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  • 2 days ago
चोटी वाली चुड़ैल Hindi Story _ Moral Stories _ Kahaniya _ Hindi Stories _ Hindi Kahaniya

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Transcript
00:00यमुना नदी के किनारे एक गाउं था रतनपूर
00:05उस गाउं में एक चुड़ैल का साया था
00:08वो चुड़ैल बहुत ही अजीब थी
00:11एक दिन
00:12मुन्या के बापू जल्डी अंदर आईए
00:17सुरेश भी नींद में था
00:19चिला कर बोला
00:21क्या हुआ गला क्यों फाड रही हो
00:24ये देखो
00:26अरे ये कैसे हुआ
00:29मुन्या क्या हुआ बेटा
00:32उससे क्या पूछ रहे है
00:34बेचारी तब इसे डरी सैमी हुई है
00:37लेकिन ये तो कोई गंभेर बिमारी लगती है
00:42देखो तो बिचारी की चुटिया ही काट ली किसीने
00:47राम राम
00:49लेकिन एक भी बाल आसपास नहीं दिख रहा
00:55हाँ ये हुआ क्यों समझ में ही नहीं आ रहा
01:00ऐसे ही दो चार दिन मुन्या को देखने और सांत्वना देने वाले भी आये
01:06अब कुछ शांती हुई ही थी कि एक दिन
01:10क्या हुआ रामू तो हस क्यों रहा है
01:17के बच्चे कुछ बता भी
01:27रूपा गागी की चुटिया गट गई
01:30हाँ और मुन्ने भी
01:34अच्छा पर का है आपी पुचला
01:43चल कर देखता हूँ
01:47का हुआ मुन्नी ये का हला मचा हुआ है
01:51तबी मुन्नी बाहरा आती है
01:54ये का का सुन रहा हूँ कैसे हुआ सब
01:59अरे का बताई चच्चा
02:02रात में रोज की तरह खापी के सोए
02:05और सबर देखे तो
02:07अरे राम राम
02:12पहले तो मुझे लगा कोई बिमारी है
02:17लेकिन ये तो लगता है
02:19पक्का किसी टायन या चुडैल का काम है
02:21अब तो रतनपूर में ये औरतों के चूटी काटे जाने वाली खबरें आम हो गई
02:28अगले ही दिन
02:30सरिता आज बहुत गर्मी है
02:35मेरा बिस्तर बाहर लगा देना
02:37जी ठीक है
02:39सरिता ने रमेश का बिस्तर बाहर और अपना और चुनिया का आंगन में लगा लिया
02:45रात में रमेश को प्यास लगती है
02:49बड़ी प्यास लगी है
02:51लगता है सरिता ने पानी नहीं रखा
02:54कोई नहीं, खुद ही ले लेता हूँ
02:59अंदर जाने पर वो देखता है कि सरीता के बिस्तर के सिराने चुडेल खड़ी है
03:05वो एक हाथ से सरीता की चोटी पकड़े हुए है
03:09और चाकू से उसकी चोटी काट रही है
03:11वो सोर से चिलाया
03:13चुडेल, बचाओ, बचाओ, चुडेल
03:19सरीता और चुन्या उठ गए
03:21गाम वाली भी फौन ना गए
03:24देखते हैं, चुडेल हाथ में सरीता की चोटी लिए खड़ी है
03:29भीड देखकर वो हसते हुए बुली
03:32सरीता तो डर के मारे बेहोश हो गए
03:52पर बाल तो जाही चुके थे
03:56अरे आखिर चाहती क्या हो
03:58पर चुडेल उनकी बात अनसुनी करके
04:02सरीता की चोटी घुमाते हुए
04:04सबकी आखों के सामने गायब हो गई
04:06चोटी वाली चुडेल की खबर
04:09जंगल की आख की तरब पूरे गाउं में फैल गई
04:12और गाउं में बाते चलने लगी
04:15मुनवा, सुना है कल तेरी भाबी की भी चोटी चुडेल ले गई
04:20हाँ, हाँ, उन्ही के घर मिलने जा रहा हूँ
04:25वैसे तो ठीकी रहा, कम से कम अब सर पर पल्लू तो ठीकेगा
04:31हाँ, हाँ, हाँ, ये बात सही कही आपने
04:34इतना कहके दोनों वहाँ से चले गए
04:37इसी तरह चुडेल का डर सारे गाउं में बढ़ता गया
04:42और लोग घर छोड़ कर वहाँ से जाने लगे
04:46तभी कुछ गाउं की लोग आपस में बात करने लगे
04:50क्यों ना सर्पंची के पास चले
04:52हाँ, सर्पंची ने दुनिया देखी है
04:56कोई ना कोई उपाई डूंडी निकालेंगे
04:59हाँ, चलो
05:00और सभी गाउं वाले सर्पंची के घर पहुँच गए
05:04समस्या सुनकर सर्पंच ने कहा
05:07समस्या तो सच में गंभीर है
05:11मेरी अम्मा की भी
05:14है, आपके यहाँ भी
05:17हाँ, अब क्या करें
05:20चुडैल पर किसी का वश है क्या
05:23कोई तो उपाई होगा सर्पंची
