00:00आपको मालूम है दुनिया के जो अच्छे शहर हैं पश्चिमी उनमें अगर AQI 10 पार कर जाए तो सरकार तक बात पहुच जाती है
00:08लोग विरोध करतें आंदोलन हो जाता है कि AQI 10 हो गया और उत्तर भारत में अगर 400 से नीचे हो जाए तो हम कहते हैं आज हवा कितनी सुगंधित और साफ है
00:17और World Health Organization ने बोल रखा है कि 50 से उपर गया और तुम मरे
00:21दिल्ली और दिल्ली के आसपास के इलाकों में रहने वाले लोगों की जिन्दगी से 10-15 साल कम हो चुके हैं
00:27गंगा कैसे प्रदूशित हो गई? गंगोत्री से प्रदूशन चल रहा है क्या?
00:30बीच में सब भारत के जुगाडू बैठे हुए हैं उद्योगपती
00:34वो अपना-अपना काम करके सारी गंदगी डाल देते हैं
00:37जीडी अगरवाल का नाम सुना या आपने? नहीं सुना क्योंकि मीडिया ने आपको अभी सुना या नहीं
00:42उनका IIT-BHU, IIT रोड की संबन था और Central Pollution Control Board के सदस्य थे
00:47111 दिन तक वो बोलते रहे कि मैं जानता हूँ, मैं इंजीनियर हूँ, मैं सर्चर हूँ, मैं साइंटिस्ट हूँ, मैं सब कुछ हूँ
00:52और मैं खुद सरकारी योहदे पर था पॉलूशन कंट्रोल के
00:55मेरी सुनो तुम अपनी गंगा को मार रहे हो
00:57वो 111 दिन तक विना खाए पिये बैठे रहे, सरकार ने उनसे बात ही नहीं करी हूँ, मर गए
01:01जी हम अपने ग्यानियों की इज़त करते हैं
01:03और देखिए कि हम अपने पहाड़ों के साथ क्या कर रहे हैं
01:07देखिए हम लद्दाक के साथ क्या कर रहे हैं
01:09देखिए हमने उत्राखंड के साथ क्या करा है, देखिए हमने शमला के साथ क्या करा है, और हमें तो प्रक्टरतिका भी दोहन करके बस जेब भरनी है, अपने युवाओं को यही तो सिखा रहे हैं, कुछ भी करके बस जेब भरो, जंगल काट के जेब भरो, हसदेव में देख
01:39तो सरकार तक बात पहुँच जाती है
01:42और मेर वहां का इस्तीफा दे देता है
01:46लोग विरोध करते आंदोलन हो जाता है कि
01:51AQI 10 हो गया
01:53अच्छे शहरों में AQI less than 1 होता है
01:56जाच लिजेगा अगर लग रहा हो कि मैं
02:00कोई भुद्दूर की बात कर रहा हूं तो
02:01अच्छे शहरों में Air Quality Index less than 1 होता है
02:05और उत्तर भारत में अगर 400 से नीचे हो जाए
02:09तो हम कहते हैं आज हवा कितनी सुगंधित और साफ है
02:13और World Health Organization ने बोल रखा है कि 50 से उपर गया
02:19और तुम मरे
02:20दिल्ली और दिल्ली के आसपास के इलाकों में रहने आले
02:25लोगों की जिन्दगी से 10-15 साल कम हो चुके हैं
02:32प्रति दिन जो आप जी रहे हैं उत्तर भारत में
02:37हर दिन पे आपकी जिन्दगी से कुछ घंटे कम हो रहे हैं
02:39ऐसे समझ लो आप कैसा लगा सुनने में
02:41आज आप यहां जी लिए ना
02:43आज आपकी जिन्दगी से कुछ घंटे कम होगा यहां जीने के कारण
02:46और अमेरिका की हवा देख लीजिए
02:48लंदन की थेमस नदी
02:51कभी हमारी यमुना से
02:54ज्यादा प्रदुशित हुआ करती थी
02:55पर ज्यान है उनके पास उन्होंने उसको
02:58साफ कर डाला आज
02:59पॉटेबल वाटर है उसका पॉटेबल वाटर क्या होता है
03:02कि पी लो
03:03हम जर्मनी से गुजर रहे थे
