00:00मैं तुम्हें एक नेक और शरीफ इंसान बनाना चाहता हूँ
00:06बस इतनी सी बात तो समझे लो मैं 10% नेक और शरीफ आदमी बन गया
00:11तो बताओ सुमन तुम्हारी कौन है
00:16सुमन? कौन सुमन?
00:22वो मेरी धर्म पत्नी है
00:24तो जाओ I और इसी वक्त सुमन कौन हाँ लेकर ह आओ
00:27हाँ ले आता हूँ
00:28अभी जाकर शैर्थ उसे हाँ ले आता हूँ
00:31एक बात याद रचना
00:32सुमन को पत्री का दर्जा देहर देकर मांज सम्मान के साथ इस घर में रखोगी
00:37और इमानदारी के साथ कमपणी की नौकरी करोगे
00:40वरना
00:41हाँ समझ गया
00:42सब समझ गया
00:44कितना समझ गया
00:46ये तो वक्त ही बताएगा
00:47मैं तुमारी हर हरकप पर नज़र रखंगा
00:51साला पकलू नज़र रखेगा
00:55सुमन को तो लेकर आऊँगा
00:58लेकर उसके बाद
01:07लेकिन इसका काम हो सकता है
01:08मालकिन पांच लाग सेथ में होने की बात
01:11बस हम तीनों को ही मालूम थी
01:12इसलिए या तो चोर मैं हो सकता हूँ
01:14या लखपतिया या फिर अनिल भाव
01:17अच्छा
01:19तो फिर ये काम अनिल का ही हो सकता है
01:22हो सकता है मालकिन
01:23आपने उन्हें हटाकर गुपालदास जी को उनकी कुर्सी पर मिठा दिया
01:27इसलिए गुपालदास जी को बदनाम करने के लिए अनिल बागु ने पैसे उड़ा लिया
01:31ये भी हो सकता है
01:33गुपालदास जी अब फॉरेंड पुलिस को खबर कीजिए और अनिल को ग्रेफटर करवाईए
01:37नहीं ममी इसे पूरे परिवार की बदनामी होगी
01:40और फिर टैड़ी से भी इवात शुपाना बहुत मुश्किल होगा
01:44उनकी हालत अभी ठीक होती जा रही है
01:47तो वापस इतना बड़ा सदमा बदाश नहीं कर सकेंगे
01:50बात तो तू सहीं कर रही है
01:52जमाई क्या मिला सारी जिन्दगी का रोग लग गया
01:56कितनी अच्छी सारी थी सोचता तो मैं अपनी लीवी ले लूँ
01:59क्या भई
02:02अरे भावी
02:04मामी ने ठीक का था छोटे लोगों की जाग का कोई भरोसा नहीं होता
02:18चोरी करते वक्तों ये भी भूल जाते हैं कि जहां चोरी करते हैं वो घर गैरों का है या अपना
02:25ये हार मेरा है
02:29नेकलिस मिल गया
02:38कहां से मिल गया
02:40तुम्हारी बहन के गले में और साथ में तुम्हारा बहनोई भी था
02:45मैं नहीं मानता
02:48तुम तो ये भी नहीं मानोगे कि तुमने खुद हमारी आफिस से पाच लाक रुपे चुराए
02:54अगर मैं जाती तो पुलीस में रिपोर्ट करके तुम सब का हवालात में बंद करवा सकती थी
03:01अगर अपने खांदान की इज़त का ख्याल आ गया
03:04अच्छा किया
03:05अगर तुम्हें रुपयों के इतनी जरुवत थी तो मुझसे कहते मैं तुम्हें दे दीती चूरी करने के क्या जरुवत थी
03:11मना
03:12देखो मना
03:17पती पद्नी के रिष्टे की बुनियाद एक दूसरे के पती विश्वास पर होती है
03:23उस विश्वास को विश्वास का हात में तुम ने बदला है
03:26क्या मतलब
03:27औरत सब कुछ बरदाश्ट कर सकती है
03:29वगर अपने पती को किसी दूसरी औरत के पहलो में कभी नहीं देख सकती
