दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण पर आज Supreme Court में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। कोर्ट ने हवा की खराब गुणवत्ता को लेकर कड़ी टिप्पणियाँ कीं और एजेंसियों से तीखे सवाल पूछे। याचिका की बारीकियों, अदालत की चिंताओं और भविष्य में उठाए जाने वाले कदमों पर सुप्रीम कोर्ट के वकील Vishal Singh से हमारी खास बातचीत हुई।
इस वीडियो में हम बताते हैं— • सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रदूषण पर क्या कहा • किन एजेंसियों से सवाल पूछे गए • दिल्ली की जहरीली हवा पर जजों की मुख्य टिप्पणी • आगे क्या कदम सुझाए गए • वकील Vishal Singh के अनुसार कोर्टरूम के अंदर का माहौल कैसा रहा
पूरी सुनवाई को सरल भाषा में समझने के लिए वीडियो जरूर देखें।
The Supreme Court today held a crucial hearing on the alarming pollution levels in Delhi-NCR. The bench expressed strong concern over the toxic air quality and questioned the authorities on their preparedness and action plan. To explain the details of the petition, the Court’s observations, and what happened inside the courtroom, we spoke exclusively to Advocate Vishal Singh.
This video explains: • Key remarks by the judges • Questions SC asked the authorities • What triggered the Court's strong observations • Possible next steps • Advocate Vishal Singh’s courtroom insight
Watch the full breakdown to understand the gravity of Delhi’s pollution crisis and the Court’s approach.
00:00तो श्री सुरीकान साहब ने कहा कि हमारे पास कोई जादू की छड़ी नहीं है कि हम एक दिन में इससे सही कर देंगी हमें इसके लिए कमुलेटिव अप्रोच रखना पड़ेगा सभी जगहों पर ऐसा नहीं कि सिर्फ पराली जलाने से ऐसा नहीं कि सिर्फ फायर क्रेकर जला
00:30और पेट्रोल की गाड़ियों की कुछ करने से हो रहा है इसके लिए कमुलेटिव अप्रोच अपना पड़ेगा एक हपते के अंदर दिल्ली गोवर्मेंट अपना एपीडेविट लाए और यह बताए हमें क्या कि वो पलूशन को कम करने के लिए क्या क्या कर रही है अभी �
01:00किवाई कम है और सुप्रीम कोट के सामने एक बार फिर वजय है कि देश का जो राजदानी छेत्र है नानि कि दिल्ली वो पूरी दुनिया में अगर राजध्यानियों की बात करें तो सबसे प्रदूसिच छेत्रों में से एक है और बात सड़क पर आंदोलन की हुई
01:28कई लोगों ने अंदोलन की है लेकिन कोई ऐसा ठोस इलाज उसका दिखा नहीं तो राज रास्ता निकालने के लिए कुछ संगठन सुप्रीम कोट तक आगा और मेरे साथ सुप्रीम कोट के एडवोकेट है जो इस चर्चा के दौरान बहां मौजूद रहे विसाल सिंग जी
01:58सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि यह आचिका हर साल सेरिमोनियल तोर पर आती है और पहले से ही दायर है और इसी आचिका में ऑनरेबल चीफ फार्मर चीफ जश्टी साप इंडिया बियार गवई साब ने कहा था कि आप एर पलूशन को नजर अंदाज करके जब फायर क्
02:28तो यह उसी के क्रम में चलता है तो पिछले 17 नौवंबर को उनरेबल चीफ जश्टी साप इंडिया ने कहा था कि एक हपते के अंदर दिल्ली गवर्मेंट अपना एफिडेविट लाए और यह बताए हमें कि आखिर वो पलूशन को कम करने के लिए क्या क्या कर रही है उसी
