00:00बहुत समय पहले की बात है एक गाउ में लाल साडी वाली चुडेल का आतंख था वो चुडेल गाउं की लोगों को बड़ा परिशान करती थी एक राध रमेश अपनी साइकल पर सवार होकर कहीं जा रहा था कि तभी अचानक
00:18I am going to die.
00:20After that, I am going to die.
00:24Where will you go?
00:26Oh, my God!
00:30He is going to die.
00:32Where is my way?
00:34I am not my way.
00:36He is going to die.
00:38He is going to die.
00:40Oh, my God!
00:42He is going to die.
00:44He is going to die.
00:46The road will take flight by one seat.
00:50Look!
00:52He is going to die.
00:54子供 asked us to do that.
00:58He is going to die.
01:00It is a regular season.
01:02He fearful people.
01:06See,
01:09the decorator made no records there.
01:15अरे भागिवान तुमसे किती बार कहा है
01:18कि रात में घर की सभी खीड़किया बंद करके रखा करो
01:21उस चुडैल का कोई भरोसा नहीं है
01:23ऐसा कब तक चलेगा जी?
01:26सच में उस चुडैल के डर के मारे तो हम गाओं वालों का जीना मुश्किल हो गया है
01:31फिर एक दिन
01:33अरे भोला भाई, ये तुम्हें क्या हो गया?
01:36इस तरह लंगडा कर क्यों चल रहे हो?
01:38अरे क्या बताओं गिरदारी
01:41ये सब उस लाल साडी वाली चुडैल की कारस्तानी है
01:44उसने मेरी टांग तोड़ दी
01:47भाई भोला, ये तो हद हो गई
01:50हमें उस चुडैल का
01:52अब तो कुछ न कुछ करना ही होगा
01:53तुम ठीक कहते हो गिरदारी
01:56लेकिन हम उस चुडैल का
01:58आखिर क्या बिगाड सकते हैं
02:00वो तो कितनी ताकतवर है
02:02पास के गाउं में एक पुजारी जी रहते हैं
02:06बहुत ही बद्धिमान है
02:07उनके पास जरूर कोई न कोई उपाय होगा
02:10फिर अगले दिन गिरदारी और भोला
02:13कुछ गाउं वालों के साथ मिलकर
02:15पुजारी जी के पास जाते हैं
02:17पुजारी जी उन सब को देख कर कहते हैं
02:20क्या बात है
02:21आप सब लोग एक साथ यहां क्यों आए है
02:25कोई परेशानी है क्या
02:28अब क्या बता है पुजारी जी
02:31उस लाल साडी वाली चुड़ेल का आतंक
02:34हमारे गाउं में इतना ज्यादा बढ़ गया है
02:36कि अब तो हमारा जीना मुश्किल हो गया है
02:39शाम होते ही उस चुड़ेल के डर से
02:42हम लोग किसी कैदी की तर अपने घरों में ही कैद होकर रहते हैं
02:45हाँ उस चुड़ेल के डर के मारे तो हम लोग अपने खेतों में भी नहीं जा पाते
02:51अगर इसी तरह हम लोग घर में बैठे रहे तो एक दिन हम सब की भूखे मरने की नौबत आ जाएगी
02:58गाउवालों की बाते सुनकर पुजारी जी बहुत चिंतित हो जाते हैं
03:03गाउवालों से कहते हैं
03:04पास के जंगल में एक तांत्रिक रहता है
03:08वो चुड़ेल उस तांत्रिक की गुलाम है
03:11तांत्रेक उस चुडैल के जरीए अपने काले कारनामों को अंजाम देता है
03:17तुम सब मेरे साथ चलो
03:19फिर सभी गाउवाले अपने अपने हाथों में जलती हुई मशाल लेकर
03:23पुजारी जी के पीछे पीछे जंगल के तरफ चल देते हैं
03:27काफी देर चलने के बाद वो लोग एक गुफा में पहुचते हैं
03:31उस गुफा के अंदर बैठा एक तांत्रेक मंत्र पढ़ रहा होता है
03:35पढ़ पढ़ पढ़ पढ़ शेतान प्रकट हो
03:40तभी अचानक गुफा के अंदर लोगों का शोर सुनकर तांत्रेक अपनी आखे खोलता है
03:46लोगों के हाथों में जलती हुई मसाले देखकर तांत्रेक घबरा जाता है
03:51तभी पुजारी जी कहते हैं
03:53आज से तेरा खेल खतम हुआ धर्मी तांत्रेक
03:57तुने अपनी काली विद्या का इस्तमाल करके उस चुडैल के जरीए गाउ के भोले भाले लोगों को बहुत परेशान किया है
04:06ये तो अभी शुरुआत है, खेल तो अभी शुरू हुआ है
04:13तु उस चुडैल को अभी के अभी खतम कर दे, वरना हम सब तुझे खतम कर देंगे
04:19अच्छा, ये बात है, तो ठीक है, तुम्हें सामने वो मटका दिखाई दे रहा है
04:27उसी मटके में उस चुडैल की जान बसी है, जाओ, उसे तोड़ दो
04:32सभी गाउवाले उस मटके को खोड़ने के लिए उस पर डंडे से बार करना शुरू कर देते हैं
04:38लेकिन उस मटके को कुछ नहीं होता, तभी अचानक वो चुडैल पे वहां जाती है
04:43अरे मुर्क तांत्रिक, तुने इन लोगों को मटके का राज क्यों बता दिया
04:48तांत्रिक हस्तिव्वे कहता है
04:51तु चिंदा मत कर, इस मटके पर मैंने ऐसा मंत्र पड़ा है कि ये लोग इसे कभी नहीं तोड़ सकते
04:59गाम वाली बहुत कोशिश करते हैं, लेकिन उस मटके को तोड़ नहीं पाते
05:06तभी गिरदारी पुजारी जी से कहता है
05:08अरे पुजारी जी ये मटका तो तोड़ी नहीं रहा है
05:12अब आप ही हम सबको बचा सकते हैं
05:14जल्दी कुछ करे बना ये चुड़ैल हमको नहीं छोड़ेगी
05:17पुजारी जी थोड़ी दिर कुछ सोचते हैं
05:20कहते हैं
05:21जिस तरह लोहा लोहे को काटता है
05:24ठीक उसी तरह मंत्र के असर को
05:27खतम करने के लिए
05:28मंत्र का इस्तमाल करना पड़ेगा
05:30फिर पुजारी जी जोर जोर से
05:33भगवान का मंत्र पढ़ना शुरू कर देते हैं
05:35और अपनी जेज से
05:36मंदिर से लाया हुआ भभूत निकाल कर
05:39उस मटके पर छिड़क देते हैं
05:41देखते ही देखते वो मटका
05:42आग के गूले की तरह लाल हो जाता है
05:45और फिर अचानक भट जाता है
05:47वही दोसरी तरफ मटके के भटने से
05:50वो चुड़ेल भी जलने लगती है
05:51पिर तांत्रिक अपनी जान बचाने के लिए
05:58सबी गाउवालों से माफी मांग कर
06:00हमेशा के लिए वो गाउँ छोड़कर वहां से भाग जाता है
06:03शिक्षा, बुराई कितनी ही ताकतवर क्यों न हो
06:07एक दिन अच्छाई के सामने घुटने टेक देती है