00:00एक बार राजा अगबर और बीर्बल किसी बात पर चर्चा कर रहे थे।
00:07तब बात करते करते राजा अगबर ने बीर्बल से कहा,
00:12बीर्बल, हर एक सो लोगों के पीछे एक दृश्टिहिन अंधा व्यक्ति होता है, ऐसा कहते हैं।
00:20तुम्हारी इस बारे में क्या राय है।
00:23एक पल सोचकर बीर्बल ने उत्तर दिया,
00:27महराज, मेरे विचार से इस दुनिया में देखने वालों से अंधों की संख्या ज्यादा है।
00:34बीर्बल का ये उत्तर सुनकर, राजा अगबर को आश्चरे हुआ।
00:39बीर्बल का ये उत्तर सुनकर, राजा अगबर को आश्चरे हुआ।
00:43राजा ने कहा,
00:45ऐसे कैसे कहते हो बीर्बल, हम आसपार देखे तो सामान यतहा जो देख सकते हैं,
00:52उनकी संख्या अंधव्यक्तियों की तुलणा में कहीं ज्यादा होती है।
00:56ऐसा ही दिरिक्षन भी है।
00:58महाराज, मैं आपको किसी दिन मेरी बात सब प्रमान साबित करके दिखाऊंगा।
01:05महाराज, मैं आपको किसी दिन मेरी बात सब प्रमान साबित करके दिखाऊंगा।
01:10उस दिन ये बात वही पर रुख गई, और राजा अकबर इस बात को भूद भी गए।
01:17तिन चार दिन बाद, बीर्बल एक रसी के चौपाई का एक चौख्टा लेकर,
01:23और कुछ रसीं की पोटली लेकर दिल्ली के भीड वाले चांधरी चौख में बीच सडग बैठ गया, और उस रसी से चौपाई बादने का काम शुरू कर दिया।
01:35बीर्बल ने दो मुनी मों को उसकी दाईं और बाईं और कागस कलम लेकर बिठाया।
01:42हर कोई आदमी जो चांधरी चौख से गुजरता उसने बीर्बल की एक कृती देखकर आश्चरिय किया और कुतुहल से उसे देखने लगा।
01:53जमा हुई भीड से एक ने पूछा,
01:57क्यो बीर्बल जी, क्या कर रहे हैं?
02:01बीर्बल ने कुछ जवाब नहीं दिया, सिर्फ बाईं और जो मुनीम बैठा था उसे कहा,
02:07तुम्हारे पास जो सूची है उसमें एक और जोड दो।
02:12फिर दूसरा कोई वहाँ आया और उसने बीर्बल से पूछा,
02:16आज आपने ये क्या आरंभ कर दिया है?
02:20हाँ, तुम्हारे पास जो अंधो की सूची है उसमें एक और जोड दो।
02:25फिर तीसरा शक्स आया और उसने पूछा,
02:29क्यों बीर्बल जी इतने धोप में आप रस्ती की चौपाई क्यों बाद रहे हो, क्या हुआ?
02:37बीर्बल ने उनकी बाई ओर जो मुनिम बैठा था उसे कहा,
02:42तुम्हारे पास जो देखने वालों की सूची है उसमें एक जोड दो।
02:47उसके बाद और कोई आया और उसने पूछा,
02:50अरे बीर्बल जी आज चौपाई बानने का काम इस भरे चोरा में क्यों कर रहे हो?
03:08और बीर्बल बिना किसी को उत्तर दिये, पूछे गए प्रशन के अनुसार,
03:13बस दाई या फिर बाई ओर के मुनिम को कहे कर उनके नाम जोडता गया.
03:19ये बाग फैल कर राजा अकबर के पास पहुँच गई.
03:24और उन्हें भी जिग्यासा हुई, तो बाच्चा खुछ चल कर बीर्बल के पास आ गए.
03:30जैसे राजा अकबर वहाँ पहुँचे, तो नस्दीक जाकर उन्होंने बीर्बल से पूछा,
03:36अरे बीर्बल, अब ये माज़रा क्या है, ये तुम क्या कर रहे हो?
03:42बीर्बल ने अपनी बाई और बैठे हुए मुनिम से कहा,
03:46अरे अपने महराज का नाम भी अंधे लोगों के सूची में जोड़ दो.
03:51इस पर राजा अकबर को आश्यर्य भी हुआ और गुसा भी आया.
03:55उन्होंने बीर्बल से कहा,
03:57मेरी आखे तो पुरी तरह से स्वस है और में बहुत अच्छी तरीके से देख भी सकता हूँ,
04:03तो मेरा नाम अंधो की सूची में क्यों डलवाया तुनने?
04:07फिर बीर्बल ने मुस्कुरा कर कहा,
04:10महराज आपको दिख रहा है के मैं चौपई बान रहा हूँ,
04:16फिर भी आपने ये प्रश्न पुछा के मैं क्या कर रहा हूँ,
04:20तो ये प्रश्न अंधव्यक्ति ने पुछा हुआ नहीं लगता है आपको,
04:24तो इसलिए आपका नाम अंधो की सूची में डाला गया है.
04:28बीर्बल का उत्तर सुनकर राजा अकबर को समझाया
04:32कि बीर्बल ये सब क्यों कर रहा है, उन्होंने कहा
04:36तो उस दिन की अपनी बात पर तुम तुमारी बात सब प्रमान साबित करना चाहते हो,
04:44अच्छा तो अब तुमारे सूची में देख कर बोलो कि तुमारे प्रयोक का परिणाम क्या निकला
04:53महराज मेरा कहना सच निकला, मेरे सूचियों को देख कर तो ऐसे लग रहा है
05:00कि 70 प्रतिशत लोग अंधों की सूची में और सिर्फ 30 प्रतिशत लोग देखने वालों की सूची में है
05:08और अब आप भी मान गये होंगे कि दुनिया में अंधों की संख्या ज्यादा है
05:16बादशाह ने मुस्कुरा कर इतना ही कहा
05:19बीरबल, तुम तुमारी बात समझाने के लिए कुछ भी कर सकते हो
05:27तो बच्चों, तुम किस सूची में हूँ? अंधों के किस सूची में?