03:07वहां आसपास ऐसे छोटे मोटे
03:10ताल तलईया दिखें जैसे भारत में भी
03:12गाउँ खलियान में दिखते हैं
03:13तो जो मारे मित्र थे गुमा रहे थे बोले थे यह जो पानी है यह पॉटेबल है
03:18यहां नहाने का और पीने का पानी एक होता है
03:23यह यह नहीं होता कि
03:27नहाने का पानी अलग है या आपने वो लगवा रखा है
03:30क्या बोलते हूं जो किचन में लगता है
03:32आरो प्यूरिफायर लगा हुआ है वो सब कुछ भी नहीं लगता नहारे उसी को पीलो इतना साफ है हवा साफ है पानी साफ है और ये तब जबके उनका जबरदस्त अध्योगी करण हो चुका है कैसे करा उन्होंने ये कि सो मुच इंडिस्टिलाइजेशन विथ मिनमम एमिश
04:02पैसा कमाना है मुझे उससे पॉलिशन होता हो तो हो गंगा कैसे प्रदूशित हो गई गंगोत्री से प्रदूशन चल रहा है क्या गंगोत्री से चल रहा है और गंगोत्री से कानपूर पहुंचते पहुंचते गंगा की हालत खराब हो जाती है क्यों बीच में सब भारत के
04:32आधिकारिक, सरकारी
04:33वो गंगा में जा करके बहा देती है
04:41यह होता है जब ज्ञान नहीं होता
04:43उन्होंने अपनी थेमस्कियों साफ करके रखी हुई है
04:47क्योंकि उनको पता है कि उसका दुश परिदाम क्या होगा
04:50हमें कुछ नहीं पता हमारा मीडिया तो हमको दिखा रहा है कि यह देखो यह फलानी है वो पाकिस्तान से आई थी आज उसने साड़ी कौन सी पहनी है
04:57या मुना का पानी क्या कर रहा है हमारे साथ या कानपूर का पानी क्या कर रहा है हमारे साथ
05:09इसका ज्ञान हमें है क्या
05:10ना हमें ज्ञान है ना हमारे परिवार में समाज में ज्ञान की कोई इज़त है
05:14GD अगरवाल का नाम सुना है आपने
05:19नहीं सुना क्योंकि मीडिया ने आपको अभी सुनाया नहीं
05:23उनका IIT BHU, IIT रूर्की से संबंध था
05:29और विदेश की किसी बड़ी उनिवरसिटी से उसका आप नाम खोज लीजेगा
05:34वहां से भी वो शायद PhD करे हुए थे
05:36और Central Pollution Control Board के सदस्य थे
05:41111 दिन तक उपवास करके उन्होंने जान दे दी अपनी गंगा के लिए
05:45ना भारत वासियों ने सुना ना भारत की सरकार ने सुना अभी 2018 में
05:50111 दिन तक वो बोलते रहे कि मैं जानता हूँ, मैं इंजीनियर हूँ, मैं सर्चर हूँ, मैं साइंटिस्ट हूँ, मैं सब कुछ हूँ
05:59और मैं खुद सरकारी योदे पर था
06:02पॉलूशन कंट्रोल के, मेरी सुनो, तुम अपनी गंगा को मार रहे हो
06:06वो 111 दिन तक बिना खाए पिये बैठे रहे, सरकार ने उनसे बात ही नहीं करी हूँ, मर गए
06:112018
06:12इम फ्रिशकेश में मर गए
06:15ये हम अपने ग्यानियों की इज़द करते है
06:20किसी और देश में ये होता
06:23कि वहां का
06:25एक टॉप साइंटिस्ट आमरा रंशन पर बैठा हुआ है, जान दे रहा है, सरकार गिर जाती
06:29पर हमें ग्यान से क्या ले ना देना
06:33ITN के भी इज़द बस इसलिए क्योंकि वो
06:35पैसा कमाता है
06:37आपको ITN भी मिल जाए
06:39जो पैसा ना कमाता हो, उसकी भी इज़द नहीं करेंगे
06:42अमेरिका में कभी शॉपिंग मौल में जाएगा और वहां देखिएगा कि
06:51सबसे ज्यादा भीड कहां पर होती है
06:54वहां
