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Sasural 1984 full movie scene Dina Pathak vs Sadhana Singh fight बहू सास लड़ाई सीन 1984 Sasural Hindi movie full HD Bollywood emotional drama 1980s सासुराल सुपरहिट सीन Sadhana Singh emotional scene Dina Pathak angry scene Classic Bollywood fight scene Bollywood family drama Hindi
► Synopsis ससुराल एक भावनात्मक पारिवारिक ड्रामा है, जिसमें नए-नवेले दंपति (अरुण गोविल और साधना सिंह) की प्रेम और विश्वास से भरी जिंदगी को दिखाया गया है। शादी के बाद उनका सुखमय जीवन गलतफहमियों, समाज के दबाव और कुछ परिवार वालों की चालों (गुलशन ग्रोवर के नकारात्मक किरदार सहित) से हिल जाता है। यह फिल्म रोमांस, ड्रामा और पारिवारिक मूल्यों का सुंदर संगम है, जो रिश्तों में एकता और विश्वास की अहमियत को दर्शाती है
► Credits Sasural (1984) Sasural (1984) Film cast : Arun Govil, Sadhana Singh, Gulshan Grover, Dina Pathak, Bharat Bhushan, Arvind Deshpande, Jairaj, Mushtaq Khan, Yasmin Khan Film Director : Govind Moonis
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00:00मेरे शिए तो तो हुशुश Mr. tiIS DIY अबब fucking तुम यहाँ क्या करने आए हो जाओ बाहर जाू लाए दीजे आज हम खाना बनाते हैं नहीं रहने दो तुम जा
00:10पराद आज़ हम खाना बनाते हैं
00:11नहीं, रहने दो, तुम जाओ
00:13काई हम बनाते हैं
00:14आरे रहने दो, चौकेन पैर मत रखो
00:17तुम जाके अपने कमरें बैठो
00:19आप काम करती रहे
00:20हम कमरे में बैठे, अच्छा नहीं लगता
00:22कुछ तो करने दीजे न
00:23बहस मत करो, बहार जाओ, तुम्हारे खातर हम अपना नियम धर्म नहीं तोड़ेंगे
00:36आज़ी खाना पकारे
00:39हरे राम, राम, राम, राम, राम
00:53बहुजी, ये लो खाना खालो
01:05यहाँ?
01:06हाँ, मा जी ने कहाए कि यहीं खालो
01:09ठेरो, जराप पानी देना
01:17आरप पानी लियाना
01:19हाँ
01:23बहु ने खाना खा लिया?
01:24खाया है थोड़ा सा
01:25आपने भी तो कैसे डाड़ दिया था?
01:26अहाँ, ना डाड़ती तो क्या करती?
01:27चौके में चड़ी आ रही थी
01:28उसके लिए क्या अपने नियम धर बिगाड लू?
01:29क्या मा जी, बहु है वो आपकी?
01:31बहु ने खाना खा लिया?
01:33खाया है थोड़ा सा
01:34आपने भी तो कैसे डाड़ दिया था?
01:36खाया है थोड़ा सा
01:37आपने भी तो कैसे डाड़ दिया था?
01:39अहाँ, ना डाड़ती तो क्या करती?
01:40चौके में चड़ी आ रही थी
01:42उसके लिए क्या अपने नियम धर बिगाड लू?
01:44क्या मा जी, बहु है वो आपकी?
01:46है तो क्या हुआ?
01:48ब्रामन घर में पली है तो भी
01:51चलो अभी तुम खाना खा लो और रसोई साफ कर लो
01:55जी
02:07अच्छा जी
02:11ठीक है तुम सोती रहो हम बाहर जाते हैं
02:15जाएं
02:17अरे, सच में सो रही हो?
02:20चंदा
02:22अरे, आ गया?
02:25क्यों, कोई सपना देख रही थी क्या?
02:28नहीं तो
02:29कमाले, ऐसी शरारती मुस्कान लिए सो रही थी
02:32हम तो समझे सोने का बाहर न लिए पड़ी हो
02:34अच्छा, कैसी मुस्कान थी? जरा मुस्करा के बताए
02:37हम, हम तो कोशिश करें तो भी नहीं बता सकते हैं
02:41अगर थी वो एक लाजवाब मुस्कान
02:44ऐसी मुस्कान थी, कि आदमी जिन्दगी भर के लिए फिदा हो जाए
02:48हाँ, बस ऐसी थी मुस्कान
02:51अच्छा, सुनो, अब एक जल्दी से चाह हो जाए
02:55अच्छा
03:05बहू, तुम्हें यहां खड़ी क्या कर रही हो?
