00:00भगवान, मेरी रक्षा कर, मेरी बेटी की जिंदगी पेचा ले, मैं तुस्टे भी इक माँदू
00:07मुन्नी बाई
00:16एक तौएफ की आँख में आसो
00:20ऐसे लग रहा है जैसे रेगिस्तान में गुलाब के भूल के फिशुरू
00:25बदलता है रंग आस्मा कैसे कैसे
00:30हमारे भी हैं महरवां कैसे कैसे
00:33एक गिर्गट की चमड़ी भी इतने रंग नहीं बदलती जितने रंग तुमने बदले हो
00:39मुबारक हो मुन्नी बाई
00:43अब तो तुम मंचुला देवी बन गई हैं
00:47क्या बात
00:48एक शरीफ इजद्दार भोले भाले खानदान के लड़के से मुन्नी बाई अपनी बेटी की शादी करने जा रही है
00:56अगर उन्हें पता चल जाए कि उनकी होने वाली बहु अभी तो होने वाली है ना
01:03पिरे उने बाकी हैं
01:05अगर उन्हें पता चल जाए कि उनकी होने वाली बहू एक तवाइफ की बेटी है
01:10ऐसा मत करना मेरी बेटी माजून है उसका गाद मत उचाड़ना अग्वान के लिए ऐसा मत करना
01:19एक्टिंग बहुत अच्छी सब देती हो, उस इन कोड में क्या धाड़े मार मार करो ते हैं, क्यों नहीं भी, साथ लाग कोई मामूली रखम तो नहीं होती, और उन साथ लाग के लिए तुमने हमें साथ साल के जेल फेज़ दे हैं, और तुम्हें क्या मालूम था, साथ साल य
01:49नहीं मुने बाए नहीं, उन साथ साल का क्या होगा जो हमने जेल में गुजारे हैं, वो साथ साल तो तुम वापस नहीं ला सकते हैं, तब वो साथ साल वापस नहीं आ सकते हैं, तुम्हारी बेटी की शादी भी नहीं हो सकते हैं, इतना गुल मत करिए, मत करिए साथ गुल,
02:19मत करे, मत करे, बुट्भे रहें, कि इस, बुट्भे रहें.
02:49बाभी वहां पर तो अरे कहां गीजी तुम लोग हम लोग तो जिनांतिल कहीं हां गय थे
02:54तो मुझे ओन किसने करवाय था
02:56ओम हमने नहीं तो
03:00हां इसका मतलब तो
03:03कमाल
03:19अजे नहीं बाभी सिर्ण
03:23किस्वाद के खिर्ण
03:25किस्वार्श
03:27य॥
03:30किस्वार्श
03:32किस्वार्श
03:33ज्रेघ
03:38लोग
03:43थाल
03:45प्लोग
03:47अब ये हाथ बंदे नहीं है राजिश्वर छूट चुके हैं क्योंकि मैंने इस तीफे की कैची से कानून की रसी को काट डाला है
04:01सब लोगे जगा खाली कर दो अब आज फैसला सिर्फ मेरे और इसके बीच है
04:17बाला है
04:47के लुट हुआ चुट है
04:55कि लुट है
05:03कि लुट है
05:15कर दो कर दो
05:45कर दो अवार सकता ज कर दो
06:14इस्तीफा ये कागस का टुकड़ा इस्तीफा नहीं बलकि तुम्हारी बर्बादी का परवाना है
06:24तुम अपना दिमाग अपने होशों हवास खो बैठे हो और तुम्हारे जहन पर सिर्फ राजेश्व चाया हुआ है
06:29हाँ हाँ मुझे कुछ याद नहीं मेरे दिमाग में सिर्फ राजेश्व चाय हुआ है सर कमल
06:33मगर ये मेरी बेहन की इजज़त और जिंदगी का सवाल है
06:38कसम उस्वर्दी की जिसे पहन के मैं जिंदगी भर कानून और सच्चाई के रास्ते पर चलता रहा हूँ
06:44कमल तुम क्या समस्ते हो सुधा सिर्फ तुमारी बेहने मेरी कुछ नहीं लगती कमल शुदा मेरी बेटी के तरह है और तुमारी जथ मेरी जथ है