06:57ताज़ुक की बात नहीं, आपको सबसे आदा भीड किसी किताबों की दुकान में मिले
07:00वो पढ़ते हैं
07:03जो किंडल है पूरा ताकि आप आराम से पढ़ सको, ये किसने इजाद करा
07:09अमेरिका की एक कंपनी ने, क्योंकि उन्हें पढ़ना है
07:13तो कहते हैं, मैं फ्लाइट में हो, मैं तो भी पढ़ूँगा, मैं हर जगे पढ़ूँगा, मुझे पढ़ना है
07:21वो एक knowledge based country और एक knowledge based economy है
07:25हम जगार based हैं, हमें कुछ भी करके बस पैसा चाहिए, चाहे घूस से आए, चाहे गंदे काम से आए, चाहे गंदगी फैला करके आए
07:36पैसा आ रहा है ना, काफी है
07:39मैं अमेरिका का गुणगान और एशोगान करने के लिए नहीं बैठा हूँ
07:46दूसरे मौकों पे मैंने अमेरिका की कड़ी निंदा करी है, बहुत मुद्दों पर भरसना करी है
07:51मुझे मालूम है, उनमें कहां कहां खोट है
07:54पर आज जो बात हो रही है, उसमें हमें उन सब लोगों से सीखना पड़ेगा जो जग्यान को इज़द देते है
08:00सब कारिकरम बस उत्यजना वर्धक होते है
08:13ज़्यान वर्धक कौन सी चीज आप देखना पसंद करते हैं, ज़्यान तो आया नहीं कि नींद आ जाती है
08:17रिसर्च पेपर तक तो
08:29हमारी universities में
08:31चोरी करके, copy करके
08:33publish हो जाते है
08:34plagiarism
08:39माने content चुरा करके
08:41अपने नाम से छाप देना
08:42भारत में एक भारी भीमारी है
08:44किताबे किसी और का
08:47माल ले करके चुरा के छाप देंगे
08:48कुछ कर देंगे, अब ही पता लगा
08:50हमारी ही किताबे
08:52अब इतना बोला है, मैंने इतना बोला है
08:54कि उसमें से तुरंट पकड़ पाना
08:56ही मुश्किल होता है, किसी ने काँचो रहा है
08:58पता चला कि एक सज्जन है
08:59जो कहीं से एक chapter उठाते हैं
09:02किसी दूसरी किताब से कोई और chapter उठाते हैं
09:04सब को आपसे मिलाते हैं, अपने नाम से छाप रहे है
09:06और लोग उनको कह रहे हैं
09:08ये उभरते हुए
09:09उदी इमान लेखक है
09:12प्रतिभाशाली, चल रहा है
09:14उनकी किताब भिक रही होगी
09:17उससे पैसा आ रहा होगा इतना काफी है
09:19जुगार चाहिए
09:26पैसा बन जाए बस
09:27अपना नया कुछ नहीं करना
09:36सीखना कुछ नहीं है
09:37कुछ ऐसा लेकर के नहीं आना है
09:39जिसमें सच मुछ वैल्ल्यू हो
09:41चोरी करो, धोखा दो
09:45गर्दन काटो किसी की
09:47मिलावट करो
09:48मिलावटी माल सबसे आदा
09:51किस देश मिलता है बताईएगा
09:52चाहे आपका हींग हो
09:56कि गुड हो, हल्दी हो
09:57और कुछ भी बोल दो
09:59ये जो आप दूद हो गया रहा
10:00बदार से खरीदते हो
10:01सबसे आदा मिलावट कहा होती है
10:04जो मिलावटी लोग है
10:05उसब करोड़पती हुए बैठे
10:06करप्शन इंडेक्स में देख लिए का भारत कहा आता है
10:12सरकार हो कि ब्यूरोक्रसी हो कि व्यापार हो
10:14देख लिए क्या चल रहा है
10:18अभी इलेक्टोरल बॉंड्स परहंगामा है
10:20ऐसे तो हमारे याँ पैसा बनता है
10:25प्रकृतिका नाश करवालो
10:27अमेरिका को कभी आपने ऐसा सोचे ही नहीं
10:35अमेरिका की फोटो आती है तो आपको ऐसा लगता है
10:37कि हाँ इमारते हैं खड़ी बड़ी बड़ी
