट खा रहा होता है, तभी अचानक उसके शरीर पर बाल आने शुरू हो जाते हैं
02:40ये, ये क्या हो रहा है मुझे? भगवान, गोलू की पास जाता हूँ, वही मेरी मज़द करेगा
02:51तभी कमरे की खिडकी से अंदर, अंधा भालू बन चुका गोलू आता है
02:56कौन हो तुम? भागोयों से, ममे, ममे!
03:04अरे चिन्टू, ये मैं ही हूँ यार गोलू, देखना मुझे क्या हो रहा है, हम दोनों भालू बन रहा है
03:13तभी खिडकी के बाहर, एक चुड़ायल चॉकलेट का ठेला लिए दिखाए देती है
03:21चिन्टू, गोलू, यहाँ आजाओ बच्चों मेरे पास, मैं मदद करूँगे तुमारी, आणा बच्चों
03:36जैसे ही दोनों उसकी आँख में देखते हैं, दोनों उस चुड़ायल की वश में आ जाते हैं, और उसकी पीछे-पीछे चल पड़ते हैं
03:43अगली सुबा कमला भागते हुए गाउं में सबके घर जाकर चिन्टू को ढूनती है
03:47और कहा हो गया मेरा चिन्टू कितना समझाया उसे कि इदर उदर मत जाया कर, पता नहीं कौन ले गया मेरे बच्चे को
03:55चिन्टू
03:57तभी वहाँ भागती हुई विमला आती है
04:01भाबी, कल राज से मेरा गोलू भी नहीं मिल रहा
04:05तभी उन्हें एक आवास सुनाई देती है
04:07ओ बच्चो, चाकलेट खाओ, चाकलेट वाली आ गई
04:16धीरे धीरे कर, अचानक ही, हर रोज गाओं का एक नाएक बच्चा गायब होने लगता है
04:23जिसके कारण गाओं में डर का माहूल बन जाता है
04:26ये हमारे गाओं को किसकी नजर लग गई है?
04:30सारे बच्चे कहां जा रहे हैं?
04:31इतनी चांच पड़ता हुई, पर मिला क्या है?
04:36बाल? क्या भालू बस बच्चो को ही पकड़ता होगा?
04:40कुछ तो बात है, जबसे ये चाकलेट बेशने वाली आई है, बच्चे गायब हो रहे हैं
04:46ठेले वाली के साथ-साथ, अबसे जो भी बच्चा उसके पास से चाकलेट लेगा, उस पे भी नजर रखनी होगी
04:54गाओं का एक बच्चा, पिंकू, चाकलेट खरीद कर मैदान में जाकर खा रहा होता है
05:00तभी बाकी बच्चो के तरह वो भी भालू बन जाता है
05:03और चुडैल उसे ठेले पर बठा कर ले जाती है
05:07सभी मिलकर चुडैल के पीछे-पीछे जाते हैं
05:19जहां वो देखते हैं कि चुडैल ने एक गुफा में आधे भालू बने सभी बच्चों को बंद करके रखा है
05:25क्या हो खुखम है मेरे माकिन मेरे लिए ताजा मांस लेकर आ और कुछ और बच्चों के बाल भी
05:43फिर यही सब मिलकर मेरे लिए बड़े-बड़े इनसानों का मांस लेकर आएंगे
05:48और कब तक जानवरों को खाऊं मैं
05:52हे भगवान अब क्या करें कैसे बचाए अपने बच्चों को
05:58सब तो इस चुड़ेल के बस में है
06:01चुड़ेल सभी बच्चों के बाल लेती है यह वशी करण उसी बाल से तूट सकता है
06:09आ गया मेरा खाना
06:12यह तो बासी मांस है यह तुम ही खाओ मोड खराब कर दिया मेरा
06:20जाओ बच्चों मेरे लिए खाना लेकर आओ
06:25जो सबसे अच्छा खाना लाएगा उसे मैं पूरी तरब भालों बना दूंगी
06:33अब तक पैसा रही है
06:39सभी बच्चे शिकार पर निकल पड़ते हैं और चुड़ेल सो जाती है
06:44देखो चुड़ेल के सर के नीचे बच्चों के बाल का गुच्चा उसे वहाँ से निकालना ही होगा
06:50चंदु छुपकर बालों का गुच्चा निकाल कर तालाब में बहा देता है
06:55जैसे ही बाल बहते हैं सभी बच्चे वापस से पहले जैसे हो जाते हैं
06:59और फिर सभी मिलकर गुफा में आग लगा देते हैं और धोलपूर फिर से खुशाल हो जाता है।

Recommended