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  • 5 weeks ago

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Transcript
00:00ये है वो जहाज जो युनाइटिड अरब एमिरेट्स में ग्लाउड सीडिंग के जरीए आर्टिफीशल बारिश करवाता है।
00:06इसका रिजिस्ट्रेशन नमबर N6151A है और ये अमेरिका की प्राइविट कमपनी का जहाज है।
00:13फ्लाइट टेटा रिकॉर्ड में देखने पर मुझे मालूम पड़ा कि इसी रिजिस्ट्रेशन नमबर का जहाज दुबई में फ्लड से सिर्फ एक दिन पहले 15 एपरिल 2024 शाम को चार बजे अबुदावी में जायद इंटरनेशनल एरपोर्ट से टेक आफ हुआ।
00:28सैटलाइट व्यू के रिकॉर्ड में देखने पर मालूम पड़ा कि ठीक इसी दिन और इसी वक्त यूनाइटिड अरब एमिरेट्स के ओपर काफी सारे बादल थे जिनको बरसाना शायद इसी जहाज की जिम्हदारी थी।
00:40टेक आफ के बाद ये जहाज कहां गया और इसने क्या कुछ किया इसके बारे में वीडियो में आगे चलके बात करते हैं।
01:01पर इस बार कुछ दिनों नहीं बलके कुछ घंटों में ही इतनी बारिश हो गई जितनी दुबई पूरे साल में देखता है।
01:08दुबई के शानदार एडमिनिस्ट्रेशन सिस्टम की वजा से इसको मिनी यॉरप भी कहा जाता है।
01:13लेकिन इस बार मिनी यॉरप में लाखों गाड़ियां, घर, शाप्स और आफिसे पानी में डूप गए और अगले पांच दिनों तक पानी को निकालना दुबई गवर्मिन्ट का सरदर्द बना रहा।
01:24क्या ये दुबई में कलाउड सीडिंग का नतीजा था या फिर इनका सीवरिज सिस्टम फेल हो गया और अगर हां तो कैसे।
01:3314 अपरिल 2024 को गल्फ आफ उमान से बारिशों का एक सिलसला तेज दुफान के साथ उमान में दाखिल होता है और मुसलादार बारिश सबसे पहले उमान को हिट करती है।
01:45सडकों पर पानी जमा हो जाता है और 20 लोगों का जानी नुकसान होता है।
01:50देखते ही देखते ये सिलसला 16 अपरिल तक UAE में दाखिल हो जाता है।
01:56शुरुआत में इसको एक नॉर्मल बारिश ही समझा गया जो के 20 अमेम तक थी।
02:00लेकिन देखते ही देखते बारिश बढ़ती गई और सिर्फ चंद घंटों में ये 20 अमेम से 142 अमेम यानी करीब 5.5 इंच तक पहुंच जाती है।
02:11दुबाई की बिजी रोड्स पर कई कई फुट गहरा पानी खड़ा हो जाने की वज़ा से यहां ट्रैफिक का निजाम धरम भरम हो जाता है।
02:19लोग अपने घरों में कैद हो जाते हैं जबके कुछ एरियाज में तो घरों के अंदर भी कमर जितना पानी जमा होने की इंफॉर्मेशन मिली है।
02:28बहुत सी वीडियो में देखा जा सकता है कि लोगों के घरों में कीमती समान पानी की वज़ा से तबाह हो गया है।
02:35तमाम शौप्स बंद होने की वज़ा से लोगों के पास खाने पीने की अशिया भी खतम हो जाती हैं और लोग भूग की वज़ा से बेहाल हो जाते हैं लेकिन बारिश रुकने का नाम ही नहीं गया।
02:47यहां तक के दुबई इंटरनेशनल एरपोर्ट जहां नॉर्मली दिन में हजारों फलाइट्स लैंड होती हैं रनवे पर गुटनों जितना पानी खड़े होने के बाइस फलाइट रिडार पे ये एरपोर्ट कुछ ऐसा मनजर पेश करने लगा।
03:00जो जहाज एरपोर्ट पर थे वो वहीं खड़े के खड़े रह गए जबके आने वाली तमाम फलाइट्स को डाइवर्ट किया जाने लगा।
03:07एरपोर्ट पर मौझूद मुसाफरों का सफर घंटों के बजाए अब दिनों में तबदील हो जाने लगा।
03:13मामूली सी दिखने वाली बारिश धीरे धीरे दुनिया के सबसे तरकी आफ़ता शहर को पूरी तरहां जैम करके रख देती है
03:21और स्कूल्स आफिसेज को अननोन डियूरेशन के लिए बंद कर दिया जाता है
03:26दुबई की एक मशूर इंशूरेंस कमपनी के मालिक का कहना है कि सिर्फ एक हफ़ते में हमें हजारों की तादाद में गाडियों के इंशूरेंस क्लेम्स मौसूल हुए हैं
