00:08अरी राधा तुम तो जानती हो नाम है लक्षमी और लक्षमी की बहुत धूखी है
00:15क्या
00:16हाँ बहन वो पूरी दुनिया को कह चुकी है
00:18मैंने तो इसलिए अपने पती के लगन मंदप में हाथ पाम जोड़े थे
00:21कि आशा कुछ दहेच लेकर आएगी लेकिन क्या लेकर आई कुछ नहीं क्या कहरी हो पार्लोती बहन हाँ बहुत पूरी बात है
00:29अराधा उपर से कहती है ऐसे दगाबाज की लड़की को अपने घर की बहु बना कर हम तो पस्ता रहे हैं
00:34और शायद तुम यह नहीं जानती कोई उसे अपने घर में घुसने क्यों नहीं देता क्यों कोई भी अच्छी चीज देगी और उठा ली इसलिए कहते हैं दूर से नमस्ते
00:42लेकिन अब तो उनके पास बहुत पैसे आ गए हैं पैसे आने से क्या होता है इंसान के आदत तो नहीं बदलती पता नहीं मैं
00:49अरे आशा अच्छा रादा बहुत नमस्ते नमस्ते आओ आओ आशा क्या हुआ बाकी सब लोग नहीं आए आओ तुमने भी इतनी देर लगा दी कि मैंने सुचा कि अब शायर तुम आओगी नहीं बैठो
01:02यह सब किसकी बाते कर रही थी जब तुमने सुनीं लिया है तो क्या कहूं तुमारी जेठानी के गुंगा रही थी किस का मुई बंद करो अरे धे दुनिया के मुँपे ताले थोड़ी ही लग सकते हैं लेकिन आशा तुमारी जेठानी दिखने में तो सब्धी सावितरी ल�
01:32तो मालूम ही था, देख आशा, मैं तो कहती हूँ अब भी आंके खोल लो, आज 10.000 रुपे गए, कल गहने भी जा सकते हैं, इन भीकारी होगा क्या भरोसा?
01:39कहने?
01:50टाइम पर नेपिस कहा गया?
02:02यह सर, हलो, यह जुली प्लीज कमें, ओकी सर, आपने मुझे बुलाया है, हाँ जुली, यह फाइल मैनेजर साब को दे देना, ओकी सर, और सुनो, जी, मेरे तबे ठीक नहीं मैं घर जा रहा हूँ, कोई बहुत ज़रूरी काम हो तो मुझे टेलफोन कर देना, ओकी सर,
02:26जी हाँ, अब जल्दी आजाईए, चाची, देखिए ना, हम आपके लिए क्या लाए हैं, आईए ना, उफ, मेरा तो दम निखल गया, पूरे आच हजार का धुआ हो गया, देखोना आशा, इकंगन कैसे है, पाच हजार की है, सोनी का भावी क्या बढ़ गया, चाची, दे�
02:56मेरे पायल कैसी है, अच्छी है ना, मैंने अभी पहन कराती हूं, अब देखोना, इतने से पायल, चार सो रुपे, सुनकर मेरे तो होशी उड़ गए, चार साधिया क्या ली, पूरे दो हजार रुपे, नोट गिनते गिनते तो मेरे हाथ कामने लगे, एक्स्क्यूज मे, क्
03:26मेरा हीरो का हार गाइब हुआ है, आपको किसी पर शक है? इस घर में मैं, मेरे पती, इन तीनों की ज़वाए और कोई नहीं रहता हो, लेकिन बहुब यह भी हो सकता है, या लेकिन तलाशी लेने में क्या हर्च है? इसक्टर साब, आप पूरा गर के तलाशी लीजी, आईए
03:56पुलिस को फोन करने से पहले अपने घरवालों से पूछ लिया कीजिए चलो
04:03आशा आज तुमने पुलीस को इस घर में बुला कर हमारे खांदान की बेज़ती की
04:12भगवान जैसे भाई और देवी जैसी भावी का अपमान किया
04:15और खास करके उस भावी का जिसने तुझे अपनी चोटी बेन की तरह प्यार किया
04:19वह प्यार तो एक दिखावा है यह घरगर जाकर पता है क्या कहती है
04:22इन्होंने दुश्मन की बेटी को पना देकर बहुत बड़ा उपकार किया
04:25अरे तो क्या जूटका अगर भावी उस दनवान ही होती तो तुम इस घर में बहु बनकर कभी नहीं आ सकती थी
04:31अगर मुझे मालू होते कि इस घर में आकर मुझे यह सब को सुनना पड़ेगा तो मैं इस घर में कादम भी ना रंगती
04:36तो अब भी जा सकती हो
04:38नहीं अमर बहु घर की लक्षमी है
04:42अगर हमारी वज़े से तुम्हारा संसार विखर रहा है तो हम यह घर छोड़कर चलेगे
04:49नहीं नहीं बया जिसको घर से जाना हो वो जा सकती है आप नहीं जाएगे
04:53मैं इस घर से तब जाउंगी जब तुम्हारी भावी की असलियत का तुमें पता चलेगा
04:57मेरी भावी की असलियत क्या है?
04:59पूरे महले से जाकर पूछो
05:01कोई इन्हे अपने घर में गुसने क्यों नहीं देता?
05:03क्योंकि इनकी आदत चोरी की है
05:22अब कैसी तब यह थे डॉक्टर साब?