03:32क्या बक्वास कर रही हो तुम
03:34ये बक्वास ने हकिकत है
03:36तुम मेरा खाते हो, मेरा पीते हो, मेरे मकान में रहते हो, मेरी गाड़ी में गुंगते हो
03:41और रात एक आवार वरत के साथ गुजारते हो
03:43ये छूटे
03:44ये छूट में सच है
03:45उस रात डांस के बाद मुझे होटल में अकेला छोड़कर तुम उसी डांसर से मिलने नहीं गये थे
03:52फिर दूसरे दिन मेरी 50,000 रुपए लेकर उसी लड़की को देने शेहर नहीं गये थे
04:00से अरी रात उसके घर गज़ारने के बाद सुभा पर मैंने तुम्हे उसके घर निकलते और खुद आपनी आउकों से देखाए
04:09करा की doses है की रिष्टा है तुम्हारा उस लड़की के साथ
04:15कार्श मैं बता सकता उसके साथ मेरा क्या रिष्टा है
04:17मैं बताती हूँ, उस आवारा बच्छलन औरत के साथ तुम्हारा बिच्छर का रिष्टा है, मुणा!
04:37तुम्हारी ये मजाल कि तुमने मेरी बेटी पर हाथ उठे है?
04:41मुणा मेरी पत्मी है, इसलिए सिर्फ तमाचा मारा है
04:44किसी और ने ऐसी बेहुदा बात की होती, तो सर काट के चोड़ाय पे ठेट देता
04:50बुला?
05:03रमेश पेटा, अब इसका कुछ ना कुछ इंतिजाम करना ही पड़ेगा
05:06आपका हुक्म सार आंखों पर
05:09अब देखिए मैं कैसा पप्लू चलाता हूँ
05:12आप एक काम कीजिए आप जरा मोना को शान कीजिए जाइए जाइए जाइए
05:16जाइए जाइए
05:17मैं हूँ आपके पुराने वफदार खादिम
05:27कुपाल दास का बेटा रमेश
05:29आपकी कंपनी का जेनरल मैनेजर भी मैं ही हूँ
05:33मालकिन के हुक्म के मुताबिक गुंदों के जरीए
05:37मैं आपके दमात को ठिकाने लगाने जा रहा हूँ
05:41इदर और उसके बाद भगवान की किरपा से आपकी बेटी मोना विद्वा हो जाएगी और फिर मैं उससे शादी कर लूँगा
05:54और अगर वो मोना ना मानी तो आपको और मालकिन को खत्म करने की धमकी देकर मैं उस बैचारी को मिला लूँगा
06:03इसको कहते है पपलू चलाना सासूर जी इमोशनल ब्लाक में हो तुमेश नवट ठीक है तुम तुम यह कहते जी आपको मालूम नहीं वो खुद मुझे यहां लेकर आए है
06:20आपको में समझता हूं सबकुष समझता हूं लेकिन लाद कोशिश करने पर premi मुझे कुछ याद नहीं आ रहा है
06:49नगर समदी जी आप पे चोरी का माल खरीदते क्यों है
06:51अगर मुझे ये पता होता कि ये चोरी का माल है तो मैं जान बूच कर ये सौदा करता ही क्यों
06:56मामा जी आपने इजहार का सौदा जान बूच कर नहीं किया
07:00लेकिन मेरी भेहन सुमन का सौदत आपने जान बुचकर किया था ना
07:04सुमन का अनिर ये तुम क्या कह रहे हो बेटा
07:12मामा जी जब मैं परिश्या देने शहर गया था
07:15तो मामा जी ने आप लोगों को बताया बिना 20,000 रुपय लेकर
07:19सुमन की शादी जबर्दस्ती किसी बुढ़ी के साथ ताई कर दी थी
07:23लेकिन सुमन अपनी चान छुड़ा कर भागी और नदी में कुदकर आत्माहत कर लिए
07:30बताये मामा जी ये सच है या जूट
07:35मैं आप से पूछ रहा हूँ बताये ये सच है या जूट
