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  • 5 days ago
"इस कहानी में एक अनोखी सीख छुपी है जो आपके जीवन को बदल सकती है! यह कहानी न केवल बच्चों के लिए बल्कि बड़ों के लिए भी एक प्रेरणा साबित होगी। अगर आपको नैतिक कहानियाँ (Moral Stories), प्रेरणादायक कहानियाँ (Inspirational Stories) और हिंदी लघु कथाएँ (Short Stories in Hindi) पसंद हैं, तो यह वीडियो आपके लिए है। पूरी कहानी देखें और अपने विचार हमें कमेंट में बताएं!


🔹 वीडियो की खास बातें:
✅ सुंदर एनीमेशन और इमोशनल कहानी
✅ हर उम्र के लिए अनुकूल
✅ सीखने और समझने योग्य नैतिकता

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Transcript
00:00इतनी बड़ी कमपनी के CEO हो आप
00:02और मुझ जैसी लड़की से बात करने में हिचक रहे थे
00:05तुम जैसी कोई नहीं है
00:08मुसकान तुम बैस्ट हो
00:09और लड़कों के मामले में मैं थोड़ा धीला हूँ
00:12बात करने में सच में हिचक चाहट होती है
00:16मुझे भी आप बहुत पसंद है आरफ सर
00:21लेकिन जब मेरे मा बाबा इस रिष्टे को पसंद करेंगे
00:24तब ही मैं शादी कर पाऊंगी
00:25उनकी मर्जी के खिलाफ मैं कुछ नहीं कर सकती
00:28हाँ बिल्कुल मैं कली अपने पापा को भेज़ दूँगा
00:31दोनों एक दोसे को देखते हैं
00:33अगले दिन आ रहा हो अपने पापा को सब बताता है
00:35पापा मुझे मुझे मुस्कान से शादी करने है
00:38आप रिष्टा लेकर उसके घर चले जाईए
00:40हाँ ठीक है बेटा मैं चला जाओंगा
00:43पापा के साथ चारो भाई और देवरानिया भी तयार हो जाती है
00:46मगर मा और बहन साफ शब्दों में मना कर देती है
00:49मैं इस रिष्टे के लिए कभी राजी नहीं हो सकती
00:51और ना ही मेरी बेटी प्रियंका इसमें शामिल होगी
00:54प्रियंका अपना से रह लाती है
00:56लेकिन पापा बिना उनकी परवागिये परिवार के बागी लोगों को लेकर मुस्कान के घर निकल जाते हैं
01:01मुस्कान का घर छोटा सा लेकिन बहुत साफ सुतरा था
01:04वहां मुस्कान के माता पिता आदर सम्मान से सब का स्वागत करते हैं
01:08भाई सहाव हमें आपकी बेटी मुस्कान बहुत पसंद है और में बेटा आरव आपकी बेटी मुस्कान से शादी करना चाहता है
01:17मुस्कान के माबाब एक दूसरी की तरफ खुशी से देखते हैं
01:21हमें ये रिष्टा मन्जूर है हमें और क्या चाहिए जब हमारी बेटी को इतना अच्छा और जीवन साथ ही मिल रहा है
01:30दोनों तरफ से हाँ हो जाती है दोनों घर में खुशी का माहुल चाह जाता है
01:34कुछी दिनों बाद आरव और मुस्कान की शादी धुमधाम से होती है
01:37आरव शेरवानी में राजकुमार की तरह सजा बैठा है और मुस्कान सिंपल लेकिन बेहत खुबसूरत बुलहन लग रही थी
01:43विवामंत्रों की आवाज भूलों की बारिश और तालियां बजती है
01:47शादी के बाद मुस्कान पहली बार अपने नई घर में कदम रखती है
01:50दरवाजे पर पूरा परिवार इंतिजार कर रहा था मगर सास अपने कमरे में बंद बैठी थी
01:55मुस्कान और आरव गेट पर खड़े रहते हैं
01:57चारों भाई और पापा ग्रह प्रवेश के लिए तयार खड़े होते हैं
02:00सास के कमरे में देवरानिया उसे मनाने की कोशिश कर रही थी
02:04देवरानिया नकली मुस्कान के साथ महां से निकल जाती हैं
02:28गेट पर चारों देवरानिया आती हैं
02:29सबसे बड़ी देवरानिया आरती थाली उठाकर आरती करती है
02:32बागी तीन फूल बरसाती हैं
02:34पापा और चारों भाई ताली बजाती है
02:36जिठानी ची आपका इस घर में स्वागत है
02:39ममी ची कहां है?
02:41वो आई नहीं क्या ग्रह प्रवेश करने?
02:44अरे भाबी आपको तो पता ही है
02:45ममी जिने सारी शॉपिंग की थी शादी के वकट भी पूरा दिन खड़ी रही थी
02:48इसी वज़ा से नहीं आई
02:49क्या हुआ भाबी हम चारों आपको अच्छी नहीं लगी क्या?
