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A mother’s love never dies… even after death. But when her soul returns with vengeance, it becomes horror. 👻💔
Watch “Maa Bani Chudail” — a heart-touching yet terrifying Hindi horror story.
A haunting tale of love, loss, and revenge with a moral twist that will leave you shocked!

🎬 Topic: माँ बनी चुड़ैल | Mother Turned Witch
💬 Category: Hindi Horror Stories / Moral Stories / Haunted Kahaniya
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Transcript
00:00This is a story of Lakshmi's story, which is the story of Lakshmi's story.
00:29या कि कुंडली जिस यूवक से मिल रही है, वो एक बहुत ही साधारन परिवार का है।
00:37अरे उससे क्या फर्क पड़ता है? हम तो अपनी बीटी को अपने घर ही रखने वाले हैं, हमें तो घर जमाई चाहिए।
00:47लेकिन अजमान, मुझे नहीं लगता कि ऐसा कुछ संभव हैं, ये यूवक घर जमाई नहीं बनेगा।
00:55तभी सेड़ जी की बेटी सेड़ जी के पास आई और उनके कानों में कुछ फुस फुस आई।
01:02उसकी बाते सूनकर सेड़ जी के चहरे पर मुस्कान आ गई।
01:09ठीक है पंडित जी, आप शादी की बाद आगे बढ़ाईए। और फिर कुछ महिनों में लक्ष्मी की शादी एक बहुत ही साधारन यूवक विमल से हुई।
01:22शुरू-शुरू में दोनों की अच्छी बन रही थी और विमल की मा सरीता भी बहुत खुश थी।
01:29एक दिन सोते वक्त लक्ष्मी ने विमल से बात की।
01:59उनके बीच बात इतनी बिगड़ गई कि अब लक्ष्मी कभी बेलन तो कभी बरतन फेक फेक कर विमल को मारती।
02:09विमल बेटा ये क्या है तुम दोनों ऐसे लड़ क्यों रहे हो।
02:15मा ये रट लगाए बैठी है कि मैं भी इसके साथ इसके बाप ये घर में जाकर रहूं।
02:23घर जमाई बन कर भला मैं ये कैसे कर सकता हूं।
02:27और इसी लिए हमारी रोज अनबन होती है।
02:31एक कामकर तु उसे अच्छे से समझा कि अब यही उसका घर है।
02:37अगले दिन फिर से लक्षमी विमल को अपने घर जलने के लिए जोर डालने लगी।
02:45आप मेरे साथ मेरे घर चली। आपको यहां गरीबों को तरह जीने की कोई जुरूत नहीं है।
02:51मेरे पापा के पास सब कुछ है।
02:54मैंने तुम्हें कितनी बार बोला है। मैं घर जमाई नहीं बनना चाहता हूँ।
03:01अगर आप खुद से मेरे साथ नहीं चलोगी, तो मैं मेरे भाईों से बोलकर आपको जबर्दस्तियां से उठवा लूगी।
03:09बहु की ये बात सुनकर सरिता को अपने बेटे की चिंता सताने लगी।
03:39अपने पूरी दुख भरी दास्तान बताई।
03:42अब आप ही बताईए बाबा जी, मैं अपने बेटे को बचाने के लिए क्या कर सकती हूँ।
03:50ये ताकतवर इंसान ऐसे ही होते हैं।
03:54हमेशा निर्बलों को दबाना चाहते हैं।
03:57अब सिर्फ गूफा में रहने वाली डायन ही तुम्हारी मदद कर सकती है।
04:04सिर्फ वही तुम्हें ताकतवर बना सकती है।
04:08जिससे तुम अपने बेटे को बचा सकती हो।
04:13सरिता उत्तरी दिशा में निकल पड़ी और गुफा तक पहुशते पहुशते उसे रात हो गई।
04:43कोई है यहां।
04:45क्या।