05:24देखिए इन्हे हाई ब्लड प्रेशर हुआ है
05:26इसका खतरना कसर
05:28इनके दिल दुमाग पर भी हो सकता है
05:30कोशिश कीजिए इन्हें किसी किस्म की एक्साइटमेंट नहीं
05:34वरना इन्हें डॉक्टर नहीं
05:36भगवानी बचा सकता है
05:38डॉक्टर नहीं भगवानी बचा सकता है
05:41डॉक्तर नहीं, भगवान ही बचा सकता है, डॉक्तर नहीं, भगवान ही बचा सकता है, मेरे चाचा को कुछ नहीं हो भगवान, मेरे चाचा को कुछ नहीं हो, अरे बिटिया, क्या मांग रही हो भगवान से, पुजारी जी, मेरे माने मेरे पपर के लिवरत रखा था न, हाँ
06:11सव रुप्या ला दूंगी
06:12नहीं बीटी, तुमने दान किया
06:14अगर किसी को पता चल गया
06:16तो उस बरत का फल नहीं मिलेगा
06:18तो ठीक है, मैं किसी को नहीं बताऊंगी
06:21लेकिन मेरे चाचा ठीक तो हो जाएंगे ना
06:24हाँ मुन्नी, भगवान सब ठीक कर देगा
06:41अपरेणी दूप्या प्रावान सब जाएंगी
06:52अपरेणी अपरेणी
07:11क्या सूच रहाँ
07:41लक्ष्मी
07:42हमने क्या-क्या सपने देखे थे अपने अमर के लिए
07:46वो पर लिकर अफसर बनेगा
07:51काड़ी होगी, बंगला होगा उसके पास
07:54और ये सारे सपने सच भी हो गए
07:57बगर हम से गलती हो गई लक्ष्मी
08:01हमें इन सपनों में शामिल नहीं होना चाहिए था
08:11उसकी च्छाम में बैठे ये ज़रूरी नहीं है
08:17ठीक है रहा है अमर के अच्छी होती ही हम यहां से चले जाएंगे
08:24नहीं रहेंगे यहां नहीं रहेंगे
08:29ब्लोड प्रेशर तो नॉर्मल हो गया है अब बुखार भी कम है
08:36बजे ने फ्रूट सुगरा के लाइए ताकि शरीर को ताकत मेले
08:41और ये दवाईयां बजार से मगवा लीजिए
08:44ताकि भावी ने फ़ल मंगवाती हूं
08:59अरे भावी ने फल मंगवाय तो क्या हूँ आशा?
09:00कोई बात नहीं है मर मैं भी तो आशा से ही कहने वाली थी
09:04तो में ये मंग वालो बहू
09:14आप देखो मेरे परसे 100 रुपे गाइब है
09:17वो 100 रुपे मैंने लिए हैं चाची
09:20सुनलिया इसे कहते है चोरी और उपर से सीना जोरी
09:24एक तो रुपए चुराती है उपर से सीना तान कर कहती है मैंने लिए है
09:28ये तो दिन दाड़िक डाक्का डालने वाली बात हुई
09:32अब अग्वे हैं मैं कुछ कहती हूँ तो आप मुझे डाट ते हो
09:34आपकी आखो पर थो भाभी भाय के प्यार की पट्टी बदी है
09:38खुछ दिखाई ही ही नहीं देता
09:40लेकिन मैं आपनी आके तो बदण नहीं कर सकती
09:42मैं आपकी पत्ति हूँ
09:44आपके खून पसिने की कमाई को इस तरह लुटता भी नहीं देख सकती हैं
09:48या बड़े तो बड़े, छोड़े भी कम नहीं है
09:50क्यों की तुने चोड़ी?
09:55मैंने बताउंगी
09:56पता नहीं तो मैं तेरी चमणी उधेर दूगी
09:58मैंने बताउंगी
10:00भावी बस करो भावी, मेरा सरदर्द से फटा जा रहा है, नजाने इस घर की शांदी को क्या हो गया है, हर वक्त लड़ाई, जगरा, कलेश, कलेश तो इसकल मुही ने पैदा किया, मेरी तो समझ में नहीं आता, इसकी हिम्मत कैसे हुई चोरी का देखी, इसमें हैरान उनी की क
10:30हीरों का हार गायब हो गया, मैंने इल्जाम अपने सर पे लिया, लेकिन आज, आज आपकी आँखों के सामने मुन्नी ने चोरी की है, इस से और ज्यादा सबूत क्या चाहिए, कि आप लोग चोर नहीं है
10:40अरे बेश शरम, जिस भाईया ने सारी जिंदगी की खुशिया समेट कर तेरी जोली में डाली, उसको चोर कहते है वोई शर्म आनी चाहिए तुझे, मुझे तो शक हो रहा है अमर, कि उस देरता समान इंसान की मा की कोक से तूने चरम नहीं लिया
10:55शाबाश अमर, शाबाश, बहुत अच्छा इनाम दिया है तुने अपनी भावी को उसकी तपस्याओं का, एक थपड़ और मारी से, गलती की है इसने, जो तुझे एक बेटे की तरह पाला, नजाने किस मित्ती की बनी है या औरत, जिंदगी भर तक दीर के हाथों का मार खा
11:25इसको, मार मेरे भाई, शायद तेरी थपड की मार से इसकी आँकों में आसु आ जाये, और ये रो पड़े, मार इसको
11:32चलो लक्षमी, अब हम यहाँ एक पल भी नहें रहेंगे चलो, नहीं भया, खबरदार जो आसे तुमने मुझे भया का, आज तुने अपनी भावी के गाल पर नहीं, पवित्र रिष्टे के मुँ पर थपड मारा है, और हम रिष्टों का ये धागा एक बार तूट जाये न
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