02:53नहीं ऐसी कोई बात नहीं है
02:55मैं तो बस पूछ रही थी
02:56ग्रह प्रवेश पूरा होता है
02:58सब खुश दिखते हैं
03:00पर मुस्कान को अच्छा नहीं लगता
03:01क्योंकि सास और नंद ग्रह प्रवेश में नहीं आते
03:03मुस्कान सास के कमरे की ओर जाती है
03:05गेट पर नौकर खड़ा होता है
03:07अरे छोटी मालकिन
03:09वर्ली मार्किल ने कहा है कि किसी को अंदर मत आने देना, उनकी सिर में बहुत दर्द हो रहा है
03:15अच्छा ठीक है
03:16वो चुपचाप वहाँ से चली जाती है, मुस्कान अपनी नंद के कमरे में जाती है, अंदर नंद मुबाइल चला रही होती है
03:23मुस्कान चुपचाप बाहर निकल जाती है, उसके आखों में हलकी सी नमी आ जाती है
03:41अगले दिन मुस्कान की पहली रसोई का दिन होता है, सुबह से ही वो बड़ी महनत से तरह तरह के व्येंजन बनाने में लग जाती है
03:47रसोई में उसकी लगन देखकर घर के बाकी लोग बेहत खुश होते हैं, टेबल पर पापा, चारो भाई और देवरानिया बैटती हैं, सब के सामने मुस्कान के हाथ का बना खाना रखा होता है
03:57बेटा मुस्कान, बहुत बढ़िया बनाया है खाना, आज तो बच्पन की यादे ताजा हो गए
04:10सब हंसते मुस्कुराते खाना काते हैं, मुस्कान के चेरे पर हलकी मुस्कान आ जाती है, लेकिन दूसरी ओर सास और नंद चुपचाब मुँ बनाये बैठी रहती है
04:18ममी जी दीदी, आपने अभी तक खाना चखाई नी, प्लीज एक बार टेस्टो करके देखो कैसा बना है
04:24सास का चेरा और भी घुस्से से भर जाता है
04:27रामू, ये गंदा खाना यहां से हटा ले और इसे डस्ट बिन में डाल दे
04:31और हाँ, मेरे लिए एक ओमलेट बना दे और छोटी के लिए छोले भटूरे
04:34हम ये गवारो वाला खाना नहीं खाएंगे
04:37हाँ ममी आप बलकुल सही कह रही है
04:39दोनों उठकर वहां से चली जाती है, टेबल पर सब शान्त हो जाते है
04:43मुसकान चुप खड़ी रहती है, उसके आखों में आसु आ जाते है
04:46सास और नंद की कठोर बाते सुनकर मुसकान अपने कमरे में चली जाती है
04:50और उदास होकर बैट जाती है, तभी चारों देवरानिया मुसकुराती हुए उसके पास आती है
04:54दीदी आप चिंता मत करो, ममी थोड़ी नाराज है भया को लेकर
04:58लेकिन ये नाराजगी जादा दन नहीं टकेगी, धीर धीर सब ठीक हो जाएगा
05:01नहीं आरती, मुझे लगता है कि ममी ची को मैं पहले से ही पसंद नहीं थी
05:06अरे दीदी आप कैसी बाते करे हो, आपको सब बहुत पसंद करते हैं और सबसे जादे तो हम चारों को आप बहुत ही पसंद दो
05:12हाँ दीदी आप हमारी बड़ी बहन जैसी हो
05:15और जबसे आप आई हो ना, हमें तो लगता है कि घर में सच मुझे एक बड़ी बहन मिल गई है हमें
05:20जबसे मैं आई हूँ तुम चारों ने मुझे अपने घर की कमी महसूस नहीं होने दी
05:25हर वक्त मेरे साथ रहती हो, बाते करती हो, तुम भी मेरी छोटी बहनों जैसी हो
05:30तो पिर अब फिक्र छोड़ दीजे, हम सब आपके साथ हैं हमेशा
05:35चारों देवरानिया मुसकान को गले लगाती हैं, मुसकान की आखों में आशू होते हैं लेकिन दिल में एक सुकून भर जाता है
05:41एक दिन घर में सब लोग बैट कर बाते कर रहे थे, तभी नंद और सास केरल ट्रिप का प्लान बनाती हैं, घर में अचानक खुशी भर जाती है
05:48ममी मैंने और मेरी फ्रेंड ने केरल का टूर पैकेश देखा है, सब चलते हैं
05:52हाँ, अच्छा है, बहुत टाइम हो गया, कहीं गूमने नहीं गया
05:56ममी आप लोग जाये, मैं नहीं जा पाऊंगा, ओफिस का बहुत काम है