02:58पराली जलाने से ऐसा नहीं है किसी डीजल और पेट्रोल की गाड़ियों की कुछ करने से हो रहा है इसके लिए कमिलिटी अप्रोच अपनाना पड़ेगा और सब को भाग लेना पड़ेगा और यह एक साल कम से कम लगेंगे पलूशन को कम करने के लिए तो आज जो डिसकु
03:28कि तरफ से फीडेविट लगता था वो दिवाली में फायर क्रेकर्स के बैंड के लिए लगता था लेकिन इस बार रेखा गुप्दा की सरकार ने इस पेस्पिकली मेंशन किया कि हमें फायर क्रेकर के लिए लाउ किया जाए तो जस्टिस भी आरगवाई साब फॉर्म चीफ
03:58बश्ट हुआ जिसका प्रभाव पूरे विस्तों ने देखा जा सकता और भारत में में 4000 किलो मिटर ट्रेवल करके वह आ रहा है हाला कि यहां के सांटिस्ट कह रहे हैं कि वह चार से 5000 किलो मिटर उपर है तो उसका प्रभाव जाते नहीं आपकी बात चुकि मैं आपसे पूर
04:28कोड़ ने कहा कि जादू की छडी नहीं है लेकिन सुप्रेम कोड तो पहले भी जादू की चडी तो नहीं थी तो सरकारें कोई जैसे एक जगा और भी सुप मैं उसको पल रहा था जो एक मैंने देखा कहीं पर वह कह रहा था कि इसको इलाज के बजाए बचाव किया जाना �
04:58सुप्रीम कोट का मानना है कि पंडामेंटल राइट जो दिये के हैं आर्टिकल 21 में राइट टू लाइफ डिगनिटी उसी अंतरगत आता है राइट टू फ्री एयर फ्री एयर पलूसन जो है उसको फ्री में लेने के लिए और यह इस्टेट की ड्यूटी बन जाती है अंदर
05:28वही चीज आज भी डिसकास हुई है और उन्रेबल जज ने कहा कि हम इसके लिए किसी को बाद नहीं कर सकते हम यह नहीं कर सकते हैं कि आप इतने साधे वाटर काले टैकन लेकर आईए और पूरे दिल्ली में पानी चिड़काओ कीजिए और इसको सही कर दीजी हम यह नहीं क
05:58करें हम यहां से जी मुझे दिमाग में आता बाद में भूले मतलब जो काम गाइडलाइंस तो पहले भी है जी ग्रैप फॉर ग्रैप फ्री कब लगाना यह पहले भी है सेंसर पहले भी लगे हुए हैं जिनसे हमारे पास यह आज आता है कि पलूशन के स्थितिय है तो हमें �
06:28यह ना जाने के पीछे मैं चलना चाहता हूं कि काफी आपकी बात सभी सभी से भी होती होगी तो नजर क्या आता है यह तो कोड का आदेशा कोड भी कह रहा है मुझे लगता है कि सही तरीके से जमीनी अस्तर पर यह चीज़े इंप्लिमेंट नहीं हो रही है पराली को लिए
06:58लेकिन तमाम बहुत सारे कारण है सबसे पहला जो कारण है वह पॉपुलेशन ब्रश्ट है इतने दिल्ली के अंदर इतनी जादे डेंसिटी है पॉपुलेशन की कि आज हर घर में एक कार तो अल्रेडी है और उस कार को यूज करने के लिए फ्वेल भी लग रहे हैं अब हा
07:28यूज कि ग्रीन क्रैकर को जो एलाऊ कर दिया गया उससे गया जो दिवाली के समय हुआ तीसरा इसमें कहा जा रहा है कि जो पराली जल रही है अदर इस्टेट से उसको भी एक मानक माना जा रहा है कि वहां से आRE L allies की मानने से कुछ नहीं होगा इसको कैसे act करें कि कम हो क्य
07:58बहुत सक्त थे सरकार के लिए उन्होंने कहा कि हम कोई रास्ता सुमवार को ढूनेंगे और इसमें अगली डेट भी सुमवार को लगा दी है लेकिन तीन पारिक को लगाई सेद ना जी तो और अपराजिता सिंग सीनियर एड़ोकेट अपियर हो रही ती दिल्ली स्टेट की त