07:42ये सच है
07:46लेकिन पेटा ये सब तुमको किसने बताया
07:51सुमन ने मुझे सब कुछ बता दिया तो सुमन बेहन जिंदा है
07:56जी आपके पिताजी ने तो मारने की पूरी कोशिश की थी
08:00मगर भगवान ने बचा लिया
08:01कहा है वो
08:02रखताने पर सब कुछ पता चल जाएगा
08:06पिताजी आप लालची और कंजूस थे ये तो पता था लेकिन आप इतने बड़े आरे आपको तो पिताजी कहने में मुझे शर्म आ रही है
08:13फूप कर दो का रहे हैरे दिड़ताज तो, मैंने उसे गिनावना पर फाब किया है
08:17और इस दुनिया में किसीको मुख दिखाने के कबला है
08:20मैंने पैसो को सिरफ अपसर है
08:25अपनों को अपना कभी नहीं सत्या
08:28मुझे से कंदे है अद्वी का तुम पर मर जा रही अच्छा है रुख ज़िए ममा जी छोड़ो ने छोड़ो मुझे जिन्दा रहने का कोई ठीका देहिए
08:38ममा जी मैं लेकर आता हूं लो
08:42आये ससुर जी बारा आजाए ये क्या है ये पारी कहा गया है वा भर मैने की पहली तारी को मुझे कुवें फेकने की धंकी देते थे ना तो मैंने मुझे फटी होने से कंदें के उन्हों पर दिया बारा आये
09:00अरे मामी जी सब ठीक है सब ठीक है देखो अरे कहां था तू तू तुझे पता है कितना जोर तोड़ करके मैंने अनिल और मोना के बीच में दरार पैदा करते थे
09:10पांच लाक रुपे से गायब हो गए तो तू है कि मोना के दिल पर कप्षा करने के बजाए उस बिकारिन को उठाला बस करो या भाशन बस करो वह पांच लाक रुपे मैंने चुराए थे
09:25हाँ और अनिल के पास इस बात का सबूत भी है लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है क्योंकि बड़ी माल की नहीं मुझे उसे राच्छल साफ करने का हुकम दे दिया है और मैंने राजू दादा को उसे खत्म करने का पपलू मेरा मतलब है कि सुपारी भी दे दिया है क्या �
09:55मैं मजबूर सिरफ देख रहा हूँ किसी को रोकने के लिए न कुछ कह सकता हूँ न कुछ कह सकता हूँ लेकिन अब ये बरदाश नहीं होता पुसे नहीं बरदाश होता है
10:06कौन हो तू, किसे मिलना है, बेशर्म आउरत, तेरी इतने हिम्मत कि तू यहां तक चलिया आई, लेकिन है कौन, यह, यह वो आउरत है, जो होटलों में अपने जिस्म के गंडी नुमाइश करती है, यह, यह आप क्या कह रही है, तू जैसे आउरत को आउरत कहना,
10:36और अज़ात का अपमान करने की बराबर है, बेशर्म नीच आउरत, तेरी इतने हिम्मत कि तू सच धशके उनसे मिलने यहां तक चलिया है, देखी, आप मेरी असलित नहीं जानती, तेरी असलियत तो मैं अच्छी तरह जानती हूँ, बेहया, तू वो जहरीली नागिन है, इस
11:06बाबी, हाँ बाबी, अनिल मेरा भाई है, सगा भाई, और तुम मेरी भाबी हो, भाई भेहन के दिश्टे को इतनी गंदिगाली मत दो
11:20तो फिर, उन्होंने मुझे ये बाब पता ही क्यों नहीं, इसलिए कि मैंने उन्हें कसम दी थी, क्योंकि मैं होदलो में नाश्टी थी, इसे भेह कीज़त को दाग लग सकता था, उनका सर्थ दुनिया के सामने छुक सकता था, और आज, आज रक्षा बंदन है, और मैं भेह