05:59बागी सब लोग अपनी अपनी पैकिंग में लग जाते हैं, पैकिंग खतम होते ही, तभी एक देवरानी सास के पास आती है
06:05ममी जी, मुस्कान दीदी को भी साथ ले चलिए
06:08अच्छा, हम उसे लेकर नहीं जा रहे, तुम्हें चलना है, तो चलो वरना तुम भी यहीं रहो
06:14ममी जी, आप ऐसे क्यों कह रही हो, आरफ भेरा तो काम में बिजी रहेंगे
06:18ठीक है, तो फिर ऐसा कर लो, या तो मैं जाऊंगी, और छोटी जाएगी, नहीं तो वो गवार जाएगी तुम्हारे साथ
06:24और अगर इतनी हम दर्दी हो रही है, तो तुम चारो भी यहीं रह जाओ
06:28चारो देवरानिया चुप हो जाती है और मजबूरी में अपने बैग उठाकर चलने लगती है
06:32तब ही एक देवरानी चुप चाब मुस्कान के पास आती है, उसके आखों में उदासी होती है
06:36सब चले जाते हैं और मुस्कान दर्वाजे पर अकेली खड़ी रह जाती है
06:58मैंने 20 दिन की चुट्टी लिए है
07:00चलो इस बार सब कहीं चलते हैं
07:04चारो भाई और देवरानिया बहुत खुश हो कर ताली बजाते है
07:07इस बार तो पूरा मज़ा आने वाला जेट जी और जेठानी जी भी जाएंगे
07:11तो भाईया क्यों ना इस बार लंडन चले हम सब
07:15मैंने जेठानी जी को देखा था वो टीवी में लंडन के ब्रिज वहां की
07:17लड़कियों को देखकर बहुत खुश हो रही थी
07:19क्या ये कवाल लड़की लंडन खुमेगी गाओं से सीधा बाहर
07:24हा ममी क्यों नहीं गुम सकती वो और भूलिया मत वो अब इस घर का हिस्सा है
07:28तो लंडन डन भाया आप तो बस देखिये का हम चारों मिल कर दीदी को पुरा लंडन घुमाएंगी
07:33सब जल्दी जल्दी पैकिंग करके कार में बैठते हैं और ये अपोर्ट पर पहुंचते हैं मुस्कान की आखे चमक जाती है
07:38सब लोग लंडन पहुंच जाते हैं आराम करके वो सीधा लंडन आई में चड़ते हैं
07:59मुस्कान उपर देखकर डर जाती है अरे इतना उचाह मुझे तो उचाही से डर लगता है
08:05आरे दीदी डर ये मत उपर से थना खुब्सूरत व्यू दिखता है कि आप बस देखती रह जाओगी
08:09उपर पहुँचकर मुस्कान की आखे चमक जाती है
08:12वाह मैं तो अब तक सिर्फ मेले के जूलों में ही चड़ी थी लेकिन इतनी उचाई से इतना सुन्दर नजारा कि ये तो सपनी जैसा है
08:20पिचारों देवरानी जिठानी लंदन ब्रिज पर घूमती हैं तस्वीरें कलिक करते हैं उसके बाद अगली जगा होती है म्यूजियम में देवरानिया मुस्कान को गाइड की तरह सब समझाती है
08:29सब हंस्ते और आगे बढ़ते हैं देवरानिया मुस्कान को अक्सफोर्ड स्ट्रीट चॉपिंग में लेकर जाती है और नई कपड़े पहनाती है उसकी साड़ी की जगह उसे वेस्टर्न ब्रेस ट्राई कराती है मुस्कान पहले जिरकती है फिर सब के कहने पर पहन लेती है
08:59सास को आइस क्रीम देने जाती है तब ही एक चोड नंद के गले पर चाकू लगा देता है बचाओ छोड़ दो मुझे क्या चाहिए तुम्हें यो कुछ भी ऐस बैक से जल्ली निकालाओ कम ओन हरे आप मुस्कान तुरंत अपनी होश्यारी से चोड को सैंडल मारती है और चो
09:29और हर बार तो जे नीचा दिखाया लेकिन तुने मेरी बेटी की मदद के उसके लिए तेरा बहुत बहुत धन्यवाद अरे ममी जी दीदी मेरी भी दीदी है और आप मेरी भी मा हो इसमें धन्यवाद की कोई बात नहीं
09:41सास और नंद की आँखे नम हो जाती हैं, शाम को सब होतेल की बालकनी में बैठे हुए चाय पीते हैं
09:47वा, तुम चारों ने तो अपनी ही ट्रिप बना ली, मैं तो बीबी को घुमाने आया था और तुम लोगों ने इसे गल्स ट्रिप बना दिया, सब हस पढ़ते हैं
09:55मुस्कान और आरव एक दूसरे को देखकर मुस्कुराते
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