08:28धिन्वन एं मे जो ड्यूटीज दिये गया हैं सिटीजन को उस ड्यूटी को मानना चाहे लोहो को कि हमें कब अगर जरूरत नहीं है या टू विलर क्रा और सिंग और डरrophyोट उसका होाई मंघादे कर्केणान ओडहा
08:38टू वीलर को नहीं यूज करना है कब हमें घ्रीन क्रीकर्स नहीं परोड़ने हैं कब हम पब्लिक जो मोटर वेइकल से उसका यूज करके आ सकते हैं जिससे की यह सब हो सके तो अभी जो अनुरेबल सुप्रीम कोट में
08:51तो यही था कि इसको कम करने के लिए क्या-क्या हम ऐसी गाइडलाइन लाया जो चोटे-चोटे अस्तर पर जो सभाय करते हैं वह सभा करकर कैसे लोगों को जागरुख करें इसके लिए कि आप इस तरीके से परदुस्कार को कम कर सकते हैं उसका सार मेरी समझ में यह आ रहा है क
09:21और उसमें अपनी देश की राज़दानी का सवाल है तो वह कहीं ना कहीं उन्होंने जो है उठाए है लेकिन यह क्या लगता है जैसे अभी हम सोचते हैं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया उन्होंने कहीं जादू चड़ी नहीं है यह तुरंत नहीं होगा क्या आपको ल
09:51ऐसा कुछ या रिपोर्टिंग यहां पर करना सुप्रीम कोर्ट को या कोई ऐसी चीज बनाना कि एक ऐसा ऑफिसर बने जो इसको जो है निगरानी इसकी पर्मानेंट हो अभी तो बात यह उठी थी कि जो सेंसर लगे हैं उनको भी कुछ उसमें भी छेड़-चाड़ की गई
10:21लेकिन जो हमारा जो पहला कोस्टन है कि क्या तीन तारी को कुछ ऐसा जजमेंट आएगा उसके लिए औरेबल कोट ने साफ कर दिया है कि हम कोई बाउंडेशन नहीं करेंगे हम एक गाइडलाइन दे सकते हैं उस गाइडलाइन को आपको फॉलो करना पड़ेगा लेकिन उस
10:51में यह कर दिया गया था कि प्रेसिडेंट को विधिन त्रीलिन एसेंट देने पड़ेगे उसको भी पलट दिया है औरनरेबल सुप्रीम कोट ने और कहा है कि हम बाउंड पार्लियामेंट को नहीं कर सकतें तो आज जो चर्चा चल रही थी वो यही चल रहा था कि हमारा काम
11:21करते हैं तो बंडा मिंटल ड्यूटी भी उसी समिधान में दिये गए हो भी नागरिकों को जानना चाहिए और लोगों को मानना चाहिए तो क्या सुप्रीम कोट में आने के बाद भी मतलब यह अब उसको कोई जब पावंदी नहीं होगी और ऐसी हीला वाली ऐसे धील रही तो
11:51में इस गैडलाईन में इसको मानना चाहिए इसको फॉलो करना चाहिए लेकिन एस गैडलाईन के लिए कोई ऐसा नहीं कह सकता जैसे सुप्रेम कोट ने कह दिया कि सभी जगा वाटर हो नी
12:21होती है बड़े माइने रखी जाती है बड़ी निस्पक्ष होती है और जो मौझूदा हालात होते हैं उनको नजरिय करते हो तो निश्चित पर प्रदूसर हम यह मानते हैं कि ना सिर्फ पराली ना सिर्फ पटाके ना सिर्फ कोई चीज बलकि बहुत बड़ी चीज़े वहकिल
12:51क्वाक्ती की दरूबत है कि बडियुट है और कितने सरकारी बहान सरकारी बहान वी डीजल और उनको तो सरकार कम से कम कर्भी सकती है इन सारी चीजों का देखना होगा तीन तारिक को जब यह की दोबारा सुनवाई होगी तब ऐसा कुछ निकल की आएगा तो एसी डारेक्�
13:21करेंगे और एक साल में हम कहां पहुंचेंगे ऐसा कुछ निर्णाय और ऐसी कुछ पावंदी सुप्रिम कोड की तरीके से तरफ से लगनी चाहिए ताकि जो है कही
13:31नहीं नहीं हम एक अच्छी सांस ले सकें अच्छी हवा में सांस ले सकें फिलाल सुप्रिम कोड से एड़्बोकेट विशाल सिंग के साथ आपका सुमनाम कैसे अनिल महापात्रा के साथ इतना ही बहुत बहुत धन्रवाद
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