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► Synopsis ससुराल एक भावनात्मक पारिवारिक ड्रामा है, जिसमें नए-नवेले दंपति (अरुण गोविल और साधना सिंह) की प्रेम और विश्वास से भरी जिंदगी को दिखाया गया है। शादी के बाद उनका सुखमय जीवन गलतफहमियों, समाज के दबाव और कुछ परिवार वालों की चालों (गुलशन ग्रोवर के नकारात्मक किरदार सहित) से हिल जाता है। यह फिल्म रोमांस, ड्रामा और पारिवारिक मूल्यों का सुंदर संगम है, जो रिश्तों में एकता और विश्वास की अहमियत को दर्शाती है
► Credits Sasural (1984) Film cast : Arun Govil, Sadhana Singh, Gulshan Grover, Dina Pathak, Bharat Bhushan, Arvind Deshpande, Jairaj, Mushtaq Khan, Yasmin Khan Film Director : Govind Moonis
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00:00क्यों कहा था ना तुम लोगों से कि दिन रहते लौट आना मेले से इत्ती रात करके कहे आई हो
00:05सब गाउवालियों के साथ ही तुँ आए हैं
00:07गाउवालियां गई चूले में
00:09देर तो अम्मा चंदा के लिए हो गई
00:10कहे
00:11हम लोगों को मंदिर में छोड़ कर ना जाने कहां गायब हो गई
00:14ढूमते फिरे मेले भर में इसको
00:16हार कर सर्जु हलवाई की दुकान पर जा बैठी हम
00:19तब ये ना जाने कित्ती देर बाद वहां आई
00:22सुना कहां कही रही है
00:25कहां चली गई थी
00:26वह तो दुपयर की बात है ममी, बाद में तो इसी舆 ने देर की
00:28हमने कहा देर की
00:29प्यों भूल घी, तुमी ने तो कहा था जादू का खेल देखना है, नौटनकी देखना है
00:33तो तुम जलदी आ गई हो थी, वह सब जलदी देख लेते ना
00:35अपना दोश हमारे सर मड़ती हो
00:37इससे और का हुमिद हो सकती है
00:39और जानती हो अम्मा जब ये वापस आई इसके साथ कौन थे
00:44कौन था?
00:46निर्मला भाजी के भाई
00:47तो इसी लिए मेले में गई थी है
00:53मना किया था तुझे
00:55कि नहीं जाना और उससे नहीं मिला
00:57में ही मानेगी
00:58विए नहीं मानेगी
00:59हमारे मुपेद का रह साचular
01:01जब बचोड़ेगी
01:02अले कोई
01:03तुझे मारके मारके तो हमारे हातों में दर्ख होने लगा है
01:06आने दे उनको आदे
01:07हम नहीं को अधिक discover
01:08कि आब आँ strips Mine
01:09ड़र में नहीं रखCrे tejगी
01:10हाँ
01:27दीदी, यह अम्मा तुम्हे रोज रोज क्यों मारती है, तुम बाप उसे क्यों नहीं कहती
01:33अरके तो क्या हुआ
01:37नहीं दीदी, यह में अच्छा नहीं लगता
01:40तुम मामा से नहीं कहना, वो सुनंगे, तुम बहुत दुख्योंगे
01:48तुमसे कुछ बात करनी है बोलो देखो अपनी चंदा का कुछ शिकाना कर दो करेंगे करेंगे को ढंका लड़का मिल जाएगा तो शारी भी कर देंगे
02:08तो चलो लड़का हम बताती है वो खुछ चंदा से ब्याद करना चाता है आप ही आकर उसने बात चलाई है लेकिन लड़का है कौन अरे वही अपना बंसी और कौन ये क्या कह रही हो तुम बंसी हां वो कह रहा था हमें दहज वेल्ट देने की कोई भी जरूरत नहीं है नहीं �
02:38वैसे ही ब्यादो जो पैसे बचेंगे उसमें दीपा की शादी होगी अब वो भी तो स्यानी हो गई है मालूम है मालूम है लेकिन हम चंदा की शादी बंसी के साथ हर्गिस नहीं करेंगे
02:52अरी चंदा बाहर कहें खड़ी हो बीतर आओ ना आई तो रे थे आओ बैठो
02:57पैठो ना क्या बात है आज कुछ शर्म आ रही हो कुछ खुश नजर आ रही हो कहीं तुमारी शादी तो तै नहीं हो गई तै होते होते रह गई तो उसमें इतनी खुशी पूरी बात तो सुनो बाजी रात मामी मामा से कह रही थी कि हमारी शादी बंसी के साथ कर दें सुना
03:28अच्छा बाजी, तुमने अपने भूया को चठी लिखी थे हमारे बारे में
03:32हाँ, लिखी तो थी, लेकिन तुम्हें कैसे मालूम
03:35वो कल मिले थे ना मेले में
03:38तो हमारे भूया वो हो गए नो तुम्हारे
03:41बाजी, बताओ ना क्या-क्या बाती हुई
03:43कुछ ने, कुछ तो, कुछ भी ने, कुछ तो, बाजी, फिर तो हमको एक चिठी और लिखनी पड़ेगी, बाजी
03:53वहाँ चंदा नाम की कोई लड़की है, तुम शायद उसे पसंद करते हो, क्यों, जी
04:01अरे, कहां ब्या कर रहे हो लड़के का, हमें भी तो बताओ, लो, इसलिए तो बुलाया तुमको, निर्मला ने अपने यहां की एक लड़की के बारे में लिखा है, लड़की नरे नरो को भी पसंद है
04:15अच्छा, कौन है वो लड़की, मा के स्कूल मास्टर की भांजी है, उन्हीं के पास रहती है, और माबाप, नहीं है, नहीं नहीं, ऐसी बहू हमें नहीं चाहिए, ब्याशादी तो ऐसी जगे करना चाहिए, जहां भरा पुरा परिवार हो, चार रिष्टन आते बढ़ें, �
04:45इससे अच्छी बात क्या है, देखो, लड़की का शील, स्वभाव, गुन, संसकार, यहीं उसका दहेज है, जो हमेशा काम आएगा, यह लेना देना कितने दिन रहता है, फिर भी हम जाकर लड़की को एक बार देखेंगे, और उसके बात फैसला करेंगे,
05:15मैं तिरे प्यार मैं क्या क्या ना अरो जड़ा ठरो तो चंदरानी, रास्ता छोड़ो बंसी, रास्ता तो छोड़ देंगे, पर आश्त तुम्हें नहीं छोड़ेंगे, चुलो, वहां बैटके प्यार की दो बाते करें, आओ, तुम्हारी बख्वा सुनेगे,
05:45कि फुरसत नहीं हमको, हटो जाने दो, खबरदार बंसी, आगे बढ़ता, रुपता, क्या बात है बेटी, कुछ ने हुआ, कोई जानवर था क्या, हाँ, जानवर था, अच्छा अच्छा अच्छा, तरो मैं,
06:15कहा रहती हो तुम, वो सामने बिरंपुर काउ में, मैं भी वहीं जा रहा हूँ, यहां जंगल में आकिली का गई थी, मंदिर गय थी,
06:23अच्छा अच्छा, आओ, तुम्हारा घर कहा है, चल तुम्हें छोड़ दू, हमारा घर पासी में, चले जाएंगे, अच्छा, ठीक,
06:44आप अध्यापक लोग तो सही माने में देश के मारदर्शिक हैं, नहीं मेल का पत्थर कहिए, सिर्फ रास्ता दिखा सकते हैं, उस पर चलकर खुद कहीं नहीं पहुंचते हैं,
07:02सचे मारदर्शिक तो वो हैं, जो खुद सबसे आगे चलकर मंजिल तक पहुंचते हैं, वाह, क्या वाग कही है आप, अच्छा बाओ जी, आपके लिए कुछ चायवाई बनो, हाँ बना लो, लेकिन पैसे लेने पड़ेंगे, ले लेंगे, भीया, मामा का है, मामा, अंदर �
07:32वाकिर साब, यह है मेरी भांजी, अच्छा, यही है, बेटी, नमस्ते करो, नमस्ते, जीती रहो बेटी, इससे तो हमारा परिचे गाव में आते आते ही हो चुका था, है न, और तारीफ यहाँ आकर सुन ली, बस, अब क्या बाकी है, अरे हाँ, आपके बहन, मतलब इसकी मा
08:02कहा है, वो ऐसा है कि, बेटी चिंदा, तुम जाओ ना, निर्मला के पास भीता, अच्छा हुगा, आपने सब कुछ पूछ लिया, मैं आप कुछ से बताता हूँ, आओ, आओ, खाली हाथ आई हो का, कुछ मिठाई बिठाई लेकर नहीं आई, का है, बनो मत, समझे नहीं का,
08:32अब ही होगी, काजाने, उनको हम कैसे लगे, बहुत अच्छी लगी हो, इसमें कोई शक नहीं, अच्छा बैठो, अब हम तुम्हें मिठाई खिलाते हैं, तब से चंदा मेरे पास है, ये बात और कौन जानता है, आप क्या अलावा, अब सिर्फ आप ही जानते हैं, बस, अ�
09:02सब बातों से आपके भांजी का कैसरोकार, हम उसे अपनी बहु बनाएंगे, अब आज ही मुहरत निकलवाईए, हम सब तय करके जाएंगे, औरे का बात है बंशी बाबू, लगता है चाल कुछ बदल गई है, मजाग मत करो, आज मजाग कुछ ठीक नहीं है, हमारा, पान ल�
09:32का हुआ बंशी बाबू, कुछ नहीं, यूँ ही, जला चोट लगी पाउ में, और आप दिल पर भी एक चोट खाने के लिए तयार रहो, का मतलब, मतलब ही है कि चंदा की शादी तै हो रही है, हाँ, हाँ, यस दीश अभी पान लेके गया है न, बता रहा था, प्रताब के सस
10:02अगर बात कच्ची न करा दी, तो हमारा नाम बंशी भाबू नहीं, चंदारानी, हम तुम्हें ऐसे नहीं छोड़ेंगे, शिव शंकर शर्मा, यही लगता है
10:16हे बाई, तुम्हें क्या चाहिए, अगर मिलना है, तो ऐसे घंटी बजाओ ना, ताक जाक काई करते हो, ऐसा है कि बाबू जी इस समय कचेहरी मिलेंगे, और नरेंद्र भाईया के दोस्तुम्होई नहीं सकते, तुम्हें मिलना किस से है, माजी तो घर में है, हाँ, तो हुन
10:46घंटी बजाने का शौक हुआ है, सारा हाथ का काम छोड़ कराना पड़ा, अरे तुम कहा को लाल पीली हुए रही हो, तुमको किस ने बुलाया है, हम तो इनको घंटी बजाए के दिखाया रहे थे, भाईया तुम कहा से आयो हो, वीरम पूर से, तुम पहले कहा नहीं बताय
11:16जाओ, आप यहां बैठो, हम माता जी को भीज रहे है, पाई लागी माजी, दूर से, जीतर, कौन हो तुम, हमने तुम्हें पहचाना नहीं, हम तो आपके बच्चे ही है माजी, साथ तो दीजिए, लो, जीतर,
11:46कहा से आयो हो, वह यहीं से माजी, पीरम पूर हम जाते आते रहते हैं, जेतर लड़कें के यहां हो गई है, हो गई है, हाँ, क्यों, नहीं, ठीक है, अब तै हो � ooh गई है, तो कह है, नहीं, बता न, क्या बाद है, कुछ नहीं, कोई खास बात नहीं, तो भी, माजी, जिस ल�
12:16उसके माबाब कौन थे कहां से आये क्या थे कोई पता ठीका नहीं नहीं यू माज सब कहते जरूर है कि उनके दूर के निष्टे की बेहन की लड़की है पर माजी आप इतना नेमधरम मानती है इसलिए बता ले वरना हमें का अच्छा माजी आग्या चाते हैं जैरम जी कि अच
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