11:50देखिये, मुझे माफ कर दो सुमा, जालत फैमी की वज़ा से, मुझे से वो खिलोना पाप हो गया है, जिसका इस दुनिया में कोई प्रहश्चित नहीं, मैंने भाई बहन के पवित्र संबंद को ऐसे गंधी नजर से देखा है, कि मैं तुम दोनों से माफी मांगने के काब
12:20नहीं भावी, भया, तू, क्या काम है, हम जानते हैं भावी, कि आपको हमारे यहां आना एक नजर नहीं भाता, इसलिए हम लोगों ने आना ही बंद कर दिया, बगर आज अगर हम ना आते, तो हमसे ज़्यादा एहसान फरामोश और कोई नहीं होता, क्या मदलब है तुमारा
12:50मेरे पती है, मेरे पती बहुत सक्त बीमाद थे, इनके बचने के कोई उमीद नहीं थी, भया ने इनके फेपड़ों के ओपरेशन के लिए अपने दामाद अनील के हाथों पचास हजार रुपय भेजे, और भगवान में मेरा सुहाग बचा लिया,
13:09तो अनील में पचास हजार रुपय है, आपके लिए ले गए थे, हाँ बेटी, तुम बहुत खुश किसमत हो, जो तुम्हें अनील जैसा पती मिला, वो इनसान के रुप में तेवता है,
13:25यह बगवान, बात क्या थी, और मैं शक की शिकार, उन्हें क्या क्या क्या बेटी, भगवान मुझे कभी माफ नहीं करेंगे,
13:38मुझे कानी, देगे किसे खांदानी चोर पाल रखे हैं आपने, वो हार किसमें चुराया था,
13:50जी मैंने, मगर वो हार मुझे गवान मुझे गौपाल दाजी ने ले लिया था,
13:56तुन लिया, उनके बादू में कौन ख़़ा था, ना मोरूजगा,
14:00उनके बेटे, रमेश माबू, क्या, सुमन बिटी है, तो क्या वो यहां काम करते हैं,
14:06सुमन, शुकर है बेट, तुम मिल गई, लेकिन, तुम रमेश को किसे जानती हो,
14:13वो मेरे पती है, क्या, हाँ बावी, चले चोर लगपतिया, आगे के कहानी, सुना तो अपनी घड़िया था मानी, जाए, बड़,
14:22गोपालदाशी ने वो हार मुझे बेचने के लिए दिया, जिससे मैंने साजुराम जी के यहां बीस हजार में बेच दिया, और पैसे लाकर गोपालदाशी को दे दिया,
14:31हाँ, मैं तो भूली गया था कि वहार मेंने कहां से खरीदा है, लेकिन आज जब प्यारे सिमिले के लिए आपको आफिस गया, तो वहां मुझे ये कमबक्त चोर लगपतिय नजर रहा और मैं इसे गसीर ताव यहां लिया, लेकिन लेकिन में तो दोनों बाप बेटे भले ल
15:01हाँ, इसका मतलब है, उनकी हर बात सची थी, और मैंने तुम्हारी बातों में आकर उन्हें कितना घलत समझा, क्या क्या क्या दिया उन्हें, तैरी के दिल पर भी कितना गेरा सद्मा पहुंचा है मैंने,
15:28उनकी इस हालत के लिए मैं जिम्मेदार हूँ, नहीं बेटी, तु नहीं, जिम्मेदार मैं हो, मैं ही जिम्मेदार हूँ,
15:38कौपालधास ने दिन राट अनील के खिलाफ मैरे काँ भरे, घिंजिक खिलाफ कर दिया,
15:45अश्रे बगवान, मैंने सच्चे हीरे को काट का टुकड़ा समझा
15:50मा!
15:52अधरी, क्या हो भी अगा?
15:54जाए अधरी
15:54अबेश, अपने लेकर अधर को बढ़ाए परने को करने कि यह अधरी
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