05:25इसके लिए किसी उजहा से मिलकर बात करनी होगी
05:30तब ही मदन बोलता है
05:36अगर हमें अपने गाउ से इस चुडैल का साया हटा रहा है
05:39तो हमें उसकी चोटी काटनी पड़ेगी
05:42मेरी नानी ने मुझे बताया था
05:44कि हर चुडैल की शक्ती उसकी चोटी में होती है
05:47अगर हम किसी तरह उसकी चोटी काटने में सफल हो गए
05:51तो उससे अपना गाउ छुटकारा पा जाएगा
05:54बताओ कौन जाएगा चुडैल के पास
05:57मैं उसे बताऊंगा कि क्या करना है
06:00अरे मदन भाईया हम मुख्याजी के पास आए हैं मदन मागने
06:06वही जाएंगे
06:07अरे ऐसे कैसे मैं गया तो गाउं कौन समालेगा
06:12इस रामु को भेज देते हैं
06:14अरे ओ मुख्या पगला गया है क्या
06:17भरी जवानी में मौद के मुँ में चला जाओ
06:20तुम सब छोड़ो मैं चला जाओंगा
06:23देखो वो चुडैल अपना काम तभी करती है जब कोई सो रहा हो
06:27आज तक कोई जगा हुआ इंसान उसका शिकार नहीं हुआ
06:31है ना
06:31हाँ सो तो है
06:33तो आज रात सभी को जागते रहना है
06:36सिर्फ मैं सोने का नाटक करूँगा
06:40हाँ हाँ ठीक है
06:41फिर मदन नकली चोटी लगा कर
06:44और साड़ी पहन कर पंचायत की चबुत्रे पर ही सो गया
06:48रात की बारा बजे चुडैल वहाँ आई
06:52आज पुरे गाहों में घुमाई
06:57कोई सोया ही नहीं
07:00तबी उसकी नजर चौक पर सोये मदन पर पड़ी
07:05ये औरत यहां क्यों सोयी है
07:07लगता है घर में जगडा हुआ होगा
07:10खैर मुझे क्या मुझे तो बाल चाहिए
07:13चुडैल ने चूटी काटने के लिए
07:18जैसे ही चूटी पकड़ी
07:20वो निकल कर उसके हाथ में आ गई
07:22इसके लिए वो तयार नहीं थी
07:24इसलिए दो पल के लिए
07:26वो कभी चूटी तो कभी चाको को देखने लगी
07:29इसी समय का फाइदा उठा कर
07:31मदन ने उसकी चूटी काट ली
07:33पहले तो वो डर गई
07:35फिर भी हिम्मत करके बोली
07:36कौन है तू
07:38बता कौन है तू
07:44मैं तो बैदोजे खा जाओंगी
07:46तेरी चूटी मेरे पास है
07:48तू मेरा कुछ नहीं बगाड़ सकती
07:50मदन उसकी चूटी दिखाती हुए हसता है
07:55चीकते हुए मदन की तरफ बढ़ी
08:03अगर एक कदम भी आगे बढ़ाया
08:07तो मैं अभी इसे जला दूँगा
08:08नहीं ऐसा बत करना
08:11नहीं करूँगा
08:14पर एक शर्त पर
08:16मुझे तुवारे सब शर्ते मक्सूर है
08:19बस ये चूटी दे दो
08:21अभी नहीं
08:23पहले ये बताओ तुम इन बालों का क्या करती हो
08:26मैं इने
08:27एक कुवे में डाल रही हूँ
08:29उसे भरने के लिए
08:31वो क्यों?
08:33जब वो कुवा भर जाएगा
08:34तुम्हें सबसे शक्तिशाली हो जाओंगी
08:37चलो
08:38वो कुवा मुझे दिखाओ
08:40वहीं तुम्हें तुम्हारी चोटी दे दूँगा
08:42चलो
08:44ये चोटी मुझे दे दो
08:46इसकी मदद से हम जल्दी पाचेंगे
08:48नहीं नहीं मुझे जल्दी नहीं
08:51पैदल ही चलते हैं
08:52वो मदद को लेकर
08:54चलने लगी और गाउंवाले
09:08आधा कुवा तो भर गया है
09:10देखो देखा दिया ना
09:13अब चलती से मेरी चोटी दे दो
09:14हाँ हाँ क्यों नहीं
09:17ये लो
09:17कहते हुए मदद ने
09:19उसकी चोटी भी कुवे में फेक दी
09:22अरे बेवकूफ
09:25ये क्या किया
09:26अब मैं इतने बालों में से
09:27अपनी चोटी कैसे दूर्णूंगी
09:29वो देखो बीच में पड़ी है
09:31चुडैल कुवे में जाकर
09:33अपनी चोटी दूर्णने लगी
09:35उसके कुवे में उतरती ही
09:37गाउंवालों ने अपनी अपनी मशाले
09:39कुवे में फेक दी
09:40वो दूदू करके जलने लगा
09:42अरे बचाओ रे कोई
09:44मैं सब के बाल वापस कर दूँगी बचाओ
09:48साथ ही वो चुडैल भी जल कर भस्म हो गई
09:52शिक्षा अगर मिल जुल कर किसी समस्या का हल ढूंडा जाए
09:56तो समस्या अवश्य दूर हो जाती है
10:10और हाँ वीडियो लाइक और शेयर करना मत भूलिएगा
10:13बाई बाई

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