00:00भूत्या ब्रिच
00:30पर मुझे आगे पढ़ना है बाबा और गाओं में तो आगे पढ़ाई की सुविधाई नहीं है
00:38हद पगली इतनी सी बाद से उदास होती है मैंने इसका उपाई पहले से ही सोच रखा था
00:46मेरी मीना सहर जाएगी और वहाँ अपनी पढ़ाई पूरी करेगी
00:52मीना और शामल उसी शाम गाओं के पास के बस अड़े पर जाते हैं
01:00धीरी धीरे शाम अपना आचल बिछा रही थी जरासी रोश्णी में शाम टिकेट काउंटर पर टिकेट लेने जाता है
01:07बाई सहर जाने का एक टिकेट तो देना
01:11आपको शहर जाना है
01:14अरे नहीं नहीं भाई मुझे नहीं मेरी बेटी को
01:18देखिये भाईया मैं तो आपको सहर न जाने का ही सुझाओ दूंगा
01:24वो भी जब आपकी बेटी अकेली जा रही है
01:27वो देखिये बस पूरी तरह खाली है
01:31दो-चार लोग ही मुश्किल से शहर जा रहे हैं
01:34अरे भाई पर ऐसा क्यों?
01:38शहर जाने वाला रस्ता बुरी तरह से खराब हो चुका है
01:41और इसी लिए आज बस पुरानी ब्रीज से जाएगी
01:45आहां भाई तो उससे क्या?
01:48आपको नहीं पता?
01:50अरे भाई वो ब्रीज भूतिया है
01:53आप ये क्या बाते कर रहे हैं अंकल?
01:58ऐसा कुछ नहीं होता
01:59बिना कुछ सोचे समझे
02:02टिकट लेकर मीना बस में चड़ जाती है
02:04धीरे धीरे बस शुरू होती है
02:07पर अचानक ही मौसम खराब होने लग चाता है
02:11हे भगवार
02:12सफर शुरू भी नहीं हुआ
02:15कि आत्मा ये अपना असर दिखाने लगी
02:17बस पुराना ब्रीज पार करवा देना
02:21हे भगवार
02:22खराब मौसम
02:26और धून्द के बीच ट्राइवर जैसे
02:28तैसे बस को ब्रीज तक ले जाता है
02:30ब्रीज पर पहुँचते ही बस रुप जाती है
02:33लो लो लो
02:36अब सब बनेंगे
02:40सब के सब बनेंगे
02:41अरे तुझे मैंने बोला था न
02:43चुप रहने को
02:44ऐसे तो बागी सबी को ड़ा देगा तू
02:47चुपो जा
02:48तभी सबी को बच्चों के हसने की आवाजे आती है
02:52मा देखो ना
02:55शिकार भूख लगी है
02:58मा मो देखो
03:02ये किस चीज़ के आवाज है
03:09ये बच्चे कहां से बोल रहे है
03:12वो आ गई
03:14वो आ गई
03:15पारो अपने बच्चों के साथ आ गई
03:17मैंने कहा था ना
03:19बलकुर मेरी बात सुनता कहा है
03:21कहा था मैंने
03:22बस अपने आप
03:25जोरो से हिलने लग जाता है
03:26। । । । ।
03:56। । । । ।
04:26। । । । । । ।
04:56। । । । । । ।
05:26। । । । । । ।
05:56। । । । ।
06:26। । ।
06:56। । ।
06:58। । । ...
07:00अब होगा इनसाफ उस contractor का, उसे जेल और आपकी आत्मा को शांती, बहुत हुआ इस मौत का खेल, शायद आज ये बस इस ब्रीश पर आपको आजाद का नहीं आई है
07:15इसके बाद मीना गाउं वापस लोट कर, सारी बाते अपने पापा को बताती है
07:21और ड्राइवर, शामल और मीना, contractor की काले कारनामों का पता लगाते हैं और न्यूस पेपर में छपपा देते हैं
07:30पारों के साथ साथ उस ब्रीश में मरे हर इंसान की आत्मा की शांती करवाई जाती है
07:36और ब्रीश हमेशा के लिए आत्मा उसे आजाद हो जाता है
08:00के लिए करो ब्राइव का में मारे साथ जाता है
08:13olhos रखारों के पता है
08:15आत्मा लाग्त लाग्त
08:18यसलिए खो जाल की दो के अज़सार रहता है
08:24जात्म इात wrath Unuten