06:56पहले मैं भी यह समझता था कि माखन की मौत मैस एक एकसिडेंट से हुई है
07:02लेकिन मन्नी भाई के साथ से के बाद मुझी यकिन हो गया है
07:05कि इन दोनों केसिस के पीछे राजिश्वर का ही हाथ है
07:08इससे पहले कि वो कोई तिसरी हरकत करे
07:12मैं बहुत जल्द उसकी करफ्तारी का बारे निकल वाले जा रहा हूँ
07:15राजिश्वर की फिकर शशीय और सुधा दिन्राथ क्यों बेचैन रहे हैं
07:27क्यों नहीं ऐसे जगह भेज़ दो
07:29जहां राजिश्वर का खौफ राजिश्वर की फिकर इन्हें परेशान ना करें
07:35सिना साब के फाम में तुम्हें बिलकुल बेफिकर रहोगे तुम्हारे बगैर हमारे दिल नहीं लगेगा भीया
07:41पगली यह लो यह मेडल तुम्हें बहीं कभी महसूस नहीं रहे लेगा
07:47रखो बस और चलो जल्द करो धेर हो रही है अपना ख्याल है
08:05हालो कमल कैसे हो तुम लोग हां हम बिलकुल खैरियत से हैं यह जगे भी सुरक्षित है आप बिलकुल चिंता मत कीजिए
08:29हाँ भाईया आप बिलकुल खैर मत करना आप बहुत चलो अपने सारे काम का अजनिप्टा कर वह पहुंचता हो अपना ख्याल रखना वाई
08:41वाई भाईया वाई
08:43कमल यह लो रजश्वर की गरिफतारी कवारेंट उसे अभी इसी वक्त गरिफतार करना है
08:55भॉट भॉट मरॉट रखनार वाईया वाईया बिलकुल खैर मतारस का
09:07वेंश्वर के अखिर में वह लो राजश्वर पर हमारे काड़ीन लिगान ववविताक कुल ओटल की कामरे महीई
09:23क्वारे मिया
09:37अबार नंबर ?
09:38वर वानो शीक।
09:53प्रवीटर गुफर्टर दिए अच्छी अच्छी अच्छी में में इस बीकमल है
10:12याइडनी काल तो ती
10:15परिपों और को
10:26का अर्पिटरी की कर दो
10:34मैं स्हेल
10:38हम तुम्हारे दोस्त आपकी बर्बादी से प्यार करने वाले राजेश्वर बोदेने अपनी जवान
11:04खुबसुरत बहन की हिपाज़त के लिए आदमियों को जो दीवार आपने खड़ी की थी उसे तरिये मत हमने जान से नहीं मारा जर्फ बेहोश किया है
11:19पमल पदले की जंग शुरू हो चुपी है
11:26जिन्दगी की वो शर्मनाक साथ साल जो मैंने जेल में काटे हैं उसे कहीं ज्यादा शर्मनाक और तहशे तंगेस सजा मैं तुमें दोगा
11:38जिन्दगी का एक एक पल तुम्हारे लिए चीना मुश्किल पर दोगा
12:08तुम्हेरे पती से बदला लेना है ना उसके खांदान से बदला लेना है मैं तुम्हारे सामने खड़े हूँ मुझ से बदला ले लो लेकिन सुधा को छोड़ो
12:31सुधा को छोड़ दूँ जानती हो तुम क्या कह रहे हो जानती हूँ एक हिंदुस्तानी लड़की जब तुलहन बनकर अपने पती के घर चलियाती है तो तिल में इकरार कर लेती है कि उसके पती के लिए या उसके खांदान की इज्जत के लिए अगर उसको जान भी देनी �
13:01से लिए से लो प्यायओ लेकि इस दखा को छूओव जान प्लिए स्टा को छूओव भी सुदा को छूओव जाने लगश्ता अवा जूदूश।
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