03:35जो पहले के मकाबले में 400% ज्यादा है
03:38इसी तरहां रेस्टांट्स और शॉप्स की तरफ से लाखों धरम्स की इंशूरेंस क्लेम्स मौसूल हो चुके हैं जो हमारे लिए बहुत ज्यादा है
03:46मेटियोलोजिकल अथॉरिटीज का कहना है कि 1949 से वेदर का डेटा रिकॉर्ड करना शुरू किया गया था
03:53और 1949 से लेकर अब तक यानी 75 सालों में ये UAE में होने वाली सबसे ज्यादा बारिश थी
04:01मगर असली सवाल जो सब के जहन में मौझूद है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि दुनिया का खुशक तरीन इलाका इस कदर शदीद बारिश की लपेट में आ आ गया
04:10बारिशों से तबाही के बाद सोशल मीडिया पर ये अफवा पहलने लगी कि ये बारिश दुबई की क्लाउट सीडिंग का नतीजा है
04:17क्या ये अफवा वाकई सची है
04:2015 अपरिल 2024 शाम 4 बजे के करीब अबुदावी एरपोर्ट से N6151A रिजिस्ट्रेशन नमबर वाला जहाज टेक आफ हुआ जो नॉर्मली पहले भी UAE क्लाउट सीडिंग एक्टिविटी में देखा गया है
04:34इसके रूट में देखा जा सकता है कि पहले वो सीधा United Arab Emirates के East Coast पर मौझूद पहाड़ी एरिया के उपर गया और वहां गोल गोल चक्कर लगाए
04:44फिर उसने शारजा के East में दो अलग अलग लोकेशन्स पर ऐसे ही गोल चकर दुबारा से लगाए
04:51और फिर फाइनली दुबाई के East में भी लहबाब के उपर गोल चक्कर लगाने के बाद करीब शाम को साड़े पांच बजे वापस अबूदाबी एरिपोर्ट पर लेंड कर गया
05:01लेकिन United Arab Emirates के National Center for Meteorology के डिप्टी डिरेक्टर का कहना है कि क्लाउड सीडिंग का जहाज उस दिन टेक आफ तो जरूर हुआ था लेकिन इसने सीडिंग एक्टिविटी नहीं की थी
05:13क्लाउड सीडिंग दुबई में पहली बार 1990 में यहाँ पानी की शौटेज से निमटने के लिए शुरू की गई थी
05:21क्लाउड सीडिंग का बेसिक रूल यह है कि जब भी ऐसे बादल देखे जाएं जो अभी बन रहे हों उस वक्त उनके उपर जहाज के जरीए पार्टिकल्स स्प्रे किये जाते हैं जो मोस्टली नमक या फिर सिल्वर आयोडाइड होता है
05:34यह नमक जब बादलों में मजूद मौस्चर से कॉंटेक्ट में आता है तो वेपर्स पहले आइस क्रिस्टल्स में कनवर्ट होते हैं और फिर भारी होने की वज़ा से बरसना शुरू हो जाते हैं नीचे आते आते जैसे ही टेमपरिचर चेंज होता है तो यह बरफ से ड्र�
06:04क्लाउड सीडिंग का ही नतीजा था या नहीं क्योंकि लोगों का कहना है कि पहले से आने वाले तूफान की वज़ा से क्लाउड सीडिंग ने इस पर कैटलिस्ट का रोल प्ले किया और तभी मामला दुबई के हाथों से निकल गया पर मेरी जान से ये मालूम पड़ता है कि
06:34थे एक्सपर्टका भी कुछ इसी तरहा का खयाल है वैदर एक्सपर्ट का कहना है कि क्लाउड सीडिंग से बारश जरूर होती है लेकिन इस कदर ज्यादा बारश नहीं के सेलाब की सूरत पैदा हो जाए
06:45माहिरीन का कहना है कि क्लाउड सीडिंग से बारिश पैदा नहीं की जाती बलके बारिश तो पहले से हवा में मौजूद होती है उसको सिर्फ बरसाया जाता है इसी लिए क्लाउड सीडिंग को इस फलड का जिम्मिदार ठहराना किसी सूरत भी ठीक नहीं है
06:59Imperial College of London की एक मशूर Climate Expert Friedrich Otto का कहना है कि ये बारिशें इनसानी Climate Change का नतीजा है यानि हमारी गलतियों की वज़ा से जो दुनिया भर का मौसम तबदील हो रहा है जिसमें हमारे Agriculture Process, Industrial Process और जंगलात का खात्मा शामिल है
07:18Climate Change से तो पूरी दुनिया ही मतासिर है और अगर इसका हल ना निकाला गया तो आने वाले चंद सालों में शदीद मौसमी तबदीलियों से पूरी दुनिया को नुकसान उठाना पड़ सकता है