03:08तुम्हें चौके में घुजरे के क्या पड़ी है?
03:11मना किया था न, यह हमें बिल्कुल पसंद नहीं है
03:14क्या चाहिए तुम्हें?
03:16वो कॉलेज से आए, चाह मांग रहे है
03:18ठीक है ठीक है, तुम चलो, हम भेजती है
03:25क्या हुआ?
03:26अभी चाह आ रही है
03:28चंदा, अभी तो तुम यहां से हस्ते हस्ते गही थी
03:31और आई हो तो
03:33अम्मा तुम से कुछ कह रही थी क्या?
03:35नहीं
03:36कुछ तो?
03:38अच्छा, एक बात बताएंगे
03:41क्या?
03:42अम्मा हमसे कुछ नाराज है क्या?
03:44आपसे हमारा भ्याउन को पसंद नहीं था क्या?
03:46नहीं, ऐसी तो कोई बात नहीं है, क्यों?
03:48पता नहीं
03:49सबेर्य हमें रजवई में जाने से मिना कर दिया
03:51अपने वहीं कह रही थी
03:53तो पहर में हमारा खाना भी यहीं कमरे में विजवा दिया
03:56आके लिए बैटके खाना हमको अच्छा नहीं लग रहा था
03:59तो रात में हमारे साथ बाटकर खा लेना
04:02अम्मा दरसल अपने चौकी के पवित्रता का बहुत ज़्यादा खायल रखती है
04:06रसोई में हमें ही कहां जाने देती है
04:08देखो उनकी बात का बुरा मत मानना
04:10अभी तुम जल्दी से त्यार हो जो बाहर चल दे गुमने
04:13तुमने हमें अपना गाउं गुमाय था ना
04:15हम आज तुम्हें अपना शहर गुमाते हैं
04:17हम नहीं जाएंगे अमार नाराज हो गई तो
04:19अरे बाबा क्यों नाराज होंगी उनसे कहकर चलेंगे ना
04:22चलो
04:45केरो
04:53य हम ज घजल बाबाबान
04:55केर शहर भाल
05:00कार दो
05:04केरो
05:13अरे दूसरी थाली क्यों लगा रहे हो इसी में खालो ना
05:32अच्छा आप खालेज़े फिर हम खालेंगे
05:35तो फिर साथ खाने का मतलब क्या हुआ
05:38पुनिमान तुम जाओ हम लेकर खालेंगे
05:43जी अब खाओ पुनिमा को तो किसका दिया हम ने
05:49बड़े वो है हम अच्छा आपको खाने में क्या क्या अच्छा लगता है
06:01जो कुछ भी तुम खिलाओगे वही अच्छा लगेगा हम अरे तुम तो अगर यह मिर्ची भी अपने हाद से उठाकर खिला दो ना
06:10तो हम इसे चम-चम समझ कर खा जाएगे कैसे मालूम है
06:13बहु जी तुम नहां चुकी तो इधर आओ तो
06:28बैठो यह लो यह जरा सुई में डोरा तो डाल दो
06:35बहु आज क्या है जी आज दिन कौन सा है आज बधवार है
06:46अज बधवार है अच्छा परसो तिल संक्रांती है ना
06:52अरे हाँ लो तुमने ठीक या दिलाया भोला अभी बजार तो नहीं गया होगा
06:57तिल मंगवाने होंगे तुम तिथी त्यावहार सब को जानती हो ना
07:02हाम मा जानती क्यों ने तो ठीक है बहु नारेंदर बुला रहा है शाल
07:16अरे तुमकर चीज दिखाते हैं यह देखो
07:22कैसे घराब लग रहे हैं किस तरह के फट पड़कर देख रहे हम क्या बात करती हो कितनी तो सुन्दर लग रही है
07:30आखें इन आखों के और इस मुस्कान के मिठास तो हम से बुझा बड़ा लालची बना दिया है इनोंने यह कभी भरता ही नहीं और यह भी कहिए
07:40कि कभी भरेगा भी नहीं सची बात है यह प्यात चीज ही ऐसी है है ना
07:44अम्मा आओ बहू आपने हमें बुलाया अम्मा हाँ तुम जमीन पर बैठके खाती हो तो यहां बैठके खाओ जी अच्छा यह लो