10:38वहां का जो प्रकृतिक सौंदर है वो तो आपने कभी देखा ही नहीं
10:42हमें बार बार अमेरिका बोलूँगा तो लोग बोल देंगे यह बड़ा आया ग्यानी अमेरिका का चमचा
10:47तो और देशोप की भी बात कर लीजिए
10:49कैनेडा की बात कर लीजिए
10:51पूरे पश्टमी यूरोप की बात कर लीजिए
10:54औस्ट्रेलिया की बात कर लीजिए
10:55वो सिर्फ विकसित नहीं है वो बहुत सुन्दर भी है प्राक्रतिक तलपर
11:06उन्होंने अपनी प्रकरतिक को बहुत प्रेम से संगरक्षन दिया है
11:09उनकी नदिया देखिए उनके जंगल देखिए
11:12उनकी बायोडाइवरसिटी देखिए
11:15और देखिए कि हम अपने पहाड़ों के साथ क्या कर रहे है
11:17देखिए हम लद्दाक के साथ क्या कर रहे है
11:21देखिए हमने उत्राखंड के साथ क्या करा है
11:24देखिए हमने शमला के साथ क्या करा है
11:28और फिर वहाँ भी जाकर देखिए कि उन्होंने अपनी प्राक्रतिक राशी को कितने दुलार से बचा कर रखा है
11:44सडक पार करनी है ना
11:46तो जानवरों के लिए वो ग्रीन ब्रिज बनाते हैं सडक के उपर से
11:52कि कहीं ऐसा नहों कि जानवरों सडक पर आजाए बेचारा मारा जाए
12:02और वो जो ग्रीन ब्रिज है उसको बना पूरा तब माना जाता है सिर्फ
12:08जब ये प्रमानित हो जाए कि जानवरों नो इसका उपियोग करना शुरू कर दिया
12:11क्योंकि जानवरों के साथ अब जबरदस्ती तो कर नहीं सकते
12:14तो जो overhead ऐसे bridge बनाया जाता है
12:18उस पर तरह तरह के लता ही लगाई जाती है
12:21और अगल बगल पेड लगाई जाते हैं
12:23उसको पूरा green कर दिया जाता है
12:24ताकि पशु को ऐसा लगे कि
12:27यह जंगल ही है प्राक्रति की है और फिर पशु उसको
12:31और उसको इतना मस्बूत बनाया जाता है कि उस पर भारी जानवर भी निकल जाए
12:34उसको पूरा हरा करा जाता है
12:40और इतना मस्बूत बनाया जाता है कि भारी जानवर भी इसके उपर से निकल जाए
12:43वो इतनी कद्र करते हैं
12:45अपनी प्रक्रती की
12:46और हमें तो प्रक्रती का भी दोहन करके बस जेब भरनी है
12:49अपने युवाओं को यही तो सिखा रहे हैं
12:51कुछ भी करके बस जेब भरो
12:52जंगल काट के जेब भरो
12:54हसदेव में देख लीजे क्या कर रहे हैं
12:56जंगल काटो जेब भरो
12:57एक बतक पार कर रही हो सड़क अपने चूजों के साथ
13:10इधर ट्राफिक रुख जाएगा पंदरा मिनट को उधर ट्राफिक रुख जाएगा पंदरा मिनट को
13:14जब वो पूरी निकल जाएगी तो लोग निकलेंगे
13:26और सच पूछिये ना तो हमसे बहुत सीधे लोग होते हैं
13:31अब मैं ये बोल रहा हूँ तो बहुत लोग कहेंगे ये राश्ट द्रोही है
13:34एंटी नैशनल है ये कह रहा है कि अमेरिका वाले सीधे होते हैं भारत वाले टेड़े होते हैं
13:40पर सच बोलना मेरा दाईत तो है तो बोले देता हूँ
13:45जितना जुगार चल कपट हमने अपनी विवस्था में बना रखा है ना उतना नहीं होता और देशों में
13:51कुछ देशों में होता होगा अपवाद होते होंगे पर कम से कम पढ़े लिखे विक्सित देशों में
13:57उनको हमारा चल कपट समझ में ही ना आए विदेशी भारत आता है तो बहुत लुटता है भारत जब भारती ये जब विदेश जाता है तो वहां से शिक्षा पाता है आउसर पाता है धन कम आता है यही होता है ना जब भारती ये बाहर जाता है तो देखिए उसों कैसे अन�
14:27थी उनका गैंग भारती ये महिला अमेरिका जाएगी उसका गैंग रेप नहीं होगा और विदेश की महिला भारत आती है तो उसका गैंग रेप हो जाता है तो बताइए सीधा कौन है भारत वाला या विक्सित मुलकों वाला और वो सीधा इसलिए है क्योंकि वो सीधा रास्त
14:57बच्चों के साथ बातचीत करिए
15:03बच्चों में जिग्यासा जागरित करिए
15:05बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करिए
15:07पढ़ना माने स्कूल वाला ही पढ़ना नहीं
15:09वो घर में भी पढ़ें, किताबें किसलिए होती हैं
15:11किताबों से अच्छा मित्र कोई होता है
15:13और पैसे के चकाचौन से बच्चे को दूर रखिये
15:20उसके बाद जब वो बड़ा होगा तो यह नहीं कहिए
15:24कि मुझे तो बस जुगाण करके स्टार्टप बनानी है
15:26स्टार्टप से मुझे कोई समस्या नहीं है
15:29मैं चाहता हूँ और ज़्यादा स्टार्टप हो
15:31बहुत अच्छी बात है और यूनिकॉंस भी हो
15:34लेकिन ऐसे नहीं कि क्या करती है तुम्हारी स्टार्टप सब स्मार्ट एप्स बना रहे है
15:40बस्टार्टप पूरा जो एको सिस्टम भारत में हो क्या है
15:43इनोवेशन है क्या उसमें
15:44अब स्टार्टप बन रही है कि तुम बटन दबा दोगे
15:48तो कोई आके तुम्हारे घर तुम्हारी गाड़ी साफ कर देगा
15:50इसे एकनॉमी में वैल्यू एडिशन क्या हो रहा है
15:52कितना हो रहा है बताओ मुझे
15:53पर यह कंपनी चल जाएगी क्योंकि लोगों गाड़ियां साफ कर रहा है
15:56तो अच्छा बिजनेस आइडिया है
15:57कि मैंने स्टार्टप क्या करा है
16:00एक एप बनाईए वो एप क्या करती है
16:02आप उसमें अपना घर डाल दोगे
16:05और पता और समय बता दोगे
16:07तो वो आएगा और गाड़ी का नंबर लिख दो
16:09गाड़ी आपकी साफ करके चला जाएगा
16:10इसमें और गूगल में कुछ अंतर होगा
16:16गूगल भी एक स्टार्टप था
16:19और ये भी एक स्टार्टप है
16:20दोनों में अंतर समझ पा रहे हो कितना है
16:22गूगल ने वैल्यू एडिशन करा है
16:24इसमें कितना वैल्यू एडिशन है कोई आगे तुम्हारी गाड़ी साफ करके चला गया
16:27और भारती स्टार्टप सब
16:30कोई आएगा तुम्हारे घर खाना पहुचा जाएगा
16:32अब वो बिलियं डॉलर वैल्यूेशन होगया वगा
16:36लेकिन इसमें तुमने कौन साफ तीर मार दिया है
16:39की तुम्हारे घर घहाना पहुचा रहा है
16:40लेकिन कदर बहुत है अरे बाग कितना घजब का काम कर दिया
16:44क्या कर दिया
16:45वो वेज बिरियानी घर पर दे देता है, फसी थे, घजब का काम कर दिया, इसमें और एपल और गूगल में कुछ अंतर दिख रहा है कि नहीं दिख रहा है, हमारा स्टार्टप भी उनके स्टार्टप से रहा है, उनका स्टार्टप नॉलेज बेस्ड है, हमारा स्टार्टप �
17:15बच्चों को सही संस्कार दीजिए
17:20ज्यान के प्रति उनमें सम्मान का भाव दीजिए
17:24फिर आगे बहुत कुछ ठीक चलेगा
17:26पैसा बुरी बात नहीं
17:28लेकिन फिर दोरा रहा हूं
17:30लक्षमी को सरस्वती के पीछे पीछे ही आना चाहिए
17:33जब बिना सरस्वती के लक्षमी आ जाती है तो परिणाम घातक होता है
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