07:29माहिरीन का ये भी कहना है कि अगर ऐसी बारिशें किसी ऐसे मुलक में होती जहां बारिशें होती हैं तो शायद इस कदर नुकसान ना होता जितना United Arab Emirates और उमान में हुआ है
07:41इसकी वज़ा ये है कि UAE और उमान में अमूमन ज्यादा बारिशें नहीं होती इसलिए यहां proper drainage सिस्टम मौजूद नहीं है और शहर को फलड जैसी सूरते हाल से निमटने के लिए तयार नहीं किया जाता
07:55दुबई का recent flood जाहिर करता है कि शहरी engineering climate change के test को fail कर चुकी है
08:02पहली बात ये कि हमें नहीं बूलना चाहिए कि दुबई रेत पर बनाया गया था
08:07वो रेत जो पानी को आसानी से absorb कर लेती है
08:11लेकिन इसी रेत को अगर हम concrete डाल कर ढख दें तो जाहर है उसकी पानी absorb करने की सलाहियत कम हो जाएगी
08:19और ऐसा ही कुछ दुबई के साथ भी हुआ है
08:22रियल स्टेट डवेलपर्स ने दुबई के natural terrain को बदल दिया है
08:26और अब यहां की जमीन पानी को बहुत कम absorb करती है
08:30यही वज़ा है कि हर कुछ सालों के बाद यहां के सीवरेज सिस्टम को बढ़ाना पड़ता है
08:35दूसरा मसला यह भी है कि दुबई की population दिन बदिन बढ़ती जा रही है
08:40और population के साथ waste भी बढ़ता जा रहा है
08:43दूबई की सडकों पर हमें कच्रा नजर नहीं आता लेकिन इस कच्रे को कहीं न कहीं तो जाना है
08:49दूबई का सीवरेज सिस्टम इतना बड़ा नहीं है कि 142 mm की बारिश का पानी अचानक से निकाल सके
08:56लहाजा जब पानी खड़ा होना शुरू हुआ तो उसने कच्रे को भी अपने साथ बहा कर
09:01पहले से छोटे सीवरेज सिस्टम को आसानी से ब्लॉक कर दिया और मसला बद से बद्दर हो गया
09:08आम तोर पर जब ऐसी सुरतिहाल पैदा होती है तो उस वक्त ब्लॉक्ट सीवरेज लाइन को आइडन्टिफाई करना बहुत मुश्किल काम होता है
09:16ऐसा सिर्फ दुबई में ही नहीं बलके दुनिया की दूसरी डेवलेप्ट सिटीज में भी देखा गया है
09:22पिछली बारिशों में न्यू यॉक्ट सिटी का भी कुछ ऐसा ही हाल था
09:25स्कूल्स रोड्स और घरों में पानी खड़ा हो गया
09:29सीवरेज लाइन्स जो अलरेडी पानी में मिट्टी की वज़ा से आधी आधी चोप थी
09:33जब अचानक उसमें ज्यादा पानी आया तो वो बरदाश्ट नहीं कर पाई
09:37ये बात सुनने में थोड़ी अजीब लगती है लेकिन दुबई में अभी तक भी
09:42काफी एरियाज को सीवरेज कनेक्शन नहीं दिये गए
09:45यहां तक के दुनिया के सबसे उन्चे स्काइस क्रेपर बुर्च खलीफा को भी नहीं
09:51बुर्च खलीफा का सारा वेस्ट एक सेप्टिक टैंक में जमा होता है
09:55और उसको डेली बेसेस पे डंपर्स की मदद से खाली किया जाता है
09:59खुश किसमती से 16 एपरिल की बारिश में दुबई के पास रिसूर्स और टेकनोलोजी के साथ साथ बहतर मैनेजमेंट माजूद थी
10:06इसलिए जल्द अस जल्द टैंकर्स और मशीनरी की मदद से ज्यादा तर लोकेशन्स पर से पानी निकाल लिया गया
10:13और सिस्टम को बहाल कर दिया गया
10:16लेकिन ये आखरी बारिश नहीं थी
10:18ऐसी बारिशें फिर से हो सकती है क्योंके क्लाइमिट चेंज का खतरा हर वक्त सर पे मंडला रहा है
10:24इसलिए दुबई के रूलर शेख मुहम्मद बिन राशिद अलमख्दूम ने
10:28दुबई में एडिशनल सीवरिज लाइन्स के लिए
10:31असी अरब धरम की मनजूरी दे दी है
10:34यानि ये इतनी ही रकम है जिसमें पंदरा बुर्ज खलीफा दुबारा से बनाए जा सकते हैं
10:40उमीद है जैम टीवी की ये वीडियो भी आप लोग भरपूर लाइक और शेयर करेंगे
10:44आप लोगों के प्यार भरे कॉमेंट्स का बेहत शुक्रिया
10:47मिलते हैं अगली शांदार वीडियो में
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