04:48आज एक इंसान यहां खुद चलकर आया है।
04:52वह भी मेरा खाना बनने।
04:57मैं आपसे मिलने आई हूँ।
05:03मिलने।
05:05मुझसे।
05:07अहां।
05:09वह भी खुद चलकर बताओ बताओ क्या बात है।
05:15सरिता ने डायन को अपने कहानी सुनाई।
05:18आपसुनाई।
05:22अपाय तो है लेकिन बहुत कठीन है।
05:26अपाय तो है लेकिन बहुत कठीन है।
05:38मैं अपने बेटे को बचाने के लिए कुछ भी कर लूगी।
05:54तुम्हें मेरा श्राप अपने उपर लेना होगा।
05:58जिससे मेरी सारी शक्तिया तुम्हें आ जाएंगी।
06:01तब मैं आजाद हो जाओंगी।
06:03और तुम डायन बनके यहीं गुफा में रहोगी।
06:06और नहीं सूरज की रोश्णी में निकल सकोगी बाहर।
06:10क्योंकि डायन की शक्तिया सुर्फ रात को ही काम करती है।
06:15क्या तुम्हें यह मनजूर है।
06:17विमल को बचाने के लिए अगर मुझे डायन भी बनना पड़े तो मनजूर है।
06:24डायन ने कुछ जादू किया और डायन की सारी शक्तियां सरीता में चली गई।
06:30और अब डायन आजाद होकर एक औरत बन गई। और सरीता डायन बन गई।
06:38यहां पूरा दिन हो गया था।
06:41विमल ने गाउं में जाकर मा को ढूंडा।
06:44लेकिन मा कहीं नहीं मिली।
06:47रात को वो घर पहुँचा तब लक्षमी उस पर बरस गई।
06:51यह सब सरीता अपने शक्तियों से देख रही थी। और उसी समय सरीता डायन के रूप में वहां पहुची।
07:01सरीता को डायन के रूप में देखकर उसके पैरों से मानों जमीन खिसक गई।
07:07सरीता जोर जोर से हसने लगी।
07:31जैसे तैसे रात को लक्षमी सो गई और सुभे होते ही।
07:37अभी अपने भाईयों को बताती हूँ कि आपने मुझे बेलज से मारा।
07:41लक्षमी दर्वाजे से पाउं बहार डाली रही थी।
07:45कि सरीता ने अपने हाथ लंबे करकर लक्षमी के पाउं पकड़ लिये।
07:50अब तुम इस जोखट के बाहर बिलकुल नहीं जाओगी।
07:55एक बार फिर से लक्षमी बेहोश हो गई।
07:59अब जब भी लक्षमी कुछ बेतुका करने जाती थी।
08:03सरीता बीच में आकर अपने बेटे को बचा लेती।
08:07और बिचारी लक्षमी डायन से डर कर घर के कोने में दुबक कर बैठी रहती।
08:15विमल दिन रात अपनी मा को याद करके रोता।
08:28तु कहां है मा कहां चली गई मुझे छोड के।
08:37बेटा विमल मैं यही हूँ तेरे पास लेकिन इस डायन के रूप में।
08:45यह सब सुन विमल बहुत डर जाता है।
08:49दर्मत बेटा बस मुझे से तेरा दुख नहीं देखा जा रहा था।
08:54इसलिए मुझे यह सब करना पड़ा।
08:57यह सब पीछे खड़ी लक्षमी सुन रही थी।
09:01तभी सरिता ने उसे अपनी शक्तियों से दिवार पर लटका दिया।
09:07जा रही हूँ, मगर एक बात समझ ले, मेरे बेटे को परिशान करने की भी तुने या तेरे घरवालों ने सोची, तो मैं यहां फिर आ जाओंगे।
09:19जी जी जी माजी।
09:22तभी तो कहते हैं, मा से बढ़कर दुनिया में कुछ नहीं, मा एक वरदान है, जो अपने बच्चों के लिए कुछ भी कर सकती है।
09:35दोस्तों हमें उमीद है कि आपको हमारी ये कहानी पसंद आयोगी।
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09:45और हाँ वीडियो लाइक और शेर करना मत भूलिएगा। बाई बाई

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