07:56और आप हाँ हम भी खा लेंगे आपके सामने आपसे पहले हम कैसे खा सकते अम्मा अरे यह लो बस अब खाओ
08:18बहू और कुछ चाहिए बस आपका थोड़ा सा प्यार चाहिए अम्मा क्या
08:27अम्मा माबाब की तो हमको याद तक नहीं ममता किछ़ां मिली न foul कोई सुक हमने नही देखा
08:37अब सब कुछ पाने के उमित हम अपसे न करें तो किस से करें
08:43हम तुभी सहाब देंगे बहू तुभी इसे अपना सा सुरह लही महाएक का समझो
08:51और हम तो तुबहरी मा है ही हाँ
08:57चले
09:02अरे बहु हाँ मा तुम दूद्ध पी बिना ही चली आई हाँ जाओ पीलो जाके चूले के पास ही रखा है
09:21ताकि गरम रहे अच्छा भी चाते है वहाँ कई कमाल है क्या जो अधिकार अम्मा ने हमें कभी नहीं दिया यानी चौके में जाने का वो भी तुम्हें दे दिया हम उनकी लागी जो है अरे वो तो हम देखी रहे हैं अम्मा तो बस हर वक्त बहू बहू किया करती है लगता है �
09:51और हम बहुत रोते थी पर आज ऐसा लगता है कि ऐसी सस्राल अगर सबको मिले तो सस्राल का मतले भी बदल जाए इतना प्यार सबका इतनी खुशी है हमने तो इसा कुछ सोचा भी नहीं था बस अब हम आप सबको खुश रख सके तो तुम खुश हो चंदा हमारे लिए तो �
10:21कि अब उसे मामा मामी से का मतलब जब से गई है मरी निया खुशी के एक खबर तक न भाजी चाची का तो
10:51मालुम करआम के तुमने उसे खिला पिल वे तब बढ़ कित्ती बढ़िया शादी की उसे बहुत कुछ करना और लिए बलकि
11:10माते कहुआ चाची अगर वो भूल गई है तो उसे याद दिला चीए तुमने उसे खिला पिला कर पाल पॉस्टा बढ़ा किया कित्ती बढ़िया शादी की उसे भी तो कुछ करना चाहिए तुमारे लिए
11:36क्या बात है क्या बैठे बैठे सोच रही हो अरे हम का सौचेंगे हम तो बैठे
11:41बैठे बैठे अपने करым को कश़रें हैं सारा गाऊ हमाने पॉड़ाता है और हमें चुप चाप सुनना पड़ता है क्यों प्रित
11:51अरें, ये लड़की तो बड़ी तोता चिशुम निकली, मरी ने जाने के बाद एक लगार याद तक नहीं किया है
11:57अब याद करने लाइक तुमने उसके साथ किया ही क्या था
12:00हाँ हाँ, तुम तो यही कहोगे, कि हमने हमेशन उसको सताया है
12:04उसका भला तो कुछ किया ही नहीं
12:06भला किया था तो भला सोचो
12:08तुम्हे तो आज खुश होना चाहिए
12:10चन्द अपने घर में है, सुखी है
12:12खुश है
12:12यह सोच कर तो तुम ही खुश रहो
12:16हमें तो था खुश होती
12:18जब यह सारा सुख हमारी दिपरेंटा
12:20पर तुम्हें सब क्यों सोचते हैं?
12:22तुम्हें तो हमेशा अपनी से पराई ज्यादा प्यारी रही है
12:25चुन्नू, दीदी
12:31अरे केसे अरे तु?
12:32यहम्मा, चंदा दीदी आएंगे
12:34मामी? अरे चंदा?
12:36बिटिया, मोरे बिटिया
12:39कैसे लिपा?
12:40तु आ गई बिटिया
12:42अरे मामी
12:44एंबा चुप दिदिया यह तो इतना रोक आ रही हो
12:47अरे बिटिया हम तो समझेते के तुम हमको भूल गई
12:52कैसी बात करती हो मामी ऐसे कैसे बूल सकते हैं
12:55देखो ना आज अक्षा बंदर तुन्डू करा की बानने आ गए
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