00:00एक गाउ में एक नमक विक्रेता रहता था।
00:04वह नज़दी के नगर से बहुत सारा नमक खरीदता था।
00:08और नमक की सारी बोरिया प्रि गधे पर लाद कर प्रि गाउ वापस चला आता था।
00:16उसका गधा बहुत आलसी था।
00:19वो कभी काम ही नहीं करना चाहता था।
00:23वो हमेशा काम को टालने की कोशिश करता रहता था।
00:27पर नमक विक्रेता उसे डंडे की खुराग देकर पूरा काम उसे करवा लेता था।
00:34एक दिन वह नमक विक्रेता बहुत सारा नमक बोरी में रख कर और उस गधे के उपर लाद कर नगर से प्रि गाउ वापस आ रहा था।
00:45रास्ते में एक चोटी सी नदी लगती थी।
00:49जैसे ही वो नदी पार कर रहे थे गधे का पैर फिसल गया और वह पानी में गिर गया।
00:56उसकी वजह से बहुत सारा नमक पानी में घुल गया।
01:01और जब गधा उठ कर खड़ा हो गया तो उसे ध्यान आया कि उसके पीठ पर लदा हुआ वजन कम हो गया है।
01:11तो उस गधे नी एक तरकीब सोच ली।
01:14उस दिन के बाद जब भी उन्हें उस नदी से गुजरना पड़ता था गधा जान बूच कर उस नदी में डूपकिया लगाता था
01:24कि जिसके वजह से नमक पानी में घुल जाए और उसका वजन कम हो जिसकी वजह से उसे कम वजन ढोना पड़े
01:34पर जल्द ही नमक विक्रेता को ये बात समझ में आ गई कि गधा ये तरकीब जान बूच कर कर रहा है
01:43तो उसे सबक सिखाने के लिए उसने एक दिन सारी बोरिया कपास से पूरी तरह से भर दी और उनको गधे के उपर लाथ कर चल पड़ा
01:55कपास की हलकी बोरिया उठा कर गधा सोचने लगा
01:59अरे हर रोज नदी में डुपकिया लगाने के कारण वजन हलका हो जाता है तो आज तो वजन पहले से ही हलका है तो बाद में तो और हलका हो जाएगा
02:15तो खुशी खुशी जब वह नदी पर पहुँच गया और नदी को पार करने लगा तो उसने हमेशा की तरकीब की और वह गधा नदी के पानी में बैट गया
02:28पर इस बार तो परिडाम उल्टा ही हुआ
02:32कपास ने नदी का पूरा पानी सौक लिया और जितना वजन था उससे कई गुना वजन बढ़ गया
02:40तो जैसे ही गधा उठके खड़ा हो गया तो बढ़ा हुआ वजन उठा कर वो तो चल ही नहीं पा रहा था
02:48पर नमक विक्रेता ने डंडे का प्रशाथ दे कर उसे उठाया और पूरे रास्ते में घर तक डंडे के प्रहार खाते खाते उस गधे को पूरा वजन उठा कर आना पड़ा
03:02उस दिन गधे ने बड़ा सबक सीखा और उसने ऐसी कोई भी तरकिप न सोचकर सीधा सीधा काम करने की ठान ली
03:14तो बच्चो इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है कि अगर कोई आलसी होकर अपने काम ठीक से ना करे तो काम कम होने के बजाए उल्टा बढ़ जाता है
03:27और ठीक से काम न करने की खई बार